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    मां के यू ऑपेरा《मूलान》को गाती रहेगी छांग श्याओयू
    2016-05-12 13:01:16 cri

    छांग श्यांगयू का《मूलान》

    मध्य चीन के हेनान प्रांत की राजधानी चंगचो में हेनान ऑपेरा आवाज़ संग्रहालय चीन में ऑपेरा की आवाज़ से जुड़ा पहला संग्रहालय है। यह संग्रहालय नियमित रूप से बुढ़े कलाकारों, मशहूर ऑपेरा अभिनेता-अभिनेत्रियों, संगीतकारों और विचारकों को अभिनय करने के लिए आमंत्रित करता है। हेनान प्रांत का संक्षिप्त नाम यू है। इस प्रांत में पैदा होने वाले ऑपेरा को यू ओपेरा कहा जाता है। यू ऑपेरा की गायिका छांग श्यांगयू देश भर में बहुत लोकप्रिय और मशहूर थी।

    छांग श्यांगयू का जन्म 1923 में हेनान प्रांत के कोंगयी शहर में हुआ और वर्ष 2004 में उनका देहांत हो गया। उनके द्वारा गाये गए《मूलान》और《लालटेन》जैसे ऑपेरा चीन में बहुत विख्यात है।

    ऑपेरा《मूलान》में इस प्रकार की कहानी सुनाई जाती है। प्राचीन काल में मूलान नाम की एक लड़की मां-बाप की इकलौती बेटी थी। राज्य के सीमांत क्षेत्र में युद्ध हुआ। देश भर में प्रौढ़ पुरुषों को सेना में भाग लेना था। मूलान के पिता जी की स्वास्थ्य स्थिति अच्छी नहीं थी और वह घर का स्तंभ भी था। इस तरह बाद में मूलान पुरुष का भेष बदल कर पिता जी के स्थान पर सीमा क्षेत्र चली गई। मूलान ने शत्रुओं से लोहा लिया । अंत में युद्ध में मूलान और साथियों की जीत हुई। उसे राजा से प्रशंसा मिली और दूसरे सैनिकों का सम्मान हासिल हुआ।

    स्वर्गीय यू ओपेरा के मशहूर अभिनेत्री छांग श्यांगयू

    《मूलान》छांग श्यांगयू की कलात्मक छवियों में सबसे मशहूर है। उनकी बेटी छांग श्याओयू ने कहा कि ओपेरा《मूलान》से माता-पिता की देशभक्ति भावना दिखाई गई है।

    यह पिछले शताब्दी के 50 के दशक की बात थी। वो समय चीन में कोरिया की सहायता से अमेरिका के विरुद्ध युद्ध करने वाला था। छांग श्यांगयू कभी कभार पैसे इक्ट्ठे करने के लिए प्रदर्शन करती थी। प्रदर्शन से प्राप्त पैसे का प्रयोग कर उन्होंने चीनी जन मुक्ति सेना के स्वयं सैनिकों के लिए एक लड़ाकू विमान खरीदा। इसी दौरान छांग श्यांगयू ने अपने पति छन श्यानचांग के साथ विचार विमर्श किया कि एक नया यू ओपेरा संपादित कर गाएगी। पति यू ओपेरा के संपादक है और पत्नि का पूरा समर्थन करता था। छांग श्यांगयू के विचार में नया ओपेरा दूसरे ओपेराओं से अलग होना चाहिए। जिसे सुनने के बाद सैनिकों को प्रेरणा मिलेगी। इस तरह पति-पत्नि प्रेरणा की प्राप्ति के लिए इधर-उधर घूमते रहे। उस समय को याद करते हुए छांग श्याओयू ने कहा:"उस समय मेरे पिता जी रोज़ बुकस्टोर जाते थे। एक दिन उन्होंने《मूलान》नामक ओपेरा-पुस्तक देखी। जो पेइचिंग ओपेरा के सुप्रसिद्ध संगीतकार ली शाओपे द्वारा रची हुई थी। पिता जी ने इसे खरीदा और उसे यू ओपेरा के रूप में बदल दिया। बाद में मूलान नामक यू ओपेरा के कई प्रदर्शन किए गए, और कोरियाई युद्ध मैदान में भी प्रदर्शित किया गया। इस ओपेरा ने युद्ध मोर्चे पर लड़ते हुए अनगिनत सैनिकों को प्रोत्साहित किया।"

    छांग श्याओयू की मां छांग श्यांगयू प्रदर्शन करते हुए

    छांग श्याओयू बचपन से ही मां छांग श्यांगयू द्वारा गाया गया ओपेरा《मूलान》को सुनते हुए पली-बढ़ी है। बड़ी होने के बाद उसे अपनी मां के जीवन अनुभव और ओपेरा के प्रति मां की दृढ़ता के बारे में अधिक समझ हुई। वर्ष 2002 में बुढ़ी मां की देखभाल करने और छांग शैली वाली कला को विरासत में ग्रहण करते हुए उसका आगे विकास करने के लिए छांग श्याओयू स्वदेश वापस लौटी। इसके पूर्व वह दसेक सालों तक विदेश में रही। हेनान प्रांत की राजधानी चनचो में छांग श्याओयू अपनी दूसरी बहनों के साथ मिलकर यू ओपेरा को विरासत में ग्रहण करते हुए उसके विकास में संल्गन है। सितंबर वर्ष 2015 में छांग श्याओयू ने हेनान प्रांतीय कला स्कूल में पढ़ाई का काम शुरू किया। पढ़ाई का मुख्य विषय छांग शैली का क्लासिकल ओपेरा《मूलान》है। इसकी चर्चा करते हुए छांग श्याओयू ने कहा:"मेरी मां को जिंदगीभर इस बात का मलाल रहा कि उनके पास ऐसा कोई छात्र नहीं था , जिसने उनकी कला को पूर्ण रूप से उत्तराधिकार में लिया हो। आज मां की शैली का उत्तराधिकार में लेना ज्यादा मुश्किल है। क्योंकि मां के अनुभव हमारे से अलग है। इस तरह हमें थोड़ा-थोड़ा करते हुए उत्तराधिकार में प्राप्त करना है। मैं मां की कला में सबसे श्रेष्ठ वस्तुओं, उनकी विशेषताओं और ओपेरा के प्रति उनके प्यार को उत्तराधिकार करते हुए आगे विकास करना चाहती हूँ। कम से कम अगली पीढ़ी के लोगों तक पहुंचाना चाहती हूँ।"

    वर्तमान में यू ओपेरा के विकास की चर्चा करते हुए छांग श्याओयू ने कहा कि अभी यू ओपेरा के सामने कई मुसीबतें और चुनौतियां मौजूद हैं। उनके विचार में यह अपरिहार्य रूझान है। छांग श्याओयू ने कहा कि वह इसी क्षेत्र में कोशिश करती रहेगी, ताकि श्रेष्ठ पारंपरिक संस्कृति को विरासत में ग्रहण करते हुए इसका ज्यादा तौर पर आगे विकास हो सके। इसके लिए वह अतीत से अलग विकसित रास्ता चुनेगी। छांग श्याओयू ने कहा:"युग अलग हो गया है। लोगों के अनुभव, सांस्कृतिक और शैक्षिक स्तर भी अलग-अलग है। इस तरह यू ओपेरा का विकास युगात्मक विकास से जोड़ा जाना चाहिए। हमें नए ओपेरा की रचना करनी चाहिए, इसमें सुधार करना चाहिए और नवाचार भी करना चाहिए। तभी यू ओपेरा को जीवन शक्ति मिलेगी।"

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