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    तीसरी पीढ़ी का रोबोट अतलास
    2016-04-26 15:04:28 cri
    हाल ही में गूगल के अधीन बोस्टन डायनेमिक्स ने यूट्यूब पर तीसरी पीढ़ी का रोबोट अतलास का वीडियो जारी किया। यह रोबोट की ऊंचाई 5 फीट और इसका वजन 180 पाऊंड है। मानव जाति की तरह चलने के अलावा वह विभिन्न स्थितियों में सामानों को उठाने व ले जाने का मिशन भी पूरा कर सकता है।

    वीडियो में हमने देखा कि रोबोट अतलास स्लिथर्य बर्फीली जमीन पर चल रहा है। जापान के मशहूर रोबोट असमो से भिन्न है, अतलास इलेक्ट्रिक ड्राइव और हाइड्रोलिक ब्रेक करता है। वह शरीर व पांव पर सेंसर के जरिए संतुलन को बरकरार रखता है, और लेजर रेडा और तीन आयामी वाले वीडियो कैमरे से बाधाओं को पहचान कर बचाता है और भौगोलिक स्थिति का आंकलन करता है। सब लोगों को यह बहुत पसंद आ रह है। उम्मीद की जा रही है कि यह भविष्य का रोबोट सैनिक होगा, यानी टर्मिनेटर का प्रोटोटाइप होगा।

    बोस्टन डायनेमिक्स पहले ही अमेरिकी सेना के लिए बाएऑमिमेटिक रोबोट का अनुसंधान करता रहा है। मशहूर बिग डॉग रोबोट इस कंपनी का उत्पादक था। वर्ष 2013 में प्रथम पीढ़ी का अतलास पैदा हुआ। ग्रीस की मिथक से नाम लेने वाला इस रोबोट ने लोगों को आकर्षित किया। उस समय अमेरिकी मीडिया ने रिपोर्ट देकर अनुमान लगाया कि 2015 में अमेरिका एक तिहाई युद्धों में रोबोटों का इस्तेमाल करेगा। और 2020 में युद्ध मैदान में रोबोटों की संख्या अमेरिकी सैनिकों की संख्या से भी ज्यादा होगी। लेकिन विकास इतना तेज़ नहीं है।

    इस नयी पीढ़ी का रोबोट केवल रेडियो के जरिए सरल आदेश प्राप्त कर अपने आप को संतुलन और आकृति का बंदोबस्त कर सकता है। सैन्य क्षेत्र के अलावा अतलास आपात निपटारा, अग्निशमन और कृषि आदि क्षेत्रों में इस्तेमाल किया जा सकता है। लोगों की कल्पना में अतलास फिल्मों में टर्मिनेटर की तरह है।

    वास्तव में सैन्य रोबोटों को अनेक बार अमेरिकी सेना द्वारा लड़ाई मैदान में भेजे जा चुके थे। अफगानिस्तान और इराक में लड़ते समय अमेरिकी सैन्य रोबोटों ने अपनी शक्ति दिखायी थी। "बम-सूँघने" वाले रोबोट विस्फोटक सामग्रियों का पता लगा सकते हैं, जबकि "बैग" रोबोट शहर के भीतरी हिस्सों में छिपे अमेरिका विरोधी सशस्त्र शक्तियों को ढूंढ निकलने में सक्षम हैं। हाल में ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, जापान और दक्षिण कोरिया आदि देश रोबोट टुकड़ी का गठन कर रहे हैं। रोबोटों ने सैनिकों की जगह लेकर सर्वेक्षण और निगरानी आदि मिशन करना शुरू किया।

    जापानी प्रतिरक्षा विभाग द्वारा जारी अनुसंधान व विकास के उसूल में रोबोट तकनीक पहले ही जापान के सैन्य विकास के प्रमुख विषयों में शामिल किया गया है। जबकि दक्षिण कोरिया ने 2018 में विश्व के तीन रोबोट तकनीक के शक्तिशाली देशों में से एक बनने की योजना बनायी है और साल 2020 से पहले सैनिकों की संख्या को 1.8 हजार तक कम किया जाएगा। उधर रूस ने भी रोबोटों के प्रयोग को बाह्य अंतरिक्ष में विकसित करने की योजना बनायी, ताकि अंतरिक्ष यात्रियों को कुछ खतरात्मक मिशन को पूरा करने में मदद दे सके।

    हालांकि रोबोटों के युद्ध में शामिल करने से हताहती को कम किया जा सकता है, लेकिन हमें पता नहीं यह अच्छी बात है या नहीं। कुछ विशेषज्ञों ने कहा कि रोबोटों के प्रयोग से युद्ध शुरू करने की शर्त को कम किया गया है। चूंकि रोबोटों ने वास्तव में एक नये खर्च वाला युद्ध तरीका प्रदान किया है। भविष्य में वह युद्धों या विवादों का हल करने का उच्च गुणवत्ता हथकंडा बन जाएगा।

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