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    आप की पसंद 160709
    2016-07-18 09:42:38 cri

    09 जुलाई आपकी पसंद

    पंकज - नमस्कार मित्रों आपके पसंदीदा कार्यक्रम आपकी पसंद में मैं पंकज श्रीवास्तव आप सभी का स्वागत करता हूं, आज के कार्यक्रम में भी हम आपको देने जा रहे हैं कुछ रोचक आश्चर्यजनक और ज्ञानवर्धक जानकारियां, तो आज के आपकी पसंद कार्यक्रम की शुरुआत करते हैं।

    अंजली – श्रोताओं को अंजली का भी प्यार भरा नमस्कार, श्रोताओं हम आपसे हर सप्ताह मिलते हैं आपसे बातें करते हैं आपको ढेर सारी जानकारियां देते हैं साथ ही हम आपको सुनवाते हैं आपके मन पसंद फिल्मी गाने तो आज का कार्यक्रम शुरु करते हैं और सुनवाते हैं आपको ये गाना जिसके लिये हमें फरमाईश पत्र लिख भेजा है ....चंदा चौक अंधराठाढ़ी, ज़िला मधुबनी, बिहार से भाई शोभीकांत झा सज्जन, मुखियाजी हेमलता सज्जन और इनके परिजनों ने साथ ही हमें पत्र लिखा है मेन रोड मधेपुर, ज़िला मधुबनी, बिहार से प्रमोद कुमार सुमन, रेनू सुमन और इनके मित्रों ने आप सभी ने सुनना चाहा है तीन देवियां फिल्म (1965) का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार और आशा भोंसले ने गीतकार हैं मजरूह सुल्तानपुरी, संगीत दिया है सचिन देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 1. अरे यार मेरी तुम भी हो ग़ज़ब .....

    पंकज - भारत ने एक साथ 20 उपग्रह अंतरिक्ष में पहुँचाए

    भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बुधवार सुबह पीएसएलवी सी34 के ज़रिए एक साथ 20 उपग्रहों को अंतरिक्ष में पहुँचा दिया है.

    आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन केंद्र से यह प्रक्षेपण किया गया.

    प्रक्षेपण के बाद इसरो के चेयरमैन एस किरण कुमार ने कहा कि पीएसएलवी सी 34 ने अपना काम पूरा कर दिया है.

    यह पहली बार है कि भारत ने एक साथ 20 उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजा है. इससे पहले ऐसा केवल अमरीका और रूस ही कर पाए हैं.

    विज्ञान पत्रकार पल्लव बागला के मुताबिक इस अभियान की 10 ख़ास बातें इस तरह हैं:

    1. जो उपग्रह अतंरिक्ष में भेजे गए हैं उनमें भारत के तीन और 17 विदेशी उपग्रह हैं.

    2. पीएसएलवी के जरिए 36वीं बार उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजा है.

    3. इससे पहले इसरो ने पीएसएलवी के ज़रिए 2008 में दस उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजा था.

    4. पीएसएलवी जिन 17 विदेशी उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजा है वो व्यावसायिक हैं, जिनसे इसरो को कमाई होगी.

    5. इनमें से 13 उपग्रह अमरीका के हैं. बाकी के उपग्रह कनाडा, इंडोनेशिया और जर्मनी के हैं।

    अंजली – श्रोता मित्रों मैंने आपको इससे पहले एक बहुत ही मधुर और फड़कता हुआ गीत सुनवाया था मुझे उम्मीद है कि वो गीत आपको पसंद आया होगा, अब मैं आपको आपकी ही पसंद का कार्यक्रम का अगला गीत सुनवाना चाहती हूं जो मुझे उम्मीद है कि आपको पसंद आएगा। इसी के साथ मैं उठा रही हूं कार्यक्रम का अगला पत्र जिसे हमें लिख भेजा है ग्राम, मुसाफिरगंज, पोस्ट गजाधर गंज, ज़िला बक्सर, बिहार से सरफुद्दीन अंसारी, हैदर अंसारी और इनके ढेर सारे मित्रों ने आप सभी ने सुनना चाहा है कुदरत (1981) फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार और एनिटी पिंटो ने गीतकार हैं मजरूह सुल्तानपुरी और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं ------

    सांग नंबर 3. छोड़ो सनम काहे का ग़म .....

    6. पंकज - एक उपग्रह जानी-मानी कंपनी गूगल का है. यह एक भू-सर्वेक्षण उपग्रह है.

    7. अमरीका के इतने उपग्रहों को एक बार में अंतरिक्ष में भेजने से बेहतरीन भारत-अमरीका संबंधों का संकेत मिलता है.

    8. पीएसएलवी भारत का अपना बनाया हुआ रॉकेट है. यह 44 मीटर ऊंचा है यानी सात मंज़िला इमारत से भी अधिक ऊंचा.

    9. प्रक्षेपण के समय इसका वज़न क़रीब 320 टन होता है.

    10. इसरो ने मंगलयान और चंद्रयान को पीएसएलवी के जरिए ही अंतरिक्ष में भेजा था.

    पंकज - प्लेन ट्रैवल से जुड़े 10 MYTH, जिन्हें आज तक सच मानते होंगे आप

    प्लेन का नेविगेशन सिस्टम प्रभावित न हो, इसके लिए कई सालों तक पैसेंजर्स को टेक-ऑफ और लैंडिंग के दौरान मोबाइल बंद करने को कहा जाता था। हालांकि, 2014 में क्वान्टास और वर्जिन एयरलाइंस ने पैसेंजर्स को इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस यूज करने की इजाजत दे दी थी। इन एयरलाइंस कंपनियों ने सिविल एविएशन सेफ्टी अथॉरिटी इसका अप्रूवल लिया था।

    अंजली – श्रोता मित्रों, वैसे हम कई बातों को लेकर किसी न किसी मिथक के शिकार होते हैं, लेकिन आज की दुनिया में जहां पर संचार और जानकारी के ढेर सारे साधन मौजूद हैं वहां पर हम अपने मन में पल रहे भ्रम और मिथक को तोड़ कर सच्चाई का पता आसानी से लगा सकते हैं। हालांकि हवाई जहाज़ से जुड़े अब भी कई मिथक जानकारी के अभाव में लोगों के मन में घर किये हुए हैं। लेकिन मेरा तो ये कहना है कि अगर हमारे मन में किसी भी तरह का मिथक हो तो उसके बारे में हमें अपने मित्रों और उस विषय के जानकारों से बातें करनी चाहिए जिससे हमें पता चल सके कि वाकई में सच्चाई क्या है, खैर इसी के साथ मैं उठा रही हूं कार्यक्रम का अगला पत्र जिसे हमें लिख भेजा है कापशी रोड अकोला, महाराष्ट्र से ज्योतिताई बाकड़े, संतोष राव बाकड़े, दिपाली बाकड़े, पवन कुमार बाकड़े और पूरा बाकड़े परिवार, आप सभी ने सुनना चाहा है आम्रपाली (1966) फिल्म का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर ने गीतकार हैं शैलेन्द्र, संगीत दिया है शंकर जयकिशन ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 4. तुम्हें याद करते करते जाएगी रैन सारी .....

    पंकज - प्लेन जर्नी से जुड़े कई ऐसे मिथ हैं, जिन्हें लोग आज भी सच मानते हैं।Myth:टॉयलेट की गंदगी को पायलट आसमान से ही नीचे फेंक देता है। REALITY :टॉयलेट की गंदगी प्लेन में बने एक टैंक में जमा होती है, जिसे लैंडिंग के हटाया जाता है।

    - इस टैंक को खोलने वाला लीवर प्लेन के बाहरी हिस्से में लगा होता है।

    - इसलिए, हजारों फीट की ऊंचाई पर पायलट चाहकर भी पैसेंजर्स की गंदगी वाला टैंक खाली नहीं कर सकता।

    - कई बार आसमान से 'ब्लू आइस' गिरने की खबरें आती हैं, जिन्हें प्लेन से फेंका गया ह्यूमन वेस्ट बताया जाता है।

    - हालांकि ये सच है कि प्लेन के टॉयलेट को नीले रंग के केमिकल से ट्रीट किया जाता है, लेकिन इसे आसमान से डंप नहीं किया जाता।

    Myth:अगर आप प्लेट की टॉयलेट सीट पर बैठकर फ्लश चलाएंगे तो आप नीचे की तरफ़ खिंच जाएंगे। REALITY : कहा जाता है कि फ्लश चलाने के दौरान टॉयलेट काफी प्रेशर से अंदर की ओर खींचता है। ये सच नहीं है।

    - हां, अगर आपकी बॉडी शेप टॉयलेट सीट के अनुकूल नहीं है, तो फंसने के चांस जरूर हैं।

    Myth:ऑक्सीजन मास्क लगाने से नशा होता है। REALITY : ज्यादा ऊंचाई पर ऑक्सीजन लेवल कम होने पर केबिन प्रेशर कम हो सकता है। इस कंडीशन में ऑक्सीजन मास्क पैसेंजर को सांस लेने में मदद करता है।

    - इतनी देर में पायलट प्लेन को लो एल्टीट्यूड पर ले आता है, जहां ऑक्सीजन कंडीशन बेहतर होती है।

    Myth:प्लेन की हवा दूषित होती है। REALITY : कई लोगों का मानना है कि प्लेन बंद रहता है जिस कारण इसकी हवा में जर्म्स रहते हैं।

    - सच्चाई यह है कि प्लेन में फिल्टर्ड एयर सर्कुलेट होती है और यह किसी दूसरे भीड़ वाली जगह से ज्यादा साफ होती है।

    - इंजन और कंप्रेशर सेक्शन से प्लेन में हवा सप्लाई की जाती है। पहले एयर को ठंडा किया जाता है और फिर इंजन से आने वाली एयर के साथ मिक्स करके फिल्टर किया जाता है।

    अंजली – मित्रों अब हम आपका अगला पत्र उठा रहे हैं जिसे हमें लिख भेजा है ग्राम महेशपुर खेम, जिला मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश से तौफीक अहमद सिद्दीकी, अतीक अहमद सिद्दीकी मोहम्मद दानिश सिद्दीकी और इनके साथियों ने आप सभी ने सुनना चाहा है फिल्म मेरा साया (1966) का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर ने गीतकार हैं राजा मेहंदी अली ख़ान, संगीत दिया है मदन मोहन ने और गीत के बोल हैं ------

    सांग नंबर 5. मेरा साया साथ होगा ....

    पंकज - Myth:उड़ते प्लेन का दरवाज़ा खोलेंगे तो बाहर की तरफ़ खिंच जाएंगे। REALITY : उड़ते जहाज के अंदर प्रेशर इतना ज्यादा होता है कि ऐसा करना असंभव है।

    - हाई प्रेशर के कारण उड़ान के दौरान प्लेन का दरवाजा नहीं खोला जा सकता।

    Myth:बिजली गिरने से प्लेन क्रैश हो जाएगा। REALITY :हर साल एक कमर्शियल प्लेन पर आसमानी बिजली गिरती है। लेकिन 1967 के बाद इस वजह से एक भी प्लेन नहीं गिरा।

    - एयरक्राफ्ट्स को बनाने के दौरान सेफ्टी टेस्ट से गुजारा जाता है, जिसमें बॉडी पर एक्स्ट्रीम करंट का असर जांचा जाता है।

    Myth:प्लेन में शराब ज्यादा चढ़ती है।REALITY :साइंटिफिक टेस्ट में पाया गया है कि हाई एल्टीट्यूड पर अल्कोहल के असर में फर्क नहीं आता।

    - हां, मुफ्त शराब के कारण अगर आप ज्यादा पी लें तो अलग बात है।

    Myth and Fact:प्लेन में सिगरेट पीने पर बैन है बावजूद इसके टॉयलेट केबिन में ऐश ट्रे होती है। REALITY : ये सच है कि प्लेन के टॉयलेट में ऐश्ट्रे फिट होती है।

    - ऐसा इसलिए, ताकि अगर कोई पैसेंजर सिगरेट पी ले, तो उसे बुझाने की जगह मिल जाए। वरना प्लेन में आग लग सकती है।

    Myth:केबिन क्रू कभी भी किसी भी यात्री को गिरफ्तार कर सकता है। REALITY :पायलट के इंस्ट्रक्शन पर केबिन क्रू किसी भी पैसेंजर को अरेस्ट कर सकता है।

    - हालांकि, ऐसा तभी किया जाता है जब प्लेन या पैसेंजर्स की सेफ्टी को खतरा हो।

    Myth: पायलट अपनी सीट के नीचे पैराशूट रखते हैं।

    REALITY : पायलट्स की सीट के नीचे कोई पैराशूट नहीं होता।

    - एयरक्राफ्ट में मल्टी इंजन होते हैं। किसी सिचुएशन में एक इंजन फेल हो जाने पर प्लेन दूसरे इंजन पर भी चल सकता है।

    - इसके अलावा पायलट्स को इमरजेंसी सिचुएशन्स के लिए ट्रेनिंग दी जाती है। उनका पहला मकसद प्लेन की सेफ लैंडिंग करवाना होता है।

    अंजली – दोस्तों अब मैं उठा रही हूं कार्यक्रम का अगला पत्र जिसे हमें लिख भेजा है हमारे नियमित श्रोता हरिपुरा, झज्जर, हरियाणा से प्रदीप वधवा, आशा वधवा, गीतेश वधवा, मोक्ष वधवा, निखिल वधवा और इनके मित्रों ने आप सभी ने सुनना चाहा है देवर (1966) फिल्म का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर ने गीतकार हैं आनंद बख्शी और संगीत दिया है रौशन ने और गीत के बोल हैं ------

    सांग नंबर 6. दुनिया में ऐसा कहां सबका नसीब है ....

    पंकज – तो मित्रों इसी के साथ हमें आज का कार्यक्रम समाप्त करने की आज्ञा दीजिये अगले सप्ताह आज ही के दिन और समय पर हम एक बार फिर आपके सामने लेकर आएंगे कुछ नई और रोचक जानकारियां साथ में आपको सुनवाएँगे आपकी पसंद के फिल्मी गीत तबतक के लिये नमस्कार।

    अंजली - नमस्कार।

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