Web  hindi.cri.cn
    संस्कृति के माध्यम से गरीबी उन्मूलन करे - निमा-ज्येरेन
    2016-07-11 15:59:43 cri

    निमा-ज्येरेन दक्षिण-पश्चिमी चीन के सछ्वान प्रांत की बाथांग काउटी से आये चित्रकार हैं । वे सछ्वान प्रांतीय चित्रकला अकादमी से स्नातक हुए हैं और अब उन्हें देश के प्रथम श्रेणी वाले चित्र कलाकार का गौरव भी उपलब्ध है । निमा-ज्येरेन भी देश के नौवें, दसवें, ग्यारहवें और बारहवें राष्ट्रीय जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन का प्रतिनिधि निर्वाचित किया गया है। निमा-ज्येरेन का मानना है कि गरीबी उन्मूलन करने में संस्कृति की उपेक्षा नहीं की जानी चाहिये । क्योंकि सांस्कृतिक शिक्षा के अभाव और गरीबी के बीच घनिष्ठ संबंध मौजूद हैं ।

    उन्हों ने कहा,"इधर के वर्षों में सरकारी विभाग गरीब क्षेत्रों में सांस्कृतिक उपकरणों के निर्माण में लगे हुए हैं । हम हमेशा आम लोगों में चित्र कला, गीत-संगीत और सांस्कृतिक प्रदर्शनों का प्रसार किया करते हैं । इस के साथ साथ देशभर में सार्वजनिक सांस्कृतिक सुविधाएं का निरंतर निर्माण किया जा रहा है । देश के सभी बड़े व मझोले शहरों में सांस्कृतिक प्लाजा और थिएटर भी निर्मित हो चुके हैं । लेकिन हमारा देश विशाल है और देश में अनेक जातियां भी हैं । देहातों और चरवाहे क्षेत्रों में सार्वजनिक सांस्कृतिक सुविधाओं का अभाव फिर भी मौजूद है । तिब्बत के कुछ सुनसान क्षेत्रों में सांस्कृतिक कार्यों का निर्माण विकसित क्षेत्रों की तुलना में काफी पिछड़ा हुआ है ।"

      निमा-ज्येरेन ने तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के गरीब क्षेत्रों में जांच करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि गरीब क्षेत्रों में सांस्कृतिक सर्विस करने की व्यवस्था अभी भी बहुत कमजोर है । इन क्षेत्रों के लोगों को सांस्कृतिक सुविधाएं मिलने का मौका कम है । खासकर आधारभूत उपकरणों के निर्माण, प्रतिभाओं की उपलब्धि और सेवा दक्षता आदि में वे विकसित क्षेत्रों के बहुत पीछे रहते हैं । मिसाल के लिए सरकार ने नियम बना दिया कि देश की सभी काउटियों में पुस्तकालयों और सांस्कृतिक केन्द्रों की उपलब्धि की जानी चाहिये । लेकिन गत वर्ष तक सछ्वान प्रांत की 88 गरीब काउटियों में से चार को पुस्तकालय मुहैया नहीं किया गया है । दूसरी 47 काउटियों में निर्मित पुस्तकालयों का क्षेत्रफल 800 वर्ग मीटर से कम होता है । इन क्षेत्रों में सांस्कृतिक उपकरणों का प्रावधान नहीं हुआ है , और इन का संचालन और रखरखाव का खर्च भी काफी नहीं है । निमा-ज्येरेन ने कहा,"रुपांतर और खुली नीति अपनाने का आर्थिक लाभ हरेक नागरिकों को प्राप्त होना चाहिये , यह हमारा कर्तव्य है । इसलिए सरकार को पिछड़े हुए क्षेत्रों में सांस्कृतिक निर्माण को और अधिक जोर देना चाहिये । हमें आर्थिक विकास को जितना महत्व देते रहे हैं , सांस्कृतिक निर्माण पर भी उतना ही ध्यान लगाना चाहिये ।"

    निमा-ज्येरेन ने अपनी जांच में प्राप्त आंकड़ों के अनुसार यह विश्लेषण किया कि बहुत से गरीब क्षेत्र सार्वजनिक सांस्कृतिक सुविधाओं के अभाव से ग्रस्त रहते हैं । मिसाल है कि सछ्वान प्रांत की 88 काउटियों के पुस्तकालयों में पुस्तकों का संग्रह प्रति व्यक्ति के लिए एक किताब भी नहीं है, जबकि देशभर की औसत मात्रा 0.55 किताब प्रति व्यक्ति होती है । 40 प्रतिशत गरीब काउटियों में प्रति व्यक्ति के लिए केवल 0.1 किताब प्राप्त है । कुछ गरीब क्षेत्रों में सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन बहुत कम है , अल्पसंख्यक जातीय लोगों के लिए स्थानीय ओपेरा, किताब और फिल्म की आपूर्ति बहुत कम रहती है ।

    निमा-ज्येरेन का मानना है कि गरीब क्षेत्रों में सांस्कृतिक सेवा को उन्नत करना चाहिये , ताकि इन क्षेत्रों में लोगों को बुनियादी सांस्कृतिक सेवा प्राप्त करने वाले अधिकार बनाये रख सकें । निमा-ज्येरेन ने यह सुझाव पेश किया कि गरीब क्षेत्रों में सटीक तौर पर सांस्कृतिक गरीबीउन्मूलन किया जाएं , और गरीब क्षेत्रों में विकसित क्षेत्रों के एक ही समय में खुशहाल समाज का निर्माण किया जाएं ।

    निमा-ज्येरेन ने यह सुझाव पेश किया है कि सरकार विशेष गरीबी उन्मूलन रूपरेखा तैयार करे । केंद्रीय सरकार को 13वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान गरीब क्षेत्रों में सांस्कृतिक सेवा व्यवस्था की स्थापना की रूपरेखा शीघ्र ही बनानी चाहिये । संस्कृति मंत्रालय को विभिन्न क्षेत्रों में सांस्कृतिक गरीबीउन्मूलन करने का मार्गदर्शन करना चाहिये । विभिन्न क्षेत्रों की सरकारों को भी अपने अपने क्षेत्रों में सांस्कृतिक गरीबी उन्मूलन की परियोजनाएं लागू करनी चाहिये , ताकि केंद्र की रूपरेखा का कार्यांवयन किया जा सके ।

    इस के अलावा आम लोगों के लिए लाभदायक सांस्कृतिक परियोजनाएं कायम की जानी चाहिये , गरीब क्षेत्रों में मौजूद सांस्कृतिक उपकरणों का सुधार किया जाना चाहिये । अब कुछ गरीब क्षेत्रों में पुस्तकालयों और सांस्कृतिक केंद्रों में जो सही स्थिति सुरक्षित नहीं है , इन का पुनर्निर्माण किया जाना चाहिये । अल्पसंख्यक जातीय क्षेत्रों में कभी कभी ऐसा होता है कि बहुत ही विशाल क्षेत्र में कम आदमी रहते हैं । ऐसे क्षेत्रों में चलित संस्कृति केंद्र रखना चाहिये ताकि वहां के लोगों को भी सांस्कृतिक सेवाएं प्राप्त हो सकें ।

    निमा-ज्येरेन ने कहा कि गरीब क्षेत्रों में सांस्कृतिक विकास करने का विशेष महत्व होता है । सांस्कृतिक उत्पादों की सप्लाई करने , सांस्कृतिक उपकरणों के जरिये लोक सेवा और प्रशिक्षण को जोर देने और तकनीक का प्रसार करने से आम लोगों की गुणता उन्नत हो सकती है ।

    उन्हों ने कहा,"गरीब क्षेत्रों में अपनी जातीय विशेषता वाले सांस्कृतिक संसाधन के आधार पर कलात्मक प्रदर्शन, पर्यटन, हस्तशिल्पी इत्यादि उद्योगधंधों के विकास को प्रेरित किया जाना चाहिये । उदाहरण के लिए अल्पसंख्यक जातीय क्षेत्रों में बहुत ही विशेष शैली की वास्तुएं मौजूद हैं , क्यों नहीं इससे सांस्कृतिक पर्यटन का विकास कर सकें और किसानों की आय बढ़ाएँ ।"

    निमा-ज्येरेन ने सुझाव दिया है कि सार्वजनिक सांस्कृति के विकास में परीक्षण प्रणाली और वैज्ञानिक मूल्यांकन तंत्र की स्थापना महत्वपूर्ण है । क्षेत्रीय सरकारों को सांस्कृतिक विकास के लक्ष्य को अपनी क्षेत्रीय विकास रूपरेखा में शामिल करना चाहिये । और सांस्कृतिक विकास की प्रगतियों को भी सरकारी नेताओं के आकलन में शामिल करवाना पड़ेगा । निमा-ज्येरेन बीस साल तक जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन के सदस्य बने रहे हैं । इसी के दौरान यह तिब्बती जातीय कलाकार अपने कलात्मक लक्ष्यों को कभी नहीं भूला । साथ ही उन्हों ने अपनी सामाजिक जिम्मेदारी महसूस करके गरीब क्षेत्रों में सांस्कृतिक विकास करने के कार्यों में अपनी पूरी कोशिश समर्पित की है ।

    संस्कृति का निर्माण किसी देश की सोफ्ट शक्ति से संबंधित है , लेकिन सोफ्ट शक्ति का अति महत्व होता है । हाल ही में आयोजित तिब्बती संस्कृति कार्य बैठक में प्राप्त खबर के अनुसार 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में सांस्कृतिक निर्माण को मजबूत किया गया है। यह समाजवादी मूल्य के प्रसार के सभी पहलुओं से भी संबंधित है । आर्थिक निर्माण में संस्कृति का विशेष महत्व साबित हुआ है । कहा जा सकता है कि सोफ्ट शक्ति के बढ़ने के साथ साथ अब तिब्बत में सांस्कृति उत्थान का काल सामने आया है ।

    बीते पाँच सालों में तिब्बत सरकार ने जन जीवन का सुधार करने और के बुनियादी जन अधिकार की गारंटी की दृष्टि से सांस्कृतिक निर्माण को जोर दिया है । सरकार के कार्यों का प्रमुख भाग हमेशा बुनियादी क्षेत्रों और ग्रामीण व चरवाहे क्षेत्रों में रखा गया है । सरकार ने बुनियादी क्षेत्रों में सांस्कृतिक स्टेशनों , सार्वजनिक सांस्कृतिक उपकरणों के निर्माण को मजबूत किया है । इस में सूचना तकनीक के इस्तेमाल को प्रोत्साहित किया गया है । 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान तिब्बत में कई हजार सांस्कृतिक उपकरण निर्मित हो चुके हैं जो 11वीं पंचवर्षीय योजना से छह सौ अधिक रही । सांस्कृतिक विभागों ने जनता के लिए पचास हजार सेवाएं प्रदान की हैं और बुनियादी क्षेत्रों में किये गये सांस्कृतिक प्रदर्शनों की मात्रा 18 हजार तक जा पहुंची । तिब्बती लोगों के सूचनाएं प्राप्त करने , संस्कृति का आनन्द उठाने और सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेने के अधिकारों की गारंटी की गयी है ।

    सांस्कृतिक उद्योग के विकास में सरकार ने अपने प्रबंधन कार्य को सुधरने का अथक प्रयास किया है । सांस्कृतिक बाजारों के विकास में विभिन्न स्वामित्व वाले कारोबारों को समान अधिकार मिलता है, और इससे विशेषता वाली संस्कृति की समृद्धता साकार हुई है । इधर के वर्षों में तिब्बत में हर वर्ष थांगा चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है जिसकी बिक्री रकम दस करोड़ युवान तक रही ।

    तिब्बत के सांस्कृतिक कारोबारों ने अलग अलग तौर पर पेइचिंग, शेनचेन जैसे बड़े शहरों में आयोजित सांस्कृतिक प्रदर्शनियों में भाग लिया और अपनी विशेषता दिखाते हुए सांस्कृतिक उत्पादों की बिक्री में भी मुनाफा जीती । वर्ष 2010 से तिब्बत में सांस्कृतिक उद्योगों की वृद्धि दर बीस प्रतिशत तक रही है और समग्र आर्थिक वृद्धि दर में सांस्कृतिक उद्योंगों का योगदान भी बहुत बढ़ा है । अधिक रोजगार तैयार करने और किसानों व चरवाहों की आय बढ़ाने में सांस्कृतिक उद्योंगों की भूमिका काफी स्पष्ट है ।

    तिब्बत में सांस्कृतिक विकास की मदद करने के लिए देश में बीसेक प्रांतों ने आदान प्रदान करने के लिए अस्सी से अधिक सांस्कृतिक मंडल भेजे जिसने जातियों के बीच संपर्क को बढ़ाया । इस के अलावा तिब्बत स्वायत प्रदेश ने विदेशों में अपनी संस्कृति का प्रदर्शन करने की कोशिश की । बीते पाँच सालों में कुल तीसेक तिब्बती सांस्कृतिक मंडलों ने विश्व के चालीस देशों का दौरा किया और वहां तिब्बत में सांस्कृतिक संरक्षण और विकास की उपलब्धियों का प्रदर्शन किया ।

    ( हूमिन )

    © China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
    16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040