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अनिलः लीजिए दोस्तो, पोग्राम शुरू करते हैं।
धरती को और ज्यादा गर्म होने से बचाने के लिए हो रहे जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में अंतिम मसौदा तैयार करने को लेकर पिछले दो हफ्तों से चली आ रही रस्साकसी आखिरकार खत्म हो गई है। ऐतिहासिक अंतिम मसौदा गत् शनिवार को सम्मेलन में पेश कर दिया गया।
मसौदे में ग्लोबल वॉर्मिंग को दो डिग्री सेल्सियस से नीचे रखने और 2020 से इस समस्या से निपटने के लिए विकासशील देशों को हर साल 100 अरब डॉलर की मदद देने की प्रतिबद्धता जताई गई है। मसौदा तैयार करने पर अंतिम सहमति नहीं बन पाने की वजह से शुक्रवार को सम्मेलन को एक दिन के लिए और बढ़ा दिया गया था।
मसौदे में जीवनशैली और विकासशील देशों की मदद संबंधी भारत की चिंताओं का भी ख्याल रखा गया है। माना जा रहा है कि जल्द ही इस मसौदे पर सदस्य देश भी अपनी मंजूरी दे देंगे, जिससे यह मसौदा कानूनी तौर पर सदस्य देशों के लिए बाध्यकारी हो जाएगा। इस बीच, 134 विकासशील देशों वाले समूह समेत अमेरिका, चीन और सऊदी अरब ने जलवायु परिवर्तन पर प्रस्तावित मसौदे का स्वागत करते हुए समर्थन दिया है।