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    आपका पत्र मिला 2015-11-04
    2015-11-04 15:05:31 cri

    अनिल:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल पांडे का नमस्कार।

    मीनू:सभी श्रोताओं को मीनू का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अनिलः आज के कार्यक्रम में हम श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। इसके बाद एक श्रोता के साथ हुई बातचीत के मुख्य अंश पेश किए जाएंगे।

    अनिल:चलिए श्रोताओं के पत्र पढ़ने का सिलसिला शुरू करते हैं। पहला पत्र हम पढ़ते हैं ओड़िशा से हमारे मोनिटर सुरेश अग्रवाल जी का। उन्होंने लिखा है.....दिनांक 30 अक्टूबर को प्रतिदिन की तरह आज भी सीआरआई हिन्दी के ताज़ा प्रसारण का रसास्वादन हम सभी मित्र-परिजनों ने एकसाथ मिलकर शाम ठीक साढ़े छह बजे शॉर्टवेव 9450 किलोहर्ट्ज़ की आवृत्ति पर पूरे मनोयोग से किया और अब मैं रोज़ाना की तरह उस पर हम सभी की मिलीजुली राय लेकर आपके सामने हाज़िर हूँ। उम्मीद है कि हमारा यह प्रयास आपको पसन्द आता होगा। बहरहाल, ताज़ा अन्तराष्ट्रीय समाचारों में देश-दुनिया के हालात का ज़ायज़ा लेने के बाद हमने साप्ताहिक "चीन का तिब्बत" का ताज़ा अंक भी ध्यानपूर्वक सुना। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के निन्छी प्रिफैक्चर की निवाई काउन्टी के ग्रामवासियों के जीवन की झलक देखने का मौक़ा मिला। भूदास प्रथा से मुक्ति के बाद लोगों के जीवन में आये बदलाव पर किसान नीमा और लूचिन्छिन् के विचार सुनवाया जाना काफी अच्छा लगा। कार्य्रक्रम में पेश एक अन्य रिपोर्ट में मोथो काउन्टी में कूली से ट्रकचालक बने मम्बा जाति के 41 वर्षीय तेनजंग तनछ्वो के कठिन जीवन की कहानी यह बतलाती है कि तमाम परिवर्तनों के बावजूद आज भी वहां जीवन कितना कठिन है। समुद्रतल से 4800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गालुंगला पर्वत पर स्थित मोथो काउन्टी का तब का दुरूह जीवन और सन 2013 में मोथो से चामो कस्बे के बीच बनाई गयी तीन किलोमीटर लम्बी सुरंग और राजमार्ग के निर्माण बाद लोगों के जीवन में आये सुधार की बात, यह सन्देश देती है कि चीन की केन्द्रीय सरकार तिब्बत के विकास पर कितना ध्यान दे रही है।

    कार्यक्रम "दक्षिण एशिया फ़ोकस" के अन्तर्गत भारतीय मूक-बधिर लड़की गीता की पाकिस्तान से पन्द्रह साल बाद भारत वापसी, अफ़ग़ानिस्तान की हिन्दुकुश पर्वतश्रृंखला में आये भूकम्प और नेपाल में विद्या भण्डारी के पहली महिला राष्ट्रपति बनाये जाने पर वरिष्ठ पत्रकार उमेश चतुर्वेदी का विश्लेषण काफी महत्वपूर्ण लगा। वास्तव में, गीता की वापसी में ईधी संस्था साधुवाद की पात्र है और यह जान कर सुखद आश्चर्य होता है कि पाकिस्तान में कोई संस्था मानवता लिये इतना काम करती है। हिन्दुकुश में आये भूकम्प से दिल्ली तक में कम्पन महसूस हुआ, इससे यह सन्देश मिलता है कि सरहदें तो इन्सान द्वारा खींची गई लकीरें हैं, कुदरत के लिये तो अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान, भारत सब एक हैं। नेपाल की स्थिति पर उमेशजी का यह कहना सर्वथा उचित जान पड़ा कि विपरीत माहौल में ही नेतृत्व क्षमता का सही पता चलता है। धन्यवाद फिर एक विचारोत्तेजक प्रस्तुति के लिये।

    श्रृंखला "पश्चिम की तीर्थयात्रा" की कड़ी में आज लोहारों ने भी तीनों दैवीय अस्त्रों की प्रतिकृति बनाने का कार्य पूरा कर लिया और तीनों विख्वाह राजकुमार रणकौशल कला में निपुण हो चुके थे। इसलिए अब थान भिक्षु और उसके शिष्यों की बिदाई का समय आ चुका था। राज़ा और प्रजा दोनों ने चारों भिक्षुओं का आभार प्रकट करते हुये उन्हें भावभीनी बिदाई दी। पांच-छह दिन चलने के बाद वह एक नगर में पहुंचे और वहां के "करुणा मेघ मठ" में ठहरे। लगता है कि अब बज्रसंघाराम अधिक दूर नहीं रहा। अब कहानी में आगे पता चलेगा कि सानचांग और उसके शिष्यों की मंज़िल उनसे और कितनी दूर है। धन्यवाद।

    मीनू:सुरेश अग्रवाल जी, हमें पत्र भेजने और अपनी राय हमें बताने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। चलिए अगला पत्र मेरे हाथ आया है नेपाल से उमेश रेग्मी का। उन्होंने लिखा है....नमस्कार मैं आपका रेडियो कार्यकम नियमित रूप से सुन रहा हूं और आपकी वेबसाइट भी देखता हूं।

    19 अक्टूबर को चीन का भ्रमण कार्यक्रम पर रूपा जी से दक्षिण पश्चिम चीन स्थित छोंगछिंग शहर की बारे में जानकारी सुनने को मिली और आपकी वेबसाइट पर इसी विषय पर जानकारी पढ़ने को मिली। वहीं आपका लाइफस्टाइल में अखिल और मीरा ने भारत देश के कुछ प्रांतों में मनाए जाने वाले दशहरे के बारे में जानकारी दी। नेपाल में भी दशहरा बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस अवसर पर हमने अपने घर में फोटो खिंचवाए थे....मैं कुछ फोटो भेज रहा हूं। वहीं सीआरआई परिवार को दीवाली की शुभकामनाएं।

    अनिल:उमेश रेग्मी जी, हमें ई-मेल भेजने और हमारा कार्यक्रम नियमित रूप से सुनने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया। चलिए, अगला पत्र हमें भेजा है उत्तर प्रदेश से सादिक आज़मी जी ने। उन्होंने लिखा है.....नमस्कार, हमारे क्लब में गत 22 अक्टूबर को संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें क्लब के सदस्यों के अलावा दूसरे कई लोग भी उपस्थित हुए और c r i से संबंधित कई पहलुओं पर विचार किया। इसमें c r i हिंदी वेबसाइट के परिवर्तन को सराहते हुए उसकी प्रशंसा की गई और सदस्यों द्वारा facebook पर c r i की लोकप्रियता बढ़ाने हेतु उसके समाचार एवं प्रकाशित खबरों को शेयर किया गया। इससे दूसरे लोगों को भी तमाम जानकारी हासिल हुई। नए साल के आगमन पर कई लोगों ने कार्यक्रम में परिवर्तन की वकालत की। हमारे माध्यम से आप तक संदेश पहुंचाने की अपील की कि ।नए साल के आगमन पर अन्य रेडियो स्टेशन की तरह सी आर आई हिंदी विभाग भी कार्यक्रम में परिवर्तन करे और नए अंदाज मे कार्यक्रम प्रस्तुत करे। वर्तमान समय में जिस प्रकार चीन अपनी आर्थिक स्थिति को सुधार रहा है उसी प्रकार cri हिंदी विभाग को अपने कार्यप्रणाली में सुधार की आवश्यकता है।

    पूर्व में जिस प्रकार आप अपने श्रोताओं को चीन की सैर करवाते थे ठीक उसी प्रकार आने वाले समय में इसको बहाल किया जाए आशा है हमारी सहमति पर आप विचार करेंगे धन्यवाद।

    मीनू:सादिक आज़मी जी, हमें बहुत खुशी है कि आपने क्लब की गतिविधि में हमारे कार्यक्रम के बारे में विचार-विमर्श किया गया है। हम आपके सुझाव पर जरूर विचार करेंगे। आशा है कि भविष्य में इस तरह की गतिविधियों का लगातार आयोजन किया जाएगा। धन्यवाद। चलिए, अगला पत्र मेरे पास आया है पश्चिम बंगाल से धीरेन बसाक जी का। उन्होंने लिखा है.... मैं आप सब लोगों को दुर्गा पूजा की शुभकामनाएं देता हूं । 27 सितंबर को चीन का भ्रमण कार्यक्रम में उत्तर पूर्व चीन का मौका गुम्फा बौद्ध धर्मस्थल नानसु पवित्र झिील चाइचि का भ्रमण अच्छा लागा।

    अनिल:धीरेन बसाक जी, हमें पत्र भेजने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। आगे पेश है पश्चिम बंगाल से बिधान चंद्र सान्याल जी का पत्र। उन्होंने लिखा है.. मैंने झूलते हुए शहर का दौरा' शीर्षक रिपोर्ट पढ़ी और ऐसा लगा कि मैं भी वहां का दौरा कर रहा हूं । इससे पता चला कि दक्षिण पश्चिम चीन स्थित छोंगछिग शहर पहाड़ी शहर के नाम से जाना जाता है, जिससे साल भर तमाम पर्यटक अपनी ओर आकर्षित होते हैं। छांगच्यांग और चालिन नदियों का संगम यहां पर मिलता है। छुंगथ्येन तुंग की झूलती इमारत समूह पहाड़ से सटकर है, इमारतों की समूची वास्तु शैलियां इतनी सरल व अनूठी हैं कि प्राचीन इमारतों को और आधुनिक वास्तु शैलियों से जोड़ा जाता है। समूची झूलती इमारत समूह की लम्बाई 600 मीटर है और सभी झूलती इमारतें 11 मंजिलों पर नजर आती है, सबसे ऊंचे व निचले स्थान पर निर्मित इमारतों के बीच का अंतर 75 मीटर है। इस पहाड़ी शहर का वर्णन सुनकर अच्छा लगा।

    मीनू:आगे बिधान चंद्र सान्याल जी लिखते हैं..... सी आर आई हिन्दी सेवा से पता चला कि 52 देशों और क्षेत्रों के 1000 से अधिक बौद्ध प्रतिनिधियों और अन्य सामाजिक कर्मकर्तओं की उपस्थिति में चौथा विश्व धर्म मंच 24 अक्तूवर को चीन के च्यांगसु प्रांत के वूशी मेँ उद्घाटित हुआ । मुझे इस बारे में जानकर अच्छा लगा। मुझे लगता है कि इस तरह के मंच लोगों के बीच विश्वास के सेतु का काम करते हैं। उम्मीद है कि ये मंच शांति कायम करेगा।

    अनिल:विधान चंद्र सान्याल जी, हमें पत्र भेजने और अपनी प्रतिक्रिया हम तक पहुंचाने के लिए हम आपको धन्यवाद देना चाहते हैं। चलिए, अगला पत्र हम पढ़ते हैं मध्य प्रदेश से राम लाल चंद्रवंशी का। उन्होंने लिखा है.......मैं सीआरआई हिंदी काफी सालों से सुन रहा हूं। मुझे सीआरआई हिंदी से प्रसारित सभी प्रोग्राम बहुत पसंद आते हैं। संडे की मस्ती, आपकी पसंद, आपका पत्र मिला आदि मुझे बेहद अच्छे लगते हैं। आपकी आवाज और कार्यक्रम पेश करने का अंदाज लाजवाब होता है। मैं आपको पहली बार ई-मेल भेज रहा हूं है। कृपया जरूर शामिल करें।

    मीनू:राम लाल जी, आपका ई-मेल पाकर हमें बहुत खुशी हुई। हम आप जैसे श्रोताओं का स्वागत करते हैं। आशा है कि भविष्य में आप लगातार हमसे संपर्क करेंगे और ईमेल भेजेंगे। चलिए अंत में आपको सुनाया रहा है पश्चिम बंगाल से रविशंकर बसु जी का पत्र। उन्होंने लिखा है.... 25 अक्टूबर को आपका रात्रिकालीन प्रसारण रात साढ़े नौ से साढ़े दस बजे तक पिछले कुछ दिनों से धोड़ा बेहतर सुनाई दिया। आज की सभा में पंकज श्रीवास्तव जी द्वारा पेश किये गए दुनिया भर के ताज़ा समाचार सुनने के बाद "संडे की मस्ती" प्रोग्राम का ताज़ा अंक पूरे मनोयोग से सुना जो कि बेहद पसंद आया।

    आज सन्डे स्पेशल में आप लोगों ने हमें बताया कि चीन के एक समिति ने प्राचीन चीन के महान विचारक और दार्शनिक कन्फ्यूशियस के घर के 196 व्यंजनों को यूनेस्को की सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल करने के लिए जुटे हुए है। रिपोर्ट सुनने से पता चला कि इन 196 व्यंजनों में ब्रेज्ड समुद्री ककड़ी और तली हुई सब्जियां शामिल हैं और उन्हें चांदी के बर्तनों में परोसा जाता था । यह जानकर मुझे अच्छा लगा कि चीनी लोग अपनी संस्कृति और इतिहास को कितना महत्व देते हैं साथ ही विश्व दरवार में अपनी संस्कृति को पहुंचाने के लिए कितना कोशिश करते हैं। इसके बाद मैडम श्याओ यांग जी ने हमारे कोलकाता में आगामी 23 से 25 नवम्बर तक सॉनेट होटल में आयोजित होने वाले "एडिबल फ्लावर फूड फेस्टिवल" के बारे में सूचित किया। इस अनोखे खाद्य महोत्सव के बारे में सुनने के बाद दिल कर रहा है कि वहां फूलों से तैयार व्यंजनों का आनंद उठाऊं ।

    वहीं 15 से 21 अक्तूबर तक शंघाई के एक बौद्ध मंदिर में कामकाजी चीनी महिलायों को बौद्ध भिक्षु के जीवन के बारे अनुभव देने के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम का मकसद लोगों को बौद्ध भिक्षु के जीवन का अनुभव कराकर तनाव कम करने में सहायता करना है।विजयदशमी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। भारत के कोने-कोने में साथ ही दुनिया के विभिन्न देशों में दशहरा यानी विजयादशमी को भगवान राम की विजय के रूप में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। आज सुना है कि छत्तीसगढ़ की कोंडागांव जिले के एक गांव में विजयादशमी के दिन मिट्टी से तैयार रावण के पुतले को पीट-पीटकर नष्ट किया जाता है। इस अजीबोगरीब परंपरा के बारे में जानना रोचक लगा।

    अनिल:आगे बसु जी ने लिखा है.....आज अखिल पराशर जी ने हमें हमारे देश भारत के गछवाह समुदाय की एक अनोखी परंपरा के बारे में बताया जो सचमुच बहुत ही अजीबोगरीब लगा । गछवाह समुदाय पूर्वी उत्तरप्रदेश के गोरखपुर, देवरिया और इससे सटे बिहार के कुछ इलाकों में रहता है। सुना है कि गछवाहा समुदाय की स्त्रियां विधवा जैसा जीवन जीकर अपने पति की सलामती मांगती हैं क्योंकि इस समुदाय के लोग ताड़ के पेड़ों से ताड़ी निकालने का जोखिम कार्य करते हैं। पता नहीं भारत में इस तरह के कितने अजीबोगरीब रीति रिवाज है।

    भारत के बारे में आपने जो 12 मजेदार तथ्य हमें सुनाए वह वाकई सच हैं। यह एक अद्भुत देश है जहां 'बाहुबली' और 'बजरंगी भाईजान' निर्माण के लिए करोड़ों रुपये खर्च होते है और दूसरी और करोड़ों लोग भूखे हैं। लेकिन हम जिस देश के वासी है "जहां रोज ही दंगा रहता है जहां रोज-रोज अखबारों में, सकेमों का पंगा रहता है।जहां आम-आदमी सड़कों पर, आधा सा नंगा रहता है।इस हाल में भी, इस दौर में भी,हर दिल में तिरंगा रहता है"।

    समय एक अनमोल वस्तु है। अमूल्य समय को बर्बाद होने से बचाने के लिए कोई इंसानों का जो रियल लाइफ उदाहरण जो आज आपने पेश किए, उनका जवाब नही। ईश्वरचन्द्र विद्यासागर, मोजार्ट, जॉन मिल्टन, गल्लीलो (Gallileo), महात्मा गांधी आदि हस्तियों ने समय का सदुपयोग करके महान बन गए। सच यह है अपने समय का सदुपयोग किये बिना कोई भी व्यक्ति महान नहीं बन सकता। हमें कबीर का यह दोहा ध्यान में रखना चाहिए

    "कल करे सो आज कर, आज करे सो अब।पल में परलै होयगी, बहुरि करैगा कब।

    आज कार्यक्रम में पेश महाभारत धारावाहिक की भगवान श्री कृष्ण की महत्वपूर्ण वाणी मुझे काफी प्रेरणात्मक लगी।

    अंत में चाइना रेडियो इन्टरनेशनल की हिंदी सेवा के एक पुराने श्रोता होने के नाते आपके पास मेरा एक सुझाव है। अगर आप इस प्रोग्राम में चीन का कुछ अजब गजब छोटी छोटी बातें Trivia के रूप में साथ ही कन्फ्यूशियस की मानवता की विचारधारा पेश करेंगे तो चीन के बारे में हमारा ज्ञान और भी समृद्ध होगा।

    मीनू:पत्र के अलावा रविशंकर बसु जी ने दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि के रूप में हमें एक ऑडियो लेटर भी भेजा है। आइए, सुनते हैं

    ----------ओडियो------------

    मीनू:अब सुनिए हमारे श्रोता श्याम मेहर के साथ हुई बातचीत।

    अनिल:दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल पांडे और मीनू को आज्ञा दीजिए, नमस्कार

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