Web  hindi.cri.cn
    तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के खुलने से दक्षिण एशिया को लाभ मिलेगा - लोसांग च्यांगछ्वन
    2016-03-13 18:07:05 cri

    तिब्बत इतिहास में ही चीन से पश्चिमी देशों तक जाने वाले रेशम मार्ग के दक्षिणी भाग में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता था । प्राचीन काल में तिब्बत के दक्षिण में भारत, नेपाल, म्यांमार और भूतान जैसे देश सुरक्षित हुए थे । इसतरह तिब्बत प्राचीन काल से ही चीन और दक्षिणी एशियाई देशों के साथ व्यापारिक आवाजी करने का द्वार बना था । इधर के वर्षों में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के आर्थिक विकास में उल्लेखनीय प्रगतियां हासिल हो चुकी हैं । वर्ष 2015 में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की सकल उत्पादन मूल्य एक खरब युवान तक रहा , जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 11 प्रतिशत अधिक रहा । तिब्बत में आर्थिक विकास दर हमेशा दो अंकों से बनी रही है । इसतरह तिब्बत स्वायत्त प्रदेश को भी देश के रेशम मार्ग आर्थिक विकास क्षेत्र की योजना में शामिल कराया गया है । चीन की 13वीं पंचवर्षीय योजना के मसौदे में यह निर्धारित है कि तिब्बत स्वायत्त प्रदेश को दक्षिण एशिया के उन्मूख खुलने का अहम द्वारा और रास्ता बनाया जाएगा ।

    तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की सरकार के उपाध्यक्ष लोसांग च्यांगछ्वन हाल में पेइचिंग में आयोजित 12वीं राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के चौथे पूर्णांधिवेशन में भाग लेते समय संवाददाताओं को बताया ,"13वीं पंचवर्षीय योजना में यह निर्धारित है कि तिब्बत दक्षिण एशिया के उन्मूख द्वार खोलने का महत्वपूर्ण रास्ता और खिड़की बनाया जाएगा । तिब्बत के खुलेपन को देश की विकास रणनीति में शामिल कराया गया है । इस के सिवाए तिब्बत के विकास को पार्टी की 18वीं कांग्रेस में प्रस्तुत रेशम मार्ग आर्थिक विकास क्षेत्र की योजना यानी बेल्ट और मार्ग योजना में भी शामिल कराया गया है जो तिब्बत के विकास और खुलेपन को अहम अवसर मिलेगा । तिब्बत दक्षिण एशिया में भारत और नेपाल जैसे देशों की सीमा से जुड़ता है । तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की इन देशों के साथ जुड़ी सीमाओं की लम्बाई चार हजार किलोमीटर है । इतिहास में तिब्बत हमेशा दक्षिण एशिया तक जाने वाला द्वारा और रास्ता होता था , इसी संदर्भ में विकास करने की बड़ी संभावना है ।"

    ऐसे सुअवसर का स्वागत करने के लिए तिब्बत स्वायत्त प्रदेश सक्रियता से तैयारियां कर रहा है । अब तिब्बत में बुनियादी उपकरणों और व्यापारिक ब्रांड का निर्माण करने तथा विदेशों के साथ अधिक सहयोग करने में गति दी जा रही है । लोसांग च्यांगछ्वन ने जानकारियों का परिचय देते हुए कहा,"आजकल हम देश की एकीकृत योजना के अनुसार रेशम मार्ग आर्थिक विकास क्षेत्र की योजना यानी बेल्ट और मार्ग योजना से मेल खाने वाली नीतिगत व्यवस्थाएं तैयार कर रहे हैं । हम समंव्य, खुलेपन और सहयोग के सिद्धांतों से तिब्बत में खुली अर्थव्यवस्था का निर्माण करेंगे और दक्षिण एशिया के उन्मूख होने का रास्ता प्रशस्त करेंगे । मिसाल के लिए तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में ल्हासा-चिगाज़े रेल लाइन का निर्माण समाप्त हो गया है और इस रेल मार्ग को और लम्बा बनाया जाएगा । इस के सिवा राजमार्ग और नागरिक उड्डयन का भी बड़ी गति से विकास हो रहा है । तिब्बती आयरलैंस ने नेपाल के राजकीय आयरलैंस के साथ एक संयुक्त पूंजी वाले हिमालय आयरलैंस स्थापित किया है जिस का सर्विस वर्ष 2016 के जून माह में औपचारिक तौर पर शुरू हो जाएगा । बाद में नेपाल समेत दक्षिण एशियाई देशों के श्रद्धालुओं को विमान के जरिये कैलाश और मानसरोवर की तीर्थयात्रा करने का मौका भी मिल पाएगा । बुनियादी उपकरणों के सिवा ब्रांड के निर्माण को भी जोर दिया जाएगा । केंद्र सरकार ने चीनी तिब्बत पर्यटन व संस्कृति अंतर्राष्ट्रीय मेले के आयोजन की पुष्टि की है । हम इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव वाला ब्रांड बनाएंगे । तिब्बत स्वायत्त प्रदेश भी बंगलादेश-चीन-भारत-म्यांमार आर्थिक गलियारे के निर्माण में सक्रियता से भाग लेगा । हिमालय आर्थिक सहयोग बेल्ट, सीमा पार आर्थिक सहयोग क्षेत्र और तीर्थयात्रा आर्थिक सहयोग क्षेत्र आदि परियोजनाओं के निर्माण में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की भी अहम भूमिका हो जाएगी । इन सभी परियोजनाओं का कार्यान्वयन करने से तिब्बत की अधिक समृद्धि भी साकार की जाएगी , तिब्बत की आर्थिक छलांग और विदेश आदान प्रदान के बढ़ने में उन की अपरिहार्य भूमिका साबित हो जाएगी । हमें इस के प्रति काफी विश्वस्त है ।"

    पर्यटन उद्योग हमेशा तिब्बती अर्थव्यवस्था का स्तंभ होता तहै । तिब्बत के खुलने में पर्यटन उद्योग पर कैसा विकास हो पाएगा ?इस प्रश्न का उत्तर देते हुए तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की पर्यटन विकास कमेटी के उप प्रधान हूंग वेई ने कहा,"इधर के वर्षों में तिब्बत में पर्यटन उद्योग का उल्लेखनीय विकास हो पाया है । 13वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान हम पर्यटन के विकास उपयोगी बुनियादी उपकरणों के निर्माण में गति देंगे । पर्यटकों के तिब्बत में यात्रा करने वाले अनुमोदन कार्यक्रम में भी अधिक सुविधा प्रदान की जाएगी । देश विदेश के पर्यटकों को तिब्बत में यात्रा करने के लिए अधिक सुविधाजनक और श्रेष्ठ सेवाएं मिल पाएंगी । तिब्बत की यात्रा करने वाले देशी विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ने के साथ साथ हम उन्हें अधिक सुविधाएं प्रदान करेंगे ।"

    विदेशों के लिए द्वार खुलने से तिब्बत को अधिक समृद्धि और विकास मिलेगा , पर तिब्बत की खुली नीति से दक्षिण एशिया के लिए कैसा प्रभाव पड़ेगा । इस सवाल की चर्चा करते हुए नेपाल के चीन स्थित राजदूत महिश कुमार मास्की (Mahesh Kumar Maskey) ने कहा,"यह बिल्कुल सुअवसर है । हम यह जानते हैं कि तिब्बत, चीन के उन तीन प्रांतों में से एक है जिस की आर्थिक विकास दर सबसे ऊंचा है । वर्ष 2016 में तिब्बत की यात्रा करने वालों की संख्या भी दो करोड़ तीस लाख तक जा पहुंचेगी । इसी आधार पर तिब्बत को रेशम मार्ग आर्थिक विकास क्षेत्र की योजना में शामिल कराया गया है । इसतरह तिब्बत और नेपाल सहित दक्षिण एशिया देशों के साथ व्यापार की रकम बहुत हद तक बढ़ेगी ।"

    दक्षिण एशिया देशों में नेपाल की तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के साथ जुड़ने की सीमा सब से लम्बी है । तिब्बत के खुलने में नेपाल को सबसे ज्यादा आर्थिक लाभ मिलेगा । वर्ष 2015 के अप्रैल में गंभीर भूकंप ने नेपाल के पर्यटन उद्योग को गंभीर नुकसान पहुंचाया । नेपाल में ऊर्जा आपूर्ति समेत बुनियादी उपकरणों के निर्माण में बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा । तिब्बत के आर्थिक विकास में नेपाल को क्या अवसर मिलेगा ?इसी सवाल की चर्चित करते हुए मास्की ने कहा,"तिब्बत के आर्थिक परिवर्तन और तरक्की से नेपाल को लाभ मिलेगा । क्योंकि नेपाल विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है । तिब्बत को विश्व स्तरीय पर्यटन गंतव्य तय किया गया है । इसलिए नेपाल और तिब्बत के बीच सहयोग करने की पर्याप्त संभावना मौजूद है । रेशम मार्ग आर्थिक विकास क्षेत्र की योजना लागू करने के साथ साथ नेपाल भी तिब्बत के जरिये चीन के भीतरी इलाकों के साथ अधिक व्यापार कर सकेगा । इसी उद्देश्य में चीन-नेपाल सीमा पर बंदरगाह के बुनियादी उपकरणों का जोरों से निर्माण करना अनिवार्य होगा । इस के अलावा नेपाल भी चीन के जरिये तीसरे देश से आयात कर सकेगा । यह भी नेपाल को चीन की 13वीं पंचवर्षीय योजना से मिलने वाला आर्थिक लाभ होगा । साथ ही चीन-नेपाल सीमा के आसपास क्षेत्रों में विशेष आर्थिक क्षेत्र रखने का मनसूबा भी सामने आया है । चांग-मू और चि-लूंग बंदरगाहों पर विशेष आर्थिक क्षेत्रों का निर्माण चीन की 13वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान शुरू करने की संभावना है ।"

    वास्तव में तिब्बत में द्वार खुलने वाले कार्य सुव्यवस्थित तौर पर चल रहे हैं । मिसाल है विश्व ऊर्जा नेटवर्क की प्रस्तुति । रेशम मार्ग आर्थिक विकास क्षेत्र की योजना यानी बेल्ट और मार्ग योजना के अनुसार वर्ष 2020 तक तिब्बत और नेपाल के बीच बिजली आपूर्ति का नेटवर्क निर्मित किया जाएगा । इस नेटवर्क से दक्षिण एशिया के दूसरे देशों के राज्य ग्रिड के साथ जोड़ा जाएगा । वर्ष 2050 तक विश्व व्यापी ऊर्जा नेटवर्क का निर्माण समाप्त किया जाएगा । वर्तमान में चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में बिजली आपूर्ति की पर्याप्त क्षमता उपलब्ध हो चुकी है , जो नेपाल को बिजली-अभाव को हटाने में सक्षम है ।

    तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के विकास से दक्षिण एशियाई क्षेत्रों को वास्तविक लाभ मिल पाएगा , जबकि चीन के आर्थिक विकास से विश्व को अधिक लाभ और मौका मिलेगा । नेपाल के चीन स्थित राजदूत महिश कुमार मास्की ने कहा कि चीन के विकास से दूसरे देशों को कोई धमकी आने के बजाये उभय जीत मिलेगी । ये सच्च है ।

    ( हूमिन )

    1 2
    © China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
    16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040