तिब्बत की राजधानी ल्हासा में आयोजित तीसरे तिब्बत पर्यटन और संस्कृति अंतरराष्ट्रीय एक्सपो के सुअवसर पर तिब्बत के प्राकृतिक पेयजल का विकास करने का एक विशेष अधिवेशन भी 12 सितंबर को बुलाया गया । इस अधिवेशन का प्रमुख विषय है "प्राकृतिक तिब्बती पेयजल का विश्व बाजार में प्रवेश" । कुल 260 देसी- विदेशी उद्यमियों और विद्वानों ने अधिवेशन में भाग लिया और तिब्बत के प्राकृतिक पेयजल के उत्पादन, तकनीक, पूंजीनिवेश, रसद व वितरण और बाजारों के विकास पर विचार-विमर्श किया ।
इधर के वर्षों में चीन में बोतलबंद पानी का बाजार में बहुत तेज़ी से विकास हो जा रहा है जो अमरिका के बाद विश्व में दूसरे स्थान पर है । लोगों को शुद्ध पेयजल पीने की जरूरत है जबकि प्रदूषण के फैलने की वजह से साफ-सुथरे पेयजल की सप्लाई में कमी आ रही है । चीन में बोतल में पैक पेयजल की बिक्री प्रति वर्ष एक खरब अमेरिकी डालर तक जा पहुंची है और हर वर्ष 15 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हो रही है । इस तरह व्यापारियों की आंखें तिब्बती पठार पर प्राकृतिक पेयजल के शुद्ध स्रोत पर खींची चली आ रही है ।
तिब्बत स्वायत्त प्रदेश चीन में सबसे विशाल अविकसित और अदूषित क्षेत्र है जहां प्राकृतिक पेयजल का समृद्ध संसाधन मौजूद है और यह भी चर्चाजनक है कि हिमपर्वत के जल का कमजोर क्षारीय गुणवत्ता तथा इसमें ट्रेस तत्वों का पता लगाने में भी प्रचूर है । तिब्बत में उत्पादित पेयजल को विश्व में सबसे श्रेष्ठ जल माना जा रहा है ।
इधर के वर्षों में तिब्बत में उत्पादित बोतलबंद पानी चीन के भीतरी इलाकों के बाजारों में प्रविष्ट होने लगा है । वर्ष 2015 में तिब्बत में प्राकृतिक पेयजल का उत्पादन 4 लाख 25 हजार टन तक जा पहुंचा जो एक साल पहले से 178 प्रतिशत अधिक रहा । अब तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में 31 ऐसे कारोबार स्थापित हो चुके हैं जो विशेष तौर पर प्राकृतिक पेयजल का उत्पादन करते हैं जिनके पास बोतलबंद पानी का 30 उत्पादन लाइन निर्मित हैं । अब तिब्बती पानी के सामने तकनीक, परिवहन और मार्केटिंग का सवाल मौजूद है । भीतरी इलाकों के उपभोक्ताओं को तिब्बती पानी का ब्रांड स्वीकृत करवाने के लिए एक लम्बा रास्ता तय करना होगा ।
चीनी निरीक्षण और संगरोध अकादमी की उप प्रधान ली ली ने इस सवाल की चर्चा में अपना सुझाव पेश किया,"मेरा विचार है कि तिब्बती बोतलबंद पानी के प्रसार में उत्पाद की गुणवत्ता को काफी महत्व देना पड़ेगा । क्योंकि उपभोक्ताओं को जो चाहिये वह ब्रांड के पीछे गुणवत्ता ही है । खराब गुणवत्ता वाले उत्पादों को उपभोक्ताओं द्वारा स्वीकृत किया जाना असंभव है । इसके साथ ही तिब्बती पेयजल के उत्पादन में मानक प्रणाली की स्थापना भी अहम महत्वपूर्ण है । बाजारों में तिब्बती पानी की प्रतिस्पर्धा में सुधार करने के लिए सर्वप्रथम प्राकृतिक पेयजल का मानक स्थापित करना चाहिये और इसमें रूपरेखा, पानी का स्रोत, प्रौद्योगिकी व उपकरण, गुणवत्ता व सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण और उत्पादन सुरक्षा आदि मुद्दे शामिल हैं । इसके बाद यह भी चर्चित है कि मूल उत्पादों की पारिस्थितिकी संरक्षण को काफी महत्व दिया जाना चाहिये । तिब्बती बोतलबंद पानी के प्रसार के लिए हम तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के साथ सहयोग करेंगे और इसके ब्रांड के विकास का पूरा समर्थन करेंगे । विश्वास है कि विभिन्न पक्षों के प्रयास से तिब्बत में उत्पादित बोतल पैक पेयजल को विश्व स्तरीय मशहूर ब्रांड बनाया जाएगा ।"
तिब्बती बोतलबंद पानी का जोरों से विकास करने के लिए स्वायत्त प्रदेश की सरकार ने वर्ष 2015 में प्राकृतिक पेयजल के विकास की दस साल रूपरेखा और औद्योगिक की पदोन्नति के कार्यान्वयन का विवरण पेश किया और इस उद्योग के विकास के लिए अनेक ठोस कदम उठाये । उदाहरण के लिए तिब्बत स्वायत्त प्रदेश ने प्राकृतिक पेयजल के विकास के लिए 25 करोड़ युवान विशेष कोष स्थापित किया , रेल मार्ग कंपनी के साथ रसद का अनुबंध समझौता संपन्न किया ताकि परिवहन मूल्य की गारंटी के जरिये पानी उत्पादन की लागत में कमी की जाए ।
भविष्य में तिब्बती बोतलबंद पानी के उत्पादन के बारे में स्वायत्त प्रदेश के उद्योग विभाग के एक उच्च पदाधिकारी ग्वो श्यांग ने कहा,"इसके बाद हम योजना का कार्यान्वयन करते रहेंगे यानी तिब्बती बोतलबंद पानी का उत्पादन पचास लाख टन से एक करोड़ टन तक पहुंचाया जाएगा । इसके अतिरिक्त हम अपने उत्पादन वस्तुओं की तकनीक, उत्पादन स्तर और गुणवत्ता को आगे बढ़ाने का निरंतर प्रयास करेंगे । साथ ही हम सिर्फ तिब्बत और भीतरी इलाकों में नहीं, पर विश्व के दूसरे देशों के बड़े शहरों के उच्च मंच के माध्यम से तिब्बती बोतलबंद पानी का प्रसार करने जाएंगे । हम बुनियादी बातों से कोशिश करेंगे यानी तकनीकी और प्रबंधन कर्मियों का जोरों से प्रशिक्षण करेंगे । तकनीकी कर्मियों, विशेष रूप से उत्पादन लाइन पर कार्यरत मजदूरों का स्तर उत्पादों की गुणवत्ता से संबंधित है । इसलिए हम भीतरी इलाकों के बड़े उद्यमों से तकनीकी व प्रबंधन कर्मियों को काम में लगाएंगे , ताकि स्थानीय कर्मियों के स्तर को उन्नत किया जा सके ।"
तिब्बती पठार एक ऐसा क्षेत्र है जहां पारिस्थितिकी का पर्यावरण नाजुक है और औद्योगिक विकास के लिए उपयुक्त नहीं है । तिब्बत में आर्थिक विकास के लिए पर्यटन और प्रदूषणरहित उद्योग का जोरों से विकास करना सही है । और हिमपर्वत का प्राकृतिक पेयजल का विकास करके ऐसा हरित उद्योग माना जा रहा है जो तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के आर्थिक विकास को उन्नत कराने में समर्थ होगा ।
चीनी उद्योग मंत्रालय के उपभोक्ता वस्तु विभाग के प्रधान गौ यैनमीन ने कहा,"तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में आर्थिक विकास करने और कर वसूली की वृद्धि करवाने की बड़ी जरूरत है । पर साथ ही तिब्बती पठार पर पर्यावरण संरक्षण करना और प्रदूषणरहित उद्योग का विकास करना अनिवार्य है । तिब्बती बोतलबंद पानी का उत्पादन करने का ऐसा ही साफ-सुधरा हरित उद्योग है जो तिब्बत के आर्थिक विकास और पर्यटन के विकास को भी बढ़ावा दे सकेगा ।"