पिता और पुत्र के बीच हुई बातचीत: भीतरी सौंदर्य
2016-06-23 16:10:42 cri
पुत्र:पापा, भीतरी सौंदर्य क्या है?
पापा:उदाहरण के लिये रंगबिरंगा क्रिस्टल और रत्न से सजा हुआ एक कटोरा है, क्या तुम्हें लगता है वह सुन्दर है ?
पुत्र:सुन्दर होना चाहिये।
पापा:पर अगर इसमें मलमूत्र भरते हैं, तो क्या तब भी तुम्हें वो सुन्दर लगेगा?
पुत्र: ओह .... इसका मतलब है कि ये सब देखकर तुम्हें उबकाई आने लगेगी ?
पापा:ठीक है। हालांकि बाहर में बहुत सुन्दर और शानदार है, लेकिन अगर इसके अंदर केवल गंदी चीज़ें रखी गई हैं, तो उसका सौंदर्य से कोई संबंध नहीं होगा। लेकिन अगर वह एक साधारण सा लकड़ी का कटोरा है, और इसके अंदर सोने, चाँदी और गहने भरे हुए हैं। तो वह भी खूबसूरत होगा। मानव की सुन्दरता भी ऐसी है। हमें लगातार ज्ञान, अच्छे चरित्र और आत्मविश्वास जैसी सुन्दर चीज़ों को अपने अंदर भरना चाहिये, यह है भीतरी सौंदर्य।