हम रोज कपड़े धोते हैं। कुछ समय हमें बड़ी थकान लगती है। इसलिए आजकल शहरों के लोग आम तौर पर वॉशिंग मशीन में कपड़े धोते हैं। लेकिन, अगर हमारे पास वॉशिंग मशीन नहीं हो, या अगर हम यात्रा में हों, तो कैसे आराम से कपड़े धो सकते हैं। जर्मन विद्वान ने हमारे लिए एक नई वॉशिंग मशीन बनायी है।
उत्तरी जर्मनी के नॉर्थ राइन वेस्टफेलिया प्रांत की राजधानी डुसेल्डोफ में लीना सोलिस नाम की एक महिला ने एक नई वॉशिंग मशीन का आविष्कार किया है। इस वॉशिंग मशीन का साइज एक साबुन की तरह है, जिसका नाम है डोल्फी।
परिचय के अनुसार डोल्फी की चार विशेषताएं हैं। पहला, उसकी छोटी साइज, जो सामान्य साबुन की तरह बड़ा है। जिसका वज़न केवल 300 ग्राम है। दूसरा, उसके धोने की अच्छी क्षमता है, जो आसानी से कपड़ों पर लगी गंदे दाग़ को साफ़ कर सकता है। तीसरा, कपड़ों को धोने में कम समय लगता है। यानी इससे केवल 30 मिनटों में कपड़े धोये जा सकते हैं। चौथा, आसानी से प्रबंध किया जा सकता है। इसका केवल एक बटन है और लोग आसानी से खोल या बंद कर सकते हैं।
डोल्फी से कपड़े धोने के लिए चार कदम चाहिए। सबसे पहले बेसिन में पानी और कपड़े डालें। फिर धोने का साबुन या पाऊडर डालें। फिर डोल्फी का बटन ऑन करके बेसिन में रखें। 30 मिनटों के बाद कपड़े फिर से साफ सुथरे बनेंगे।
यह सुनकर आप पूंछेंगे कि डोल्फी से कपड़े धोने का क्या कारण है। वास्तव में उद्योग और चिकित्सा के क्षेत्रों में अल्ट्रासोनिक वेव की विशेषता से लोग दाँत धोते हैं, गिलास या आभूषण धोते हैं। अल्ट्रासोनिक वेव का व्यापक इस्तेमाल किया जाता है। डोल्फी भी अल्ट्रासोनिक वेव का इस्तेमाल करता है। वह पानी में अल्ट्रासोनिक वेव से उच्च दबाव वाला बबल पैदा करता है। वह बबल के भंग होने से बहुत छोटी पानी लहर बनाकर गंदी चीज़ों को कपड़ों से मिटाती है। चाहे हाथों से या वॉशिंग मशीन से कपड़े धोने की तुलना में डोल्फी की बहुत उल्लेखनीय श्रेष्ठता है। और तो और हम डोल्फी के जरिए विविधतापूर्ण कपड़े धो सकते हैं। इतना ही नहीं, इसी तरीके से कपड़े धोने से सामान्य वॉशिंग मशीन से 80 गुणा खर्च में किफायत की जाएगी और इस का कोई आवाज़ भी नहीं है।
यह सुनकर क्या आप भी चाहते हैं कि एक डोल्फी खरीदें। आशा है कि डोल्फी जल्दी ही जल्दी बाजार में बिकने के लिये आ जाएगा।