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    नवाचार, ऊर्जित, अंतर्संबंधित और समावेशी वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थापना --- जी-20 के हांगचो शिखर सम्मेलन में उद्घाटन-भाषण
    2016-09-04 17:07:13 cri

     

    नवाचार, ऊर्जित, अंतर्संबंधित और समावेशी वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थापना

    ---जी-20 के हांगचो शिखर सम्मेलन में उद्घाटन-भाषण

    ( 4 सितम्बर 2016, हांगजो)

    चीन लोक गणराज्य के राष्ट्रपति शी चिनफिंग

    दोस्तो,

    मैं घोषणा कर रहा हूं कि जी-20 शिखर सम्मेलन हांगचो में शुरू हो गया है।

    मुझे बड़ी खुशी हैं कि मैं आप लोगों के साथ हांगचो में हूं। सबसे पहले मैं आप लोगों का यहां आने पर हार्दिक स्वागत करता हूं।

    पिछले साल तुर्की के एंटालिया में जी-20 शिखर सम्मेलन का सफल आयोजन हुआ था। मैं वर्तमान मौके का फायदा उठाकर इस बात के लिए तुर्की का शुक्रिया अदा करता हूं कि उसने अध्यक्ष-देश के रूप में उस सम्मेलन को सफलतापूर्वक आयोजित किया और सम्मेलन में उपलब्धियां हासिल कराने में बड़ी कोशिश की। तुर्की ने साझा कार्यवाही से समावेशी और स्थिर वृद्धि की प्राप्ति को उस शिखर सम्मेलन का विषय निश्चित किया और समावेश, क्रियान्वयन एवं निवेश जैसे तीन क्षेत्रों में सम्मेलन को फला-फूला बनाया। चीन हमेशा इस सिलसिले में तुर्की के अच्छे प्रदर्शन और कामों की बड़ी प्रशंसा करता है।

    आने वाले दो दिनों में हम हांगजो शिखर सम्मेलन में मुख्य विषय को केंद्र बनाकर समष्टिगत नीति को समंवित करने, विकास के तरीके को नया करने, वैश्विक आर्थिक एवं वित्तीय प्रबंधन को और अधिक कुशल करने, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार एवं निवेश को मजबूत बनाने, समावेशी एवं अंतर्संबंधित विकास को बढ़ाने जैसे वैश्विक अर्थतंत्र को प्रभावित करने वाले प्रमुख मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे।

    8 साल पहले अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संकट की नाजुक घड़ी में जी-20 ने हिम्मत जुटाकर संबद्ध बागडोर अपने हाथों में लिया। इस समूह ने विनाश के कगार पर खड़े वैश्विक अर्थतंत्र को स्थिरता एव पुनरूथान की पटरी पर ला दिया है। 8 साल बाद आज वैश्विक अर्थतंत्र एक बार फिर एक कुंजीभूत दौर से गुजर रहा है। इस समय पूरी दूनिया में पिछले दौर की तकनीकी प्रगति से प्राप्त विकास का लाभ कम हो रहा है और नए दौर की प्रौद्योगिकीय एवं व्यावासायी क्रांति की प्रवृत्ति अभी भी प्रबल नहीं है। प्रमुख आर्थिक समुदाय के देश वृद्धावस्था वाले समाज में प्रविष्ट हो गये हैं। इन देशों में आबादी कम हो रही है। इससे विभिन्न देशों के अर्थतंत्र पर बड़ा दबाव पड़ गया है। यही नहीं, पूरी दुनिया में अर्थव्यवस्था में उठापटक भी देखने को मिल रही है। संरक्षणवाद, सिर्फ घरेलू फायदे पर ध्यान देने का रूझान फिर से पैदा हो गया है, बहुपक्षीय व्यापार-पद्धति को धक्का लगा है, वित्तीय निगरानी में सुधार-कार्य में प्रगति होने के बावजूद तरह-तरह की जोखिमवाली दिक्कतें भी सामने आ रही हैं। इन नकारात्मक तत्वों के कारण वैश्विक अर्थतंत्र का पुनरूथान आम तौर पर हो रहा है, तो भी विकास में ऊर्जा की कमी, मांग में गिरावट, वित्तीय बाजार में उतार-चढ़ाव, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार एवं निवेश की कमजोरी जैसी चुनौतियां भी मौजूद हैं।

    जी-20 समूह में दुनिया के प्रमुख आर्थिक समुदाय शामिल हैं। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय हम से बड़ी प्रतीक्षा और हांग जो शिखर सम्मेलन से बड़ी उम्मीद करता है। आशा है कि जी-20 का यह सम्मेलन वैश्विक अर्थतंत्र के लिए ऐसा एक नुस्खा लिखेगा, जो एकीकृत रूप से बाहरी और भीतरी दोनों स्तर पर उपचार कर सकें। इस तरह पूरी दुनिया में अर्थतंत्र मजूबत, टिकाऊ, संतुलित एवं समावेशी विकास की राह पर चल निकलेगा।

    पहला, हालिया चुनौती को ध्यान में रखते हुए हमें समग्र आर्थिक नीति के समन्वय को मजबूत करना चाहिए, साथ ही मिलकर वैश्विक आर्थिक विकास को आगे बढ़ाना चाहिए और वित्तीय स्थिरता की रक्षा करनी चाहिए। जी-20 के सदस्यों को अपने देश की वास्तविक स्थिति के अनुसार और चतुर्मुखी समग्र आर्थिक नीति अपनानी चाहिए। वित्तीय, मौद्रिक और ढांचागत सुधार की नीति का समन्वय करके वैश्विक जरूरतों का विस्तार करने की कोशिश करनी चाहिए, सप्लाई की गुणवत्ता का व्यापक सुधार करना चाहिए और आर्थिक विकास के आधार को मजबूत करना चाहिए। जी-20 के सदस्यों को नीतिगत समन्वय मजबूत करके कुप्रभाव स्पिलऑवर इफेक्ट (spillover effect) कम करना चाहिए।

    दूसरा, हालिया चुनौतियों का सामना करने के लिए हमें सृजन विकास के तरीके से प्रेरणा शक्ति की खोज करनी चाहिए। जी-20 को नीतिगत विचार बदलकर अल्पकालीन और मध्यम व दीर्घकालीन नीति को साथ मिलाकर मांग और सप्लाई पक्ष में सुधार साथ करना चाहिए। इस साल हमने जी20 के सृजन और विकास के ब्लूप्रींट(blueprint) पर सहमतियां हासिल कीं और नवाचार, ढांचागत सुधार, नये औद्योगिक क्रांति और डिजटल अर्थतंत्र आदि तरीकों से विश्व अर्थतंत्र के लिए नये रास्ते की खोज की और इसका विस्तार भी किया।

    तीसरा, हालिया चुनौतियों का सामना करने के लिए हमें वैश्विक आर्थिक निपटारे को परिपक्व करना चाहिए और प्रणाली गारंटी मजबूत करनी चाहिए। जी-20 को अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक वित्तीय प्रणाली को निरंतर परिपक्व करना चाहिए, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्था के निपटारा ढांचे को श्रेष्ठ बनाना चाहिए। हमें वैश्विक वित्तीय सुरक्षा नेट का परिपक्व करना चाहिए, वित्तीय निगरानी, अंतर्राष्ट्रीय टैक्स और भ्रष्टाचार विरोधी क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करना चाहिए और विश्व अर्थतंत्र के जोखिमों से मुकाबला करने की क्षमता को उन्नत करना चाहिए। इस साल हमने जी-20 के अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय ढांचागत कार्य दल का पुनःगठन किया। आशा है कि इस कार्य दल का काम आगे विकसित करता रहेगा और कारगरता को निरंतर उन्नत करता रहेगा।

    चौथा, हालिया चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए हमें खुले विश्व अर्थतंत्र का निर्माण करना चाहिए और व्यापार व पूंजी निवेश की स्वतंत्रता और सुविधा को आगे बढ़ाना चाहिए। जी-20 को नये संरक्षणवादी कदम न उठाने वाले वचनों का पालन करके पूंजी निवेश की नीति के समन्वय और सहयोग को मजबूत करना चाहिए। वास्तविक कार्यवाई से व्यापार के विकास को आगे बढ़ाना चाहिए। हमें बुनियादी संस्थापनों के आपसी संपर्क के प्रभाव और भूमिका का प्रसार करके विकासशील देशों और मध्यम व छोटे कारोबारों के वैश्विक मूल्य श्रृंखला में गहन रूप से भाग लेने में मदद देनी चाहिए, ताकि वैश्विक अर्थतंत्र के और खुलेपन, आवाजाही व मेल-मिलाप को आगे बढ़ाया जा सके।

    पांचवा, हालिया चुनौतियों को मद्देनज़र रखते हुए हमें 2030 अनवरत विकास कार्यक्रम का कार्यान्वयन करके समावेशी विकास को आगे बढ़ाना चाहिए। संबंधित आंकड़ों के अनुसार अब विश्व गिनी सूचकांक करीब 0.7 तक पहुंच गयी है, जो 0.6 के जोखिम रेखा को भी पार करती है। इसलिए हमें इस पर कड़ी नजर बनाए रखनी चाहिए। इस साल हमने विकास को जी20 कार्यक्रम के मुख्य स्थान पर रखा है और एक साथ 2030 अनवरत विकास कार्यक्रम की कार्यवाही योजना का समान कार्यान्वयन किया। साथ ही हम अफ्रीका और अविकसित देशों के औद्योगिकीकरण का समर्थन देने, ऊर्जा की इस्तेमाल दर को उन्नत करने, आम लोगों को वित्तीय समर्थन देने और युवाओं को सजृन करने में प्रोत्साहित करने आदि तरीकों से वैश्विक विकास की असमानता और असंतुलन को कम करेंगे, ताकि विभिन्न देशों की जनता एक साथ विश्व आर्थिक विकास की उपलब्धियों का समान उपभोग कर सकें।

    दोस्तों

    विश्व के विभिन्न देश जी-20 ग्रुप की प्रतिक्षा करते हैं। हमें इसका अच्छी तरह निर्माण करना चाहिए, ताकि विश्व आर्थिक समृद्धि और स्थिरता के आगे की दिशा का मार्गदर्शन किया जा सके।

    पहला, युग के साथ आगे बढ़ें, नेतृत्वकारी भूमिका निभाए। जी-20 ग्रुप को विश्व अर्थतंत्र की आवश्यकता के अनुसार संकट के मुकाबले से दीर्घकालिक शासन प्रणाली तक परिवर्तित करना चाहिए। महत्वपूर्ण और उल्लेखनीय मुद्दों को निपटाने के लिए जी-20 ग्रुप को नेतृत्वकारी भूमिका अदा करते हुए रणनीतिक दृष्टि दिखानी चाहिए, ताकि विश्व अर्थतंत्र के लिए दिशा और मार्गदर्शन दिखाया जा सके और विकास का रास्ता विस्तार किया जा सके।

    दूसरा, कथनी और करनी एक ही बनाएं, वास्तविक कदम उठाएं। हमें जी-20 ग्रुप को कार्य करने का दल बनाना चाहिए, न कि केवल कहने का स्थल। इस वर्ष हम अनवरत विकास, हरित बैंकिंग, क्षमता व कारगरता की उन्नति और भ्रष्टाचार विरोधी जैसे क्षेत्रों में कई कार्य योजनाएं बना सकेंगे। विभिन्न कार्यक्रम का ठोस रूप से कार्यान्वयन किया जाना जरूरी है।

    तीसरा, समान निर्माण और समान साझा करें, सहयोग के मंच की स्थापना करें। हमें जी-20 ग्रुप की प्रणाली के निर्माण को मज़बूत करना चाहिए, ताकि निरंतर और गहरा सहयोग बरकरार रखा जा सके। दूसरे की अच्छी राय सुनने के साथ-साथ विश्व के विभिन्न देशों, खासकर विकासशील देशों की आवाज़ें सुननी चाहिए। ताकि जी-20 ग्रुप के कार्यों में अधिक समावेश हो सके और विभिन्न देशों की जनता की मांग की अधिक प्रतिक्रिया दी जा सके।

    चौथा, समान प्रयास करें और साझेदारी भावना का प्रसार करें। हमारे बीच राष्ट्रीय स्थिति भिन्न-भिन्न है, हम विकास के अलग-अलग चरण में स्थित हैं और हमारे सामने मौजूद चुनौतियां भी अलग हैं। लेकिन आर्थिक वृद्धि को आगे बढ़ाना हमारी समान अभिलाषा है। हमारे बीच संकट और चुनौतियों के मुकाबले के समान हित मौजूद है और समान विकास का सपना भी मिलता-जुलता है। अगर हम एक ही नाव पर सवार होते हुए समान प्रयास करें, तो विश्व अर्थतंत्र की समुद्री लहरों से पार पा सकेंगे और भविष्य में वृद्धि का नया रास्ता जरुर खोज सकेंगे।

    दोस्तों,

    हांगचो शिखर सम्मेलन की तैयारी करने के दौरान, चीन ने खुले, पारदर्शी और समावेशी विचारधारा अपनाते हुए विभिन्न सदस्यों के साथ घनिष्ठ संपर्क और समन्वय कायम रखा हैं। हमने विभिन्न प्रकार की वार्ताओं का आयोजन किया और विभिन्न पक्षों की मांग भी सुनी।

    मैं आने वाले दो दिनों में विचार विमर्श के दौरान हमारी बुद्धि और शक्ति इक्ट्ठे करने की प्रतिक्षा में हूँ, ताकि हांगचो शिखर सम्मेलन से विश्व आर्थिक वृद्धि को आगे बढ़ाने, अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग मज़बूत करने और जी-20 ग्रुप के विकास को बढ़ाने वाला लक्ष्य साकार हो सके।

    हम हांगचो को नयी शुरुआत बनाएं, विश्व अर्थतंत्र के जहाज़ का नेतृत्व करते हुए छ्यानथांग नदी के तट पर से एक बार फिर यात्रा शुरु करें, आगे और विशाल समुद्र की ओर बढ़े।

    धन्यवाद

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