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    आपका पत्र मिला 2016-10-19
    2016-10-20 08:47:09 cri

    अनिल:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल का नमस्कार।

    हैया:सभी श्रोताओं को हैया का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अनिल:दोस्तो, पहले की तरह आज के कार्यक्रम में हम श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे।

    चलिए श्रोताओं के पत्र पढ़ने का सिलसिला शुरू करते हैं। पहला पत्र हमें आया है, ओडिसा से मॉनिटर सुरेश अग्रवाल का। उन्होंने लिखा है......

    18 सितंबर के ताज़ा अन्तर्राष्ट्रीय समाचारों में गोवा में आयोजित आठवें 'ब्रिक्स' सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग और भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच हुई मुलाक़ात के दौरान एकबार फिर चीन-भारत के बीच रिश्तों की गरमाहट का अहसास हुआ। दोनों नेताओं द्वारा एकबार फिर सर्वांगीण रणनीतिक विषयों पर चर्चा किया जाना उस अनवरत प्रक्रिया की पुष्टि करता है, जो कि शी चिनफिंग और मोदी द्वारा शुरू की गई थी।

    समाचारों के बाद पंकज श्रीवास्तव द्वारा पेश श्रृंखला "दो महादेश" की दूसरी कड़ी में आज एकबार फिर उन तमाम बातों को उठाया गया, जो कि भावनात्मक दृष्टि से चीन और भारत को परस्पर जोड़ती हैं। फिर चाहे वह चीन में जाकर रेस्तरां में कुक का काम करने वाले शिव चौहान वहां भारतीय मसालों का तड़का लगाते हों या फिर चीनी दोस्त अपने भारतीय मित्रों को चॉपस्टिक पकड़ना सिखाते हों, सब कुछ आत्मीय लगता है। वैसे कार्यक्रम में पेश लगभग सभी आवाज़ें हम पहले भी सीआरआई के विभिन्न कार्यक्रमों में सुन चुके हैं, उन्हें आकर्षक ढ़ंग से पिरोकर पुनः पेश किये जाने की क़वायद क़ाबिल-ए-तारीफ़ है।

    साप्ताहिक "सन्डे की मस्ती" के अन्तर्गत कार्यक्रम की शुरुआत 'उस दिन' शीर्षक मधुर तिब्बती गीत से किया जाना माहौल में पवित्रता घोलता प्रतीत हुआ। तत्पश्चात विशेष कार्यक्रम के तहत चीन के ऐतिहासिक लॉन्ग मार्च की अस्सीवीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में पेइचिंग स्थित सैन्य संग्रहालय में आयोजित विशेष प्रदर्शनी तथा उस पर विदेशी मेहमानों और राजदूतों के विचारों से अवगत कराया जाना महत्वपूर्ण लगा। इस परिप्रेक्ष्य में सीआरआई हिन्दी के अखिल पाराशर की टिप्पणी 'गागर में सागर' लगी। वास्तव में, आज से अस्सी साल पहले चीनी लाल सेना द्वारा जिन कठिन और दुरूह परिस्थितियों में मुक़ाबला किया गया वह उनके ज़ज़्बे की एक मिसाल है। ऐतिहासिक लॉन्ग मार्च चीन ही नहीं, पूरे विश्व के लिये सदैव एक प्रेरणा बन कर रहेगा। धन्यवाद् एक अच्छी प्रस्तुति के लिये। अज़ीबोग़रीब जानकारियों के क्रम में हांगकांग के एक अरबपति बाप की लेस्बियन बेटी की दास्तान के बारे में सुन कर आश्चर्य नहीं, दुःख हुआ, क्यों कि एक रईस बाप की बेटी होने के बावज़ूद उसके नसीब में सुख नहीं लिखा है। चीनी रॉक-बैण्ड द्वारा एकसाथ 953 कलाकारों की प्रस्तुति दिया जाना, तो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। भारत के मध्यप्रदेश में भोपाल के समीप उस गाँव का किस्सा हैरान करने वाला लगा, जहाँ विगत पांच दशकों से गर्भवती महिलाओं की जचकी नहीं करायी जाती। चीन के क्वांगचो में गत 20 सितम्बर को एक बिन आँखों वाला बच्चा पैदा होने का समाचार तो ऐसा है, जिसका इलाज़ आज के आधुनिक विज्ञान के पास भी नहीं है। मनोरंजन सेगमेण्ट में इस शुक्रवार रिलीज़ हुई फ़िल्म 'मिर्ज़्या' की चर्चा के साथ उसका प्रोमो सुनवाया जाना रुचिकर लगा और आज के कार्यक्रम में पेश तीनों जोक्स भी वास्तव में, अव्वल दर्ज़े के रहे। धन्यवाद् फिर एक बेहतरीन प्रस्तुति के लिये।

    हैया:सुरेश जी, पत्र भेजने के लिये बहुत धन्यवाद। आगे पेश है बिहार से शंकर प्रसाद शंभू जी का पत्र। उन्होंने लिखा है..

    6 अक्तूबर के कार्यक्रम टी-टाइम में अनिल जी से इंटरनेट के आने से दुनिया जितनी तेजी से आगे बढ़ी है उतनी ही तेजी से इसके दुष्प्रभाव भी देखने को मिले हैं। चीन में लोगों को इंटरनेट की बुरी तरह से लत पड़ चुकी है। इसी इंटरनेट डिसऑर्डर को छुड़ाने के लिए यहां बूट कैंप चलाए जा रहे हैं। लेकिन वहां भेजने के बाद भी किशोरों की मनोदशा पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। इसी का एक नमूना चीन के हेलांगच्यांग में देखने को मिला, जहां एक 16 साल की चंग झिरन बुरी तरह से इंटरनेट के लत की गिरफ्त में आ गई थी। इसी बीमारी की वजह से उसने पहले अपने पिता पर चाकू से हमला किया था। इस हमले के बाद से उसका परिवार इतना डर गया था कि उन्होंने चेंग को बूट कैंप भेजने का फैसला किया। इस फैसले आहत चेंग जब चार महीने बाद कैंप से वापस घर लौटी तो उसने पैसों के लिए अपनी मां को घर में ही बंधक बना लिया। भूख-प्यास की वजह से उसकी मां ने दम तोड़ दिया। बाद में चेंग ने खुद को पुलिस के हवाले कर दिया। आपको बता दें कि चीन में 200 से ज्यादा बूट कैंप चलाए जा रहे हैं। खास रिपोर्ट पेश की जो बेहद अच्छी लगी।

    नीलम जी से फ्लोरिडा के रहने वाले एक 68 वर्षीय करोड़पति को उस वक्त सदमा लगा, जब उसे पता चला कि उसने अपनी ही पोती से शादी कर ली है। इस व्यक्ति ने 24 वर्षीय दुल्हन के साथ तीन महीने पहले शादी की थी। इस दुर्भाग्यपूर्ण संयोग का पता उस वक्त चला, जब वे पुराने फोटो एलबम को देख रहे थे।

    राजस्‍थान के धौलपुर जिले में एक भैंस की मदद से चोरों को पकड़ने का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। दरअसल, कुछ चोर यहां से भैस चुराकर चंबल नदी से होते हुए मध्य प्रदेश जा रहे थे। चोर तो नदी पार नहीं कर पाए, लेकिन भैंस दोनों चोरों के मोबाइल, कपड़े, पर्स और जूते चप्पल लेकर मध्य प्रदेश के अम्बा माता थाने में पहुंच गई। सूचना से रूबरू करवाने के लिए धन्यवाद। आज के प्रोग्राम में पेश हंसगुल्ले अच्छा लगा।

    एक बेहतरीन प्रोग्राम पेश करने के लिए फिर से धन्यवाद।

    अनिल:शंभू जी, पत्र भेजने के लिये आप का धन्यवाद। दोस्तो, मेरे हाथ आया है पश्चिम बंगाल से मॉनिटर रविशंकर बसु जी का पत्र। उन्होंने लिखा है....

    7 अक्टूबर को ताज़ा समाचार सुनने के बाद साप्ताहिक "चीन का तिब्बत" प्रोग्राम और "दक्षिण एशिया फोकस" प्रोग्राम सुना।

    आज साप्ताहिक "चीन का तिब्बत" प्रोग्राम में हुमिन जी ने तिब्बत में एनीमेशन उद्योग के विकास को लेकर एक रिपोर्ट हमें सुनाई, बहुत सूचनाप्रद लगी। साथ ही बताया गया कि तिब्बत में एनीमेशन-कॉमिक एसोसिएशन का स्थापना समारोह 13 सितंबर को तीसरे तिब्बत अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन-संस्कृति मेले में आयोजित हुआ। समारोह में तिब्बत के एनीमेशन-कॉमिक एसोसिएशन और ग्वांगदोंग, स्छवान, हांगकांग और ताइवान आदि के एनीमेशन-कॉमिक संगठनों के साथ रणनीतिक सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किये।इस बार के तिब्बत अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन-संस्कृति मेले के दौरान, चीनी संस्कृति मंत्रालय ने तिब्बत एनीमेशन-कॉमिक एसोसिएशन को मेले में एक विशेष कार्टून जोन के निर्माण के लिए पूंजी लगायी, जो इस मेले की विशेषता है।एक्सपो में तिब्बती कार्टून के अतिरिक्त एनीमेशन चित्र, पुस्तक और दूसरे संबंधित उत्पादक वस्तुओं पर भी पर्यटक आकर्षित हुए। रिपोर्ट में बताया गया है कि एक्सपो में प्रदर्शित "चीनी तिब्बत का कॉमिक्स" बहुत लोकप्रिय थी। इससे जुड़ने वाली गुड़िया और चित्र पुस्तकें बच्चों को बहुत पसंद आ रही थी।"चीनी तिब्बत की कॉमिक्स" एक ऐसी पुस्तक है जिसमें तिब्बत के इतिहास में जाने माने सूत्र जैसे राजा गाम्बू, राजनी वेनछंग और अनेक मशहूर लामाओं की कहानियों का परिचय दिया जाता है। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के एनीमेशन-कॉमिक एसोसिएशन के प्रधान ली सू पींग ने कहा कि एनीमेशन के जरिये लोगों को आराम और संक्षिप्त तौर पर तिब्बत के इतिहास और संस्कृति की जानकारियां दिलायी जा सकेंगी।"याक एडवेंचर्स" एक्सपो में प्रदर्शित दूसरी एनीमेशन रचना है जो बहुत लोकप्रिय है। सुना है कि "याक एडवेंचर्स" ने तिब्बती जातीय संस्कृति और चीनी राष्ट्र की परंपरागत संस्कृति का प्रदर्शन किया है। रिपोर्ट सुनकर विश्वास है कि एनीमेशन उद्योग के विकास से तिब्बती संस्कृति और पर्यटन उद्योग के विकास को बढ़ावा दिया जाएगा।

    आज "दक्षिण एशिया फोकस" प्रोग्राम में पंकज श्रीवास्तव जी ने खगोल वैज्ञानिक प्रोफेसर रमेश चंद्र कपूर जी के साथ भारत के नया संचार उपग्रह जीसैट-18 के सफल प्रक्षेपण को लेकर एक चर्चा की जो काफी सूचनाप्रद लगी। बातचीत सुनकर पता चला कि 6 अक्टूबर को फ्रेंच गुयाना के कोउरू प्रक्षेपण केन्द्र से भारत ने अपना 3.4 टन का नवीनतम जीसैट 18 उपग्रह सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया। इसे अंतरिक्ष में प्रक्षेपित करने के लिये यूरोपीय रॉकेट आरियान का इस्तेमाल किया गया है। इस उपग्रह से देश की संचार सेवाओं में मजबूती आएगी। जीसैट-18 आने वाले दिनों में टेलीविजन, दूरसंचार, वीसैट और डिजिटल उपग्रह समाचार एकत्र करने जैसी सेवाएं देगा। इस उपग्रह का निर्माण भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा किया गया है। जीसैट-18 के प्रक्षेपण के बाद संचार सेवाओं के लिए देश द्वारा परिचालित उपग्रहों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है। भारतीय संचार उपग्रह के अलावा एरियन-5 रॉकेट ऑस्ट्रेलियाई स्काई मास्टर द्वितीय उपग्रह को भी अपने साथ ले गया था। जीसैट-18 के सफल प्रक्षेपण के लिए इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई।

    हैया:बसु जी आगे लिखते हैं.... 12 अक्टूबर को मैडम श्याओ यांग जी द्वारा पेश "विश्व का आईना" प्रोग्राम और उसके बाद अनिल पांडेय जी और हैया जी द्वारा पेश साप्ताहिक "आपका पत्र मिला " प्रोग्राम सुना।

    आज "विश्व का आईना" प्रोग्राम में मैडम श्याओ यांग जी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के अगले महासचिव

    पुर्तगाल के पूर्व प्रधानमंत्री एंटोनियो गुटेरेस को लेकर एक रिपोर्ट सुनाई गयी, जो कि बहुत अच्छी लगी। बताया गया कि 1 जनवरी 2017 को एंटोनियो गुटेरेस संयुक्त राष्ट्र के मौजूदा महासचिव बान की मून की जगह लेंगे जिनका कार्यकाल 31 दिसंबर को पूरा होगा। संयुक्त राष्ट्र के 9वें महासचिव के तौर पर उनका कार्यकाल 1 जनवरी 2017 से 31 दिसंबर 2022 तक होगा।एंटोनियो गुटेरेस साल 1995 से 2002 तक पुर्तगाल के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने जून 2005 से दिसंबर 2015 तक शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त के तौर पर भी काम किया।

    दूसरी रिपोर्ट में सुना है कि भारत के तीन पहाड़ी रेल मार्ग संयुक्त राष्ट्र संघ के विश्व सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल किये गए हैं। पश्चिम बंगाल राज्य का दार्जिंलिंग-हिमाचल रेलवे, तमिलनाडु का नीलगिरी पहाड़ी रेलवे और हिमाचल प्रदेश का कालका-शिमला रेलवे है।यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति दार्जिलिंग हिमालियन रेलवे को साल 1999 में विश्व विरासत स्थल के रूप में मान्यता दी है। दार्जिंलिंग-हिमाचल रेलवे की रेल मार्ग में टॉय ट्रेन का इस्तेमाल होता है।ट्रेन से दिखने वाला नजारा लाजवाब होता है। जबकि कालका से शिमला तक जाने वाली रेल लाइन 2005 में विश्व सांस्कृतिक विरासत में शामिल की गई । दार्जिंलिंग-हिमाचल रेलवे की तरह इस रेल मार्ग में टॉय ट्रेन का इस्तेमाल होता है। वास्तव में इस टॉय ट्रेन का 100 से ज्यादा सालों का इतिहास है, जो भारत में अब तक इस्तेमाल की गयी सबसे पुरानी रेल है। इसके अलावा रूस की साइबेरिया एक्सप्रेस , सिंगापुर से बैंकाक जाने वाली एशियाई ऑरिएंटल एक्सप्रेस (The Eastern & Oriental Express) और चीन का छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग के बारे में सूचनाप्रद जानकारी देने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद l

    अनिल:दोस्तो, हाल ही में भारत में 'चीन पर्यटन वर्ष'के उपलक्ष्य में सीआरआई ने 'मैं और चाइना'शीर्षक लेख प्रतियोगिता का आयोजन किया। कई लोगों ने हमें ईमेल और पत्र भेजे। पिछले सप्ताह की तरह इस बार के आपका पत्र मिला कार्यक्रम के अंत में हम लेख शामिल करेंगे। अगला लेख है हीरापुर से बीना पंडया जी का पत्र। उन्होंने लिखा है..

    मेरा लेख " मैं और चीन "

    चीन मेरे अंत:करण में एक खास स्थान रखता है। पिछले कई साल से रेडियो चाईना इंटरनेशनल की हिंदी और इंगलिश सेवा से चीन को निकट से समझने का अवसर मिला। इससे मेरे मन में चीन के प्रति अनेक भ्रांतियां तो दूर हुई ही, साथ-ही-साथ दोनों देशों के आपसी संबंधों को प्रभावित करने वाले कारकों के बारे में जानने का अवसर मिला।

    भारत और चीन की उदार व्यापार नीति के कारण चीन में बने सामान भारतीय बाजारों में आने पर हमें इसका प्रयोग कर इसे जांचने-परखने का अवसर मिला। वस्तुओं के मूल्य और गुणवत्ता पर बहुत कुछ लिखा जा सकता है। लेकिन यह बिलकुल सच है कि चीन के उत्पाद विश्व बाजारों में पहुंचने के बाद बड़ी-बड़ी या मेगा कंपनियों को अपनी रणनिति में व्यापक बदलाव करने पड़े। हमारे भारतीय बाजारों में चीनी सामान आने के बाद यहां यूरोपीय कंपनियो के एकाधिकार समाप्त करने की दिशा में और भारतीय उत्पादकों में गुणवत्ता के प्रति सजगता देखी जा रही है।

    विश्व में परिवर्तन की जो हवा चली उससे चीन ने बहुत कुछ सीखा और उससे लाभ उठाया। अब यही गुण मैं चीन से सीख कर अपने व्यवसाय में लागू कर इसका लाभ ले रही हूं। चूंकि यह व्यापारिक तथ्य है इसलिए इसका विस्तारपूर्वक वर्णन करना ठीक नहीं होगा।

    पूर्व में भारत भी विश्व-व्यापार का एक बादशाह रहा है, यहां से सिल्क-मार्ग के द्वारा यूरोप तक माल जाता था। लेकिन हवा का रूख न भांप पाने के कारण भारत की दशा दयनीय हो गई। अब चीन की रणनीति से हमें सीख लेकर पुन: स्थापित करना है।

    यह तो सिर्फ एक आयाम की बात हुई। चीन ने रक्षा, विमानन, यातायात, चिकित्सा, अंतरिक्ष, कृषि, खेल, शिक्षा ईत्यादि क्षेत्रो में अतुलनीय काम करके हम सभी को प्रेरणा दी है। इसकी चर्चा में कई पृष्ठ लिखे जा सकते है।

    अंत में मेरा यहा कहना है की चीन मेरे लिए गुरू जैसा सम्मानीय और मित्र जैसा भरोसेमंद है।

    अनिल:दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल और हैया को आज्ञा दीजिए, नमस्कार।

    हैया:गुडबाय।

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