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    टी टाइम 161027(अनिल और नीलम)
    2016-10-26 19:27:44 cri

    अनिलः पाकिस्तान के फैसलाबाद के एक छोटे से कस्बे रोडाला में रहने वाले शकील अपना जीवनयापन करने के लिए सुबह अखबार बांटते हैं और दिनभर सड़कों के किनारे लोगों के जूते सिलने का काम करते हैं। लेकिन लिखने के शौक की वजह से इस मोची ने 5 ऐसी किताबें लिख डाली हैं, जो लोगों के लिए प्रेरणा बन रही हैं।

    मन में कुछ करने की लगन और हौसला हो तो सफलता भी कदमों को चूम लेने पर मजबूर हो जाती है। ये लाइन तो शायद आपने कई बार कई लोगों से माध्यम से सुनी होगी। लेकिन इसका ताजा उदाहारण पाकिस्तान में देखने को मिल रहा है।

    दरअसल, यहां मुनव्वर शकील नाम के व्यक्ति के बुलंद हौसले को आज पूरी दुनिया सलाम कर रही है। लिखने के शौक की वजह से इस मोची ने 5 ऐसी किताबें लिख डाली हैं, जो लोगों के लिए प्रेरणा बन रही हैं।

    इनकी लिखी 5 किताबों के लिए इन्हें पुरस्कार भी मिल चुके हैं। लेकिन आपको हैरानी इस बात से ज्याद होगी कि 5 किताबें लिखने वाले इस मोची ने कभी स्कूली शिक्षा नहीं ली है। बचपन मे ही पिता का साया उनके ऊपर से उठ जाने के कारण मुनव्वर ने कभी स्कूल का मुंह तक नहीं देखा। लेकिन पढ़ने-लिखने के शौकिन मुनव्वर ने 13 साल की ही उम्र में अपनी पहली कविता लिख डाली और इस कविता के प्रकाशन के लिए वो रोज 10 रुपए जोड़ने लगे।

    इस तरह एक-एक पैसा जोड़कर उन्होंने 2004 में अपनी पहली बुक प्रकाशित करवा ली। पंजाबी भाषा में लिखी गई उनकी लेखनी काफी दर्द और संघर्षों से भरी हुई है। अपनी किताबों में उन्होंने समाज से अलग जीवन जीने वाले तबकों के दर्द और संघर्ष को दर्शाया है। उनकी कविताएं "अक्खाँ मिट्टी हो गइयाँ, परदेस दि संगत, सोचसमंदर", आदि हैं।

    नीलमः दोस्तो, अब प्रोग्राम को आगे बढ़ाते हुए सुनते हैं, अगली जानकारी। हर माता-पिता के लिए उनके बच्चे ही जिंदगी का अहम हिस्सा होते हैं। बच्चों से बढकर उनके के लिए कुछ भी नहीं होता। जब घर में नन्हा मेहमान आता है तो पूरा परिवार खुशी से झूम उठता है। लेकिन पैस्ले के माता पिता मॉरिसन-जॉनसन के साथ ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।

    उनके घर में जब एक बेटी पैदा हुई तो वह दुखी थे इसलिए नहीं कि उनके घर में एक बेटी पैदा हुई थी, बल्कि इसलिए उनकी बेटी की जीभ काफी बङी थी। जिसकी वजह से उनकी बेटी को भी घुटन सी महसूस होती थी।

    बच्ची की जीभ को लेकर डॉक्टर भी काफी हौरान थे। डॉक्टरों का मानना है कि 14,000 जन्मे नवजातों में से सिर्फ एक को ऐसी बीमारी का समाना करना पङता है। पैस्ले की मां का कहना था कि उनकी बेटी पर वह जीभ ऐसी दिख रही थी मानों की किसी बडे व्यक्ति को जीभ उसे लगा दी हो।

    उस बच्ची ने कम से कम 3 साल आधा महीना आईसीयू में बिताया था। लेकिन जब पैस्ले 6 महीने की थी तो उसकी पहली सर्जरी सफल रही।

    जिसके बाद अब वह बाकि बच्चों की तरह खा पी सकती है। यहां तक कि वह अब कुछ शब्दों को बोलने भी लगी हैं। पैस्ले की इस मुस्कुराहट देखकर कोई भी अपना प्यार उसके प्रति शायद ही रोक पाएगा।

    अनिलः अब फ़िल्मी ख़बर.....

    खबर है कि वर्ष 2000 में आई फिल्म 'जोश' में आमिर खान ने ऐश्वर्या राय के अपोजिट रोल को इसलिए ठुकरा दिया था कि उसमें शाहरुख खान भी मुख्य किरदार में थे। वे शाहरुख के साथ काम नहीं करना चाहते थे और उन्होंने इसके लिए ना कह दिया। इस बात का खुलासा हाल ही फिल्म के डायरेक्टर मंसूर अली ने किया है। फिल्म में ऐश्वर्या राय बच्चन शाहरुख की बहन के रोल में नजर आई थीं।

    वहीं चंद्रचूड़ सिंह ने उनके प्रेमी का किरदार निभाया था। लंबे समय बाद इस बात का खुलासा हुआ है कि चंद्रचूड़ के रोल के लिए आमिर खान को अप्रोच किया गया था, लेकिन ऐन मौके पर उन्होंने इंकार कर दिया।

    18वें मुंबई फिल्म फेस्टिवल के दौरान फिल्म के निर्देशक मंसूर अली ने बताया कि आमिर ने शाहरुख की वजह से फिल्म में काम करने से इंकार कर दिया था। स्क्रिप्ट देखने के बाद आमिर को लगा कि शाहरुख ही पूरी फिल्म में छाए रहेंगे। उनका रोल फिल्म में कुछ भी नहीं होगा। उन्होंने यह भी बताया कि उस दौरान आमिर अपनी रोमांटिक इमेज भी बदलना चाहते थे।

    अब समय हो गया है, हेल्थ सेंगमेंट का।

    दोस्तो, जैसा कि आप जानते हैं, आजकल मोबाइल फ़ोन के बिना हमारा कोई काम नहीं चलता। यहां तक कि अब तो बच्चे भी मोबाइल और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के दीवाने हो चुके हैं। लेकिन क्या आपको पता है, इससे स्वास्थ्य को कितना नुकसान पहुंचता है।

    अमेरिकी बाल रोग अकादमी ने बच्चों के स्वास्थ्य और मोबाइल फ़ोन को लेकर नए दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसके मुताबिक, डिजिटल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल

    बच्चों की नींद की गुणवत्ता, बच्चे के विकास और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह होता है।

    अगर आपका रोता हुआ बच्चा स्मार्टफोन पाने के बाद चुप हो जाता है तो आपको यह तरीका बदलने की जरूरत है। माता-पिता को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि अपने बच्चों को चुप कराने के लिए स्मार्टफोन देना सही नहीं है।

    नीलमः शोधकर्ताओं का कहना है कि हालांकि कई खास मौकों पर जैसे हवाईजहाज यात्रा या चिकित्सा प्रक्रियाओं के दौरान डिजिटल मीडिया उपकरण का इस्तेमाल करना सुखदायक होता है, पर माता-पिता को बच्चों को शांत कराने के लिए इस तरीके का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।

    अमेरिका के मिशिगन विश्वविद्यालय के सी. एस. मोट चिल्ड्रेन अस्पताल के प्रमुख लेखक जेनी रडेस्की ने कहा कि एक सामान्य सुखदायक रणनीति के तौर पर इस तरह के उपकरणों का इस्तेमाल बच्चों की भावनाओं को नियंत्रित करने की क्षमता को सीमित कर सकता है।

    उन्होंने कहा कि, "डिजिटल मीडिया कई शिशुओं, छोटे बच्चों और स्कूल की शुरुआत वाले बच्चों के बचपन का अनिवार्य हिस्सा बन गया है, लेकिन यह शोध में उनके विकास पर पड़ने वाले प्रभाव पर सीमित है।"

    उन्होंने कहा, "क्या हम जानते हैं कि शुरुआती बचपन तेजी से दिमाग के विकास का समय होता है। जब बच्चों की खेलने, सोने और अपने भावनाओं को संभालने और संबंध बनाने की जरूरत के लिए समय की जरूरत होती है। शोधकर्ताओं का सुझाव है कि मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल इन गतिविधियों में रुकावट पैदा करता है।"

    अनिलः दोस्तो, अब हेल्थ संबंधी दूसरी जानकारी देते हैं।

    कभी बालों की सफेदी ज्ञान की निशानी मानी जाती थी पर अब यह समस्या है। सवाल यह है कि ऐसा होता क्यों है। इस पर वैज्ञानिकों के दो तरह के मत हैं।

    बालों का असमय सफेद होना वर्तमान समय में एक बड़ी समस्या है। अक्सर हमारे दिमाग में यह सवाल घूम ही जाता है कि ये बाल सफेद होते क्यों हैं? दरअसल बालों का काला रंग मेलानिन पिगमेंट की वजह से होता है। जो हमारी त्वचा के पिगमेंट में होता है। जिनके बालों का रंग हल्का काला होता है उनमें मेलानिन की कमी होती है।

    आप देखते हो न कि बड़े लोगों के बाल सफेद या ग्रे हो जाते हैं, असल में उनमें मेलानिन पिगमेंट खत्म हो जाता है, इसलिए उनके बाल सफेद हो जाते हैं। लेकिन इस बात को लेकर रिसर्चरों और चिकित्सकों के मत में भिन्नता है। कुछ वैज्ञानिक बालों की सफेदी को अनुवांशिक समस्या के तौर पर देखते हैं तो कुछ चिकित्सक इसके लिए थायराइड ग्रंथियों को जिम्मेदार बताते हैं।

    युवाओं के शरीर में इस ग्रंथी (ग्लैड) की स्राव कमी या अधिकता बालों को सफेद बना देती है। दवाएं भी बालों की सफेदी के कारणों में से एक है। एक रिपोर्ट के मुताबिक एंटी मलेरिया दवा के प्रयोग से बाल समय से पहले सफेद हो जाते है। खाने में प्रोटीन या आयरन की कमी व विटामिन बी-12 की कमी व प्रदूषण को भी बाल की सफेदी की समस्या के लिए जिम्मेदार माना जाता है।

    लेकिन बालों के असमय सफेद होने की समस्या से बचा सकता है। बशर्ते समय पर सही इलाज लिया जाए। सही डाइट इसका सबसे बेहतर उपचार है। थाइराइड व ब्लड जांच करवाना भी इसके बचाव में शामिल है। चिंता , भय ,तनाव ,सोच ,प्रदूषण से बच कर रहना चाहिए।

    नीलमः अब जानते हैं, मूंगफली के फायदे...

    .मूंगफली के दानों में सिर्फ स्वाद ही नहीं है, विटामिन, मिनरल्स, न्यूट्रिएंट्स और एंटीऑक्सीडेंट्स भी होते हैं, जिससे शरीर की सेहत संवरती है।

    मूंगफली शरीर में बेड कॉलेस्ट्रोल कम करती है और अच्छे कॉलेस्ट्रॉल को बढ़ाती है। इसमें मोनो-अनसचुरेटेड फैटी एसिड खासतौर पर ऑलइक एसिड भी पाया जाता है, जो दिल संबंधी बीमारियों को दूर करने में फायदेमंद है।

    प्रोटीन से भरपूर है मूंगफली। इसमें अमीनो एसिड भी पाया जाता है, जो शरीर की ग्रोथ के लिए अच्छा होता है। बढ़ती उम्र के लक्षणों को रोकने के लिए भी मूंगफली खा सकते हैं। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट बढ़ती उम्र के लक्षणों जैसे बारीक रेखाएं और झुर्रियों को बनने से रोकता है। बादाम की तरह ही मूंगफली में भी विटामिन प्रचुर मात्रा में होता है। सुंदर त्वचा और बाल चाहिए तो मूंगफली खाना शुरू करें।

    हफ्ते में कम से कम दो बार मूंगफली खाने से स्त्रियों में वजन बढऩे की संभावना कम हो जाती है।

    अनिलः दोस्तो, हेल्थ संबंधी जानकारी यही संपन्न होती है, अब समय हो गया है स्पोर्ट्स सेगमेंट का।

    एशियन चेम्पियनशिप ट्रॉफी में भारतीय पुरुष टीम ने चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान को महामुकाबले में धुल चटाते हुए जीत 3-2 से जीत दर्ज कर ली। मलेशिया में खेले गए कांटे के मैच का रोमांचक अंत हुआ। आखिरकार भारतीय टीम पाक टीम पर भारी पड़ी और यह मुकाबले अपने नाम किया।

    पहले हाफ में 1-0 से बढ़त बनाते हुए टीम इंडिया ने मैच पर अपनी पकड़ मजबूत बनाये रखी। भारत के लिए पहला गोल प्रदीप ने किया। लेकिन दूसरे हॉफ में पाकिस्तान के मोहम्मद रिज़वान सीनियर ने शानदार गोल की बदौलत पाक टीम ने मैच को बराबरी पर ला दिया।

    इसके ठीक बाद पाकिस्तान ने एक और गोल ठोककर भारत पर एक गोल की बढ़त बना डाली। इस गोल से पाक टीम 2-1 से आगे हो गई। टीम के लिए दूसरा गोल मोहम्मद इरफ़ान जूनियर ने किया।

    लेकिन भारत ने यहां हार नहीं मानी। एक कॉर्नर को गोल में तब्दील करते हुए रूपेंद्र पाल सिंह ने भारत के खाते को पाक की बराबरी पर ला दिया। स्कोर 2-2 की बराबरी पर हो गया।

    इस गोल की ख़ुशी तब और दुगनी हो गई जब कुछ ही सेकण्ड बाद टीम इण्डिया के रमनदीप सिंह का एक तेज़ तर्रार शॉट तलविंदर सिंह की स्टिक से डिफलेक्ट होते हुए पाक गोल पोस्ट पर जा घुसी। इस गोल के साथ टीम इण्डिया ने 3-2 की बढ़त बना ली।

    गौरतलब है की चैंपियनशिप में भारत ने अपने पहले मुकाबले में जापान को 10-2 के बड़े अंतर से हराया था। रिकार्डों पर नजर डालें तो भारत चैंपियंस ट्रॉफी के उद्घाटन सत्र 2011 में विजेता बना था वहीं साल 2012 में पाकिस्तान ने भारत को फाइनल में हराकर ट्रॉफी जीती थी।

    नीलमः दोस्तो, प्रोग्राम में जानकारी देने का सिलसिला यही संपन्न होता है।

    अब वक्त हो गया है, श्रोताओं की टिप्पणी शामिल करने का।

    पहला पत्र हमें आया है, केसिंगा उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल का। वह लिखते हैं,

    कार्यक्रम "टी टाइम" के अन्तर्गत आज दो लम्बे-लम्बे हिन्दी गाने सुन कर लगा कि सामान्य-ज्ञान की जानकारियों के अभाव में आपने ऐसा किया ! बहरहाल, कार्यक्रम की शुरुआत में चीन के हुपये प्रान्त में पहाड़ पर लगे आधा किलोमीटर लम्बे एस्केलेटर के बारे में सुन कर दाँतों तले उंगली दबानी पड़ी। सचमुच, चीन में कोई न कोई कारनामा होता ही रहता है। यह जान कर तो और भी हैरत हुई कि हमारे भारत में भी लिव-इन रिलेशनशिप की परम्परा एक हज़ार साल पुरानी है और हमें उसका पता नहीं था। जी हाँ, राजस्थान की एक जनजाति में बिना शादी साथ रहने वाले जोड़ों पर दी गई जानकारी अत्यन्त आश्चर्यजनक लगी। तकनीकी समाचारों में आपने भारत में 4-जी मोबाइल के साथ अब 5जी लाने की तैयारी सम्बन्धी जो जानकारी दी, वह तो उत्साहवर्द्धक थी ही, आप अक्तूबर महीने के आठ दिनों में श्याओमी द्वारा भारत में दस लाख फ़ोन बेचे जाने की जानकारी भी देते तो और अच्छा लगता। आज के हेल्थटिप्स में शरीर में डी-हाइड्रेशन अथवा जल की कमी के कारण होने वाली समस्याओं से आगाह किया जाना उपादेय लगा। वहीं आज के तीनों जोक्स भी ठीक-ठाक लगे। धन्यवाद् एक अच्छी प्रस्तुति के लिये।

    सुरेश जी, पत्र भेजने के लिए आपका शुक्रिया। आपकी शिकायत पर ध्यान दिया जाएगा। एक बार फिर से धन्यवाद।

    अनिलः अगला पत्र हमें आया है, पश्चिम बंगाल से रविशंकर बसु का। वह लिखते हैं कि कार्यक्रम की शु अगला पत्र हमें आया है, पश्चिम बंगाल से रविशंकर बसु का। वह लिखते हैं कि कार्यक्रम की शुरुआत में बताया गया कि चीन ने एक ऐसा ही अनोखा एस्कलेटर हूबेई प्रांत के एंशी शहर में बनाया है जो दुनिया का अब तक का सबसे लंबा एस्कलेटर है। इसकी खास बात यह है कि 1 घंटे में 7300 लोगों को पहाड़ से नीचे ला सकता है। यह आधे किलोमीटर से भी लंबा है। आज आपने राजस्थान के एक गांव में रहने वाली गरासिया जनजाति के लिव-इन-रिलेशनशिप के बारे में भी जानकारी दी। वहीं भारत को बाकी दुनिया के देशों के साथ 5जी मिलने की संभावना को लेकर चर्चा भी सूचनाप्रद लगी। हेल्थ टिप्स में मुंह की बदबू की वजह पानी की कमी होना भी पता लगी। धन्यवाद।

    बसु जी, हमें पत्र भेजने के लिए शुक्रिया।

    नीलमः अब लीजिए पेश है, आज के प्रोग्राम का आखिरी पत्र, जो आया है झालावाड़ राजस्थान से राजेश कुमार मेहरा का। उन्होंने लिखा है, 20 अक्टूबर का टी-टाइम प्रोग्राम सुना। प्रोग्राम में जानकारी के क्रम में बताया गया कि चीन के एक शहर में दुनिया का सबसे लंबा एस्क्लेटर बनाया गया है। जो कि आधा किमी. से भी लंबा है। यह जानकर वाकई आश्चर्य हुआ कि चीन लगातार नए आविष्कार और अजूबे करता है। वहीं मेरे प्रदेश राजस्थान में एक जनजाति का लिव-इन रिलेशनशिप में रहना और भारत में 5जी तकनीक आने की संभावना बढ़ने का समाचार सुना। इसके साथ ही प्रोग्राम में पेश गाने भी मुझे बहुत पसंद आए। धन्यवाद शानदार प्रस्तुति के लिए।

    राजेश जी टिप्पणी भेजने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया।

    श्रोताओं की टिप्पणी यही तक....

    अब प्रोग्राम में वक्त हो गया है, जोक्स यानी हंसगुल्लों का।

    पहला जोक....

    एक कंजूस अपने बेटे को पीट रहा था।

    पड़ोसी- क्यों पीट रहे हो बच्चे को।

    कंजूस-मैंने इसको कहा कि एक-एक सीढ़ी छोड़कर चढ़, चप्पल कम घिसेगी।

    नालायक दो-दो सीढ़ी छोड़कर चढ़ा और पाजामा फाड़ लिया।

    दूसरा जोक---

    पहली महिलाः बहना जरा अपना बेलन देना, मेरे पति अभी-अभी घर लौटे हैं।

    दूसरी महिला- ले जाओ बहन लेकिन जल्दी लौटा देना...मेरे पति भी आने वाले हैं। .....

    ज़रा सोचिए, ये महिलाएं क्या करने वाली हैं।......आपने बिल्कुल ग़लत सोचा। आप सोच रहे होंगे ये दोनों अपने पति की बेलन से पिटाई करने वाली हैं। जी नहीं, ये तो अपने पति को ताज़ा और गर्म रोटियां खिलाती हैं। ...हा हा हा...

    तीसरा जोक....

    इंटरव्यू के समय संता से पहला सवाल

    बॉस: संता तुम्हें एमएस ऑफिस पता है?

    संता: सर पता तो नहीं है लेकिन अगर आप ऐड्रेस बताएंगे तो मैं ढूंढ़ लूंगा !!

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