पारिवारिक हॉटल के कमरे में
न्यिग्छी प्रिफेक्चर की मिलिन कांउटी के फाईचङ कस्बे के उप प्रमुख पात्से हैं। उन्होंने कहा कि दस से अधिक साल पहले मिलिन कांउटी में पर्यटन उद्योग के विकास के लिए बाहरी पूंजी का निवेश किया गया। पर्यटन कंपनियों ने पर्यटन स्थलों के विभिन्न पहलुओं में सुधार किया। इसी दौरान बड़ी राशि लगाई गई। शुरू में एक साल में सिर्फ़ 40 पर्यटक आए। लेकिन 2014 में पर्यटकों की संख्या बढ़कर 3 लाख तक पहुंच गई। मिलिन कांउटी ने स्थानीय पर्यटन उद्योग के विकास को आगे बढ़ाने के लिए कई उदार नीतियां अपनाईं। मसलन् तिब्बती पारिवारिक दावत और विशेष तिब्बती खानपान मुहैया करवाना, तिब्बती पारिवारिक हॉटल का विकास करना, पर्यटकों की सेवा में कुली संघ की स्थापना करना, पर्यटकों को गाइड सेवा देना, पर्यटन स्थलों में बुनियादी संस्थापनों के निर्माण में स्थानीय नागरिकों की भागीदारी को प्रोत्साहन करना इत्यादि। पर्यटन उद्योग के विकास से पर्यटन आय में बढ़ोत्तरी हुई है। मिलिन कांउटी की सरकार ने प्राप्त पर्यटन आय के आंशिक भाग को स्थानीय नागरिकों के कल्याण में लगाया। उदाहरण के तौर पर यालुचांगबु घाटी पर्यटन क्षेत्र में जनता के कल्याण के लिए कोष और घाटी शिक्षा कोष स्थापित किया। इस कदम से गुणी चक्र बखूबी अंजाम दिया गया। सोसोंग गांव, यहां तक कि पूरे फाईचङ कस्बे के भविष्य के प्रति कस्बे के उप प्रमुख पात्से बहुत आशाप्रद हैं। उन्होंने कहा:
"हम यालुचांगबू नदी के बड़ी घाटी क्षेत्र को राष्ट्र के 5 ए स्तरीय पर्यटन स्थलों में शामिल करने में प्रयासरत हैं। हमारे यहां कुल 15 गांव हैं, जो सब बड़ी घाटी क्षेत्र में शामिल हुए हैं। हम विभिन्न गांव में परियोजना बना रहे हैं। दर्शनीय स्थल निश्चित करना, पारिवारिक हॉटल खोलना, दृश्य देखने का मंच स्थापित करना, पर्यटन सेवा में बूथ तैयार करना आदि कार्य करना जरूरी है। पर्यटन उद्योग के विकास से स्थानीय किसानों और चरवाहों की आय में बढ़ोत्तरी होगी और स्थानीय आर्थिक विकास साकार होगा।"