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    आप की पसंद 160820
    2016-09-20 14:43:12 cri

    20 अगस्त आपकी पसंद

    पंकज - नमस्कार मित्रों आपके पसंदीदा कार्यक्रम आपकी पसंद में मैं पंकज श्रीवास्तव आप सभी का स्वागत करता हूं, आज के कार्यक्रम में भी हम आपको देने जा रहे हैं कुछ रोचक आश्चर्यजनक और ज्ञानवर्धक जानकारियां, तो आज के आपकी पसंद कार्यक्रम की शुरुआत करते हैं।

    अंजली – श्रोताओं को अंजली का भी प्यार भरा नमस्कार, श्रोताओं हम आपसे हर सप्ताह मिलते हैं आपसे बातें करते हैं आपको ढेर सारी जानकारियां देते हैं साथ ही हम आपको सुनवाते हैं आपके मन पसंद फिल्मी गाने तो आज का कार्यक्रम शुरु करते हैं और सुनवाते हैं आपको ये गाना जिसके लिये हमें फरमाईश पत्र लिख भेजा है .... मालवा रेडियो श्रोता संघ प्रमिलागंज, आलोट महाराष्ट्र से बलवंत कुमार वर्मा, राजुबाई माया वर्मा, शोभा वर्मा, राहुल, ज्योति, अतुल और इनके ढेर सारे मित्रों ने आप सभी ने सुनना चाहा है अनुराधा (1960) फिल्म का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर ने गीतकार हैं शैलेन्द्र और संगीत दिया है पंडित रवि शंकर ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 1. हाय रे वो दिन क्यों न आए .......

    पंकज –लोग जो मरने के बाद फिर से हो गए जिंदा, 8 ऐसे ही मामले

    मौत को लेकर रहस्य हमेशा से बना हुआ है। मौत कैसे आती है और मरने के बाद शरीर का क्या होता है, यह पहेली आज तक कोई नहीं सुलझा पाया। इसके साथ ही कुछ लोगों के मरने के बाद दोबारा जिंदा होने के मामले भी सामने आते रहे हैं। ऐसे लोग जो अर्थी पर जाने के बाद फिर से जिंदा हो गए। हम यहां आपको ऐसे ही 8 लोगों के बारे में बताने जा रहे हैं। चीन की एक फैमिली में अजीबोगरीब घटना देखने को मिली। 95 साल की शियूफेंग अपने बेडरूम में मरी हुई मिली। उनकी मौत का कारण सिर में लगा घाव बताया गया। उन्हें ताबूत में रख दिया था, लेकिन ताबूत पूरी तरह बंद नहीं किया गया था। एक दिन बाद जब सारे रिश्तेदार, दोस्त घर पर पहुंच गए और ताबूत को कब्रिस्तान ले जाने लगे तो देखा कि ताबूत में लाश नहीं थी। जब गुम हुई बॉडी की तलाश की गई शियूफेंग अपने किचन के स्टूल पर कुकिंग करती हुई नजर आई।

    जिम्बॉवे में एक प्रॉस्टिट्यूट जब अपने क्लाइंट से मिलने होटल के कमरे में पहुंची तो अचानक गिर गई। डॉक्टर ने उसे मृत साबित कर दिया। जब उसे ताबूत में रखा जाने लगा तो चिल्लाने की आवाज आई। तुम मुझे मारना चाहते हो ऐसा बोलते हुए लड़की उठ खड़ी हुई। उसे देखकर डर गए और इधर-उधर भागने लगे। इस घटना को Bulaweyo24 News ने भी कवर किया था।साउथ अफ्रीका में एक आदमी ने खुद को शवगृह में पाया। जब उसने शोर मचाना शुरू किया तो वहां के सभी लोग डर गए। एक दिन पहले उसकी फैमिली ने उसे मृत मान लिया था। वहां के हेल्द डिपार्टमेंट के स्पोक पर्सन सिजवे कुपेलो ने बताया कि यह आदमी 21 घंटे बाद फिर से जिंदा हो गया। इसे अस्थमा अटैक के बाद लाया गया था।

    अंजली – ये वाकई हैरत की बात है कि मरे हुए लोग जीवित हो उठते हैं, और उनमें से कुछ फिर से मर गए। हालांकि ऐसे कुछ लोगों को मरने और वापस जीवित होने के बीच की घटनाएं भी याद रहती हैं, कुछ लोगों को ये याद रहता है कि उनके मरने के बाद वहां पर मौजूद लोग क्या बातें कर रहे थे, कुछ ने अपनी स्वर्ग जाने और उन लोगों से मुलाकात की बातों को भी बताया जो बहुत वर्ष पहले मर चुके थे। ऐसे अनुभवों को वैज्ञानिक NDE यानी Near Death Experience कहते हैं। हालांकि ये अब भी रहस्य बना हुआ है कि ऐसा क्यों होता है। तो चलिये श्रोता मित्रों इसी के साथ मैं उठा रही हूं कार्यक्रम का अगला पत्र जिसे हमें लिख भेजा है आदर्श श्रीवास रेडियो श्रोता संघ ग्राम लहंगाबाथा, पोस्ट बेलगहना, ज़िला बिलासपुर, छत्तीसगढ़ से पारस राम श्रीवास और इनके ढेर सारे मित्रों ने आप सभी ने सुनना चाहा है उसने कहा था (1960) फिल्म का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर ने गीतकार हैं शैलेन्द्र और संगीत दिया है शलिल चौधरी ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 2. मचलती आरज़ू खड़ी बांहें पसारे ....

    पंकज - लुज मिलागरॉस नाम (नाम का मतलब है मिरेकल लाइट) का यह बच्चा मरने के 12 घंटे बाद जिंदा हो गया। यह बच्चा तीन महीने पहले पैदा हो गया था। कमजोर होने के कारण इसकी मौत हो गई। इसके पैरेंट्स जब इसे गुडबॉय कहने पहुंचे तो इसके रोने की आवाज आई और यह जिंदा हो गया।

    नॉर्थ ब्राजील में केल्विन नाम के बच्चे ने उस वक्त पानी मांगा जब उसे दफनाने ले जा रहे थे। उसके पिता ने उसे पानी पिलाया। वहां मौजूद सब लोग चीखने- चिल्लाने लगे। लेकिन पानी पीकर थोड़ी देर बाद यह बच्चा फिर से मर गया।

    रूस की हार्डी ल्यूडमिला दो बार मरने के बाद जिंदा हो चुकी है। एक बार तो इनकी जान पोस्टमार्टम होने के ठीक पहले वापस आई थी। दूसरी बार जब हार्डी को मरा हुआ मान लिया गया और उनको हॉस्पिटल से लेकर आने की तैयारी होने लगी तभी उनकी बेटी ने उन्हें अपना नाम पुकारते सुना।

    रूस की 49 साल की फेग्लियू को मरा हुआ मानने के कुछ देर के बाद उन्हें चिल्लाते हुए सुना गया। उन्हें लग रहा था कि उन्हें जिंदा जला दिया जाएगा। उन्हें तुरंत हॉस्पिटल ले जाया गया। जहां उन्हें फिर से मृत घोषित कर दिया गया।

    ब्राजील के एक हॉस्पिटल में एक महिला अचानक जिंदा हो गई जब उसकी बेटी उसे फाइनल गुडबाय कहकर गले लगाया तो महसूस किया कि वह सांस ले रही है। उसने डॉक्टर को बुलाया, तुरंत उसे ताबूत से निकाला गया और इलाज शुरू किया।

    अंजली – ऐसे विषयों पर वैज्ञानिकों की राय कुछ और होती है वहीं दूसरी तरफ़ Meta Physics या फिर quantum theory कुछ और, लेकिन बात जो भी हो इसपर हमेशा दो अलग तरह के विरोधाभासी विचार सामने आते हैं, हालांकि वैज्ञानिक इसे तर्क की दृष्टि से देखते हैं तो quantum theory वाले इसे intuition या फिर गयबी दुनिया से जोड़कर देखते हैं। चलिये इसी के साथ हम उठाते हैं कार्यक्रम का अगला पत्र जिसे हमें लिख भेजा है नवीन रेडियो श्रोता संघ के दीपक उदयभान ठाकरे और इनके मित्रों का आपने हमें पत्र लिखा है गुरैया ढाना, रानीकामठ रोड, छिंदवाड़ा, मध्यप्रदेश से आप सभी ने सुनना चाहा है शोर (1972) फिल्म का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर ने गीतकार हैं संतोष आनंद और संगीत दिया है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 3. इक प्यार का नग़मा है मौजों की रवानी है ....

    पंकज – मित्रों अब हम आपको एक और चिंता में डाल देने वाली जानकारी देने जा रहे हैं।

    छै साल की बच्ची को मृत मानकर मिट्टी में किया दफ़न 12 घंटे बाद निकली ज़िंदा.... आगरा से 20 किलोमीटर दूर एक गांव में ऐसी घटना हुई है जिसे सुनकर सभी लोग हैरान रह गये। दरअसल यहां पर अपने पिता के साथ छै साल की सो रही एक बच्ची को किसी अंजान व्यक्ति ने उठा लिया। इसके बाद 12 घंटे बाद पता चला कि वो मासूम मिट्टी में दफ़न है। इसके बाद लोगों ने मिट्टी हटाई तो लोगों को बच्ची जिन्दा निकली, हालांकि लोगों ने तुरंत बच्ची को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया जहां पर बच्ची का इलाज चल रहा है लेकिन इस घटना से पूरे इलाके में हड़कंप मचा हुआ है।

    दरअसल ये घटना आगरा से 20 किलोमीटर दूर धौर्रा गांव की है जहां पर तनु नाम की बच्ची अपने पिता विनोद बघेल के साथ खाट पर सो रही थी, इसके बाद रात 2 बजे जब विनोद की नींद खुली तो तनु वहां पर नहीं थी, बच्ची को घर के कोने कोने में खोजा गया लेकिन वो नहीं मिली, इसके बाद पूरे ग्रामीणों ने बच्ची को खेतों में और आसपास के इलाके में खोजा लेकिन बच्ची नहीं मिली, इसके साथ ही सुबह हो गई लेकिन बच्ची नहीं मिली।

    अंजली – श्रोता मित्रों, अब मैं आपको एक और मधुर फिल्मी गीत सुनवाने जा रही हूं जिसके लिये हमें फरमाईशी पत्र लिख भेजा है आदर्श श्रीवास रेडियो श्रोता संघ ग्राम लहंगाबाथा, पोस्ट बेलगहना, ज़िला बिलासपुर, छत्तीसगढ़ से पारस राम श्रीवास और इनके ढेर सारे मित्रों ने आप सभी ने सुनना चाहा है छलिया (1960) फिल्म का गाना जिसे गाया है मुकेश और लता मंगेशकर ने गीतकार हैं कमर जलालाबादी और संगीत दिया है कल्याणजी आनंदजी ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 4. मेरी जान कुछ भी कीजिये ....

    पंकज - इस घटना के बाद जब गांव के बच्चे सुबह 8 बजे भैंस चराने निकले तभी रास्ते में उन्हें मिट्टी में से बच्ची का पैर बाहर निकला हुआ दिखा, ये देखकर बच्चे दौड़कर गांव गए और सभी को ये बात बताई, तो गांव वाले घटना स्थल पर पहुंचे, और बच्ची को मिट्टी खोदकर बाहर निकाला हालांकि बच्ची के नाक, मुंह और आंखें मिट्टी से बाहर थीं और बच्ची की सांसें चल रही थीं, सभी लोगों ने बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल ने बताया कि बच्ची की हालत स्थिर है, लेकिन गांव वाले अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और लोगों का मानना है कि हो सकता है कि तंत्र-मंत्र के चक्कर में किसी ने ऐसा किया हो।

    फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है, पुलिस पता लगाने की कोशिश कर रही है कि बच्ची को सोते में कौन उठाकर ले गया था, उसने ऐसा क्यों किया, पुलिस के अनुसार जब बच्ची को मिट्टी में दबाया गया होगा तो सांस नहीं मिलने के कारण वो छटपटाई होगी और इसी में उसकी नाक, मुंह और आंखें मिट्टी से बाहर निकल आई होंगी, जब बच्ची को मिट्टी से गांववालों ने बाहर निकाला तो उस समय बच्ची बेहोश थी।

    अंजली – और अब बारी है कार्यक्रम का अगला गीत सुनने की तो श्रोता मित्रों कार्यक्रम में मेरे आने का मतलब है कि अब आप अपनी ही पसंद का एक मधुर गीत सुनने जा रहे हैं। इस मधुर गीत के लिये हमें फरमाईशी पत्र लिख भेजा है आज़ाद नगर लक्सर हरिद्वार उत्तराखंड से ताज मोहम्मद अंसारी, गुलाम साबिर राही, मेहजार जहां और इनके सभी परिजनों ने आप सभी को हम सुनवाने जा रहे हैं हिमालय की गोद में (1965) फिल्म का गाना जिसे गाया है मुकेश ने गीतकार हैं आनंद बख्शी संगीत दिया है कल्याणजी आनंदजी ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 5. चांद सी महबूबा हो मेरी...

    पंकज - अब स्टिल फ़ोटो में भी कांपेंगे आप

    मैसेचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नॉलॉजी (एमआईटी) ने स्टिल फ़ोटो में मौजूद आकृति को हिलाने, दबाने और उसके साथ छेड़छाड़ कर उसमें कंपन पैदा करने की तकनीक ढूंढ़ निकाली है.

    इस तकनीक को इंटेरैक्टिव डायनीमिक वीडियो (आईडीवी) कहते हैं. इस तकनीक के इस्तेमाल में किसी विशेष कैमरे की ज़रूरत नहीं होती है.

    एमआईटी ने कहा है कि इसके लिए ठहरे हुए सामान के वीडियो के एल्गोरिथ्म विश्लेषण का सहारा लिया गया है.

    वीडियो गेम या फ़िल्म में विशेष प्रभाव डालने में यह क्रांतिकारी उपलब्धि है.

    एमआईटी के कंप्यूटर साइंस एंड आर्टिफिशीयल इंटेलिजेंस लैबोरेट्री के पीएचडी स्टूडेंट एबे डेविस का कहना है, "इस तकनीक से किसी ठहरे हुए सामान के ऊपर होने वाले बाहरी व्यवहार को हम कैद करते हैं जो हमें वर्चुअल स्पेस में उनके साथ छेड़छाड़ करने में मदद करता है."

    रिसर्च टीम का कहना है कि इससे पोकेमॉन गो जैसे वीडियो गेम को और असली अहसास वाला बनाया जा सकता है.

    एमआईटी की टीम ने एक वीडियो रिलीज़ किया है जिसमें दिखाया गया है कि कैसे पिकाचु और स्नोरलैक्स जैसे वीडियो गेम के कैरेक्टर आईडीवी तकनीक का इस्तेमाल करके वास्तविक दुनिया की चीज़ों के साथ छेड़छाड़ कर कंपन जैसा वर्चुअल अहसास हासिल कर सकते हैं.

    स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर साइंस के प्रोफेसर डग जेम्स ने बताया है कि आईडीवी तकनीक का इस्तेमाल एनिमेशन के विकल्प के तौर पर भी किया जा सकता है.

    मान लीजिए एक पेड़ की स्टिल तस्वीर को आपने कैमरे में कैद किया है.

    आप इस तस्वीर को माउस के कर्सर से आईडीवी के सहारे कंपन करा सकते हैं.

    अहम बात ये है कि वास्तविक पेड़ में जिस तरह कंपन या खिंचाव पैदा होता है, वैसा ही कंपन या खिंचाव स्टिल फ़ोटो में भी हो सकता है.

    अंजली - मित्रों हमें अगला पत्र लिखा है हमारे पुराने और चिर परिचित श्रोता ने परमवीर हाउस, आदर्श नगर, बठिंडा, पंजाब से अशोक ग्रोवर, परवीन ग्रोवर, नीती ग्रोवर, पवनीत ग्रोवर, विक्रमजीत ग्रोवर और इनके साथियों ने आप सभी ने सुनना चाहा है अग्निपथ (2012) फिल्म का गाना जिसे गाया है सोनू निगम ने गीतकार हैं अमिताभ भट्टाचार्य और संगीत दिया है अजय अतुल ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 6. अभी मुझमें कहीं बाकी है....

    पंकज – तो मित्रों इसी के साथ हमें आज का कार्यक्रम समाप्त करने की आज्ञा दीजिये अगले सप्ताह आज ही के दिन और समय पर हम एक बार फिर आपके सामने लेकर आएंगे कुछ नई और रोचक जानकारियां साथ में आपको सुनवाएँगे आपकी पसंद के फिल्मी गीत तबतक के लिये नमस्कार।

    अंजली - नमस्कार।

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