शिक्षा का विकास किसी भी क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास का आधार और पूर्वशर्त माना जाता है। आज के इस कार्यक्रम में हम आपको तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के शाननान प्रिफेक्चर में शिक्षा के विकास के बारे में कुछ बताने जा रहे हैं।
शाननान प्रिफेक्चर तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के दक्षिण में स्थित है, ये जगह तिब्बती संस्कृति के विकास का स्रोत माना जाता है। शाननान क्षेत्र में मौसम सूखा और सर्द रहता है। इस क्षेत्र की औसत ऊँचाई 3700 मीटर है, क्षेत्र की कुल 12 काउटियां, 24 टाउनशिप, और 596 गांव सुरक्षित हैं। शाननान क्षेत्र में दर्जनों नदियां और झीलें बहती हैं जो अपनी दुर्लभ सुंदरता से पर्यटकों को आकर्षित कर रही हैं। शाननान क्षेत्र लगभग अस्सी हजार वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है और यहां की जनसंख्या 3.18 लाख है जिनमें 96 प्रतिशत लोग तिब्बती जाति के हैं।
पिछले कुछ वर्षों में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की तिब्बत कमिटी ने शिक्षा का जोरदार विकास करने की सिलसिलेवार नीतियां जारी की हैं, शाननान प्रिफेक्चर की सरकार ने भी, अपने क्षेत्र की विशेषता के अनुसार, शिक्षा के विकास को महत्व देने का कदम उठाया है। उन्होंने अध्यापन की शक्तियां बढ़ाने के माध्यम से शिक्षा का ज़ोरदार विकास करने में उल्लेखनीय प्रगति प्राप्त की है। शाननान प्रिफेक्चर एक विशाल क्षेत्र है जहां कुल 12 काउटियां फैली हुई हैं। शाननान प्रिफेक्चर की पार्टी कमेटी के सचिव त्साई शूख्वान ने पिछले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र में शिक्षा कार्य का विकास करने में मिली सफलताओं का परिचय दिया।
उन्होंने कहा, " हमारे यहां 99 प्रतिशत से अधिक बच्चों को प्राइमरी स्कूल में भर्ती कराया जा चुका है। मिडिल स्कूलों की भर्ती दर भी सौ प्रतिशत तक जा पहुंची है जबकि हाई स्कूल स्तर की भर्ती दर 87 प्रतिशत है। अनिवार्य और इससे उन्नत स्तरीय शिक्षा का उल्लेखनीय विकास हो पाया है। हमारे क्षेत्र में 94 प्रतिशत छात्र स्कूलों में अपना पूरा अध्ययन काल समाप्त कर रहे हैं जो राजधानी ल्हासा की तुलना में भी बेहतर है।"
वर्तमान में शाननान क्षेत्र में कुल 380 विभिन्न तरीकों के स्कूल स्थापित हैं जिनमें एक हाई स्कूल, एक व्यावसायिक मिडिल स्कूल, 95 प्राइमरी स्कूल और 157 किंडर-गार्टन शामिल हैं। इन सभी विद्यालयों में कुल 57 हज़ार 2 सौ 91 छात्र पढ़ रहे हैं। सचिव त्साई के अनुसार शाननान क्षेत्र में शिक्षा कार्य का विकास देश के आवंटन से आधारित है। अब तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में 15 वर्षों के लिए नि:शुल्क शिक्षा लागू की गई है। यानी तीन वर्ष के लिए पूर्वस्कूली शिक्षा, नौ वर्ष के लिए अनिवार्य शिक्षा और तीन वर्ष हाई स्कूल की शिक्षा के काल में छात्रों को एकदम नि:शुल्क शिक्षा दी जाती है। सन 1985 से छात्रों को स्कूलों में खाद्य पदार्थ, निवास स्थान और ट्युशन खर्च सबकुछ नि:शुल्क उपलब्ध है। हर वर्ष प्रति छात्र देश की तरफ से तीन हज़ार युवान का भत्ता दिया जाता है। पाँच लाख से अधिक तिब्बती किसानों और चरवाहों को इस नीति से लाभ मिल रहा है।
जबकि चीन के अधिकांश क्षेत्रों में 9 वर्ष की अनिवार्य शिक्षा दी जा रही है वहीं तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में 15 वर्ष नि:शुल्क शिक्षा का प्रावधान चलता है। सरकार ने किसानों और चरवाहों के छात्रों को हाई स्तर की शिक्षा लेने के लिए प्रोत्साहित किया है और इसके चलते उत्तम नीतियां भी जारी की हैं।
सचिव त्साई शूख्वान ने बताया, " प्रिफेक्चर की सरकार ने वर्ष 2012 से किसानों और चरवाहों के बच्चों को विशेष भत्ता प्रदान करना शुरू किया था। किसानों और चरवाहों के बच्चे, जो भीतरी इलाकों के कालेजों में पढ़ते हैं, को छह हजार युवान का भत्ता दिया जाता है। जबकि भीतरी इलाकों के व्यवसायिक स्कूलों या स्वायत्त प्रदेश के कालेजों में पढ़ते हैं, को भी चार हजार युवान का भत्ता दिया जाता है। तिब्बती बच्चों, जो स्वायत्त प्रदेश के व्यवसायिक स्कूलों में पढ़ते हैं, को भी दो हजार युवान दिया जाता है।"
पर सचिव त्साई शूख्वान ने कहा कि शाननान प्रिफेक्चर एक विशाल इलाका है और लोग भी बिखरे हुए रहते हैं। इसलिए कुछ तिब्बती बच्चे दूरी के डर से स्कूल जाना नहीं चाहते। शाननान सरकार ने सभी बच्चों की शिक्षा की गारंटी के लिए अथक प्रयास किया ताकि बच्चे स्कूलों में अध्ययन करने का अवसर न छोड़ें। सचिव त्साई शूख्वान ने इसका सिलसिलेवार परिचय दिया।
उन्होंने कहा, " अगर किसी छात्र ने स्कूल जाना छोड़ दिया हो, तो सरकार की तरफ से कुछ कदम उठाना ही है। काउंटी सरकार ने सभी छात्रों के मां-बाप के साथ जिम्मेदारी पत्र पर हस्ताक्षर किये हैं। छात्रों के भर्ती पत्र, छुट्टियों वाले पत्र और स्कूल में वापसी वाली सूचना पत्र आदि सबपर छात्रों के मां-बाप के हस्तक्षर होना चाहिये। साथ ही विभिन्न टाउनशिप के आवंटन खर्च को भी इस टाउनशिप के शिक्षा कार्य के साथ जोड़ना पड़ेगा। अगर किसी टाउनशिप में छात्रों की स्कूल में अध्ययन छोड़ने की बात हो, तो सरकार इस टाउनशिप के खर्च में भी कटौती करेगी।"
शाननान प्रिफेक्चर ने शिक्षा कार्यों के विकास में भारी आवंटन करने और किसानों और चरवाहों के घर को उत्तम नीति अपनाने के अतिरिक्त उत्तम अध्यापकों के प्रशिक्षण को भी प्राथमिकता दे दी है। शाननान प्रिफेक्चर के प्रथम प्राइमरी स्कूल के प्रमुख केल्सांग नोद्रुप ने कहा कि तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की पार्टी कमेटी और शाननान सरकार अध्यापकों के प्रशिक्षण को महत्व देती रहती हैं। यहां अध्यापकों को वेतन देने में देरी कभी नहीं हुई। इसके बजाय अध्यापकों के लिये कई उत्तम नीतियां अपनायी गयी हैं।
उन्होंने कहा, " वर्ष 2012 में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की पार्टी कमेटी ने ग्रामीण क्षेत्रों में अध्यापकों को जीवन भत्ता नियमावली जारी की थी, जो हमारे लिये बहुत प्रेरित करने वाला कदम है। हमारे शाननान क्षेत्र को दूसरा स्तर तय किया जाता है और हमारे हरेक अध्यापक के लिए प्रति माह चार सौ युवान का भत्ता मिलता है। तीसरे स्तर प्रति माह आठ युवान और चौथे को 1200 यवान। यानी जिस क्षेत्र की ऊँचाई अधिक है, उस क्षेत्र में जीवन भत्ता भी ज्यादा है। शहरों में रहने वाले अध्यापकों को ऐसा भत्ता नहीं मिलता है। स्वायत्त प्रदेश की सरकार ने सुनसान या दुर्गम क्षेत्रों के अध्यापकों के लिये विशेष रूप से यह नीति अपनायी है। "
क्योंकि शाननान क्षेत्र की ऊँचाई उन्नत होने के सिवा यहां का वातावरण भी बहुत खराब है। यहां काम करने वाले अध्यापकों को उत्तम व्यावहार देना स्वाभाविक है। इसलिए शाननान क्षेत्र की सरकार ने वर्ष 2010 से पहाड़ी और सुनसान क्षेत्रों में काम करने वाले अध्यापकों को हर पाँच वर्षों के लिए बीस हजार युवान का पुरस्कार देना शुरू किया था। इसके सिवा शाननान क्षेत्र ने वर्ष 2013 से आदर्श विजेता अध्यापक निर्वाचित करना शुरू किया था। अगर किसी अध्यापक को आदर्श सम्मानित किया गया है, तो इनके वेतन में प्रति माह दो सौ युवान की वृद्धि होगी। इनाम देने का उद्देश्य अध्यापकों को परिश्रम से काम करने के लिए प्रोत्साहित करना है। केल्सांग नोद्रुप भी शाननान क्षेत्र के आदर्श अध्यापक का सम्मान पाने वाले अध्यापक हैं। उन्होंने अपने यहां के विद्यालयों को मिलने वाली उत्तम नीतियों का परिचय दिया।
उन्होंने कहा, " हमारे शाननान क्षेत्र में सभी स्कूलों में अध्यापकों का घर स्थापित किया गया है जिससे अध्यापकों और कर्मचारियों को रोजमर्रा की समस्याओं से निजात दिलाई गयी है। जैसे अध्यापक स्कूल के मेस में छात्रों की ही तरह नि:शुल्क खाना खा सकते हैं। अध्यापकों को जीवन के बारे में ध्यान लगाने की जरूरत नहीं है, सिर्फ जी जान से अपना काम करना चाहिये। इसी तरह से हमारे सभी अध्यापक अच्छी तरह अपना व्यावसाय निभाते रहते हैं। "
केंद्र सरकार और स्वायत्त प्रदेश की सहायता के सहारे शाननान प्रिफेक्चर की सरकार ने पूरी शक्ति से शिक्षा कार्यों का विकास किया और शिक्षा के गुणों को उन्नत करने में उल्लेखनीय प्रगतियां हासिल की हैं। शाननान क्षेत्र भी तिब्बत में शिक्षा का विकास करने का आदर्श क्षेत्र निर्वाचित किया गया है। सचिव त्साई शूख्वान ने कहा कि शिक्षा कार्य का विकास करने से तिब्बत के विकास के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगा।
उन्होंने बताया, " शिक्षा का विकास करना तिब्बत में दूसरे कार्यों का आधार है। शिक्षा का विकास करने से ही तिब्बत को वर्ष 2020 तक खुशहाल समाज बनाने और सामाजिक स्थायीत्व बनाए रखने की पूर्वशर्त है। शिक्षा के विकास ने तिब्बत के भविष्य और जनवादी एकता के लिए नींव डाली है। इसलिए मेरा विचार है कि शिक्षा कार्यों का विकास करने का विशेष महत्व प्राप्त है।"
शाननान प्रिफेक्चर के शिक्षा ब्यूरो से प्राप्त सामग्रियों के अनुसार वर्ष 2011 से क्षेत्रीय सरकार ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय कमेटी के सिद्धांतों का अनुपालन करके शिक्षा रूपांतर को गहराने का अथक प्रयास किया और सुव्यवहारिक तौर पर सभी तरीकों की शिक्षा कार्यों के विकास को सफल बनाया।
शाननान क्षेत्र को शिक्षा के विकास में कुछ अनुभव मिला है, उदाहरण के तौर पर द्विभाषिक शिक्षा व्यवस्था लागू को करना। वर्ष 2014 में शाननान क्षेत्र में कुछ प्राइमरी स्कूलों और किंडर-गार्टन में द्विभाषिक शिक्षा की परीक्षा समाप्त हुई और 222 पूर्व स्कूली क्लास स्थापित किये गये। वर्तमान में पूरे शाननान क्षेत्र में कुल 5522 बच्चे द्विभाषिक शिक्षा के पूर्व स्कूली क्लास में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, ग्रामीण और चरवाहे क्षेत्रों में 58 प्रतिशत बच्चों की स्कूलों में भर्ती की गयी है और शहरों में 80 प्रतिशत बच्चे स्कूलों में दाखिल हुए हैं। वर्ष 2015 में शाननान क्षेत्र के सभी प्राइमरी स्कूलों में कम्प्यूटर और मल्टीमीडिया कक्षाओं की स्थापना भी समाप्त की गयी है।
शाननान क्षेत्र में शिक्षा कार्य के संतुलित विकास को महत्व दिया जाता है। काउटी स्तरीय शिक्षा संस्था को स्वयं प्रबंध करने का अधिकार प्राप्त है और ग्रामीण क्षेत्रों में अनिवार्य शिक्षा के खर्च की गारंटी की जिम्मेदारी व्यवस्था लागू की जा रही है। इसमें छात्रों की भर्ती दर बनाये रखने, पुराने वाले मकानों का जीर्णोद्धार करने, स्कूलों का प्रबंध करने, प्रशिक्षण और सामग्रियों का संशोधन करने जैसे कार्यों को विशेष महत्व दिया गया है। प्राइमरी और मिडिल स्कूलों के साजो सामान, मकानों और पुस्तकों जैसे संसाधनों के आवंटन में सुनसान क्षेत्रों के स्कूलों और अपेक्षकृत कमज़ोर स्कूलों को अधिक सहायता दी गयी है, जिससे भिन्न क्षेत्रों और स्कूलों के बीच अन्तर को कम किया गया है और अनिवार्य शिक्षा का संतुलित विकास संपन्न किया गया है।
इसके साथ साथ शाननान प्रिफेक्चर में हाई स्कूल का विस्तार करने की कोशिश भी चल रही है। मिडिल स्कूलों के सभी स्नातकों, जो हाई स्कूल में पढ़ने योग्य हैं, को हाई स्कूल में दाखिल करवाया जाएगा। अभी प्रिफेक्चर में दो हाई स्कूल बन चुके हैं जिनमें नौ हजार छात्र पढ़ रहे हैं, अधिक छात्रों की भर्ती करवाने के लिए तीसरा हाई स्कूल भी निर्माणाधीन है। " शाननान प्रिफेक्चर हाई स्कूल रूपातंर रूपरेखा " के मुताबिक सभी स्कूलों में शिक्षण और सीखने के तरीकों का रूपांतर भी चलाया जा रहा है। अध्यापकों की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए सभी अध्यापकों को एक दूसरे का शिक्षण दर्शन करवाया गया है। साथ ही छात्रों के विचारों और पढ़ाई का मार्ग निर्देशन करने के जरिये छात्रों की व्यापक गुणवत्ता को भी बढ़ावा मिला है। अनिवार्य शिक्षा के अतिरिक्त व्यवसायिक शिक्षा का भी जोरों से विकास किया जाना चाहिये। अब शाननान क्षेत्र में एक व्यवसायिक स्कूल स्थापित होने के सिवा विभिन्न काउंटियों में भी अपने अपने व्यवसायिक शिक्षालयों की स्थापना की गयी है। छात्रों ने व्यवसायिक स्कूलों में मोटर गाड़ी की मरम्मत, भोजन बनाने, फसल की बुवाई आदि का कौशल सीखा। शाननान प्रिफेक्चर ने अपने यहां व्यवसायिक शिक्षा पर ज़ोर देने के सिवा बहुत से छात्रों को भीतरी इलाकों में भेजने का काम भी किया है। आम छात्रों के शिक्षण पर जोर देना चाहिये पर उन विकलांग या अपंग छात्रों को शिक्षा पाने का अधिकार दिलाने का विशेष महत्व है। मध्य चीन के हूनान प्रांत की मदद में शाननान प्रिफेक्चर ने अपने क्षेत्र में विकलांग छात्रों के लिए " विशेष शिक्षा स्कूल और अध्यापकों के प्रशिक्षण की योजना " तैयार की है और विशेष शिक्षा के लिए उपयोगी सामग्रियों और पुस्तकों का प्रबंध किया। विशेष शिक्षालयों में कार्यरत तीस अध्यापकों को सब हूनान प्रांत के छांगशा और ल्हासा शहर में एक साल के लिए प्रशिक्षण दिया गया।