दस वर्ष की उम्र से पहले बच्चों को शिष्टाचार के 20 नियम सीखने चाहिये। शिष्टाचार पारिवारिक शिक्षा होती है, जो बच्चे की जिन्दगी पर प्रभाव डालता है। इसमें यह साबित होता है कि बच्चों की पारिवारिक शिक्षा सफल है या नहीं। अब देखिये ये 20 नियम क्या हैं?
पहला, दूसरों से सवाल पूछने से पहले कृपया बोलो।
दूसरा, अन्य लोगों से कुछ पाने के बाद धन्यवाद कहो।
तीसरा, आपात स्थिति को छोड़कर बड़े लोगों को बात करते समय न टोको।
चौथा, अगर सचमुच किसी व्यक्ति से बात करनी पड़े, तो सबसे पहले माफ़ कीजिये बोलो।
पांचवां, अगर एक काम करने का फैसला बहुत मुश्किल से किया जाता है, तो इसे करने से पहले मां-बाप की राय व अनुमति लेनी चाहिये।
छठा, दूसरे लोग तुम्हारी नफ़रत पर चिंता नहीं करते। इसलिये तुम आलोचना की बातें केवल दोस्त से कह सकते हो। सभी लोगों को बताने की ज़रूरत नहीं है।
सातवां, अन्य लोगों की ऑवरक्रिटिकल मत करो, पर उनकी प्रशंसा कर सकते हो।
आठवां, जब दूसरे लोग तुम्हें नमस्ते कहते हैं, तो शिष्टाचार के साथ उनका जवाब दो, फिर उन्हें नमस्ते कहो।
नौवां, एक मेहमान के रुप में तुम्हें मेज़बान को धन्यवाद देना चाहिये।
दसवां, किसी कमरे में अंदर जाने से पहले दरवाज़ा खटखटाना चाहिए।
ग्यारहवां, फ़ोन करते समय सबसे पहले अपने बारे में बताओ, फिर किस से बातचीत करने को कहो।
बारहवां, उपहार लेने के बाद धन्यवाद कहना चाहिये।
तेरहवां, बड़े लोगों के सामने गालियां मत दो।
चौदहवां, दूसरे लोगों से बुरी बातें मत करो।
पंद्रहवां, किसी स्थिति में अन्य लोगों का उपहास मत करो।
सोलहवां, कार्यक्रम देखते समय शांत रहो, शायद तुम्हारे लिये यह कार्यक्रम बोरिंग हो, लेकिन मंच पर अभिनेता व अभिनेत्री सचमुच कोशिश कर रहे हैं।
सत्रहवां, किसी को टक्कर मारते ही, माफ़ी मांगनी चाहिये।
अठारहवां, खांसी करते या छींक मारते समय अपना मुंह कवर करो।
उन्नीसवां, दरवाज़ा से गुजरते समय थोड़ा इंतजार करो और पीछे के लोगों के लिये द्वार खोलो।
बीसवां, जब मां-बाप, अध्यापक या पड़ोसी को काम में व्यस्त होते हुए देखें , तो पूछो कि क्या तुम्हें मदद चाहिए?क्योंकि मदद देते समय तुम भी कुछ सीख सकोगे।