चीनी प्रधानमंत्री ली खछ्यांग ने 16 मार्च को चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के सालाना पूर्णांधिवेशन की समाप्ति पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चीनी अर्थतंत्र के सामने आशा और मुश्किलें दोनों मौजूद हैं, लेकिन अच्छी बात ये है कि आशा की मात्रा ज्यादा है।
ली खछ्यांग ने कहा कि विश्व की आर्थिक मंदी की समग्र स्थितियों में चीनी अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ेगा यह स्वाभाविक है। लेकिन चीन में नये आर्थिक क्षेत्रों में दो अंकों की वृद्धि बनी रही है। इसका मतलब ये है कि चीनी अर्थतंत्र में मुश्किलें और आशाएं दोनों मौजूद हैं और आशा मुश्किलों से बहुत ज्यादा रहेगी।
ली खछ्यांग ने कहा कि जबतक रूपांतर और खुली नीति पर डटा रहेगा तबतक चीनी अर्थतंत्र का"हार्ड लैंडिंग"सामने नहीं आएगा। रूपांतर करने से बाजारों में अधिक जीवन शक्ति उजागर हो सकेगी और आर्थिक मंदी का मुकाबला भी किया जा सकेगा। ली खछ्यांग का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में आर्थिक वृद्धि धीमी रहने के बावजूद चीन में पर्याप्त रोज़गार का माहौल बना है। गत वर्ष देश के शहरों में 1.3 करोड़ नई नौकरियों का सृजन किया गया है, इस वर्ष के पहले दो महीनों में सेवा कारोबारों की भी 8.1 प्रतिशत वृद्धि पूरी हो गयी है। चीन का औद्योगिकीकरण और शहरीकरण लगातार चल रहा है , इसमें अधिक खपत की आवश्यकता है। नये अर्थतंत्र के विकास और परंपरागत उद्योग के नवीनीकरण से आर्थिक विकास में नयी आशा जाहिर हो जाएगी।
( हूमिन )