हाल में भारत के टाटा समूह ने स्टारबक्स कॉफ़ी के साथ सहयोग करना शुरू किया। स्टारबक्स अपने अमेरिका की दुकानों में टाटा के कॉफी उत्पादकों को आयातित करेगा और अपने सिंगापुर की दुकानों में टाटा के हिमालय मिनरल वॉटर भी शामिल करेगा।
जबकि स्टारबक्स टाटा ग्रुप की मदद से भारतीय बाजार में प्रवेश करेगा और अपने टीवाना चाय व्यवसाय का विकास करेगा। यह स्टारबक्स द्वारा पहली बार भारत के श्रेष्ठ कॉफी उत्पादकों को अमेरिका में आयातित किया गया है। साथ ही इस विश्व का सबसे बड़ा कॉफी रिटेलर्स के भारत में चाय ब्रांड का विकास करने का पहला कदम होगा।
परिचय के अनुसार, साल 2012 में पहली कॉफी दुकान खुलने के बाद भारत स्टारबक्स का सबसे तेज विकास करने वाला बाजार बन चुका है। इसके बाद भारत में स्टारबक्स श्रृंखला भारत के 6 शहरों के 84 क्षेत्रों में फैले हैं। स्टारबक्स ने कहा कि भारत अपने पांच बड़े कॉफी बाजारों में से एक बनेगा और अंततः अमेरिकी बाजार से भी और ज्यादा होगा।
चीन और एशिया प्रशांत के बाजारों में स्टारबक्स ने अपनी कुल आय के करीब 13 प्रतिशत कमाये। इस वित्तीय वर्ष में स्टारबक्स ने 900 नये क्षेत्रों में नयी दुकानें खोलेंगी। जिनमें 700 अमेरिका में होंगी, जबकि बाकी 200 यूरोप, मध्य पूर्व व अफ्रीका में होंगी।
चीन में स्टारबक्स की दुकानों की संख्या 2000 से ज्यादा तक पहुंच गई है। इतना ही नहीं, हर साल स्टारबक्स कंपनी चीन में करीब 500 नयी दुकानें भी खोलती है। लेकिन भारत में स्टारबक्स के चार सालों के विकास में बाजार बढ़ने की गति चीन की तुलना में और तेज हुई है।
विदेशी पूंजी निवेशकों के लिए भारत अभी भी एक जटिल बाजार है, जहां मौका व चुनौती साथ रहती है। रिटेलर्स के लिए पुराना श्रमिक कानून, जटिल नियमावलियां, सीमित उच्च गुणवत्ता रिटेलर्स आदि रिटेलर्स के लिए अति महत्वपूर्ण है। लेकिन भारतीय रिटेलर्स बाजार ने 1 खरब अमेरिकी डॉलर का मूल्य दिखाया है। इस क्षेत्र में विकास की भारी निहित शक्ति है।