हमारे विचार में उत्तर कोरिया एक ऐसा देश है जो बाहरी दुनिया के लिए रहस्यमय है। कारण यह है कि उत्तर कोरिया के लोग बहुत कम विदेश जाते हैं और विश्व के अन्य देशों के लोग भी बहुत कम वहां जा पाते हैं। लेकिन क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि उत्तर कोरिया में भी एनीमेशन का उद्योग है और उत्तर कोरिया के लोग भी हॉलीवुड की फिल्में देखते हैं।
उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंयांग के केंद्र में एक 16 मंजिल सफेद इमारत खड़ी है। इस पर स्पष्ट सिम्बल नहीं है, लेकिन गेट पर गार्ड खड़ा है। वास्तव में यहां उत्तर कोरिया का सबसे प्रतिस्पर्द्धा शक्ति होने वाला एक कारोबार स्थित है, जो उत्तर कोरिया और बाहरी दुनिया, खास तौर पर पश्चिमी देशों के साथ घनिष्ट आवाजाही होने वाले कारोबारों में से एक है।
1957 में उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम इल सुंग ने राष्ट्रीय फिल्म निर्माण कारखाना का दौरा करते समय सुझाव पेश किया कि उत्तर कोरिया के बच्चों के लिए एक कार्टून फिल्म निर्माण इकाई की स्थापना की आवश्यक्ता है। 1958 में उत्तर कोरिया बालक फिल्म निर्माण कारखाना की स्थापना हुई। इस कारखाने का नाम बाद में 4.26 कार्टून फिल्म निर्माण कारखाना रखा गया। 1971 में उत्तर कोरिया बाल फिल्म निर्माण कारखाने ने उत्तर कोरिया की विज्ञान फिल्म निर्माण कारखाने के साथ मिलकर साइंटिफिक एजुकेशिनल कोरिया यानी एसईके स्थापित किया । विश्व कार्टून उद्योग में एसईके का नाम अनजाना नहीं है। 1980 के बाद फ्रांस व इटली आदि पश्चिमी देशों के कार्टून फिल्मों का प्रोसेसिंग ऑडर निरंतर एसईके आये । जब यूरोप और अमेरिका के बच्चे टीवी पर ट्रान्सफ़ॉर्मर एवं शेर राजा सिम्बा आदि कार्टून फिल्मों को देखते समय पता नहीं चलता है कि ये कार्टून उत्तर कोरिया के एनिमेटरों के हाथों से आये हैं।
चूंकि उत्तर कोरिया में कार्टून निर्माण के लिए श्रेष्ठ कार्टून तकनीक के साथ सस्ता भी है, इसलिए ज्यादा से ज्यादा विदेशी ऑडर आये हैं। प्रचुर आर्थिक लाभांश को देखकर उत्तर कोरिया ने 1990 में मुख्य तौर पर सांस्कृतिक उद्योग का विकास करने का निर्णय लिया। विदेशी ऑडर के उत्तर कोरिया में प्रवेश करने के साथ साथ फ्रांस, इटली एवं स्पेन आदि देशों के कार्टून निर्माता भी इस इमारत में प्रवेश कर उत्तर कोरिया के एनिमेटरों के साथ काम करने लगे। यहां उत्तर कोरिया की सबसे खुली खिड़की एवं उत्तर कोरिया का कार्टून निर्माण राज माना जाता है।1996 से 2003 के बीच 4.26 कार्टून फिल्म निर्माण कारखाना ने कुल 20 करोड़ 80 लाख अमेरिकी डॉलर कमाये। यहां उत्तर कोरिया में एकमात्र विदेशी फिल्मों को देख सकने वाली इकाई है और यहां के कर्मचारी विदेशी फिल्मों को देख पाते हैं। कारण है कि केवल विदेशी फिल्मों को देखने के बाद ही यहां के कर्मचारी और श्रेष्ठ वर्क बना सकेंगे और और ज्यादा पैसे कमा सकेंगे।
लेकिन 2003 के बाद विदेशी ऑडर स्पष्ट रूप से कम होने लगे। कुछ समय पहले एक ही साल में एक ऑडर भी नहीं था। कंप्यूटर तकनीक में कमी की वजह से अब उत्तर कोरिया की कार्टून फिल्म दुनिया नहीं जा पाती। लेकिन यहां के कर्मचारी भी रोज डिस्नी कार्टून फिल्में देखते हैं और संबंधित पुस्तकें पढ़ते हैं। वे आशा करते हैं कि एक दिन उत्तर कोरिया के कार्टून उद्योग का पुनःविकास किया जा सकेगा।