हाल ही में जर्मन प्रधानमंत्री मार्केल द्वारा 9500 यूरो की पार्टी की सदस्यता देय राशि नहीं देने की खबर ने अंतर्राष्ट्रीय मीडिया का ध्यान अपनी तरफ़ खींचा है। एक पार्टी सदस्य होने के नाते सदस्यता की देय राशि देना अनिवार्य है। सरकारी नेता और क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन की अध्यक्ष होने के नाते मार्केल क्यों सदस्यता की देय राशि नहीं देती?वास्तव में मार्केल ने जानबूझकर ऐसा नहीं किया। जर्मन मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2000 से मार्केल क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन की अध्यक्ष नियुक्त की गयी हैं। उस समय हर एक महीने क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन की सदस्यता की देय राशि निश्चित थी। लेकिन 2013 से क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन ने अपने नियम में दो धाराओं का संशोधन किया, जिनमें लिखा गया है कि क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन के सरकारी सदस्यों को अपने मासिक वेतन और सांसद भत्ते के 6 प्रतिशत को सदस्यता की देय राशि के रूप में देना होता है।
क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन के प्रवक्ता ने मान्यता दी है कि क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन ने मार्केल को इस परिवर्तन के बारे में नहीं बताया, जिससे 2014 तक मार्केल ने 4500 यूरो की सदस्यता की देय राशि नहीं दी।
असल में मार्केल के पास पैसे की कमी नहीं है। वह विश्व में सबसे अधिक आमदनी पाने वाले नेताओं में से एक हैं और सबसे प्रभावशाली व्यक्ति भी हैं। 1954 में जन्मी मार्केल अमेरिकी पत्रिका टाईम्स की वार्षिक पात्र चुनी गयी थीं और पत्रिका फोर्ब्स द्वारा जारी विश्व के सबसे शक्तिशाली व्यक्तियों की रैकिंग में दूसरे स्थान पर रही थीं। अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार जर्मन प्रधान मंत्री की हैसियत से उनकी वार्षिक आय 2.16 लाख यूरो है, गत वर्ष मार्च से उनकी आय में 2.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी भी हुई है। इस प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने मार्केल के साथ बातचीत की और मार्केल 2016 में अबतक की बची हुई सदस्यता की देय राशि का भुगतान करेंगी।