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    आप की पसंद 161029
    2016-10-30 16:03:21 cri

    पंकज - नमस्कार मित्रों आपके पसंदीदा कार्यक्रम आपकी पसंद में मैं पंकज श्रीवास्तव आप सभी का स्वागत करता हूं, आज के कार्यक्रम में भी हम आपको देने जा रहे हैं कुछ रोचक आश्चर्यजनक और ज्ञानवर्धक जानकारियां, तो आज के आपकी पसंद कार्यक्रम की शुरुआत करते हैं।

    अंजली – श्रोताओं को अंजली का भी प्यार भरा नमस्कार, श्रोताओं हम आपसे हर सप्ताह मिलते हैं आपसे बातें करते हैं आपको ढेर सारी जानकारियां देते हैं साथ ही हम आपको सुनवाते हैं आपके मन पसंद फिल्मी गाने तो आज का कार्यक्रम शुरु करते हैं......

    पंकज - कभी स्कूल न जाने वाली 17-वर्षीय मालविका को मिला अमेरिका के एमआईटी में दाखिला

    मालविका को एमआईटी में विज्ञान में स्नातक की पढ़ाई के लिए मिली है छात्रवृत्ति सत्रह साल की मालविका राज जोशी के पास दसवीं या 12वीं की स्कूली डिग्रियां तो नहीं हैं लेकिन अपनी कंप्यूटर प्रोग्रामिंग योग्यता की बदौलत उनका दाखिला अमेरिका के प्रतिष्ठित मेसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) में होने जा रहा है। वह तब दादर पारसी यूथ एसेंबली स्कूल में सातवीं की छात्रा थीं और बेहतर पढ़ाई कर रही थीं जब उनकी मां ने उन्हें स्कूल से बाहर करने का फैसला किया।वास्तव में, मालविका कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के क्षेत्र में काफी अच्छा काम करती हैं और उन्हें यह विषय बहुत पसंद है। मालविका की मां एक ऐसी महिला हैं जो सर्टिफिकेट से ज्यादा ज्ञान को तरजीह देती हैं और एक अलग तरह का रास्ता चुनने में यकीन रखती हैं। मुंबई की इस लड़की को एमआईटी से विज्ञान में स्नातक की पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति मिली है। मालविका ने प्रोग्रामिंग ओलंपियाड (इंटरनेशनल ओलंपियाड ऑफ इन्फॉरमेटिक्स) में तीन बार (दो रजत और एक कांस्य) पदक हासिल किया था, जिसके बाद उन्हें बिना डिग्री के ही एमआइटी में दाखिला मिल गया।

    अंजली – श्रोता मित्रों प्रतिभा किसी स्कूल, शहर, जाति की मोहताज नहीं होती, हम कभी कभी ऐसी विलक्षण प्रतिभाओं को देखते हैं जिनपर हमें हैरत होने के साथ साथ गर्व भी होता है, क्योंकि ऐसे ही लोग कुछ विस्मृत कर देने वाले कारनामें कर दिखाते हैं, लेकिन जिसके पास ऐसी विलक्षण प्रतिभा नहीं है उन्हें भी निराश होने की कत्तई आवश्यकता नहीं है, आप अपने निरंतर अभ्यास से इस प्रतिभा के धनी बन सकते हैं। तो चलिये मित्रों मैं अब कार्यक्रम का अगला पत्र उठा रही हूं जिसे हमें लिख भेजा है हरिपुरा झज्जर, हरियाणा से प्रदीप वधवा, आशा वधवा, गीतेश वधवा, मोक्ष वधवा, निखिल वधवा और इनके मित्रों ने आप सभी ने सुनना चाहा है काला पानी (1958) फिल्म का गाना जिसे गाया है आशा भोंसले ने गीतकार हैं मजरूह सुल्तानपुरी और संगीत दिया है सचिन देव बर्मन ने गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 2. नजर लागी राजा तोरे बंगले पर ....

    पंकज - एमआईटी में एक प्रावधान है कि वह विभिन्न ओलंपियाड (गणित, भौतिकी या कंप्यूटर) में मेडल जीतने वाले विद्यार्थियों को अपने यहां दाखिला देता है। यह मालविका का मेडल ही था जिसने उन्हें इस प्रतिष्ठित इंस्टीट्यूट में न केवल दाखिला दिलाया बल्कि अपने सपनों को पूरा करने का मौका भी दिया।

    मालविका अपनी पुरानी यादों को साझा करते हुए कहा, 'मैंने चार साल पहले ही स्कूल छोड़ दिया था। उसके बाद मैंने कई विषयों की पढ़ाई की, प्रोग्रामिंग उनमें से एक था। मुझे प्रोग्रामिंग काफी अच्छा लगा और मैंने दूसरे विषयों की अपेक्षा इस पर ज्यादा ध्यान देना शुरू कर दिया।

    पंकज - भारत की बेटी न्यूयार्क में बनी खास मेहमान, फहराया तिरंगा

    हाल ही में अटलांटा में आयोजित मिसेज इंडिया इंटरनेशनल-2016 का ताज जीतने वाली दून की मेघना वल्लभ जोशी का जगह-जगह सम्मान किया जा रहा है। इसी क्रम में 21 अगस्त को अमेरिका में आयोजित स्वतंत्रता दिवस की परेड में मेघना ने बतौर विशेष अतिथि भारत का झंडा फहराया।पिछले कई वर्षों से अमेरिका में रह रहीं दून निवासी मेघना बल्लभ जोशी ने अटलांटा में आयोजित मिसेज इंडिया इंटरनेशनल-2016 का खिताब जीतकर उत्तराखंड का नाम रोशन किया था।

    अंजली – श्रोता मित्रों अब मैं उठा रही हूं कार्यक्रम का अगला पत्र जिसे हमें लिख भेजा है परमवीर हाऊस, आदर्श नगर, बठिंडा, पंजाब से अशोक ग्रोवर, परवीन ग्रोवर, नीति ग्रोवर, पवनीत ग्रोवर, विक्रमजीत ग्रोवर और इनके मित्रों ने आप सभी ने सुनना चाहा है तुम सा नहीं देखा (1957) फिल्म का गाना जिसे गाया है आशा भोंसले और मोहम्मद रफ़ी ने गीतकार हैं मजरूह सुल्तानपुरी और संगीत दिया है ओ पी नैय्यर ने गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 3. देखो कसम से देखो कसम से .....

    पंकज - मेघना ने बताया कि इस खिताब के बाद स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में न्यूयार्क में हुई परेड में उन्हें विशेष अतिथि तौर पर आमंत्रित किया गया। परेड में उन्होंने भारत का तिरंगा फहराया। उन्होंने बताया कि देश से बाहर तिरंगा फहराकर वह खुद को बेहद गौरवान्वित महसूस कर रही हैं।

    अभिषेक बच्चन भी पहुंचे थे कार्यक्रम में

    मेघना ने कहा कि परेड के लिए बॉलीवुड अभिनेता अभिषेक बच्चन भी अमेरिका पहुंचे थे। उन्होंने अभिषेक के साथ डिनर किया तो उन्होंने भी मेघना की प्रशंसा की। कार्यक्रम में बाबा राम देव, फेडरेशन ऑफ इंडिया एसोसिएशन के चेयरमैन रमेश पटेल आदि ने हिस्सा लिया।

    सीएम ने दी मेघना को बधाई

    मंगलवार को मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी मेघना को मिसेज इंडिया इंटरनेशनल-2016 बनने की बधाई दी। साथ ही जिस तरह से मेघना ने न्यूयार्क में स्वतंत्रता दिवस परेड में शामिल होकर देश के साथ ही उत्तराखंड का नाम भी रोशन किया है, उस पर सीएम ने बेहद खुशी जताई। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की प्रतिभाएं विदेशों में भी बेहद अच्छा काम कर रही हैं।

    अंजली – श्रोता मित्रों हमें आपके पत्रों का बेसब्री से इंतज़ार रहता है, जब हमें बड़ी तादाद में आपके पत्र मिलते हैं तो हमारा उत्साह और बढ़ता है, हम चाहते हैं कि आप हमें अपनी पसंद के गाने अपने पत्रों में ऐसे ही लिखकर भेजा करिये और हम आपको इन मधुर गीतों को सुनवाते रहें, वैसे पुराने फिल्मी गानों को सुनने का एक अलग ही आनंद है, इन गीतों के अर्थ भावपूर्ण होते हैं, संगीत मधुर होने के साथ गायक की आवाज़ को भी हम अच्छी तरह से सुन पाते हैं, इन गीतों में जिन वाद्य यंत्रों का प्रयोग किया गया है वो भी पारंपरिक हैं और सहजता से इनका इस्तेमाल किया गया है। मित्रों हमें अगला पत्र लिख भेजा है नारनौल हरियाणा से उमेश कुमार शर्मा, प्रेमलता शर्मा, सुजाता, हिमांशु, नवनीत और इनके परिजनों ने आप सभी ने सुनना चाहा है नौ दो ग्यारह (1957) फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार और आशा भोंसले ने गीतकार हैं मजरूह सुल्तानपुरी और संगीत दिया है सचिन देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 4. आंखों में क्या जी .....

    पंकज - इस मंदिर के तहखाने में है हजारों टन सोना, एक मंत्र से खुलेगा दरवाजा

    भारत में आज भी कई रहस्य विज्ञान की सोच से परे हैं। केरल के पद्मनाभस्‍वामी मंदिर में 6 तहखनों में से 5 तहखाने खुलने पर दुनिया के होश उड़ गए। इन पांच तहखानों से कीमती पत्थर, सोने और चांदी का भंडार निकल चुका है। जिसकी कीमत एक लाख करोड़ रुपये तक आंकी जा चुकी है।

    छठे दरवाजे में इतना खजाना है जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। लेकिन इस तहखाने के दरवाजे को खोलने की कोई भी हिम्मत नहीं कर पाता। जानिए आखिर क्या है इस छठे दरवाजे का राज।

    सदियों से बंद केरल के श्रीपद्मनाभस्‍वामी मंदिर के नीचे बने पांच तहखानों को जब खोला गया तो वहां बहुमूल्‍य हीरे-जवाहरातों के अलावा सोने के अकूत भंडार और प्राचीन मूर्तियां भी निकालीं गई। लेकिन छठे तहखाने के दरवाजे के आस पास भी जाने से लोग डरते हैं। जबकि इस बात का सभी को अंदाजा है कि इस छठे दरवाजे में दुनिया का सबसे ज्यादा खजाना इस दरवाजे के पीछे छुपा है।

    अंजली – रहस्य भरी खबरें मुझे बहुत रोमांचित करती हैं, सिर्फ़ खबरें ही नहीं बल्कि फिल्में भी इसी लिये मुझे जेम्स बॉन्ड, इंडियाना जोन्स की फिल्में बहुत पसंद हैं, इनके साथ ही मैंने टोम्ब रेडर फिल्म भी देखी है, साथ ही मुझे टिनटिन की कॉमिक्स भी बहुत पसंद है क्योंकि टिनटिन अपनी हर सिरीज़ में एक नई गुत्थी को सुलझाने का काम करता है और पूरी कॉमिक रोमांच और रहस्य से भरी होती है। मुझे उम्मीद है कि आप में से भी कई लोगों को रहस्य और रोमांच से भरी खबरें, पत्रिकाएं और फिल्में बहुत पसंद होंगी तो चलिये मित्रों अब हम आपको मिलवाते हैं हमारे अगले श्रोता से इन्होंने हमें पत्र लिखा है धनौरी, तेलीवाला, हरिद्वार, उत्तराखंड से इनके नाम हैं निसार सलमानी, समीना नाज़, सुहैल बाबू, आयान सलमानी और इनके परिजनों ने आप सभी ने सुनना चाहा है दिल से मिले दिल (1978) फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार ने गीतकार हैं अमित खन्ना और संगीत दिया है बप्पी लाहिरी ने गीत के बोल हैं ------

    सांग नंबर 5. ये नैना ये बादल .....

    पंकज- लेकिन जैसे ही इस मंदिर के छठे दरवाजे को खोलने की बात होती है, तो अनहोनी की कहानियों का जिक्र छिड़ जाता है। इस तहखाने में तीन दरवाजे हैं, पहला दरवाजा लोहे की छड़ों से बना है। दूसरा लकड़ी से बना एक भारी दरवाजा है और फिर आखिरी दरवाजा लोहे से बना एक बड़ा ही मजबूत दरवाजा है जो बंद है और उसे खोला नहीं जा सकता। दरअसल छठे दरवाजे में ना कोई बोल्ट है, और ना ही कुंडी। गेट पर दो सांपों के प्रतिबिंब लगे हुए हैं जो इस द्वार की रक्षा करते हैं।

    कहा जाता है इस गेट को कोई तपस्वी 'गरुड़ मंत्र' बोल कर ही खोल सकता है। अगर उच्चारण सही से नहीं किया गया, तो उसकी मृत्यु हो जाएगी। पहले भी गई लोग इस दरवाजे को खोलने की कोशिश कर चुके हैं लेकिन सभी को मृत्यु के दरवाजे का मुंह देखना पड़ा।

    सन् 1930 में एक अखबार में छपा एक लेख बेहद डरावना था। लेखक एमिली गिलक्रिस्ट हैच के अनुसार 1908 में जब कुछ लोगों ने पद्मनाभस्वामी मंदिर के छठे तहखाने के दरवाजे को खोला तो उन्हें अपनी जान बचाकर भागना पड़ा क्योंकि तहखाने में कई सिरों वाला किंग कोबरा बैठा था और उसके चारों तरफ नागों का झुंड था। सारे लोग दरवाजा बंद करके जान बचाकर भाग खड़े हुए।

    इस तहखाने के पीछे भी एक कहानी है। कहते हैं कि करीब 136 साल पहले तिरुअनंतपुरम में अकाल के हालात पैदा हो गए थे। तब मंदिर के कर्मचारियों ने इस छठे तहखाने को खोलने की कोशिश की थी और उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ी थी। अचानक उन्हें मंदिर में तेज रफ्तार और शोर के साथ पानी भरने की आवाजें आने लगी थीं।

    इसके बाद उन्होंने तुरंत दरवाजे को बंद कर दिया था। यहां के लोगों का मानना है कि मंदिर का ये छठा तहखाना सीधे अरब सागर से जुड़ा है। अगर कोई खजाने को हासिल करने के लिए छठा दरवाजा तोड़ता है तो अंदर मौजूद समंदर का पानी खजाने को बहा ले जाएगा।

    अंजली – मित्रों हमारे अगले श्रोता हैं मऊनाथ भंजन उत्तर प्रदेश से मोहम्मद इरशाद, शमशाद अहमद, गुफ़रान अहमद, नियाज़ अहमद, इरशाद अहमद अंसारी और इनके ढेर सारे मित्रों ने आप सभी ने सुनना चाहा है दीवार (1975) फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार और आशा भोंसले ने गीतकार हैं साहिर लुधियानवी और संगीत दिया है आर डी बर्मन ने और गीत के बोल हैं ------

    सांग नंबर 6. मैंने तुम्हें मांगा तुम्हें पाया है .....

    पंकज – तो मित्रों इसी के साथ हमें आज का कार्यक्रम समाप्त करने की आज्ञा दीजिये अगले सप्ताह आज ही के दिन और समय पर हम एक बार फिर आपके सामने लेकर आएंगे कुछ नई और रोचक जानकारियां साथ में आपको सुनवाएँगे आपकी पसंद के फिल्मी गीत तबतक के लिये नमस्कार।

    अंजली - नमस्कार।

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