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    रेशम मार्ग का पहला महिला मंच उरूमुछी में आयोजित
    2016-09-23 11:13:49 cri

    रेशम मार्ग पर स्थित देशों का पहला महिला मंच 19 सितंबर को चीन के उरूमुछी शहर में आयोजित हुआ। रेशम मार्ग पर स्थित विभिन्न देशों के महिला कार्य के विकास में मौजूद नयी विशेषता व नयी मांग पर ध्यान देकर इस मंच ने विभिन्न क्षेत्रों में श्रेष्ठ महिलाओं को आमंत्रित किया। मंच का मुद्दा है महिलाओं के लिए नए उद्योग खोलने व रोजगार ढूंढ़ने के मौके व चुनौती। इस मुद्दे के मद्देनजर उन्होंने इंटरनेट प्लस, महिलाओं के प्रति विकास की गुंजाइश, महिलाओं की नेतृत्व शक्ति व आर्थिक लाभांश, महिलाओं के प्रति नये उद्योग खोलने व रोजगार ढूंढ़ने आदि समान रुचि वाले मामलों पर अनुभव साझा किए, और विचार विमर्श भी किया। ताकि अधिकतर सहमतियां प्राप्त हो सकें। शिनच्यांग वेवूर स्वायत्त प्रदेश के संबंधित अधिकारियों ने मंच के उद्घाटन समारोह में हिस्सा लिया और भाषण भी दिए।

    ठीक उसी दिन में रेशम मार्ग पर स्थित 19 देशों व एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन, चीनी राष्ट्रीय महिला संघ, राष्ट्रीय नेटवर्क व सूचना कार्यालय, शिनच्यांग वेवूर स्वायत्त प्रदेश के विभिन्न विभागों से आए प्रतिनिधि तथा महिला उद्यमियों समेत कुल सौ लोगों ने मंच में भाग लिया। यह मंच पांचवें चीन- एशिया यूरोप एक्सपो के ढांचे के तले आयोजित महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में से एक है। रेशम मार्ग पर स्थित देशों की 26 महिला राजनेताओं, अधिकारियों, उद्यमियों व विद्वानों ने चीनी प्रतिनिधियों के साथ महिलाओं द्वारा आर्थिक व सामाजिक विकास में भाग लेने के अनुभव और विभिन्न क्षेत्रों में प्राप्त उपलब्धियां साझा की।

    शिनच्यांग के महिला संघ की सचिव हो हानमिन ने भाषण देते समय यह आशा जताई है कि रेशम मार्ग पर स्थित देशों तथा उनके महिला संगठनों के बीच आदान-प्रदान हो सकेगा, और शांतिपूर्ण व सामंजस्यपूर्ण विकास का माहौल तैयार किया जा सकेगा। उन्होंने कहा,रेशम मार्ग आर्थिक पट्टी न सिर्फ़ चीन के लिये बल्कि इस पर स्थित देशों को विकास का मौका देती है। हमें आशा है कि आप लोग एक पट्टी एक मार्ग की विकास धारा को स्वीकार करेंगे, और एक साथ स्थाई शांति व समान समृद्धि वाली सामंजस्यपूर्ण दुनिया का निर्माण कर सकेंगे। हमें आशा है कि रेशम मार्ग पर स्थित देशों के महिला संघों के बीच ज्यादा से ज्यादा सहयोग हो सकेगा। आदान-प्रदान व मानवीय सहयोग द्वारा हम सामाजिक विकास में प्राप्त उपलब्धियां साझा करेंगे, और महिला विकास में ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकेंगी।

    ईरान के इस्लामी संस्कृति संपर्क संगठन में महिला व परिवार संपर्क विभाग की प्रधान सादिगहेह हेजाज़ी ने आर्थिक व सांस्कृतिक विकास में महिलाओं के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पुरातन रेशम मार्ग के विकास में महिलाओं ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। उन्होंने कहा,ईरान ने पुरातन रेशम मार्ग द्वारा चीन को कालीन, मोती व कीमती पत्थर आदि हस्तशिल्प वस्तुएं निर्यात की। और चीन ने रेशम मार्ग द्वारा रेशम व चीनी मिट्टी के बरतनों को अन्य देशों में भेजा। उक्त चीज़ों की उत्पादक महिलाएं थीं। यह कहा जा सकता है कि महिलाओं की भागीदारी के बिना रेशम मार्ग नहीं बन सका। और आज हम भी यहां नहीं मिले होते।

    हेजाज़ी ने यह भी कहा है कि विभिन्न कारणों से आज महिलाओं के सामने बहुत चुनौतियां पैदा हुईं। क्योंकि विभिन्न देशों में महिलाएं परिवार व समाज में विभिन्न भूमिका अदा करती हैं। पर इन भूमिकाओं का संतुलित प्रबंध नहीं किया जा सकता। उन्हें आशा है कि विभिन्न देशों की सरकार इस पक्ष में ज्यादा रचनात्मक कदम उठा सकेगी। उन्होंने कहा,महिलाएं पत्नी, माता और सामाजिक कार्य आदि कई भूमिका अदा करती हैं। पर आज महिलाओं की विभिन्न भूमिका का संतुलित प्रबंध हमेशा अपेक्षाकृत है। यह एक सामान्य समस्या बन गयी। मुझे आशा है कि विभिन्न देशों को कानून, नीति-नियम और मैक्रो सामाजिक परियोजना बनाते समय इस समस्या पर ज्यादा ध्यान देना चाहिये, ताकि नुकसान न पहुंचे।

    रूसी उद्योगपति व उद्यमी संघ में अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग की विद्वान एलिज़ावेता साफ़ोनकिना ने हेजाज़ी की बातों से सहमत व्यक्त की। उनके ख्याल से रेशम मार्ग पर स्थित विभिन्न देशों में अर्थव्यवस्था पर महिलाओं की अधिकारिता में विभिन्न समस्याएं मौजूद हैं। लेकिन ये सभी समस्याएं आर्थिक विकास में बाधा डालती हैं। साफ़ोनकिना ने कहा कि हालांकि विभिन्न देशों ने भिन्न-भिन्न तरीके से महिलाओं के लिये आर्थिक गतिविधियों में भाग लेने का मौका बढ़ाया। लेकिन यह काफ़ी नहीं है। बहुपक्षीय आवाजाही एक कारगर उपाय है। इस मौके पर विभिन्न देश सबसे अच्छे कदम साझा कर सकेंगे, और इस के आधार पर एक एकीकृत नीति बनाकर महिलाओं के नये उद्योग खोलने में मौजूद सीमा पार बाधाओं को दूर किया जा सकेगा।

    चीनी महिला उद्यमी संघ की उपाध्यक्ष च्यांग ह्वा ने कहा कि पारंपरिक विचार के अनुसार वाणिज्य तो माल का बराबर विनिमय है। जो लोगों की कई मांगों को पूरा कर सकता है। और महिलाएं मानवता को गहन रूप से समझ सकती हैं। उन्होंने कहा,वाणिज्य की प्रकृति और वाणिज्यिक गतिविधि मानव के आधार पर होती है। उन्हें अधिकतम तौर पर लोगों की मानसिक व भौतिक मांग को पूरा करना चाहिये। मानव के लिये सबसे अच्छे उत्पाद व सेवा देनी चाहिये। महिला नेता मानवता पर गहन रुप से समझ सकती हैं। न सिर्फ़ महिलाओं की मानवता बल्कि पुरुषों की मानवता को भी महिलाएं पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा अच्छी तरह से समझ सकती हैं। वस्तुओं का उत्पादन व बिक्री मानव के लिये होता है। एक उद्यम में बाजार के बदलाव, मानवता, मालों की विशेषता, ब्रैड और बिक्री के तरीके आदि पक्षों में महिलाओं की तेज़ इनसाइट है, जो पुरूषों से कमजोर नहीं है। इस दौरान महिलाओं की सृजन क्षमता की उपेक्षा नहीं की जानी चाहिये।

    मंच में विभिन्न देशों की महिला प्रतिनिधियों ने आर्थिक व सामाजिक विकास में भाग लेने के अनुभव साझा किये, विभिन्न क्षेत्रों में प्राप्त नवींतम उपलब्धियां दिखाई, और महिलाओं के प्रति उद्योग खोलने और रोजगार ढूंढ़ने में मौजूद नये मामलों व नयी कार्रवाइयों का विचार-विमर्श किया।

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