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    आपका पत्र मिला 2015-12-02
    2015-12-11 14:21:58 cri

    अनिल:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल पांडे का नमस्कार।

    मीनू:सभी श्रोताओं को मीनू का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अनिलः आज के कार्यक्रम में हम श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। इसके बाद एक श्रोता के साथ हुई बातचीत के मुख्य अंश पेश किए जाएंगे।

    अनिल:चलिए श्रोताओं के पत्र पढ़ने का सिलसिला शुरू करते हैं। पहले पत्र हम पढ़ते हैं ओड़िशा से हमारे मोनिटर सुरेश अग्रवाल जी का। उन्होंने लिखा है....

    22 नवम्बर को ताज़ा अन्तराष्ट्रीय समाचारों में देश-दुनिया के हालात का ज़ायज़ा लेने के बाद हमने इस बार का खास साप्ताहिक "सण्डे की मस्ती" भी पूरे मनोयोग से सुना। सण्डे स्पेशल में सीआरआई उपनिदेशक के समक्ष दिये अपने भाषण के अंश सुन कर मेरी अपनी पेइचिंग यात्रा की याद ताज़ा हो उठी। इस सम्मान के लिये आपका ह्रदय से आभार। अज़ब-गज़ब किस्सों में आज अमेरिका के लॉस एंजिल्स में रहने वाले पांच साल के विलक्षण बालक सैमगोने के बारे में जान कर बहुत हैरत हुई। कृपया सम्भव हो, तो उस बालक के बारे में पूरी कहानी उसकी तस्वीर सहित अपनी वेबसाइट पर लगाने का कष्ट करें। चीन की सबसे मोटी महिला द्वारा अपना वज़न घटाने की दास्तान भी कम प्रेरक नहीं थी। बांग्लादेश में दो महीने पहले पैदा हुआ एक दो सिरों वाला बच्चा स्वस्थ है, ईश्वर का धन्यवाद। अपनी शादी के बारे में चीनी युवक-युवतियों के नज़रिये पर दी गई जानकारी भी काफी सूचनाप्रद लगी। चीन ही में दो हज़ार साल पुरानी ताम्बे से बनी ऐसी लालटेन, जो कि धुंआ भी सोख लेती है, वास्तव में गज़ब की खोज़ है। प्रेरक कहानी में गधे द्वारा निर्मित पगडण्डी पर चलने तथा धारावाहिक महाभारत में भगवान श्रीकृष्ण की महत्वपूर्ण सीख "जैसा कार्य वैसा न्याय" वास्तव में, प्रेरक लगी। जोक्स और चुटकुलों में आज हास्यकवि अरुण जेमिनी के लज़ीज़ हरियाणवी चुटकुले और कविता सुनते-सुनते तो पेट में बल पड़ गये। आज के कार्यक्रम में पेश अन्य तमाम जोक्स भी काफी उम्दा थे। धन्यवाद एक अच्छी प्रस्तुति के लिये।

    श्रृंखला "पश्चिम की तीर्थयात्रा" में आज अन्ततः महानमनीषी ने भारतीय राज़ा की कन्या का असली रूप भी सामने ला कर रख ही दिया। वैसे इस महान गाथा को सुनते हुये यक़ीन नहीं होता कि उस काल में भी इतनी जादुई और तिलिस्मी शक्तियां मनुष्य के पास होती होंगी। कहीं यह ग्रन्थ कोरी कल्पनाओं पर तो आधारित नहीं है। कृपया जिज्ञासा का शमन करें। धन्यवाद।

    मीनू:सुरेश अग्रवाल जी, हमें रोजाना पत्र भेजने के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद। चलिए, अगला पत्र मेरे हाथ आया है नेपाल से उमेश रेग्मी जी का। उन्होंने लिखा है कि गत 23 अक्टूबर को मेरी माता जी का निधन हो गया था। जिसके चलते कुछ दिनों तक आपका प्रोग्राम नहीं सुन सका था।

    मैंने आपकी वेब साइट से 4 नवंबर का आपका पत्र मिला प्रोग्राम सुना। जिसमें मेरा पत्र भी शामिल किया गया था और आपकी वेब साइट में मेरे द्वारा भेजी गयी फोटो लगाने के लिए शुक्रिया।

    आपकी वेबसाइट से चाइना रेडियो इंटरनेशनल से "मैं चीन का प्रशंसक हूं "नामक गतिविधि के विजेता भारत देश के सुरेश अग्रवाल जी की चीन यात्रा बिषय पर कुछ दैनिक डायरी पढ़ने को और कुछ फोटो देखने को मिले। जिससे मुझे चीन के बारे में जानकारी मिली और अपनी चीन यात्रा पर सितंबर 2010 मे मुझे भी थ्यान अन मन चौक आदि के साथ-साथ सीआरआई भी जाने का मौका मिला था। 18 नवंबर को " मैं चीन का प्रशंसक हूं " नामक गतिविधि के विजेता शुरेश अग्रवाल जी की आवाज में भ्रमण का अनुभव सुनने को मिला। इसके लिए अनिल और मीनू जी को धन्यवाद।

    अनिल:उमेश रेग्मी जी, हमें पत्र भेजने के लिए आपका शुक्रिया। चलिए, अगला पत्र हम पढ़ते हैं पश्चिम बंगाल से बिधान चंद्र सान्याल जी का। उन्होंने लिखा है....दिनांक 11 नवम्बर को कार्यक्रम में देश विदेश के ताजा समाचार सुनने के बाद पसंदीदा कार्यक्रम आपका पत्र मिला सुना। इसके तहत सुरेश जी, डा.हेमंत कुमार, मेरे, शाहिद आजमी, देवशंकर जी और रविशंकर जी के पत्र सुनने को मिले। इसके बाद आजमगढ़ के मुहम्मद जी के साथ बातचीत बहुत अच्छी लगी। सुंदर प्रस्तुति के लिए सभी को धन्यवाद।

    दिनांक 14 नबंवर को आपकी फरमाइस आपकी पसंद में श्रोताओं का पसंदीदा गाना और रोचक जानकारियां मिली। खासकर कैंसर पर नियंत्रण करने की महत्वपूर्ण जानकारी बहुत अच्छा लगी और एक नयी आशा की किरण जगी। 15 नबंवर को सण्डे की मस्ती में चीनी गाना, आकाश से ताजमहल सुनने को मिला। साथ ही तमाम दूसरी जानकारी खासकर आलू में गौमाता की झलक आदि सभी अच्छे लगे।

    मीनू:विधान चंद्र सान्याल जी, रोजाना हमारे कार्यक्रम सुनने और हमें पत्र भेजने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। चलिए, अगला पत्र हमें भेजा है उत्तर प्रदेश से सादिक आज़मी जी ने। उन्होंने लिखा है.....

    सीआरआई के कार्यक्रम सुनने के साथ-साथ आपकी वेबसाइट पर विजिट करना हमारा दैनिक कार्य बन चुका है और हर प्रकार की खबरों एवं समीक्षा पर हमारी पहली नजर रहती है। विगत दिनों में एक लेख पढ़ने को मिला, जिससे चीनी कृषि क्षेत्र के बारे में बहुत कुछ जानने और समझने का अवसर मिला। विशेष तौर पर उल्लेख करना चाहूंगा चीन के उप कृषि मंत्री का, जिन्होंने कहा कि चीन के 283 कृषि आदर्श क्षेत्रों में से 44 में आधुनिकीकरण व्यवस्था बहाल हो चुकी है। इसका मतलब है कि देश के एक छठवें कृषि आदर्श क्षत्रों में आधुनिकीकरण का कार्य संपन्न हो चुका है। उनके अनुसार वर्ष 2020 तक देश में सभी कृषि आदर्श क्षेत्रों के आधे भाग में आधुनिकीकरण का काम पूरा किया जाएगा। जो निःसंदेह बहुत बड़ी उपलब्धि कही जाएगी, और अगर उनके विचारों की बात करें तो स्पष्ट हो जाता है कि देश के कृषि आदर्श क्षेत्रों को कृषि के नये ढंग से विकास के रास्ते में प्रगतिशील होना चाहिये। और जिस प्रकार कृषि मंत्रालय ने वर्ष 2010, 2012 और इस वर्ष जनवरी में 283 देसी कृषि आदर्श क्षेत्र स्थापित किये हैं।उन आंकड़ों के अनुसार इन 283 आदर्श क्षेत्रों में देश का 40 प्रतिशत अनाज उत्पन्न किया जाता है। और इससे उच्च मापदंड वाली कृषि का अनुपात 53 प्रतिशत रहता है और मशीनरी के प्रयोग का स्तर भी 75 प्रतिशत तक जा पहुंचा है, जो देश के औसत स्तर से अधिक है। वर्तमान समय जिस प्रकार चीन आर्थिक सुधार कर विश्व में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। उसी प्रकार कृषि के क्षेत्र में नए प्रयोग दूसरे देश के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं। आशा करता हूं भारत जैसा देश चीन की नई योजनाओं से सबक लेगा और कृषि के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित करेगा। वैसे भारत एक कृषि प्रधान देश है और आयात निर्यात का मुख्य स्रोत कृषि से जुड़ा है जो देश की आर्थिक स्थिति को सुधारने में एक अहम भूमिका अदा करता है। जानकारी के लिए शुक्रिया।

    अनिल:सादिक आज़मी जी, हमारी वेबसाइट पर विजिट करने और हमारी खबरों पर टिप्पणी करने के लिए हम आपको धन्यवाद देते हैं। चलिए, अगला पत्र आपको सुनाया जा रहा है छत्तीसगढ़ से चुन्नीलाल कैवर्त जी का। उन्होंने चीन की 13वीं पंचवर्षीय योजना के बारे में हमें एक विशेष पत्र भेजना है। आइए, सुनते हैं......

    चाइना रेडियो इंटरनेशनल के सभी कर्मचारी भाई बहनों को मेरा प्यार भरा नमस्कारl आशा है,आप सब सकुशल एवं प्रसन्न होंगेl

    खुशहाल समाज के संघर्ष लक्ष्य को साकार करने और अनवरत आर्थिक व सामाजिक विकास को आगे बढ़ाने के लिए चीन की 13वीं पंचवर्षीय योजना की आउटलुक के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलीl इसके लिए सीपीसी केंद्रीय समिति ने जो सुझाव प्रस्तुत किये हैं,वे सभी चीन को एक महान राष्ट्र बनाने और 100 वर्षीय संघर्ष लक्ष्य को साकार करने की दिशा में प्रभावी और ठोस कदम हैंl योजना के अनुसार 13वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान पूरे चीन में लगभग 6000 " सुहावना गांव " स्थापित होंगे। इसके तहत वर्ष 2016 से 2 वर्षों के लिये चीनी सरकार हर वर्ष प्रत्येक गांव को 15 लाख चीनी युआन की वित्तीय सहायता देगी। ग्राम निर्माण पर नियोजन, बुनियादी सुविधा, लोक सेवा, औद्योगिक विकास और पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जायेगाl चीन सरकार नगरीय विकास के साथ-साथ ग्रामीण विकास पर भी बहुत अधिक ध्यान दे रही हैl यह प्रशंसनीय और सार्थक प्रयास हैl भारत सरकार को भी चीन की 13 वीं पंचवर्षीय योजना से प्रेरणा लेनी चाहियेl

    वर्ष 2020 तक घरेलू उत्पादन मूल्य और शहरी व ग्रामीण नागरिकों की प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2010 की अपेक्षा दुगुना बढ़ने का लक्ष्य रखा गया है। इस दौरान चीन में आर्थिक औसत वार्षिक वृद्धि की न्यूनतम रेखा 6.5 प्रतिशत होगी। आर्थिक सुधार की दिशा में यह भी एक महत्वपूर्ण कदम है l सूचना प्राद्यौगिकी के विषय पर भी सुझाव प्रस्तुत किये गयेl सक्रिय इंटरनेट संस्कृति का विकास करना चाहिए और इंटरनेट के वातावरण को साफ़ करना चाहिए।13वीं पंचवर्षीय योजना के अनुसार व्यापक रूप से एक दंपति दो बच्चे पैदा करने की नीति लागू की जाएगी। चीनी समाज में जनसंख्या बढ़ाने और बुजुर्ग होती आबादी से दबाव कम करने के लिए इस नीति को लागू करना बहुत जरुरी था l बुजुर्ग आबादी की स्थिति दिन-ब-दिन गंभीर हो रही है। श्रम आपूर्ति को बढ़ावा देने और जनसंख्या के संतुलित विकास को मजबूत करने के लिए एक दंपति दो बच्चे की नीति लागू करना एक महत्वपूर्ण कदम है। मुझे आशा है, 13वीं पंचवर्षीय योजना, चीन में सर्वांगीण खुशहाल समाज के निर्माण में निर्णायक साबित होगी। अब चीन में आर्थिक परिवर्तन हो रहा हैl पूरे विश्व के लिए भी यह अच्छी बात हैl इस सुधार से विश्व को विकास के व्यापक मौके मिलेंगे।

    चीन की 13वीं पंचवर्षीय योजना की आउटलुक प्रस्तुत करने के लिए सीआरआई का हार्दिक धन्यवादl सी.आर.आई. हिंदी प्रसारण की सभी सभाओं का रिसेप्शन उत्तम हैl

    मीनू:चुन्नीलाल जी, हमें बहुत खुशी है कि आप चीन की 13वीं पंचवर्षीय योजना पर इतना ध्यान देते हैं। हमें पत्र भेजने और अपना विचार हम तक पहुंचाने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। चलिए, अगला पत्र मेरे हाथ आया है बिहार से राम कुमार नीरज जी का। उन्होंने लिखा है.....

    रिपोर्टों की ताजा कड़ी में जर्मनी के पूर्व प्रधानमंत्री हेल्मट श्मिट के निधन पर आपकी साइट पर एक रिपोर्ट पढ़ी.प्रस्तुत रिपोर्ट के माध्यम से इस दुखद घटना के बारे में करीब से जाना.मेरी ओर से भी उनको हार्दिक संवेदनाएं. पश्चिमी जर्मनी के पूर्व चांसलर हेलमुट श्मिट का निधन यूरोपीय देशों के साथ साथ बाकी दुनिया के लिय भी बेहद दुखद समाचार है। वह 96 वर्ष के थे, वर्ष 1974 से 1982 तक पश्चिमी जर्मनी के चांसलर रहे श्मिट सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्य थे और उन्हें आधुनिक यूरोपीय मुद्रा प्रणाली का वास्तुकार माना जाता है.इस प्रणाली के ज़रिए यूरोपीय मुद्रा को जोड़ा गया और यूरो चलन में आया. एक अच्छी रिपोर्टिंग के लिए शुक्रिया.धन्यवाद।

    अनिल:राम कुमार नीरज जी, हमें पत्र भेजने के लिए आपका शुक्रिया। आगे पेश है झारखंड से एस बी शर्मा जी का पत्र। उन्होंने लिखा है.....

    सी आर आई की वेबसाईट पर एक कार्टून वीडियो कुछ दिनों से चल रहा हैI समझ में नहीं आ रहा था की यह है क्या ? शुरू में में लिखा था चाइना नाऊ, आगे तो और भी मुश्किल था अंदर के पन्नो पर कई जगह तेरह दशमलव पांच लिखा हैI मैंने कई बार बारीकी से इसे देखा तो समझ में आया कि यह चीन की तेरहवी पंचवर्षीय योजना के विषय में विस्तार से बताने के लिए बनाया गया हैI कार्टून के माध्यम से यह बताया गया है की हर वर्ष चीन के राष्ट्राध्यक्ष सहित थिंक टैंक , वैज्ञानिक, डॉक्टर, इंजीनियर आदि एक जगह पर जुटते हैं। चीन जैसे विशाल राष्ट्र के लिए बड़े पैमाने पर विचार मंथन करते हैं। उस मंथन से निकली नीति को डिस्कसन के बाद लिखे जाता है और बाद में पारित कर नियम के रूप में पारित किया जाता है। उसका उपयोग देश के विकास में किया जायेगा यह कार्टून वीडियो रोचक लगा।

    सी आर आई के मॉनिटर और पुराने श्रोता सुरेश अग्रवाल जी का मैं चीन का प्रसंशक हूँ नामक गतिविधि में विजेता चुने जाने पर उनको बहुत बहुत बधाई और सी आर आई को भी धन्यवाद कि आपने अपने और चीन के प्रसंशक को सम्मानित करने का कार्यक्रम आयोजित किया। उम्मीद है सुरेश अग्रवाल चीन से ढेर सारे अविस्रमणीय यादें लेकर देश आएंगे और चीन के बारे में बहुत कुछ जान कर स्वदेश लौटेंगे। सुरेश अग्रवाल द्वारा लिखी पांच दिनों की डायरी पढ़ी, अच्छा लगी। चीन में ये काफी जगहों पर गए और नया अनुभव प्राप्त किये। उम्मीद है इस तरह के कार्यक्रम आगे भी जारी रहेगा और मुझे भी चीन भ्रमण का मौका मिलेगा

    मीनू:एस.बी शर्मा जी, हमें पत्र भेजने और अपनी मन की बात हम तक पहुंचाने के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद। मुझे विश्वास है कि जब तक आप सीआरआई के साथ यूं ही जुड़े रहेंगे, तब तक आपको चीन की यात्रा करने का मौका जरूर मिल जाएगा। चलिए, अंत में आप सुनेंगे पश्चिम बंगाल से मोनिटर रविशंकर बसु जी का पत्र। उन्होंने लिखा है.......

    20 नवंबर,2015,शुक्रवार को मैडम श्याओ थांग जी द्वारा पेश किये गए साप्ताहिक "चीन का तिब्बत" प्रोग्राम बड़े ध्यान से सुना।

    आज के "चीन का तिब्बत" प्रोग्राम में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की आली प्रिफैक्चर की काअर कांउटी के लूमा गांव में रहने वाली एक तिब्बती महिला डॉक्टर आंग्च्वो की चिकित्सीय जीवन के बारे में हमें एक रिपोर्ट सुनने को मिली, जो मुझे बहुत ही प्रेरक लगी। रिपोर्ट ध्यान से सुनकर मुझे पता चला कि 41 साल पहले स्कूली पढ़ाई करने के बाद उन्होंने सरकार द्वारा चिकित्सक से संबंधित प्रशिक्षण लिया और अपने जन्मस्थान वापस लौट आए। आज 30 साल तक वह पैदल चलकर गांव - गांव में घूमकर कार्य करते है। स्थानीय वासी डॉक्टर आंग्च्वो के प्रशंसक हैं। एक स्थानीय महिला ने कहा कि वे डॉक्टर आंग्च्वो की बहुत आभारी हैं क्योंकि उनके द्वारा की गई अच्छी देखभाल से वह महिला गर्भवती हुई है और अब उनके दो बच्चे हैं। सुना है कि एक बार किसी रोगी के इलाज के दौरान रक्त की आवश्यकता थी। लेकिन लूमा गांव में रक्त नहीं मिल सका था। डॉक्टर आंग्च्वो ने खुद रक्त देकर रोगी का इलाज किया जो वाकई एक प्रशंसनीय काम है।

    57 वर्षीया डॉक्टर आंगच्वो ने कहा कि लूमा गांव में चिकित्सा प्रणाली बहुत कमज़ोर और अपर्याप्त है। गांव के चिकित्सा सेवा हाउस में सिर्फ़ पेनिसिलिन जैसी सरल दवाईयां ही उपलब्ध हैं। इसीलिए जब गांव में गंभीर बीमारी यानी संक्रामक रोग पैदा होते हैं। ऐसे में वे गांववासियों को इलाज के लिए दवाईयां भी देते हैं। सुना है कि लूमा गांव में 105 परिवारों के 367 लोग रहते हैं और सरकार की तरफ से हर व्यक्ति को 200 युआन का चिकित्सा भत्ता मिलता है। गांववासियों के इलाज के लिए दवाईयां खरीदने में कितना खर्च होता है,वह डॉक्टर आंगच्वो ने अपनी नोटबुक में रिकॉर्ड रखती है। और साल के अंत में सभी गांववासियों एक साथ मिलकर खर्चों का भुगतान करते हैं। कभी कभार वहां की स्थानीय सरकार ग्रामीण डॉक्टरों का चिकित्सीय ज्ञान बढ़ाने और प्रशिक्षण देने के लिए राजधानी पेइचिंग के डॉक्टरों को बुलाती है। डॉक्टर आंग्च्वो को सरकार से 1 हज़ार युआन का भत्ता मिलता है जिसमें जीवन बसर करना आसान नहीं है। इसीलिए वे खेती का काम करने के साथ-साथ घर में 120 भेड़ों और 18 याक भी पालती हैं। गांव के मुखिया ने कहा कि वर्तमान में सरकार द्वारा लूमा गांव में चिकित्सा सेवा केन्द्र स्थापित किया गया है। जिसमें चिकित्सीय उपकरण अब भीतरी इलाकों से पहुंचाया जा रहे हैं। आज वहां शल्य चिकित्सा के अलावा, आम बीमारी का इलाज किया जा रहा है। मैं डॉक्टर आंग्च्वो की चिकित्सीय सेवा कार्य को तहे दिल से सराहना करता हूं।

    अनिल:रविशंकर बसु जी ने आगे लिखा है......आज "दक्षिण एशिया फोकस" प्रोग्राम में पंकज श्रीवास्तव जी ने पत्रकार उमेश चतुर्वेदी जी के साथ 15 से 16 नवंबर को तुर्की के अंताल्या (Antalya) शहर में आयोजित जी-20 समूह के शिखर सम्मेलन को लेकर चर्चा की। उमेश जी ने भारत और चीन की वर्तमान आर्थिक स्थिति के बारे में अपने विचार पेश किए। बातचीत में सुना कि जी-20 की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भयावह पेरिस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि आतंकी पूरे मानव समाज के शत्रु हैं। आतंकवाद के खि‍लाफ पूरी दुनिया को एकजुट होना होगा। आतंकवाद की कोई भी घटना निंदनीय है। इसके खिलाफ लड़ाई जी-20 की बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए।

    13 नवंबर शुक्रवार की रात को फ़्रांस की राजधानी पेरिस में हुए आतंकी हमले में करीब 129 लोग मारे गए है। इस हमले की जिम्मेदारी बर्बर आतंकी संगठन आईएसआईएस ने ली है। चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने पेरिस में हुए घातक आतंकवादी हमलों की निंदा करते हुए दु:ख प्रकट किया। शी चिनफिंग ने कहा कि चीन हमेशा हर तरह के आतंकवाद का कड़ा विरोध करता है और फ्रांस व अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ सुरक्षा सहयोग बढ़ाने और मिलकर आतंकवाद से निपटने के लिए विभिन्न देशों की जनता की सुरक्षा करने को तैयार है।

    मैं आपके माध्यम से पेरिस में हुए आतंकी हमलों के कारण मारे गए मृतकों के परिजनों के लिए, साथ ही आईएस द्वारा चीनी नागरिक की हत्या किए जाने पर मृतक के परिजनों के प्रति हृदय से संवेदना प्रकट करता हूं

    इसके अलावा बसु जी लिखते हैं.......आपकी वेबसाइट पर 21 नवंबर को प्रकाशित "चीन की राजकीय यात्रा पर भारतीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से सीआरआई की खास भेंट" शीर्षक रिपोर्ट मैंने ध्यानपूर्वक पढ़ी। साथ ही लाइव वीडियो भी देखा। गृह मंत्री राजनाथ सिंह जी के साथ सीआरआई हिंदी विभाग की डाइरेक्टर सुश्री यांग यी फंग जी और पंकज श्रीवास्त्व का फोटो देखकर मुझे अच्छा लगा। फेसबुक पर मैं इस विशेष समाचार -वीडियो को डालें ताकि फेसबुक यूजर्स भी इसे देख सकें। आज आतंकवाद पूरे मानव समाज का शत्रु है। इस इंटरव्यू में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज विश्व को मिलकर आतंकवाद के खतरे से निपटना है। पेरिस में हुए आतंकी हमलों की पृष्ठभूमि में चीन और भारत को आतंकवाद विरोधी, अंतरदेशीय अपराधी और सीमा पारगमन सेवा प्रबंधन में सुधार करने के क्षेत्रों में आदान प्रदान और आपसी सहयोग को मजबूत करना चाहिए। भारत और चीन एक दूसरे के अहम पड़ोसी देश हैं।दोनों देशों के बीच दोस्ती का पैगाम देने वाले इस वीडियो को जारी करने के लिए धन्यवाद।

    मीनू:अब सुनिए हमारे श्रोता दारा सिंह के साथ हुई बातचीत।

    अनिल:दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल पांडे और मीनू को आज्ञा दीजिए, नमस्कार

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