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    आप की पसंद 160813
    2016-08-16 08:46:19 cri

    13 अगस्त आपकी पसंद

    पंकज - नमस्कार मित्रों आपके पसंदीदा कार्यक्रम आपकी पसंद में मैं पंकज श्रीवास्तव आप सभी का स्वागत करता हूं, आज के कार्यक्रम में भी हम आपको देने जा रहे हैं कुछ रोचक आश्चर्यजनक और ज्ञानवर्धक जानकारियां, तो आज के आपकी पसंद कार्यक्रम की शुरुआत करते हैं।

    अंजली – श्रोताओं को अंजली का भी प्यार भरा नमस्कार, श्रोताओं हम आपसे हर सप्ताह मिलते हैं आपसे बातें करते हैं आपको ढेर सारी जानकारियां देते हैं साथ ही हम आपको सुनवाते हैं आपके मन पसंद फिल्मी गाने तो आज का कार्यक्रम शुरु करते हैं और सुनवाते हैं आपको ये गाना जिसके लिये हमें फरमाईश पत्र लिख भेजा है .... मालवा रेडियो श्रोता संघ प्रमिलागंज

    आलोट से बलवंत कुमार वर्मा, राजुबाई माया वर्मा, शोभा वर्मा, राहुल, ज्योति, अतुल और इनके ढेर सारे मित्रों ने आप सभी ने सुनना चाहा है चोरी चोरी (1956) फिल्म का गाना जिसे गाया है मन्ना डे और लता मंगेशकर ने गीतकार हैं शैलेन्द्र और संगीत दिया है शंकर जयकिशन ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 1. ये रात भीगी भीगी ....

    पंकज - 43 सालों से एक पल नहीं सोए है ये शख्स, रात होते ही बढ़ जाता है एनर्जी लेवल

    सतना/जबलपुर. मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक शख्स 43 सालों से एक पल के लिए भी सोया नहीं है। आश्चर्य की बात है उन्हें कभी थकान भी महसूस नहीं होती और रात होते ही उनमें एनर्जी लेवल बढ़ जाता है। मेडिकल साईंस के लिए ये एक चुनौती बने हुए हैं।जानिए कौन हैं ये शख्स...

    -इस अजब-गजब शख्स का नाम है मोहनलाल द्विवेदी, जो रिटायर्ड ज्वाइंट कलेक्टर हैं।

    -जुलाई 1973 से आज तक वह एक पल के लिए न तो सोए और न ही उन्हें कभी थकान महसूस हुई।

    -इसी के साथ वह सूरज ढलने के बाद और अधिक स्फूर्तिवान हो जाते हैं। जब समूची दुनिया सोती है तो वह या तो पढ़ते रहते हैं अथवा उठकर टहलने लगते हैं।

    -सुबह 4 बजे से पूजा-पाठ में लग जाते हैं। 1997-98 में उन्होंने लोगों के दबाव में आकर मुम्बई के बॉम्बे हॉस्पिटल में चैकअप कराया। डाक्टरों से जब उन्होंने अपनी समस्या बताई तो सभी हैरान रह गए।

    - 10 दिनों तक 4 डाक्टरों की टीम ने उनका परीक्षण किया और अंत में सभी ने कहा कि जब आपको किसी तरह की परेशानी नहीं है तो फिर आप फिट हैं जाइए और अपना काम कीजिए, मेडिकल साइंस की किताबों में ऐसी किसी डिसीज के बारे में कोई जिक्र नहीं मिलता।

    अंजली – मित्रों हम समय समय पर ऐसी ही हैरतअंगेज़ घटनाओं से दो चार होते हैं, पूरी दुनिया में हमारे सामने ऐसी घटनाओं का अंबार लगा हुआ है, बस ज़रूरत है तो उसे ढूंढने की, हांलाकि मैंने ये भी सुना है कि गुजरात में एक व्यक्ति ने पिछले कई वर्षों से कुछ भी नहीं खाया है वो सिर्फ सुबह शाम उगते और डूबते सूर्य को कुछ मिनटों तक देखते हैं और अपने लिये जीवनशक्ति वो सूरज से ही लेते हैं, उनपर वैज्ञानिकों ने शोध भी किया और उसमें कहीं से कोई गलती नहीं पाई लेकिन ये बात वैज्ञानिकों की समझ से परे है कि वो सूर्य से ऐसा क्या पा लेते हैं जिससे उन्हें अपार ऊर्जा मिलती है। महाराष्ट्र की एक महिला के बारे में मैंने किसी अखबार के वेब पेज पर देखा था कि उन्हें कभी बिजली का करंट नहीं लगता, कुछ लोगों का शरीर चुम्बक की तरह काम करता है। ऐसी ही घटनाएं मन में कौतुहल पैदा कर देती हैं। इसी के साथ मैं उठा रही हूं कार्यक्रम का अगला पत्र जिसे हमें लिख भेजा है ग्राम महेशपुर खेम, ज़िला मुरादाबाद उत्तर प्रदेश से तौफ़ीक अहमद सिद्दीकी, अतीक अहमद सिद्दीकी,मोहम्मद दानिश सिद्दीकी और इनके ढेर सारे साथियों ने आप सभी ने सुनना चाहा है खूबसूरत (1999) फिल्म का गाना जिसे गाया है कुमार शानू और कविता कृष्णमूर्ति ने गीतकार हैं संजय छल और संगीत दिया है जतिन ललिल ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 2. मेरा इक सपना है ....

    पंकज - रेयरेस्ट केस है ये यानी विलक्षण मामला है

    -इकोनॉमिक्स से एमए की डिग्री हासिल करने के बाद मोहनलाल द्विवेदी 43 सालों के लंबे अंतराल में न तो कभी बीमार पड़े और न ही उन्हें कभी भी थकान महसूस हुई।

    -चिकित्सा विज्ञान के जानकारों को जब इस बात का पता चलता है तो इसे रेयरेस्ट केस बताकर कहते हैं कि यह तो बड़े वैज्ञानिक शोध का विषय है।

    रूद्राक्ष धारण करने से मिलती है शांति

    -वर्ष 2010 में संयुक्त कलेक्टर के पद से रिटायर्ड हो चुके मोहनलाल द्विवेदी कहते हैं कि एक बार मन में ऐसा डर आया कि बुढ़ापे में कहीं न सोने की वजह से तकलीफ न हो, लिहाजा उपचार की जितनी भी पैथी हैं सभी से दवा करा चुके हैं।

    -दवा लेने पर शरीर में दर्द तथा अन्य तरह की तकलीफ बढ़ जाती है। घर के लोगों ने तंत्रमंत्र, झाड़फूंक सब करा डाला।

    - ऐसा कोई उपाय करने पर मैं असामान्य हो जाता हूं, क्रोध आने लगता है। केवल रूद्राक्ष पहनने पर शांति मिलती है।

    -रीवा जिले के जनकहाई गांव में रहने वाले उनके पिता रामनाथ द्विवेदी भी कई सालों से केवल दो घंटे ही सोते हैं। पत्नी निर्मला द्विवेदी व बेटी प्रतिभा भी अन्य लोगों की अपेक्षा बहुत कम सोती हैं।

    लिम्बिक सिस्टम का खेल

    -किसी भी व्यक्ति का सोना-जगना, हंसना-रोना, भावुक होना या क्रोध करना दिमाग की एक ग्रंथि लिम्बिक सिस्टम से कंट्रोल होता है।

    -जानकार बताते हैं कि मेडिकल साइंस में ऐसी किसी भी बीमारी के बारे में उल्लेख नहीं मिलता कि कोई व्यक्ति इतनी लम्बी अवधि तक बगैर सोए न केवल जीवित है वरन पूरी तरह से स्वस्थ और इतनी उम्र हो जाने के बाद भी निरोग है।

    अंजली – श्रोता मित्रों अब मैं आपको सुनवाने जा रही हूं अगला गाना जिसके लिये हमें फरमाईशी पत्र लिख भेजा है कलेर बिहार से आसिफ़ ख़ान, बेगम निकहत परवीन, सदफ़ आरज़ू, बाबू अरमान आसिफ़ इनके साथ ही मदरसा रोड कोआथ से हाशिम आज़ाद, दुर्गेश दीवाना, डॉक्टर हेमंत कुमार, पिंटू यादव और बाबू साजिद ने आप सभी ने सुनना चाहा है मस्त (1999) फिल्म का गाना जिसे गाया है सोनू निगम, साधना सरगम और नितिन रायकवार ने गीतकार हैं नितिन रायकवार और संगीत दिया है संदीप चौटा ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 3. पूछो न यार क्या हुआ .....

    पंकज - सुनकर हैरानी होती है

    - डॉ. नरेंद्र शर्मा ने बताया कि कोई भी व्यक्ति 43 वर्षों से एक पल के लिए नहीं सोया, यह सुनकर हैरानी होती है।

    -मेडिकल साइंस में ऐसी किसी भी बीमारी अथवा उसके निदान के सम्बन्ध में उल्लेख नहीं मिलता है।

    -इस तरह के व्यक्ति पर एम्स दिल्ली अथवा पीजीआई लखनऊ जैसे रिसर्च इंस्टिट्यूट में गहन शोध होना चाहिए।

    पंकज - दुनिया में रोबोट की आबादी हो जाएगी इंसानों से भी ज्यादा

    टेक्सास।आने वाले दिनों में ह्यूमनोइड रोबोट की संख्या दुनिया में मनुष्यों से ज्यादा हो जाए तो आश्चर्य नहीं होगा। यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास की स्टडी में कहा गया है दुनिया के कई देशों में रोबोट बनाने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है।

    स्टडी करने वाले डॉ. लुईस सेंटिस ने चेताया कि इंडस्ट्रियल रोबोट फ्यूचर में खतरनाक हो सकते हैं। लेकिन ह्यूमनोइड रोबोट सुरक्षित होंगे। वैज्ञानिक लगातार काम कर रहे हैं कि इंसान स्मार्ट फोन से उन्हें संचालित कर सकेगा।

    पंकज - कभी सड़कों पर चलाते थे ठेला, आज 30 करोड़ टर्नओवर वाली कंपनी के मालिक

    इंदौर. गांव की सड़कों पर हाथ ठेला चलाते हुए उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि वे एक दिन 30 करोड़ के टर्न ओवर वाली कंपनी के मालिक बन जाएंगे। आज वे 1000 कारों वाली कंपनी के मालिक हैं। उनकी कंपनी में 150 से ज्यादा लोग काम कर रहे हैं।

    -यह कहानी है बेंगलुरु के पास गोपासंद्रा गांव के रहने वाले रेनुका आराध्य की।

    -प्रवासी कैब्स चलाने वाले रेनुका 29 जुलाई को शहर आए।

    -उन्होंने डेली कॉलेज में इंदौर मैनेजमेंट एसोसिएशन द्वारा आयोजित हुए वंस अपॉन ए टाइम- स्टोरीज़ ऑफ चैम्पियंस में शहर के एंटरप्रिन्योर को सक्सेस के फंडामेंटल्स बताए।

    अंजली – मित्रों आपको ऐसे बहुत सारे गुदड़ी के लाल मिल जाएंगे जिन्होंने अपनी जिंदगी की शुरुआत बहुत गरीबी में की लेकिन उन्होंने कभी अपने लक्ष्य से ध्यान नहीं हटाया, हर अवसर को स्वर्णिम बनाने की जुगत में लगे रहे, आर हिम्मत कभी नहीं हारी, शायद इसीलिये वो सफलता की सीढ़ियां चढ़ते गए। किसी ने कहा है कि गरीब पैदा होना कोई गुनाह नहीं है लेकिन अगर आप मरते समय भी गरीब रहते हैं तो इसमें आपका दोष है, इसलिये मित्रों कभी हिम्मत मत हारिये, हमेशा आगे बढ़ने के सपने ज़रूर देखिये ...क्योंकि वो सपने ही हैं जो हमें आगे बढ़ाते हैं और कामयाबी दिलाते हैं। इसी के साथ मैं उठा रही हूं कार्यक्रम का अगला पत्र जिसे हमें लिख भेजा है मुबारकपुर ऊंची तकिया, आज़मगढ़ उत्तर प्रदेश से दिलशाद हुसैन, फातेमा सोगरा, वकार हैदर, हसीना दिलशाद और इनके मित्रों ने आप सभी ने सुनना चाहा है बंदिनी (1963) फिल्म का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर ने गीतकार हैं शैलेन्द्र और संगीत दिया है सचिन देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 4. जोगी जब से तू आया मेरे द्वारे .....

    पंकज - गरीबी की चादर में बीता था रेणुका का बचपन

    -रेणुका का जन्म एक पुजारी परिवार में हुआ था। इनके घर की आर्थिक स्थिति इतनी ख़राब थी कि इन्हें दूसरों के घरों में नौकर का काम करना पड़ता था।

    -10वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद रेणुका ने भी पुजारी का काम शुरू कर दिया और साथ ही साथ एक बूढ़े आदमी के घर की देखभाल भी शुरू कर दी।

    -आगे की पढाई के लिए उनके पिता ने उन्हें शहर के एक आश्रम में भेज दिया। यहां उन्हें दिन में दो बार ही खाना मिलता था।

    -भूख की वजह से रेणुका पढाई अच्छे से नहीं कर पाए और फेल हो गए। इसलिए उन्हें वापस घर लौटना पड़ा।

    बचपन के बाद का समय भी रहा काफ़ी संघर्षशील

    -शहर से आते ही उनके पिता का देहांत हो गया। इसलिए घर की ज़िम्मेवारी उठाने के लिए इन्हें सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करनी पड़ी।

    -इसके बाद उन्होंने एक साल तक बर्फ और प्लास्टिक बनाने वाली फैक्ट्री में काम किया। फिर वो बैग ट्रेडिंग की कंपनी में जॉब करने लगे।

    -इसके बाद उन्होंने खुद का सूटकेस कवर का धंधा शुरू किया। इस धंधे में उन्हें 30 हज़ार का नुकसान हुआ, ये नुकसान उन्हें फिर से सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी पर ले आया।

    अंजली – श्रोता मित्रों कार्यक्रम का अगला गीत सुनवाने के लिये हमें फरमाईशी पत्र लिख भेजा है धनौरी तेलीवाला, हरिद्वार उत्तराखंड से निसार सलमानी, समीना नाज़, सुहैल बाबू और इनके परिजनों ने आप सभी ने सुनना चाहा है लाखों में एक फिल्म (1971) फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार और लता मंगेशकर ने गीतकार है आनंद बख्शी और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं ------

    सांग नंबर 5. जोगी ओ जोगी प्यार में क्या होगा .....

    पंकज - बचत के पैसों से अपनी खुद की एक कार खरीदी

    -इस काम से ऊब कर उन्होंने इसे भी छोड़ दिया फिर कार ड्राइविंग का फैसला किया।

    -रिश्तेदार की मदद से इन्होंने कार ड्राइविंग सीखी और काम शुरू कर दिया। इसके बाद उन्हें एक बड़ी कंपनी में ड्राइवर की जॉब मिल गयी।

    -फिर उन्होंने बचत के पैसों से अपनी खुद की एक कार खरीदी और 'सिटी सफारी' नाम से एक कंपनी की शुरुआत की।

    -एक साल के बाद रेणुका ने छह लाख में 35 कैब्स वाली एक और कंपनी को खरीद लिया।

    इंटरनेशनल कंपनियां भी अब कर रही प्रोमोट

    -रेणुका के लाइफ में टर्निंग पॉइंट तब आया जब उन्हें प्रमोशन के लिए अमेजॉन इंडिया ने चुना।

    -इसके बाद उनका करार वालमार्ट, जनरल मोटर्स और बड़ी-बड़ी कंपनियों के साथ होने लगा।

    -आज 150 एम्पलाइज के साथ इनकी कंपनी का टर्नओवर 30 करोड़ से भी ज़्यादा है।

    -इसके अलावा किसी महिला को ड्राइवर बनाने में या उन्हें खुद की कार खरीदने में रेणुका 50 हज़ार रुपए तक की सहायता भी करते हैं।

    अंजली – कार्यक्रम में अगला पत्र लिखा है दीपक उदयभान ठाकरे और इनके परिजनों ने नवीन रेडियो श्रोता संघ गुरैया ढाना, रानीकामठ रोड छिंदवाड़ा, मध्यप्रदेश से आप सभी ने सुनना चाहा है डॉन (1978) फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार और लता मंगेशकर ने गीतकार हैं अंजान और संगीत दिया है कल्याणजी आनंदजी ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 6. जिसका मुझे था इंतज़ार ....

    पंकज – तो मित्रों इसी के साथ हमें आज का कार्यक्रम समाप्त करने की आज्ञा दीजिये अगले सप्ताह आज ही के दिन और समय पर हम एक बार फिर आपके सामने लेकर आएंगे कुछ नई और रोचक जानकारियां साथ में आपको सुनवाएँगे आपकी पसंद के फिल्मी गीत तबतक के लिये नमस्कार।

    अंजली - नमस्कार।

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