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    आपका पत्र मिला 2016-08-17
    2016-09-12 10:47:53 cri

    अनिल:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल का नमस्कार।

    हैया:सभी श्रोताओं को हैया का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अनिल:दोस्तो, पहले की तरह आज के कार्यक्रम में हम श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। इसके बाद एक श्रोता के साथ हुई बातचीत के मुख्य अंश पेश किए जाएंगे।

    चलिए श्रोताओं के पत्र पढ़ने का सिलसिला शुरू करते हैं। पहला पत्र हमें आया है, ओडिसा से हमारे मॉनीटर सुरेश अग्रवाल का। उनहोंने लिखा है......

    केसिंगा दिनांक 7 अगस्त को समाचारों के बाद साप्ताहिक "सन्डे की मस्ती" का पूरा मज़ा लिया। कार्यक्रम की शुरुआत "मेरा दिल है चाँद जैसा" शीर्षक चीनी गीत से किया जाना अच्छा लगा। तत्पश्चात 'विश्व की एक संवेदनशील कहानी' क्रम में आज सपना जी द्वारा पेश कहानी "बत्तख का घोंसला" सुनी, बहुत ही मर्मस्पर्शी लगी। अण्डे को छू देने पर बत्तख कहीं घोंसला त्याग न दे, इस सोच के साथ उस स्कूली बच्चे ने जो कुछ किया, वह तो जीवों के प्रति परोपकार की भावना रखने वाला कोई व्यक्ति ही कर सकता है। हम सभी को इसका अनुसरण करना चाहिये। अजीबोगरीब और चटपटी बातों के सेगमेंट में -चीन के लीजियांग शहर में आयोजित एक प्रतियोगिता के दौरान एक शख़्स द्वारा महज़ दो मिनट में पूरी ढाई किलो मिर्च खाने का रिकॉर्ड बना 24 कैरेट सोने की मिर्च ईनाम में जीतने का किस्सा काफी आश्चर्यजनक लगा। यह जान कर ख़ुशी हुई कि इस प्रतियोगिता में खुद को मजबूत साबित करने के लिए कुल 9 बहादुर लोगों ने हिस्सा लिया था। यह बात भी अज़ीबोगरीब लगी कि प्रतियोगियों को काली मिर्च के पानी में खड़ा करके बहुत मसालेदार मिर्च से उनके मुंह को भर दिया जाता था। जीतने वाला व्यक्ति सिचुआन के छंगदू शहर का था, इसलिये हैरानी नहीं होनी चाहिये, क्यों कि वह इलाका तो मसालेदार भोजन के लिए जाना जाता है।

    यह जानकारी भी चौंकाने वाली थी कि 2.5 किलो मिर्च खाने वाले व्यक्ति के अलावा चीन में एक व्यक्ति ऐसा भी है, जो हर दिन करीब 2.5 किलो मिर्च खा लेता है। हैली योंगजी अपने इस लाल मिर्च के शौक के कारण अब लोगों के बीच हीरो बन गए हैं। लोग उन्हें 'मिर्ची किंग' के नाम से बुलाने लगे हैं। योंगजी को मिर्च खाना इतना पसंद है कि उन्होंने अपने घर के पीछे आठ तरह के मिर्च के पौधे लगा रखे हैं। उनका यह शौक तब उजागर हुआ जब उन्होंने कहा कि -वो एक बार बिना मीट और अंडों के रह सकता है, लेकिन मिर्च के बिना नहीं। आमतौर पर रोजाना सुबह उठकर लोग पहले ब्रश करते हैं, लेकिन योंगजी सुबह लाल मिर्च खाना पसंद करते हैं। यूं मानें कि वह मिर्च से ही अपने दांत साफ करते हैं। योंगजी के मुताबिक अगर खाने में तीखापन ना हो तो खाने का स्वाद नहीं आता। वह लाल और तीखी मिर्ची को स्नैक्स की तरह खाते हैं।

    तकनीक की ख़बरों में -चीन ने उत्तर-पूर्वी शांक्सी प्रांत में तेज गति की ट्रेनों के लिए दो ट्रैक वाली 16 किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण कार्य पूरा कर लिया है, जिस पर से हाई-स्पीड ट्रेनें गुजरेंगी और यह एशिया में अपनी तरह की सबसे लंबी सुरंग है, समाचार काफी उत्साहवर्धक लगा। सुरंग के निर्माताओं द्वारा इसे छिनलिंग पहाड़ियों को काटकर बनाया गया है, जो कि इस हाई-स्पीड रेल लाइन का हिस्सा है और जो प्रांतीय राजधानी शीआन को दक्षिण-पश्चिम सिचुआन प्रांत में स्थित चेंगदू से जोड़ती है। शिन्हुआ न्यूज एजेंसी के मुताबिक 643 किलोमीटर लंबी यह लाइन 250 किलोमीटर घंटे की रफ्तार से चलनेवाली ट्रेनों के लिए डिजाइन की गई है। इससे दो शहरों की यात्रा में लगने वाले 16 घंटे की अवधि अब सिर्फ 3 घंटे रह जाएगी।

    कार्यक्रम में आगे सोशल मीडिया पर इन दिनों तेज़ी से वॉयरल हो रही उस लड़की की तस्वीरों के बारे में जान कर अच्छा लगा, जिसमें उसने अपने बॉयफ्रेन्ड के महंगे जूतों को पानी में भीगने से बचाने हेतु उसे अपने कन्धों पर बैठा कर रास्ता पार कराया। चीन के युहान शहर की उस बाला को हार्दिक साधुवाद। इसके अलावा कार्यक्रम में सुनवाया गया एक भारतीय हंसौड़ अमित टण्डन का ऑडियो, जिसमें उन्होंने भारतीय बच्चे और उनके स्कूल से जुड़ी मज़ेदार-चटपटी बातें पेश की हैं, काफी मनोरंजक लगा।

    इस शुक्रवार रिलीज़ हुई फ़िल्मों में आपने केवल फ़िल्म 'फीवर' की चर्चा के साथ उसका प्रोमो सुनवाया, परन्तु शुक्रवार को एक और महत्वपूर्ण फ़िल्म "बुधिया सिंह -बोर्न तो रन" भी रिलीज़ हुई थी, जिसका आपने ज़िक्र नहीं किया। कृपया ऐसा न किया करें। हाँ, आज के कार्यक्रम में पेश तमाम जोक्स लाज़वाब थे, इसमें दोराय नहीं। धन्यवाद् फिर एक अच्छी प्रस्तुति के लिये।

    चीनी-भाषा पाठ्यक्रम के तहत मैडम श्याओ थांग एवं राकेश वत्सजी विगत कुछ दिनों से कुछ ऐसे चीनी वाक्यों का अभ्यास करा रहे हैं, जो ट्रैवल एजेन्सी में पूछताछ के लिये इस्तेमाल किये जा सकते हैं। मुझे उनका यह प्रयास बहुत अच्छा लगता है। धन्यवाद्।

    हैया:सुरेश अग्रवाल जी, पत्र भेजने के लिये आपका धन्यवाद। चलिये, अगला पत्र मेरे हाथ आया है जमशेदपुर से एस. बी. शर्मा जी का। उन्होंने लिखा है......

    2 अगस्त को समाचारों में पंकज जी ने चीन के उर्जा वाहन के बाजार पर विशेष जानकारी दी। इस वर्ष चीन दुनिया का सबसे बड़ा उर्जा वाहन बाजार बन गया है। वर्ष 2020 तक चीन में नए ऊर्जा वाहन बाजार का आकार लगभग 14 लाख 50 हजार तक पहुंचेगा और निजी कारों की संख्या 8 लाख तक होगी। चीन नए ऊर्जा वाहन उत्पादन का सबसे बड़ा बाजार बन गया है और कुल 4 लाख 97 हजार वाहनों की बिक्री हुई है।

    इसके बाद चीन के पर्यटन उद्योग के विकास की चर्चा की गई। इसके अनुसार पिछ्ली छ्माही में चीन के पर्यटन उद्योग में भारी वृद्धि दर्ज की गई है। देश में 2 अरब 23 करोड़ 60 लाख लोगों ने यात्रा की, जो पिछले वर्ष की समान अवधि से 10.47 प्रतिशत अधिक रही और 12 करोड़ 70 लाख लोगों ने विदेशों की यात्रा की, जो पिछले वर्ष की समान अवधि से 4.1 फ़ीसदी ज्यादा रही। कुल पर्यटन आय 22 खरब 50 अरब चीनी युआन रही, जो पिछले वर्ष से 12.4 प्रतिशत अधिक रही। पिछले 6 महीनों में चीन में यात्रा करने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या 6 करोड़ 78 लाख 70 हजार रही। पिछले 6 महीनों में अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन की आय 57 अरब अमरीकी डॉलर रही, जो पिछले वर्ष की समान अवधि से 5.3 प्रतिशत अधिक रही। चीन के पर्यटन बाजार में भारी बढ़ोतरी जारी है।

    अंतरराष्ट्रीय शस्त्र संगोष्ठी तिब्ब्त में शुरू हुई है इसमें चीन, भारत, अमेरिका, ब्रिटेन और जापान समेत 20 देशों और क्षेत्रों के 300 से अधिक विद्वानों ने भाग लिया। चीन की एक्युपंचर चिकित्सा संगोष्ठी कोलकाता में आयोजित हुई। चीनी विशेषज्ञों ने भारतीय एक्युपंचर सोसायटी के सदस्यों और आगंतुको को इस विशेष चिकित्सा पद्धति के बारे में बहुत कुछ बताया। उम्मीद है भारत को इस चिकित्सा पद्धति से बहुत लाभ मिलेगा।

    इसके बाद साप्ताहिक कार्यक्र्म चीन भारत आवाज़ प्रस्तुत किया गया, जिसमें पंकज जी ने प्रसून जी से वार्ता की। तत्पश्चात नमस्कार चाइना प्रोग्राम सुनाया गया, जिसमें 100 भारतीय दल के एक सदस्य अमित गोसाई से बातचीत की गयी और चीन के विकास के बारे में वर्णन किया गया।

    अनिल:शर्मा जी, हमें पत्र भेजने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। चलिए, अगला पत्र मेरे हाथ आया है छत्तीसगढ़ से चुन्नीलाल कैवर्त का, जो कि उन्होंने लेख के रूप में भेजा है। उन्होंने लिखा है......

    खुशी की बात है कि भारत में "चीन पर्यटन वर्ष" महोत्सव-2016 के उपलक्ष्य में रंग बिरंगी गतिविधियां आयोजित हो रही हैं। इस प्रकार दोनों देशों के बीच आदान-प्रदान और सहयोग मजबूत हो रहा है। इसका ताज़ा उदाहरण है - भारतीय स्कूल में"चाइनीज वीक"कार्यक्रम का आयोजन। इसके तहत पश्चिम बंगाल के महादेवी बिरला वर्ल्ड अकादमी स्कूल में 1 अगस्त को "चाइनीज वीक" कार्यक्रम आयोजित किया गया।चीनी शैली हस्तशिल्प और चीनी गीत-नृत्य की प्रदर्शनी आयोजित की गई। इसके अलावा, छात्रों ने चीनी व्यंजन भी पकाया।चीनी उप जनरल कौंसल ने "चाइनीज वीक" के आयोजन पर बधाई देते हुए स्थानीय छात्रों को चीनी संस्कृति का परिचय भी दिया। इस तरह के आयोजन से चीन-भारत युवाओं के बीच आपसी समझ और आदान-प्रदान और मजबूत होगा।

    इसी क्रम में 5 अगस्त को शांतिनिकेतन स्थित विश्व भारती विश्वविद्यालय के चीनी भवन में एक चीनी भाषा संस्थान का उद्घाटन समारोह हुआ।याद रहे ,वर्ष 1937 में आदरणीय रविंद्रनाथ ठाकुर जी ने विश्व भारती में चीनी भवन स्थापित किया था। बीते 83 सालों में चीनी भवन के अध्यापकों और छात्रों ने चीन व भारत के बीच शिक्षा व संस्कृति आदान-प्रदान तथा द्विपक्षीय समझ व मित्रता को बढ़ाने में सकारात्मक योगदान पेश किया।चीन के जनरल कौंसल श्री मा चैन वू ने जानकारी दी कि यह चीनी भाषा संस्थान, चीन के सबसे श्रेष्ठ भाषा संस्थान के बराबर है। आशा है ,भारतीय छात्र, इसके जरिये चीनी भाषा सीखेंगे और द्विपक्षीय मित्रता के लिए अधिक योगदान पेश करेंगे। सी आर आई ,इस तरह की द्विपक्षीय जानकारी श्रोताओं तक पहुंचाने में जरा भी पीछे नहीं रहता। इसीलिए सी आर आई के कार्यक्रम मुझे बेहद पसंद हैं।हम तक अच्छी –अच्छी जानकारी पहुंचाने के लिए आपका धन्यवाद।

    सी आर आई का,हिन्दी भाषा के विकास में भी बड़ा योगदान है। पिछले महीने मॉनिटर रविशंकर बसु जी ने सपरिवार चीन की यात्रा की थी। चीन में उनके अनुभव के बारे में एक आलेख वेबसाइट में प्रकाशित किया गया है। लेकिन खेद की बात है कि वह आलेख अंग्रेजी भाषा में है। यदि उक्त आलेख हिन्दी भाषा में अनुवादित होता ,तो उसे ज्यादा से ज्यादा पाठक पढ़ पाते और जानकारी ले पाते।

    सी आर आई की वेब साइट में हिन्दी भाषा के शब्दों एवं वाक्यों को तोड़ मरोड़कर पेश किये जाने से निराशा होती है। उदाहरण के लिए 6 अगस्त के एक समाचार की हेडिंग है -चीन और अमेरिका के विदेश मंत्रियों की 'फान' पर बातचीत। पूरे समाचार पढ़ने पर पता चलता है कि यह शब्द 'फान' नहीं ,'फोन' है। इसी प्रकार 'विश्व का आईना' कार्यक्रम में एक आलेख का शीर्षक है – 'हरी' इंटरनेट कनेक्शनों के मामले में तमिलनाडु अव्वल, महाराष्ट्र और दिल्ली दूसरे स्थान पर। पूरा आलेख पढ़ने के बाद पता चला कि यह 'हरी' नहीं ,'शहरी' है।"भारतीय स्कूल में 'चाइनीज वीक' कार्यक्रम आयोजित" आलेख में 'युवाओं' को 'यूवाओं' लिखा गया है। वेब साइट में इस तरह की मात्रा संबंधी अशुद्धियों की भरमार रहती है। पढ़ने वालों को यह सब अटपटा लगता है। वेब साइट में अपलोड करने से पहले इन आलेखों को एक बार जरूर पढ़ लिया करें।

    साप्ताहिक कार्यक्रम 'आपकी पसंद' में गीत के बोल,गायक कलाकारों व फिल्मों के नाम बताने में बार बार गलती की जाती है। उदाहरण के लिए 6 अगस्त के कार्यक्रम में फिल्म 'लोहा' का एक गीत सुनवाया गया – ईसा पीर न मूसा पीर ,सबसे बड़ा है,पैसा पीर ....। लेकिन गीत सुनवाने के पहले गीत के बोल 'पतली कमर लंबे बाल ... तथा गायक कलाकारों के नाम कविता कृष्णमूर्ति और अनुराधा पोडवाल बताया गया ,जो कि पूरी तरह गलत है। अच्छा होगा कि कार्यक्रम को एयर में भेजने से पहले एक बार पूरा टेप सुन लिया करें।

    'आपका पत्र मिला'कार्यक्रम के प्रारम्भ में '.... दोस्तो, पहले की तरह आज के कार्यक्रम में हम श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। इसके बाद एक श्रोता के साथ हुई बातचीत के मुख्य अंश पेश किए जाएंगे....' बोला जाता है। यह वाक्य तकिया कलाम बन चुका है। लेकिन कभी - कभी कार्यक्रम के अंत में किसी एक नहीं ,बल्कि 3 -4 अतिथियों से बातचीत सुनवायी जाती है। एक बार तो कार्यक्रम के अंत में श्याओयांग दीदी का इंटरव्यू सुनवाया गया था। अतः प्रसारण के पूर्व एक बार पूरे टेप को सुन लिया करें ,तो बेहतर रहेगा।

    सीआरआई, मैं बचपन से प्रेम करता हूँ। इसलिए गलतियों की ओर ध्यान दिलाना अपना फर्ज़ समझता हूँ। यदि बुरा लगे, तो मुझे माफ कर दीजिएगा। धन्यवाद।

    हैया:अब सुनिए हमारे श्रोता दोस्त बिमलेंदु विकल जी के साथ हुई बातचीत।

    अनिल:दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल और हैया को आज्ञा दीजिए, नमस्कार।

    हैया:गुडबाय।

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