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    पूरी दुनिया को शी चिनफिंग का कुशल नेतृत्व की जरूरत है
    2016-11-21 16:19:49 cri
    लेखक - रविशंकर बसु

    हाल ही में पीपुल्स ट्रिब्यून पत्रिका द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के मुताबिक चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की नेतृत्व शैली से अधिकतर चीनी प्रभावित हैं। लोग उनकी नेतृत्व शैली को माओ त्से तुंग की तरह देखते हैं। पिछले दिनों 24 से 27 अक्टूबर तक चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) की 18वीं केंद्रीय कमेटी के छठे पूर्णाधिवेशन की बैठक के दौरान सर्वे जारी किया गया था। उक्त सर्वेक्षण के अनुसार चीन को एक मजबूत केंद्रीय नेतृत्व और एक अहम शख्सियत की जरूरत है। ज्यादातर लोगों का मानना है कि राष्ट्रपति के पास नेतृत्व करने की क्षमता, रणनीतिक इच्छा शक्ति, समस्याओं से निपटने का साहस और समस्याओं को जड़ से मिटाने की बुद्धिमता है। यह सर्वेक्षण शहरी और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले 15, 596 लोगों से बातचीत पर आधारित है।

    गौरतलब है कि सीपीसी की 18वीं केंद्रीय कमेटी के पूर्णाधिवेशन में पार्टी की केंद्रीय कमेटी के 370 पूर्णकालिक और वैकल्पिक सदस्यों ने हिस्सा लिया था। इस महत्वपूर्ण बैठक में शी चिनफिंग की ताकत में इजाफा हुआ है। कम्युनिस्ट पार्टी ने राष्ट्रपति शी चिनफिंग को कोर लीडर यानी सर्वोच्च नेता नियुक्त करते हुए उन्हें उसी तरह का दर्जा प्रदान किया है जो पार्टी के संस्थापक चेयरमैन माऔ त्से तुंग का था । साथ ही उन्हें पार्टी, सेना और सरकार पर अपनी पकड़ और मजबूत करने की भी इजाजत दी है। बैठक में यह फैसला भी किया गया कि सामूहिक नेतृत्व वाली व्यवस्था के साथ आगे बढ़ा जाय। यह व्यवस्था 1981 में शुरू की गई थी, ताकि कोई एक व्यक्ति पार्टी नेतृत्व पर वर्चस्व स्थापित न कर सके। बैठक के बाद सीपीसी के शीर्ष नेताओं ने इस बात का आह्वान किया कि सभी सदस्य सीपीसी केंद्रीय कमेटी के ईद-गिर्द एकजुट हों, जहां कॉमरेड शी चिनफिंग प्रमुख होंगे। सीपीसी केंद्रीय कमेटी के प्रचार विभाग के कार्यकारी उपाध्यक्ष हुआंग खुनमिंग ने कहा कि शी चिनफिंग को सीपीसी के कोर लीडर के रूप में नियुक्त किया जाना पार्टी की आम सहमति से हुआ। सीपीसी के पूर्णाधिवेशन में पार्टी के अनुशासन को लेकर दो दस्तावेजों को भी स्वीकृति प्रदान की गयी। जिसमें नयी स्थिति के तहत पार्टी के भीतर राजनीतिक जीवन के नियमों की बात भी शामिल है। पिछले 36 वर्षों के बाद पार्टी ने फिर से एक बार अपने राजनीतिक जीवन पर नए नियम बनाए हैं। कहा गया है कि नई स्थिति में पार्टी के राजनीतिक जीवन को सुव्यवस्थित बनाने में विभिन्न स्तरीय नेताओं और अधिकारियों पर पर्यवेक्षण को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। ताकि एक बेहतर राजनीतिक माहौल तैयार हो सके।शी चिनफिंग को पार्टी के कोर लीडर की उपाधि से विभूषित किया जाना चीन और दुनिया के लिए एक उत्साहजनक बात है । अब तक के कार्यकाल में राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने चीन को विश्व की प्रमुख शक्ति के रूप में पेश किया है। इसके साथ ही उन्होंने करोड़ों लोगों को गरीबी के जीवन से बाहर निकालकर बेहतर जिंदगी दी है।

    लगभग चार साल पहले 15 नवंबर, 2012 को शी चिनफिंग को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) की केंद्रीय कमेटी का महासचिव और सीपीसी केंद्रीय सैन्य आयोग का अध्यक्ष चुना गया था। उन्होंने राष्ट्रपति का पद 14 मार्च, 2013 को ग्रहण किया। सत्ता में आने के बाद उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चलाया था। इससे वे काफी मजबूत बनकर उभरे हैं।

    अगर उनके व्यक्तिगत जीवन के बारे में बात करें तो, उनका जन्म जून 1953 में शानशी प्रांत के फ़ू फिंग जिले में हुआ था। वह कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख नेता शी चोंगसुन के पुत्र हैं। 1971 में शी चिनपिंग ने कम्युनिस्ट यूथ लीग ज्वाइन की थी, फिर 1974 में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना में शामिल हुए। उन्होंने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी संगठन के विभिन्न पदों पर काम करते हुए खुद के कुशल संगठनकर्ता होने की छाप छोड़ी। 1999 में फ़ूच्यैन प्रांत के फ़ूचो शहर के गर्वनर बने। 2002 में उन्हें च च्यांग प्रांत की प्रांत के पार्टी और सरकार का प्रमुख नियुक्त किया गया। मार्च 2007 में उन्हें शांगहाई का पार्टी प्रमुख नियुक्त किया गया। अक्टूबर 2007 में नौ सदस्यीय केंद्रीय पोलित ब्यूरो की स्टैंडिंग कमेटी व सेंट्रल सेक्रेटेरियट में जगह दी गयी। 2008 में वे चीन के उपराष्ट्रपति निर्वाचित हुए। नवंबर 2012 में जब शी चिनपिंग ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के पोलित ब्यूरो की नयी स्टैंडिंग कमेटी का पेइचिंग में नेतृत्व किया तभी विश्व समुदाय को यह संकेत मिल गया था कि अगले दशक के लिए वे चीन का नेतृत्व करेंगे।

    वर्तमान में देखा जाय तो सीपीसी की 18वीं केंद्रीय कमेटी के छठे पूर्णाधिवेशन के बाद शी चिनपिंग ने अब चीन के राष्ट्रपति के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल की तैयारियां शुरू कर दी हैं । चीन में हर राष्ट्रपति को दस साल यानी दो कार्यकाल देने की परंपरा रही है। शी अगले साल अपना पहला कार्यकाल पूरा कर लेंगे। हर पांच साल में होने वाला कम्युनिस्ट पार्टी की 19वीं राष्ट्रीय कांग्रेस का चुनाव अगले साल जून के अंत में होगा। मौजूदा नियमों के अनुसार शी चिनपिंग 2022 तक राष्ट्रपति रह सकते हैं। लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि शी चिनपिंग को "कोर" नेता के रूप में पेश करना इस बात की ओर इशारा है कि वह 10 साल के बाद भी सत्ता में रह सकते हैं। कोर लीडर होने के कारण पार्टी के सभी सदस्य और स्थायी समिति शी चिनपिंग के पीछे एकजुट होंगे। चीन में कोर लीडर सर्वोच्च नेता का दर्जा है।

    गौरतलब है कि कोर लीडर शब्द का सबसे पहले इस्तेमाल 1989 में चीनी अर्थव्‍यवस्‍था को नई दिशा देने वाले सुधारवादी नेता तंग श्याओ-फिंग ने किया था। उन्होंने अपने अलावा पार्टी संस्थापक माओ त्से तुंग और अपने उत्तराधिकारी च्यांग ज-मिंग के लिए इस शब्द का इस्तेमाल किया था। उनका मतलब ऐसे नेता से था जो सर्वशक्तिमान हो और जिसके फैसलों पर सवाल न उठाए जा सकें। 1978-89 तक तंग श्याओ-फिंग चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के सर्वोच्च नेता थे। शी के पूर्ववर्ती हू चिन थाओ को कोर लीडर का दर्जा नहीं मिला था। शी को कोर लीडर का दर्जा मिलने के बारे में हुआंग खूनमिंग ने कहा कि "2012 में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 18वीं कांग्रेस के बाद साबित हो गया कि शी सीपीसी केंद्रीय कमेटी और पार्टी के कोर लीडर दर्जा के हकदार है।"

    इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस पद की कितनी ज्‍यादा अहमियत है। 1981 के सामूहिक नेतृत्व के नियम में बदलाव के बाद हर मामले में उनका फैसला आखिरी होगा। सच्चाई यह भी है कि कोर लीडर का ओहदा प्राप्त करने से उन्हें कम्युनिस्ट पार्टी के भीतर हर फैसले पर वीटो का अधिकार भी हासिल हो जाएगा।

    कहा जा सकता है कि राष्ट्रपति शी के पास चीन के भविष्य के लिए एक विजन है। उन्होंने चीन के सपने को पूरा करने का बीड़ा उठाया हुआ है। उन्होंने चीन के वैश्विक शक्ति बनने का सपना पूरा करने के लिए देश का 'व्यापक नवीनीकरण' करने का वादा किया। शी चिनपिंग के अनुसार,चीनी राष्ट्र के महान पुनरुत्थान को बखूबी अंजाम देना 1 अरब 30 करोड़ चीनियों की समान अभिलाषा है। शी चिनपिंग ने जोर दिया है कि 'चीनी ड्रीम' चीनी लोगों का एक सपना है जो केवल एकजुट होकर 'चीनी विशेषता वाले समाजवाद' के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है।

    राष्ट्रपति बनने के बाद शी चिनपिंग ने व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार विरोधी अभियान से अपने देशवासियों का ध्यान खींचा है। उन्होंने भ्रष्टाचार विरोधी संघर्ष पर कहा कि हम भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं और अपराधियों की सज़ा देने के लिए प्रतिबद्ध भी। पार्टी की भ्रष्टाचार पर निगरानी रखने वाली अनुशासन निरीक्षण केंद्रीय समिति के अनुसार, 2013 से अब तक 10 लाख से ज़्यादा अधिकारियों को भ्रष्टाचार के आरोप में दंडित किया जा चुका है। इस भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के तहत छोटे अधिकारियों से लेकर बड़े-बड़े मंत्री ही नहीं बल्कि व्यापार और मीडिया प्रतिष्ठानों के सदस्य भी पकड़े गए हैं। जो लोग देश से भाग गए हैं चीन उन्हें स्काई नेट और फॉक्स हंट जैसे सुरक्षा अभियानों के तहत पकड़ने का प्रयास कर रहा है। स्वच्छ शासन के लिए राष्ट्रपति शी के नेतृत्व में वर्तमान चीन सरकार दीर्घकालिक स्थिरता और सतत आर्थिक विकास की रफ्तार को तेजी से आगे ले जाने में कामयाब रही है।

    राष्ट्रपति बनने के बाद से, शी चिनफिंग ने 40 से अधिक देशों और क्षेत्रों का दौरा किया और जटिल अंतरराष्ट्रीय मुद्दों को तेजी से निपटाने में प्रमुख भूमिका अदा की है। शी चिनफिंग के नेतृत्व ने विश्व के नेताओं को एक मजबूत संकेत दिया है कि कि चीन अंतरराष्ट्रीय मंच पर जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार है । राष्ट्रपति शी चिनफिंग की महत्वाकांक्षी "बेल्ट एंड रोड पहल" में 100 से अधिक देश और अंतरराष्ट्रीय संगठन भाग ले रहे हैं। एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी), ब्रिक्स के नव विकास बैंक (एनडीबी), सिल्क रोड फंड, सीआईसी के समर्थन वाले कोष और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) आदि के माध्यम से कई अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान चीन के साथ जुड़ रहे हैं।

    ध्यान रहे कि इस योजना का उद्देश्य एशिया और यूरोप व अफ्रीका को जोड़ने वाले प्राचीन व्यापारिक रेशम मार्ग के साथ व्यापार और आधारभूत संरचना का निर्माण करना है। राष्ट्रपति शी चिनफिंग की अध्यक्षता में 4 - 5 सितंबर तक जी-20 हांगचो सम्मेलन के सफल आयोजन से चीन का अंतरराष्ट्रीय प्रभाव जाहिर हुआ है। इसके साथ ही चीन द्वारा प्रस्तुत सिलसिलेवार प्रस्ताव विश्व आर्थिक विकास में सकारात्मक और अहम भूमिका निभाएंगे।

    (रविशंकर बसु)

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