हाल की रिसर्च से हमारे आसपास कुछ उच्च तकनीकी सभ्यताएं भी होने की उम्मीदें बढ़ गई हैं। एक नये शोध में बताया गया है कि मानव जाति ब्रह्मांड की अकेली या पहली उन्नत सभ्यता नहीं है। रोचेस्टर यूनिवर्सिटी के फिजिक्स और एस्ट्रोनॉमी साइंस के प्रफेसर एडम फ्रैंक का कहना है, "हम लंबे समय से लगभग यह जानते हैं कि स्पेस में कितने सारे सितारे हैं। लेकिन हमें यह नहीं पता है कि इनमें कितने तारों के पास ग्रह है, जहां जीवन की संभावना हो सकती है या वहां कितनी बार जीवन विकसित हुआ है और बुद्धिमान प्राणी विकसित हुए हैं।"
वह आगे कहते हैं, "नासा के केपलर सेटेलाइट और अन्य खोजों से अब हम यह जानते हैं कि इनमें से करीब 20 फीसदी सितारों के पास ग्रह हैं जहां जीवन होने की उम्मीद है। जहां का तापमान जीवन के लिए अनुकूल है। इस तरह अब तक तीन बड़ी अनिश्चितताओं का समाधान हो गया है।"
लेकिन बड़ा सवाल यह है कि वहां सभ्यताएं कितने समय तक जीवित रह सकती हैं। इसके बारे में अब भी जानकारी नहीं है। एस्ट्रोबायॉलजी में प्रकाशित शोधपत्र में फ्रैंक ने लिखा है, "तथ्य यह है कि मनुष्य के पास महज 10000 साल पुरानी अल्पविकसित प्रौद्योगिकी है जो हमें दूसरी सभ्यताओं के बारे में बता पाने में सक्षम नहीं है कि वे इतने समय तक जीवित थी या कि उससे ज्यादा समय तक।"शोधकर्ताओं का कहना है कि हमारे अलावा अंतरिक्ष के अन्य ग्रहों पर उन्नत सभ्यताएं हैं, लेकिन अभी हमारे पास उतनी उन्नत प्रौद्योगिकी नहीं है कि हम उनके बारे में जान सकें।