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    आपका पत्र मिला 2016-09-28
    2016-10-20 08:46:47 cri

    अनिल:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल का नमस्कार।

    हैया:सभी श्रोताओं को हैया का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अनिल:दोस्तो, पहले की तरह आज के कार्यक्रम में हम श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे।

    चलिए श्रोताओं के पत्र पढ़ने का सिलसिला शुरू करते हैं। पहला पत्र हमें आया है, पश्चिम बंगाल से मॉनिटर रविशंकर बसु का। उन्होंने लिखा है......

    सोमवार,12 सितम्बर ,2016 को समाचार सुनने के बाद साप्ताहिक "चीन का भ्रमण","आर्थिक जगत" और "जीवन के रंग" प्रोग्राम सुना।

    आज के "आर्थिक जगत" कार्यक्रम में 5 सितंबर को जी-20 हांगचो सम्मेलन के समापन को लेकर एक विशेष रिपोर्ट सुनने को मिली। जी-20 सम्मेलन 4-5 सितम्बर को चीन के हांगचो शहर में आयोजित किया गया ।इस वर्ष इसकी थीम 'एक नवोन्मेषी, उर्जित, परस्पर और समावेशी विश्व अर्थव्यवस्था की ओर' थी। यह पहला मौका है जब यह सम्मेलन किसी चीनी शहर में आयोजित किया गया। इसके अलावा दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में वर्ष 2010 में हुए जी-20 सम्मेलन के बाद यह दूसरा मौका है जब यह आयोजन किसी एशियाई देश किया गया।वर्ष 2016 का G-20 शिखर सम्मेलन, 1999 में स्थापित इस संगठन का 11वां शिखर सम्मेलन है।

    जी-20 यानी ग्रुप ऑफ ट्वेंटी दुनिया की 20 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का अंतरराष्ट्रीय मंच है।विश्व व्यापार में जी-20 देशों की भागीदारी 80 फीसदी है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित सभी जी-20 देशों के नेताओं ने सम्मेलन में भाग लिया लिया।चीन ने हांगचो सम्मेलन में लाओस, चाड, मिस्र और कज़ाकिस्तान आदि विकासशील देशों को निमंत्रित किया। इससे ज़ाहिर है कि और ज़्यादा विकासशील देश जी-20 के ढांचे में वैश्विक आर्थिक मामलों पर विचार-विमर्श में भाग लेने लगे। 2017 जी -20 सम्मेलन एंजेला मार्केल के नेतृत्व में हैम्बर्ग, जर्मनी में आयोजित किया जाएगा।

    रिपोर्ट में सुना कि वर्तमान शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद जर्मनी के उद्योग और वाणिज्य जगत के कई प्रतिनिधियों ने कहा कि हांगचो शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन से हैम्बर्ग को अनुभव मिला है। चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने बी-20 समिट के उद्घाटन समारोह में कहा कि चीन विदेशी पूंजी के प्रवेश होने पर परिसीमन कम करेगा, सुविधा का स्तर उन्नत करेगा, संबंधित देशों के साथ मुक्त व्यापार और पूंजी समझौता संपन्न करने में तेज़ी लाएगा। यह वर्तमान शिखर सम्मेलन का महत्वपूर्ण विषय भी बन गया है। 4 सितंबर को बी-20 शिखर सम्मेलन दक्षिणी चीन के हांग चो शहर में सम्पन्न हुआ। वर्ष 2016 बी-20 शिखर सम्मेलन के अध्यक्ष, चीन के व्यापार संवर्धन संघ के अध्यक्ष च्यांग चेंग वेई ने कहा कि वर्तमान शिखर सम्मेलन में अनेक सहमतियां और बड़ी उपलब्धियां हासिल हुई हैं। च्यांग चेंग वेई ने अगले बी-20 शिखर सम्मेलन के आयोजक जर्मन उद्योग संघ के अध्यक्ष और जर्मन नियोक्ता संघ के उपाध्यक्ष गेरहार्ड ब्राउन को आयोजन अधिकार का स्थानांतरण किया। वर्ष 2017 का बी-20 शिखर सम्मेलन जर्मनी में आयोजित होगा।इसके बारे में गेरहार्ड ब्राउन ने कहा कि अगले वर्ष जर्मनी में आयोजित होने वाले बी-20 शिखर सम्मेलन का विषय फिर भी व्यापार और पूंजी-निवेश के बारे में होगा। जी-20 हांगचो शिखर सम्मेलन में वर्ष 2030 अनवरत विकास की प्रक्रिया कार्यांवित करने पर संयुक्त योजना बनाई गई। यह जी-20 शिखर सम्मेलन के इतिहास में पहली बार है। इस पर जर्मन बी-20 शिखर सम्मेलन की समन्वयक स्टॉर्मी अन्नीका मिल्दनेर ने कहा कि अनवरत विकास को जी-20 की दीर्घकालीन रणनीति में शामिल करना हांगचो शिखर सम्मेलन का एक बड़ा योगदान है।

    जी-20 का 11वां शिखर सम्मेलन समाप्त होने के बाद चीनी मामलों के विशेषज्ञ, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के अन्तरराष्ट्रीय संबंध अनुसंधान केन्द्र के प्रोफ़ेसर वारा प्रसाद एस. डोला ने कहा कि वर्तमान सम्मेलन के सफल आयोजन में चीन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि आर्थिक संकट के प्रभाव से अब वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर धीमी बनी रहती है। इसी स्थिति में जी-20 हांगचो शिखर सम्मेलन में प्राप्त उपलब्धियों से आर्थिक विकास में मौजूद समस्याओं का निपटारा होगा।चीन द्वारा प्रस्तुत सिलसिलेवार सुझाव विश्व अर्थव्यवस्था में सकारात्मक और महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। विभिन्न देशों ने आर्थिक वृद्धि के तरीके का नवाचार कर विश्व अर्थव्यवस्था में नई उम्मीद जगाने पर सहमति बनाई। मौजूदा जी-20 हांगचो शिखर सम्मेलन का विषय था नवोन्मेषी, उर्जित, अंतर्संबिधित और समावेशी विश्व अर्थव्यवस्था की स्थापना"। प्रोफ़ेसर प्रसाद ने कहा कि यह विषय विश्व आर्थिक विकास की व्यवहारिक स्थिति के अनुरूप है और वैश्विक आर्थिक मामलों में चीन की अहम भूमिका प्रतिबिंबित करता है।

    रिपोर्ट ध्यान से सुनने के बाद मैं यही कहना चाहूंगा कि हांगचो शिखर सम्मेलन जी-20 के इतिहास में पहला ऐसा सम्मेलन है, जिसमें भाग लेने वाले विकासशील देशों की संख्या सबसे अधिक है। जी-20 का प्रभाव दिन प्रति दिन मज़बूत हो रहा है। इससे यह भी ज़ाहिर हुआ है कि चीन विश्व अर्थव्यवस्था को सहिष्णुता की दिशा में बढ़ावा देने में प्रयास कर रहा है। यह विश्व आर्थिक विकास और वैश्विक आर्थिक प्रबंधन के लिए लाभदायक है। जी-20 अब नवोन्मेषी, संतुलित, सतत और समावेशी विकास के प्रति समर्पित है। हमें आशा है कि भविष्य में चीन विभिन्न पक्षों के साथ शिखर सम्मेलन की उपलब्धियों के कार्यान्वयन को आगे बढ़ाने और अनवरत, संतुलित व समावेशी विकास को आगे बढ़ाने के लिए प्रयास करेगा।

    हैया:बसु जी आगे लिखते हैं.... 18 सितम्बर को समाचार सुनने के बाद "संडे की मस्ती" प्रोग्राम सुना।

    आज "संडे की मस्ती" कार्यक्रम में चीन का परंपरागत त्योहार मध्य शरद त्योहार के अवसर पर मैडम श्याओ थांग जी इस त्योहार के पीछे जो पौराणिक कहानी हमें सुनाई वह मेरे दिल को छू गई।

    चांद की देवी छांग-अ और उनके पति होऊई की कहानी आपका एक पुराना श्रोता होने के नाते मैं पहले कई बार सुना था। लेकिन मैडम श्याओ थांग जी की मधुर आवाज में यह प्रेम -पौराणिक कहानी सुनकर

    प्रेम की भक्ति और जुदाई दिल में महसूस किया। सबसे बड़ी बात यह है कि श्याओ थांग जी की प्रेजेंटेशन स्टाइल इस अमर प्रेम कहानी को एक असाधारण मात्रा दिया जो फिर एकबार सुनने के लिए दिल कर रहा है।

    साथ ही प्रोग्राम में पेश मध्य शरद त्योहार को लेकर मधुर चीनी गीत वाकई मनमोहक लगा।

    इसीलिए आज के प्रोग्राम में पेश अजीबोगरीब और चटपटी बातें मध्य शरद त्योहार की कहानी सुनने के बाद कुछ असंगत ( incongruous ) लगा। प्रोग्राम प्रेजेंटरों को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि प्रोग्राम की मेन कंटेंट्स की प्रवाह (Spirit of Main Contents) को कैसे बाकी सेगमेंट में बरकरार रखा जा सकता है।

    अनिल:बसु जी, पत्र भेजने के लिये बहुत धन्यवाद। हम अखिल पाराशर जी और मैडम श्याओ थांग जी को आपकी संस्तुति भेजेंगे। आगे पेश है ओडिसा से मॉनिटर सुरेश अग्रवाल जी का पत्र। उन्होंने लिखा है..

    केसिंगा दिनांक 18 सितम्बर। समाचारों के बाद पेश साप्ताहिक "सन्डे की मस्ती" हर बार की तरह आज भी लाज़वाब रहा। देखते-देखते एक और साल बीत गया और चीन में वर्त्तमान मध्य शरद उत्सव मनाया जा रहा है। आज के 'सन्डे स्पेशल' में साल के आठवें माह की पन्द्रह तारीख़ को मनाये जाने वाले मध्य शरदोत्सव पर सपनाजी द्वारा पेश ख़ास रिपोर्ट सुन कर मूनकेक, मीठे-फल खाये जाने से लेकर त्यौहार की सदियों से चली आ रही परम्परा के बारे में एकबार फिर से जानने और याद ताज़ा करने का मौक़ा मिला। जहाँ धरती पर नरसंहार करने वाले खूंखार जानवरों का सफ़ाया करने हेतु स्वर्गराज़ा द्वारा अपने अचूक निशानेबाज़ हो यी को पृथ्वी पर भेजा गया, तो दूसरी ओर स्वर्गराज़ा के दस पुत्र सूरज बन कर अपने रौद्र ताप से हो यी को विचलित करने लगे। इस पर हो यी ने अपने तीरों से नौ सूर्यों को मार गिराया और सिर्फ़ एक सूरज रह गया। इसके बाद की कहानी तो काफी मार्मिक लगती है। हो यी द्वारा शी बामू के पास से लायी गयी दिव्य-औषधि का ग़लती से इस्तेमाल कर हो यी की पत्नी छांग उओ द्वारा हमेशा के लिये स्वर्ग चले जाना तथा फ़न मंग नामक प्रशिक्षु द्वारा नम्बर एक तीरंदाज़ बनने के लालच में सोये हुये हो यी को मौत के घाट उतार दिया जाना, आदि बातें आज भी मन को विचलित कर जाती हैं। कार्यक्रम में पुरुष और महिला दोनों की आवाज़ में गाने वाले चीन के मशहूर गायक ली ई कांग की आवाज़ में गाया गया 'छांग उओ की चाँद की ओर उड़ान' शीर्षक गीत भी काफी अच्छा लगा।

    कार्यक्रम में आगे चीन द्वारा कोएचो प्रान्त में दस अरब की लागत से पिपाच्या नामक पुल का निर्माण कर दुनिया को चमत्कृत किया जाना तथा चीन में सब से लम्बी बुलेट-ट्रेन ट्रैक निर्माण विश्व रिकॉर्ड कायम किये जाने सम्बन्धी समाचार काफी सूचनाप्रद लगा। चीन ही की क़द में छोटी और उम्र में बड़ी 73 वर्षीया महिला तथा एक 29 वर्षीय बौने लड़के एवं त्वचा जली 27 वर्षीया लड़की के सफल दाम्पत्य की कहानी भी मन पर गहरा प्रभाव छोड़ गयी। आज के मनोरंजन सेगमेण्ट में इस शुक्रवार रिलीज़ हुई सुजीत सरकार कृत एवं अमिताभ बच्चन अभिनीत फ़िल्म "पिंक" की चर्चा के साथ उसका प्रोमो सुनवाया जाना लाज़वाब लगा। जब कि आज के कार्यक्रम में पेश चारों जोक्स कमोबेश उम्दा लगे। धन्यवाद् फिर एक अच्छी प्रस्तुति के लिये।

    केसिंगा दिनांक 20 सितम्बर। वर्षाजल की चाहत में आकाश की ओर टकटकी लगाये चातक की तरह प्रतिदिन की भांति हमारा इन्तज़ार आज भी तब समाप्त हुआ, जब हम सभी परिजनों ने एक साथ मिलकर शाम ठीक साढ़े छह बजे शॉर्टवेव 9450 किलोहर्ट्ज़ की आवृत्ति पर सीआरआई हिन्दी का ताज़ा प्रसारण सुना। और अब मैं उस पर हम सभी की मिलीजुली प्रतिक्रिया लिये आपसे मुखातिब हूँ। उम्मीद है कि ज़ल्द ही हमारी बात आप तक पहुँच जायेगी। बहरहाल, देश-दुनिया के ताज़ा समाचारों के बाद पेश साप्ताहिक "चीन-भारत आवाज़" के तहत आज एकबार फिर सीआरआई हिन्दी में इन्टर्नशिप करने गये श्री टेकचन्द से उनकी तिब्बत यात्रा पर अनुभव सुनवाये गये। उन्होंने तिब्बत में हो रहे संतुलित विकास, सुरुचिपूर्ण व्यावसायिक प्रशिक्षण और प्रशिक्षण के बाद लोगों को वहीं रोज़ग़ार उपलब्ध कराये जाने सम्बन्धी महती जानकारी प्रदान की। लम्बे से सीआरआई हिन्दी सुनने के बावज़ूद यह जानकारी पहली बार सामने आयी कि तिब्बत के पोताला महल में प्रवेश-शुल्क तिब्बती लोगों के लिये महज़ एक युआन है, जब कि बाहरी लोगों के लिये यह न्यूनतम एक सौ युआन रखा गया है। बातचीत सुनवाने का धन्यवाद्।

    कार्यक्रम "नमस्कार चाइना" के अन्तर्गत विशेष सेगमेण्ट में दूसरे विश्वयुध्द के समय डॉ. द्वारिकानाथ कोटनिस के नेतृत्व में भारत से चीन गये पांच सदस्यीय चिकित्सक दल तथा डॉक्टर कोटनिस की सेवाओं की चीनी नेताओं और जनता पर गहरी छाप की चर्चा अत्यन्त महत्वपूर्ण लगी। कोटनिस पर इतनी विस्तृत चर्चा किये जाने का शुक्रिया। सेगमेण्ट के दूसरे भाग में चीन की चार हज़ार साल पुरानी कुंगफू सामरिक कला पर वरिष्ठ पत्रकार वरुण कुमार के निजी विचार सुनवाया जाना भी अच्छा लगा। यह जानकार सुखद अनुभव हुआ कि कुंगफू कला के जनक भगवान परशुराम थे। श्याओलिन टेम्पल से भी उक्त कला का गहरा सरोकार होने की बात समझ में आयी। चीन की पांच शीर्ष सुर्ख़ियों में यह जान कर दुःख हुआ कि गत 18 सितम्बर को चीन में आये भयंकर तूफ़ान से चच्यांग प्रान्त में भारी तबाही हुई और 11 जानें भी गयीं। मध्य शरदोत्सव के दौरान चीन में लोगों द्वारा ख़र्च किये अरबों रुपये; इस अवसर पर लोगों द्वारा की गयीं 57 लाख रेल-यात्रायें; तिब्बती प्रतिनिधिमण्डल द्वारा चेक गणराज्य की राजधानी प्राग में एक सांस्कृतिक संगोष्ठी में भाग लिया गया तथा चीन के एक्सप्रेस डिलीवरी कारोबार में काफी वृध्दि आदि समाचार काफी महत्वपूर्ण लगे। खेल-दुनिया में टेनिस स्टार राफ़ेल नडाल द्वारा लिएन्डर पेस के खेल की प्रशंसा किया जाना उनकी अच्छी खेल-भावना का प्रतीक है। धन्यवाद् एक अच्छी प्रस्तुति के लिये।

    रोज़मर्रा की चीनी-भाषा पाठ्यक्रम के तहत आज मैडम श्याओ थांग तथा राकेश वत्सजी द्वारा चीन में बैंकों में इस्तेमाल किये जाने वाले वाक्यों का फिर से दोहराया जाना भी अच्छा लगा। धन्यवाद्।

    अनिल:दोस्तो, हाल ही में भारत में 'चीन पर्यटन वर्ष'के उपलक्ष्य में सीआरआई ने 'मैं और चाइना'शीर्षक लेख प्रतियोगिता का आयोजन किया। कई लोगों ने हमें ईमेल और पत्र भेजे। पिछले सप्ताह की तरह इस बार के आपका पत्र मिला कार्यक्रम के अंत में हम लेख शामिल करेंगे। अगला लेख है दिल्ली से अमीर अहमद जी का। उन्होंने लिखा है......

    अनिल:दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल और हैया को आज्ञा दीजिए, नमस्कार।

    हैया:गुडबाय।

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