संगीतकारः ह जानहो छन कांग
संगीत प्रबंधकः जंग यांग
वायलिन वादकः ल्वी त्सी-छिंग
युए ओपेरा कलाकारः माओ वई-थाओ शिए छ्युन-यिंग
हांग जो शहर में शी हू झील और छैन थांग नदी जैसी सुरम्य प्रकृति ने प्रेमी-प्रेमिकाओं पर बहुत से लोककथाएं बनवाई हैं। इनमें सुन्दर प्रेम और खुशहाल जीवन के प्रति चीनी लोगों की अभिलाषा व्यक्त होती है।
《ल्यांग शानबो और चू यिंगथाई》नामक संगीत《रोमियो और जुलियट》के चीनी संस्करण जैसा है। इसमें 1700 साल से ज्यादा समय पहले की यह कहानी सुनाई जाती है कि ल्यांग शानबो नामक युवक और चू यिंगथाई नामक एक युवती एक ही कक्षा में पढ़ते हैं। पढ़ाई के दौरान दोनों के बीच प्रेम की भावना पनप जाती है। एक दूसरे से ज्यादा प्रेम के बावजूद दोनों को अपने-अपने परिवारों के विरोध का सामना करना पड़ता है। युवक ल्यांग शानबो इससे बहुत दुखी होकर बीमार हो जाता है और अंत में उनका निधन हो जाता है। युवती चू यिंगथाई अपने मां-बाप के आदेश पर किसी दूसरे युवक से शादी करने जाने के रास्ते में ल्यांग शानबो का मकबरा देखती है। उनके फूट-फूट कर रोने से मकबरे में अचानक एक बहुत बड़ी दरार आती है। चू यिंगथाई इतनी दुखी हो जाती है कि वह बिना किसी हिचकिचाहट के उसमें कूद पड़ती है। इसके थोड़ी देर बाद मकबरे से दो तितलियां निकलकर खुशी-खुशी उड़ जाती हैं। लोग मानते हैं कि ये तितलियां ल्यान शानबो और चू यिंगथाई के अवतार हैं और वे दोनों तबसे दंपति बनकर सुखमय जीवन बिताने लगते हैं।
संगीत के शुरूआती भाग में हांग जो में प्रचलित युए ओपेरा प्रस्तुत किया जाता है, जिसमें ल्यांग शानबो और चू यिंगथाई के बिछुड़ने की भावना प्रकट होती है। संगीत के दूसरे भाग में वायलिन उन दोनों के एक ही कक्षा में पढ़ने के सुन्दर वक्त का चित्रण करने वाला धुन बजाता है। तीसरे भाग में ल्यांग शानबो और चू यिंगथाई दोनों के तितलियों में बदलकर खुशी-खुशी उड़ जाने का प्रभावकारी दृश्य दर्शाता है।