Web  hindi.cri.cn
    च्यांग रोंग व कॉफ़ी के बीच एक दस वर्षीय वचन
    2016-04-28 18:01:59 cri

    दस साल पहले च्यांग रोंग नाम की एक लड़की विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पढ़ रही थी। चूंकि उसे कॉफ़ी का बड़ा शौक है, इसलिये उसने कॉफी से संपर्क रखना शुरू किया। बाद में यह शौक दिन-ब-दिन बढ़ता गया। उसने देश-विदेश की कॉफ़ी से जुड़ी वेबसाइट पढ़ती रही, और एक मंच की स्थापना की। हर दिन वह कॉफ़ी प्रेमियों के साथ कॉफ़ी से जुड़ी जानकारियों को साझा करने लगी। इसमें उसे खूब मज़ा आने लगा। स्नातक होने के बाद च्यांग रोंग क्रमशः शांगहाई व पेइचिंग जाकर कॉफ़ी बनाने वाले काम व कॉफ़ी से जुड़े प्रशिक्षण कार्य करने लगी। खाली समय में घर में कॉफी बीन्स पकाना और अंत में उसका पेशा बन गया:कॉफ़ी भुनने का मास्टर।

    इस पेशे की चर्चा में च्यांग रोंग ने अपने विचारों पर रोशनी डाली:कॉफ़ी से जुड़े कामों में मेरे ख्याल से सबसे जरूरी काम कॉफ़ी भुनने का मास्टर होना है। क्योंकि मुझे यह काम बहुत पसंद है। इसलिये मुझे आशा है कि सभी लोग इससे परिचित हो सकेंगे। मैं इसलिये कि विभिन्न क्षेत्रों में जाकर कॉफ़ी बीन्स ढूंढ़ती रहती हूं, क्योंकि मैं कॉफ़ी भुनने का बड़ा शौक है। यह एक आवश्यक चुनाव है।

    कॉफ़ी भुनने के परिणाम से इस बात का फैसला किया जा सकता है कि क्या कॉफ़ी बीन्स स्वादिष्ठ कॉफ़ी बना सकेगी?यह एक चुनौती भरा काम है। लेकिन च्यांग रोंग के लिए यह काम उसका सबसे पसंदीदा काम ही है। कॉफ़ी भुनने के विभिन्न तरीकों से मेहमानों को मिलने वाले विभिन्न स्वादों से उसे खूब मज़ा आता है। उन्होंने कहा कि,तुम शायद यह देख सकोगे कि कॉफ़ी को भुनना वास्तव में कॉफ़ी के बनाने से ज्यादा जटिल है। इसी कारण से यह ज्यादा दिलचस्प होगी, और बहुत-सी चुनौतियां व संभव भी शामिल हैं। वास्तव में कॉफ़ी भुनने में सृजन होता है। अगर आप हल्के से कॉफ़ी भुनते हो, तो उसकी विशेषता फल जैसी है। मध्य स्तर पर भुनने से वह मेवा का स्वाद दिखाता है। और गहन रूप से भुनने से वह चॉक्लेट का स्वाद देता है। इस दौरान आप क्या स्वाद चाहते हो, तो चुन सकते हो, या सृजन कर सकते हो।

    कई वर्षों तक कॉफ़ी से जुड़े काम करने के कारण च्यांग रोंग कॉफ़ी जगत में एक वरिष्ठ मास्टर बन गयीं। पेइचिंग में काम करने के दौरान वह बारी-बारी से विदेशों की मशहूर कॉफ़ी कंपनियों और प्रोफेशनल्स से संपर्क में आने लगी। उसे बहुत ताज़ी सूचनाएं भी मिलने लगीं। वर्ष 2011 में एक मौके पर च्यांग रोंग ने यह देखा है कि चीन के समुद्रतटीय शहर छिंगताओ में कॉफ़ी के प्रति लोगों का शौक पेइचिंग व शांगहाई से कम नहीं है। तो उसने छिंगताओ में काम करने का फैसला किया। जिससे फ़िशर कॉफ़ी का जन्म हुआ है।

    सुपर मार्केट से मिले कॉफ़ी की तरह नहीं है, फ़िशर कॉफी स्थापित होने से उपभोक्ताओं के विभिन्न स्वाद व मांग को पूरा करने के लिये श्रेष्ठ कॉफ़ी तैयार हैं। पर हालांकि च्यांग रोंग के पास समृद्ध अनुभव व संसाधन हैं। लेकिन कामकाज के शुरू में उसे बहुत-सी चुनौतियां का सामना करना पड़ा। वह कॉफ़ी क्षेत्र में कुछ सुधार करना चाहती हैं, और कुछ असंभव को संभव बनना चाहती है।

    उन्होंने कहा कि हाल के दो वर्षों में चीन में श्रेष्ठ कॉफी का विकास बहुत तेज़ हुआ है। लेकिन इससे पहले वातावरण इतना अच्छा नहीं था। शुरूआत में हमें बहुत-सी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। आम जीवन में यह देखा जा सकता है कि कॉफी व्यवसाय में बहुत अनुचित व बुरी बातें मौजूद हैं। हम ऐसी स्थिति को सुधारने की कोशिश करते हैं। मैं कुछ संभव बनाना चाहती हूं। क्योंकि इस व्यवसाय में बहुत साल हो गये हैं, इसलिये इस क्षेत्र में कुछ योगदान देना चाहती हूं।

    फ़िशर कॉफ़ी की स्थापना के बाद ई-वाणिज्य मंच व अच्छी गुणवत्ता वाले कॉफ़ी उपजों पर निर्भर करके उसका तेज़ विकास हुआ है। वर्ष 2015 में फ़िशर कॉफ़ी के प्रति वर्ष की बिक्री 60 टन तक पहुंच गयी। 100 तरीकों से अधिक कॉफ़ी बीन्स यहां से उपभोक्ताओं के हाथों में पहुंच गये। साथ ही च्यांग रोंग के नेतृत्व वाली टीम भी दिन-ब-दिन शक्तिशाली बन रही है। जो पहले के सात लोगों से 21 तक पहुंच गयी। उन्होंने कहा,वर्तमान में हमारा विकास बहुत तेज़ है। हमें देश के व्यापक वातावरण से लाभ मिला है। व्यवसाय की पृष्ठभूमि अच्छी है, ई-वाणिज्य का विकास तेज़ है। और हमारा कॉफ़ी की गुणवत्ता बहुत श्रेष्ठ है। हमने ठीक समय पर एक ठीक काम किया है।

    च्यांग रोंग अभी तक पहली बार येगाश्वेफ़ेइ नामक एक अफ़्रीकी कॉफ़ी पीने की मनोदशा याद करती है। उसी समय उसने सोचा था कि भविष्य में वह ज़रूर अफ्रीका जाकर कॉफ़ी के रोपण क्षेत्रों से सबसे ताज़ा कॉफ़ी बीन्स लाकर भुनेगी, कॉफ़ी बनाएगी और पीएगी। वर्ष 2016 में अफ्रीकी कॉफ़ी संघ के निमंत्रण पर च्यांग रोंग टेस्ट ऑफ़ हार्वेस्ट का अंतर्राष्ट्रीय चार्च काम करने के लिये नैरोबी व अदीस अबाबा गयी। सीखने व साझा करने का लक्ष्य लेकर उसने 15 दिनों में कॉफ़ी के कई रोपण क्षेत्रों का दौरा किया। वह नज़दीक से स्थानीय लोगों से संपर्क रखा, और वहां की कॉफ़ी पीने की परंपराएं महसूस की।

    नये धन्धे खोलने के दौरान च्यांग रोंग चीन में कॉफ़ी के रोपण क्षेत्रों की बड़ी प्रतीक्षा में है। लेकिन गंभीर मापदंड से देखा जाए, तो चीन में रोपण क्षेत्रों का स्तर ऊँचा नहीं है। वर्ष 2012 में च्यांग रोंग व उसकी टीम ने यून्नान के कॉफी रोपण क्षेत्र में प्रवेश करने का फैसला किया। उन्होंने स्थानीय लोगों के साथ कॉफ़ी रोपण, चुनने, व आरंभिक प्रोसेसिंग में भाग लिया। उन्होंने कहा,इससे पहले हम हर एक या दो सालों में यून्नान जाते हैं। लेकिन वहां मिलने वाले कॉफ़ी से संतुष्ट नहीं है। या हमारी प्रतीक्षा से मेल नहीं खाते हैं। एक प्रोफेशनल के रूप में हम जानते हैं कि तकनीक में इसकी कमी है। इसलिये हम छोटे छोटे काम से शुरू करते हैं। उदाहरण के लिये हम श्रेष्ठ कॉफ़ी से परिचित किसानों को ढूंढ़कर उन्हें विशेष प्रशिक्षण देते हैं, ताकि वे हमें सुयोग्य कॉफ़ी दे सकें। हर साल हम ऐसा करते हैं। धीरे धीरे प्रगति हुई है। इस साल पहले खेप वाली कॉफी प्राप्त हुई है, जिसकी गुणवत्ता बहुत अच्छी है।

    वर्ष 2016 में च्यांग रोंग व कॉफ़ी के बीच दस साल का वचन पूरा है। वह अपना एक कैफ़े खोलेगी। यह हर कॉफ़ी भुनने के मास्टर का सपना होता है। उनकी नज़र में यह और एक शुरूआत ही है। कॉफी के साथ पहला दस वर्षीय वचन पूरा होगा, पर च्यांग रोंग व उसकी टीम के प्रति आगामी दिनों में कई दस वर्षीय वचन भी पैदा होंगे। च्यांग रोंग ने कहा कि वह चीन में श्रेष्ठ कॉफ़ी का प्रसिद्ध ब्रांड बनाना चाहती है। ताकि सभी लोग सबसे श्रेष्ठ कॉफी पी सकें।(चंद्रिमा)

    © China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
    16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040