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    आपका पत्र मिला 2016-06-15
    2016-07-19 15:54:24 cri

    अनिल:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल का नमस्कार।

    हैया:सभी श्रोताओं को हैया का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अनिल:दोस्तो, पहले की तरह आज के कार्यक्रम में हम श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। इसके बाद एक श्रोता के साथ हुई बातचीत के मुख्य अंश पेश किए जाएंगे।

    चलिए श्रोताओं के पत्र पढ़ने का सिलसिला शुरू करते हैं। पहला पत्र हमें आया है, उड़ीसा से हमारे मॉनिटर सुरेश अग्रवाल जी का। उन्होंने लिखा है......

    केसिंगा दिनांक 1 जून को ताज़ा अन्तर्राष्ट्रीय समाचारों के बाद मैडम श्याओ यांग द्वारा पेश साप्ताहिक "विश्व का आइना" के तहत आज भारतीय मूल के विश्वप्रसिध्द कण्डक्टर जुबिन मेहता की कहानी बहुत ही सूचनाप्रद लगी। 29 अप्रैल 1936 को भारत के मुम्बई शहर में एक संगीतकार के घर पैदा हुए जुबिन मेहता को संगीत विरासत में मिला है। संगीत के प्रति गहरा प्यार होने की वजह से ही मेहता ने कॉन्सर्ट के तरीके से अपने जन्मदिन मनाया। अप्रैल के मध्य से मेहता ने इजराइली फिलहारमोनिक आर्केस्ट्रा दल का नेतृतव कर इजराइल के तेल अवीव और अपनी जन्मभूमि मुम्बई में तीन बार कॉन्सर्ट का आयोजन किया। और जन्मदिन यानी 29 अप्रैल को उन्होंने संगीत राजधानी वियना में वियना फिलहारमोनिक आर्केस्ट्रा दल के साथ अभिनय किया।

    मेहता और इजराइली फिलहारमोनिक आर्केस्ट्रा दल के बीच पचास वर्षों का सहयोग है। 1961 में मेहता पहली बार इजराइली फिलहारमोनिक आर्केस्ट्रा दल के संगीत कंडक्टर बने। 1969 में वे दल के संगीत सलाहकार बने, 1977 में प्रथम कंडक्टर बने और 1981 में आजीवन संगीत निदेशक बने। पिछले 47 सालों में मेहता हर साल तीन से चार महीने के लिए इजराइल में रहते हैं, इसलिए इजराइल उनका दूसरा घर है। उनके अनुसार,यहां मुझे घर की तरह आराम मिलता है। कारण यह है कि यहां संगीत के क्षेत्र में मेरे परिजन हैं और साथ ही वफादार श्रोता भी हैं।

    चीनी दर्शकों के लिए जुबिन मेहता का नाम परिचित है। वे कई बार इजराइली फिलहारमोनिक आर्केस्ट्रा दल का नेतृत्व कर चीन में अभिनय करने आ चुके हैं। 1998 में मेहता और चीनी डायरेक्टर चांग ईमो ने पेइचिंग के थाई मंदिर में ऑपेरा तुरांतोट का प्रदर्शन किया, जिसे लोगों ने बहुत सराहा। 2015 में मेहता ने पेइचिंग के राष्ट्रीय थिएटर में ओपेरा का निर्देशन किया।

    फिलिस्तीन-इजराइल मुठभेड़ की पृष्ठभूमि में मेहता आशा करते हैं कि संगीत से लोगों को शक्ति दी जा सकेगी और शांति सूचना प्रदान दी जा सकेगी। मेहता ने कहा कि वे इजराइल की नीति पर पूरी रूप से सहमत नहीं हैं। लेकिन उनके दर्शकों की राय शायद उनसे अलग है। लेकिन उन्हें संगीत और संगीत द्वारा भेजी गयी सूचना की जरूरत है। दो साल पहले इजराइल व गाजा सैन्य मुठभेड़ की याद करते हुए मेहता ने कहा,दो साल पहले जब गाजा से रॉकेट दागे जाते थे, हर रात को हम कॉन्सर्ट का आयोजन करते थे। हर रात को लोग कॉन्सर्ट देखने आते थे। हवाई हमला होने पर हम शो स्थगित करते थे।

    भारतीय पासपोर्ट होने के चलते मेहता जोर्डन नदी के पश्चिमी तट क्षेत्र जा सकते हैं और वहां के फिलिस्तीनी संगीतकारों के साथ आदान प्रदान करते हैं। इसके अलावा वे इजराइली मूल वाले अरबी लोगों की संगीत शिक्षा में भी सक्रिय रहे हैं। उनके अनुसार,मैंने उत्तरी इजराइल में एक कोष की स्थापना की। करीब 150 अरबी छात्र वहां सीख रहे हैं। हमारे संगीतकार हर महीने वहां जाकर छात्रों को सिखाते हैं। मेरा सपना है एक दिन इजराइली मूल के अरबी लोग यहां अभिनय करेंगे। मेहता का मानना है कि फिलिस्तीन-इजराइल शांति को साकार करने के लिए दोनों पक्षों के इरादे की जरूरत है। उन्होंने कहा,इजराइल व फिलिस्तीन के युवकों को इसी तरह प्रयास करना चाहिए। दोनों देशों के युवक इंटरनेट और सोशल मीडिया के जरिए आदान प्रदान कर सकते हैं। वे परिवर्तन लाने में सक्षम हैं। सही मायने में जुबिन मेहता जैसे संगीत-साधक पूरे विश्व की विरासत हैं और उन्हें किसी देश- काल के दायरे में नहीं रखा जा सकता।

    हैया:आगे सुरेश जी लिखते हैं......कार्यक्रम में आगे चीन-भारत प्राचीन सम्बन्धों के उल्लेख के साथ सुप्रसिध्द चीनी उपन्यास "पश्चिम की तीर्थयात्रा" की लोकप्रियता तथा उस पर आधारित विश्व की विभिन्न भाषाओं में निर्मित टीवी धारावाहिकों की जानकारी के अलावा बीबीसी की उस ख़बर का ज़िक्र किया जाना भी अच्छा लगा, जिसमें वैज्ञानिकों द्वारा ख़ोज़े गये उन तीन ग्रहों की जानकारी दी गई थी कि वहां का वातावरण पृथ्वी जैसा होने के कारण वहां जीवन की सम्भावना है। धन्यवाद आज की इस ज्ञानवर्द्धक प्रस्तुति के लिये।

    कार्यक्रम "आपका पत्र मिला" का आज का अंक भी सामान्य रहा। विभिन्न कार्यक्रमों पर श्रोताओं की प्रतिक्रियाओं के बाद एक श्रोता से हुई बातचीत क्रम में रतलाम, मध्यप्रदेश के श्रोता बलवन्त कुमार वर्मा से ली गई भेंटवार्ता यद्यपि, उज्जैन में आयोजित सिंहस्थ कुम्भ मेले समय ही प्रसारित की जा चुकी थी, फिर भी उनकी बातें अच्छी लगीं। वैसे बेहतर होता, यदि पुनर्प्रसारण में कुछ अन्तराल रखा जाता। धन्यवाद।

    अनिल:सुरेश अग्रवाल जी, हमें पत्र भेजने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। चलिए, अगला पत्र मेरे हाथ आया है पश्चिम बंगाल से रविशंकर बसु जी का। उन्होंने लिखा है...... सोमवार,30 मई को पंकज श्रीवास्तव जी द्वारा पेश किये गए दुनिया भर के ताज़ा समाचार सुनने के बाद साप्ताहिक "आर्थिक जगत", "सी आर आई भ्रमण"और "जीवन के रंग" प्रोग्राम सुना।

    आज "आर्थिक जगत" कार्यक्रम में ललिता जी ने इस साल चीन में होने वाले जी 20 शिखर सम्मेलन को लेकर एक रिपोर्ट पेश की। मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है कि इस साल चीन ग्यारहवे जी 20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा जो 4 और 5 सितंबर को दक्षिण-पूर्वी चीन के चच्यांग प्रांत की राजधानी हांगचो में आयोजित होगा। जी-20 एक अनौपचारिक मंच है। इस संगठन की स्थापना 1999 में की गई थी जिसका मुख्य उद्देश्य समूची वैश्विक अर्थव्यवस्था में प्रणालीबद्ध महत्वपूर्ण औद्योगिक सुधार करना है और सभी विकासशील देशों की अर्थव्यवस्थाओं को एकसाथ लाने के लिए इसके सम्मेलनों में महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करना है। यह संगठन विश्व के विभिन्न भू-भागों, उनकी अर्थव्यवस्था और उनके सकल वार्षिक उत्पादन आदि से भी जुड़ा हुआ है। अब जी-20 के 20 सदस्य देश हैं, जिनमें चीन, भारत, अमेरिका, जर्मनी, रूस और ब्राजील शामिल हैं।

    रिपोर्ट में बताया गया है कि इस बार की जी 20 शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए हांगचो शहर ने पिछले साल से भवन निर्माण, पर्यावरण सुधार और सुरक्षा गारंटी की तैयारियां शुरू कर दी हैं। पर्यावरण सुधार परियोजना भी समाप्त होने वाला है।जी-20 शिखर सम्मेलन का स्वागत करने के लिए हांगचो शहर के पश्चिम भाग में स्थित पश्चिमी झील यानी वेस्ट लेक पर्यटन क्षेत्र में रात की रोशनी को और सुंदर बनाने की परियोजना लागू की गई। इसके अलावा, पश्चिमी झील के दक्षिणी इलाके में खड़े पहाड़ों पर पहली बार प्रकाश नियंत्रण व्यवस्था स्थापित की गई है। योजनानुसार सभी पर्यावरण का सुधार, यातायात व बुनियादी संरचनाओं व स्टेडियमों की मरम्मत व सुधार कार्य सब जून के अंत से पहले पूरा होगा। चीनी विदेश मंत्री वांग यी के अनुसार चीन ने सृजन और जीवन शक्ति भरे समावेशी भूमंडलीय अर्थतंत्र का निर्माण मौजूदा शिखर सम्मेलन की प्रमुख थीम बनाई है।उन्होंने कहा कि जी 20 के अध्यक्ष देश के रूप में चीन विश्व आर्थिक पुनरुत्थान के लिए और अधिक सक्रिय भूमिका निभाने को तैयार है।चीन विभिन्न पक्षों के साथ मिलकर इन मुद्दों के निपटारे के लिए समान प्रस्ताव खोजने और अपनी बुद्धि का योगदान करने को तैयार है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी 20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीनी शहर हांगचो जाएंगे। मुझे आशा है कि इन बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग को दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संवाद जारी रखने का मौका मिलेगा जो लोगों के बीच आदान प्रदान बढ़ाने में मदद करेंगे।

    जी 20 शिखर सम्मेलन के अलावा ललिता जी ने चीन की एक पट्टी एक मार्ग' वाली पहल यानी One Belt One Road के बारे में और एक रिपोर्ट पेश की जो मुझे बहुत ही महत्वपूर्ण लगी। चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने वर्ष 2013 के सितंबर और अक्तूबर में "एक पट्टी एक मार्ग " की रणनीतिक अवधारणा पेश की,जिसका मुख्य उद्देश्य है वहां स्थित विभिन्न देशों की समृद्धि और क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग को मजबूत करना।"एक पट्टी एक मार्ग" रणनीति पेश करने के बाद चीन सक्रियता से इसे बढ़ावा देता है, दुनिया के बहुत से देश भी इसमें भाग ले रहे हैं। हाल ही में चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि "एक पट्टी एक मार्ग" रणनीति एशियाई और यूरोपीय देशों और जनता की समान इच्छा है, जो विश्व विकास और प्रगति के रुझान के अनुरूप है। इसमें व्यापक उपलब्धियां प्राप्त हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि अब तक 70 से अधिक देशों और संगठनों ने "एक पट्टी एक मार्ग" रणनीति का समर्थन किया है और इसमें भाग लिया है। 34 देशों और अन्तरराष्ट्रीय संगठनों ने चीन के साथ सरकारों के बीच सहयोग समझौता संपन्न किया है। वांग यी ने कहा कि चीन ने 20 देशों के साथ उत्पादन सहयोग समझौता संपन्न किया है। अब तक चीन द्वारा स्थापित उत्पादन सहयोग कोष की राशि 1 खरब अमेरिकी डॉलर से भी अधिक है। चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे की कुछ मुख्य परियोजनाओं का निर्माण शुरू हो चुका है। नए यूरेशियाई भूमि पुल आर्थिक गलियारे और बांग्लादेश-चीन-भारत-म्यांमार आर्थिक गलियारे का निर्माण भी सुचारु रूप से चल रहा है।

    मैं आशा करता हूं कि संशयों को छोड़कर इस नए रेशम मार्ग की पहल पर भारत भी सक्रिय रूप से भागीदार होगी ताकि चीन के साथ हमारे देश के संपर्क और समन्वय मज़बूत हो सकें। चीन की वृहद सिल्क रोड परियोजनाओं में हमारे देश की भागीदारी के माध्यम से न केवल हमारे दोनों देशों के जनता को बल्कि एशिया और पूरे विश्व को सकारात्मक लाभ मिलेगी।

    हैया:आगे बसु जी लिखते हैं...... आज "सी आर आई भ्रमण" कार्यक्रम में रूपा जी ने चीन में ग्रामीण क्षेत्र में पर्यटन उद्योग से गरीबी उन्मूलन संबंधी एक रिपोर्ट हमें सुनाई। रिपोर्ट के अनुसार,चीन वर्ष 2015 से 2020 तक पर्यटन के विकास के जरिए 1 करोड़ 20 लाख गरीब लोगों को गरीबी से निकालेगा।वर्ष 2016 में पर्यटन के पूंजीनिवेश में निरंतर वृद्धि होने लगी है। अनुमान है कि पूरे वर्ष की पूंजीनिवेश रकम 12.5 खरब युवान तक रहेगी। वर्ष 2020 तक पर्यटन उद्योग पूंजीनिवेश की कुल राशि बीस खरब युआन तक रहेगी। चीन में वर्ष 2020 से पहले कुल 1.5 लाख ग्रामीण पर्यटन केंद्र , तीस लाख ग्रामीण पर्यटन घर स्थापित किये जाएंगे और दस लाख गरीब जनसंख्या को सम्पन्न बनाया जाएगा। वर्तमान में चीन में सात करोड़ गरीब आदमी हैं। चीनी राजकीय पर्यटन ब्यूरो और चीनी राज्य परिषद के गरीबी उन्मूलन कार्यालय ने संयुक्त रूप से यह निर्णय किया है कि 13वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान चीन, ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन के विकास से 17 प्रतिशत लोगों की गरीबी दूर करेगा।

    इस तथ्य तथ्य से मुझे लगता है कि चीन में आर्थिक विकास और लोगों की आय में वृद्धि होने के चलते खपत ढांचे में परिवर्तन आया है और ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन उद्योग का तेज विकास हो रहा है। ग्रामीण पर्यटन गरीबी उन्मूलन का एक अहम माध्यम बन गया।चीन की 13वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान पर्यटन से गरीबी उन्मूलन करने की रूपरेखा को मैं स्वागत करता हूं।

    आज साप्ताहिक "जीवन के रंग" कार्यक्रम में वनिता जी ने गर्मियों में वर्कआउट के दौरान कुछ सावधानियां बरतने के बारे में बताया। धन्यवाद।

    हैया:अब सुनिए दुबई से हमारे श्रोता दोस्त जौहर अजीज जी के साथ हुई बातचीत।

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    अनिल:दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल और हैया को आज्ञा दीजिए, नमस्कार।

    हैया:गुडबाय।

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