चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा की 12वीं स्थाई कमेटी ने गत वर्ष के 27 दिसंबर को जनसंख्या व परिवार नियोजन कानून का सुधार करने का फैसला किया। सुधार के बाद इस कानून में स्पष्ट रूप से इस बात की पुष्टि की गयी है कि चीन दो बच्चों को जन्म देने के लिए प्रोत्साहन देता है। नया कानून एक जनवरी 2016 से शुरू हुआ। इस कदम से चीनी समाज में असर देखा गया है। खास तौर पर मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य अस्पतालों के लिये। क्योंकि वे मुख्य तौर पर मातृ व बच्चों की सेवा करते हैं। इस नयी स्थिति में चीन के च्यांगसू प्रांत के मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य अस्पताल ने चिकित्सा संसाधन के एकीकरण करके दो बच्चों की मां के स्वास्थ्य के लिये बड़ी कोशिश की।
च्यांगसू प्रांत के मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य अस्पताल के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की अध्यक्ष सून लीचो ने कहा कि बच्चों के प्रति चीनी परिवारों की अधिक चिंता की वजह से चीन में सीजेरियन दर बहुत ऊंची है। ब्रिटेन की प्रसिद्ध चिकित्सा पत्रिका लैंसेट के अनुसार चीन में बच्चे को जन्म देते समय सीजेरियन दर 46.2 प्रतिशत तक पहुंच गयी। दो बच्चे से जुड़ी नीति व्यापक तौर पर लागू करने के साथ साथ ऊंची सीजेरियन दर गर्भवती महिलाओं को खतरा देगी। उन्होंने कहा,दो बच्चे से जुड़ी नीति लागू करने के बाद बहुत महिलाओं को अपने दूसरे बच्चे को जन्म देने का मौका मिला। पर उनके सामने गर्भाशय निशान मामला आया है। अगर भ्रूण का स्थल गर्भाशय निशान पर स्थित है, तो बच्चे को जन्म देते समय गर्भवती महिलाएं बहुत ख़तरनाक होंगी। शायद कई अंगों में शिथिलता यानी एम.ओ.डी.एस. की स्थिति पैदा होगी।
इसके अलावा संबंधित आंकड़ों के अनुसार दूसरे बच्चे का जन्म देने वाली उन महिलाओं की संख्या ज्यादा है, जिन की उम्र 35 वर्ष से अधिक है। क्योंकि 35 वर्ष की उम्र के बाद महिलाओं का शरीर कमजोर होने लगता है। अधिक उम्र वाली मां को गर्भावस्था के दौरान ज्यादा जटिलताओं व उलझनों का सामना करना पड़ता है। इसकी चर्चा में च्यांगसू प्रांत के मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य अस्पताल के महानिदेशक वांग श्वेए ने कहा,आम स्थिति में 35 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं अधिक उम्र वाली गर्भवती महिलाएं मानी जाती हैं। अगर इससे पहले उनका सीजेरियन हुआ है, तो गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप, मधुमेह और गर्भाशय निशान आदि समस्याएं आएंगी। उनके अलावा गर्भवती महिलाओं की उम्र ज्यादा होने के कारण नवजात के भी रोग ग्रस्त होने की संभावना होगी।
दो बच्चे से जुड़ी नीति लागू होने के बाद पैदा नयी समस्या पर देश व अस्पतालों ने महिलाओं व बच्चों की जीवन सुरक्षा व संबंधित अधिकारों व हितों की गारंटी के लिये कदम भी उठाए हैं। विश्व में कानून की स्थापना कर महिलाओं व बच्चों के अधिकारों व हितों को सुनिश्चित करने वाला एकमात्र देश होने के नाते चीन ने क्रमशः चीन लोक गणराज्य के महिलाओं व बच्चों के अधिकारों व हितों की रक्षा कानून, चीनी महिलाओं की विकास रूपरेखा, और चीनी बच्चों की विकास रूपरेखा जारी किये। साथ ही चीन ने अपनी अंदरूनी स्थिति के आधार पर प्रांत, शहर व काऊंटी तीन स्तरीय स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थापना भी की। एक कानून, दो रूपरेखाओं और व्यापक स्वास्थ्य व्यवस्था ने चीनी महिलाओं व बच्चों के लिये एक सुरक्षा छाता खड़ा किया है।
महानिदेशक वांग श्वेए ने कहा कि च्यांगसू प्रांत के जन अस्पताल की शाखा के रूप में च्यांगसू मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य अस्पताल को महिलाओं व बच्चों के स्वास्थ्य की सुरक्षा गंभीर कर्तव्य होता है। दो बच्चे से जुड़ी नीति लागू के बाद पैदा नयी समस्या का मुकाबला करने के लिये अस्पताल ने अपने चिकित्सा स्तर को उन्नत करने और महिलाओं व बच्चों के स्वास्थ्य की सुनिश्चितता करने पर तीन कदम उठाये हैं। उन्होंने कहा,पहला, हमारे अस्पताल को जन्म के पूर्व निदान करना पड़ता है। इस दौरान हम कुछ प्रसार-प्रचार भी करते हैं, उदाहरण के लिये कैसे एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया जा सकता है। दूसरा, अधिक उम्र वाली महिलाओं व सीजेरियन महिलाओं के प्रति हमें न सिर्फ़ अस्पताल के हार्डवेयर की गुणवत्ता को उन्नत करना पड़ेगा, जैसे:डीएसए ऑपरेटिंग कमरों की स्थापना, बचाव चिकित्सा दलों की स्थापना, और चिकित्सकों को ज्यादा प्रशिक्षण देना आदि। बल्कि हमने एक अस्पताल संघ की स्थापना भी की। प्रांतीय अस्पताल को लोअर अस्पताल में गंभीर रूप से बीमार रोगियों का इलाज करना पड़ता है, और लोअर अस्पताल के विकास को मजबूत करना पड़ता है। उनके अलावा हमने एक सूचना नेटवर्क व्यवस्था की स्थापना भी की। हम वीडियो द्वारा लोअर अस्पताल को निर्देश दे सकते हैं। केवल हमारी कोशिश से चीन में दो बच्चे से जुड़ी नीति का लक्ष्य पूरा हो सकेगा।
अस्पताल के नेताओं के नेतृत्व में प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की अध्यक्ष सून लीचो ने सबसे पहले अपने विभाग में चिकित्सा स्तर का उन्नत किया। उन्होंने कहा,हमारे विभाग में गंभीर उपचार केंद्र की स्थापना की गयी। इस से पहले हमारे अस्पताल में गंभीर रूप से बीमार रोगियों की संख्या बहुत अधिक थी। और उनका इलाज भिन्न-भिन्न विभागों में किया जाता था। जो प्रबंध के लिये बहुत मुश्किल था। पर इस केंद्र की स्थापना के बाद हम सुव्यवस्थित रूप से सभी गंभीर रोगियों का प्रबंध कर सकते हैं। और उनके इलाज के बाद स्वस्थ बनने की दर भी उन्नत हो गयी।
चीनी राष्ट्रीय स्वास्थ्य व परिवार नियोजन कमेटी के महिला व बच्चा मामलात विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2014 में देश भर में गर्भवती महिलाओं की मृत्यु दर प्रति 1 लाख में 21.7 तक कम हुई। शिशु की मृत्यु दर और 5 वर्ष से कम उम्र वाले बच्चों की मृत्यु दर क्रमशः एक हजार का 8.9वां हिस्सा व 11.7वां हिस्सा तक कम हुआ। जिससे चीन ने समय से पहले संयुक्त राष्ट्र संघ के सहस्राब्दि विकास लक्ष्य को पूरा किया है। साथ ही एक आर्थिक, सांस्कृतिक व शिक्षात्मक बड़े प्रांत के रूप में च्यांगसू प्रांत में स्वास्थ्य की प्रसार-प्रचार दर विकसित देशों के स्तर तक पहुंच गयी। यहां औसत जीवित आयु 76 वर्ष है। गर्भवती महिलाओं की मृत्यु दर एक लाख में केवल 4.64 है। और शिशु की मृत्यु दर लगभग एक हजार का तीसरा हिस्सा है।