इन दिनों जी-20 का विषय खूब सुर्खियों में है। चाहे दुकान हो या टैक्सी, सभी की जुबान पर चीन में धरती पर स्वर्ग कहे जाने वाले हांगचो के जी20 सम्मेलन का नाम है।
हांगचो में होने वाला जी-20 सम्मेलन 11वां जी20 सम्मेलन होगा। इसका आयोजन 4 से 5 सितंबर 2016 को च्चयांग के हांगचो शहर में होगा। चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग पहली बार इसकी मेज़बानी करेंगे।
च्चयांग विश्वविद्यालय, वैश्विक मामलों के मंक स्कूल, टोरंटो विश्वविद्यालय और एशियाई अनुसंधान द्वारा इसी साल मार्च में "विजन 20: वैश्विक शासन की नई सीमाओं पर अंतर्राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन और वैश्विक शासन में सुधार और प्रणालीगत जोखिम को संबोधित: 2016 में जी-20 एक सक्रिय भूमिका कैसे ले सकता है" पर एक संगोष्ठी आयोजित की गई। जी-20 की बैठक और नेटवर्क का लक्ष्य दुनिया के हर कोने से विद्वानों को एकसाथ लाना है। इसके अलावा निम्नलिखित बिंदु भी लक्ष्य के रूप में देखे जा सकते हैं-
• जी-20 जलवायु परिवर्तन, सतत विकास और कम वित्तीय जोखिम के रूप में महत्वपूर्ण वैश्विक प्राथमिकताओं पर वास्तविक परिणामों को देने में मददगार कैसे हो सकता है?
• वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार और लचीलापन कैसे लाया जा सकता है?
• वैश्विक प्रणाली में सुधार की ओर सकारात्मक बदलाव शुरू करने के लिए उद्यमशील तरीके क्या हैं?
• उभरते और चालू परिवर्तन और आंतरिक सामाजिक प्राथमिकताओं के बीच सफल सहयोग कैसे सुनिश्चित कर सकते हैं?
जी-20 शिखर सम्मेलन को सफल बनाने के लिए चीन के नेतृत्व में एक बहुत सक्रिय भूमिका प्रदर्शित की जा रही है, जैसे- सुरक्षा के कड़े इंतजाम, हांगचो को स्वच्छ और हरित बनाना ही गर्मजोशी से स्वागत का संकेत है।
इस पर मेरे मन में एक सवाल घूम रहा है कि इस सम्मेलन में शामिल होने वाले 20 देशों के नेता, उन देशों के अर्थव्यवस्था, उद्योग और समृद्धि पर भी चर्चा करेंगे, जो इस सम्मेलन का हिस्सा नहीं हैं।
खैर, हमें उम्मीद है कि जी20 चीन और बाकी सभी देशों की समृद्धि बढ़ाने में कामयाब होगा।
(अखिल पाराशर)