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    आपका पत्र मिला 2015-10-07
    2015-10-09 10:28:51 cri

    अनिल:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल पांडे का नमस्कार।

    मीनू:सभी श्रोताओं को मीनू का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अनिलः आज के कार्यक्रम में हम श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। इसके बाद एक श्रोता के साथ हुई बातचीत के मुख्य अंश पेश किए जाएंगे।

    अनिल:चलिए श्रोताओं के पत्र पढ़ने का सिलसिला शुरू करते हैं। पहला पत्र हम पढ़ते हैं ओड़िशा से हमारे मोनिटर सुरेश अग्रवाल जी का। उन्होंने लिखा है.....

    27 सितम्बर को चीन में मध्य शरद उत्सव मनाया जा रहा है। इस अवसर पर सीआरआई के तमाम भाई-बहनों एवं चीनी जनता को हमारी हार्दिक शुभकामनाएं।

    प्रतिदिन शाम साढ़े छह बजे शॉर्टवेव पर सीआरआई हिन्दी का ताज़ा प्रसारण सुनना हमारी कमज़ोरी बन चुका है। यद्यपि,शाम साढ़े छह बजे प्रसारण अन्य सभाओं के बनिस्पत कम स्पष्ट होता है, फिर भी चौबीस घण्टे लम्बे इन्तज़ार के बाद इतना धैर्य नहीं बचता कि अधिक साफ़ सुनने के लिये और प्रतीक्षा की जाये। बहरहाल, अन्य तीन सभाओं को हम इसलिए सुनते हैं कि उनके रिसैप्शन की स्थिति से आपको अवगत कराया जा सके। वर्त्तमान में यहाँ रात साढ़े आठ और साढ़े नौ बजे वाले प्रसारण शॉर्टवेव 41 मीटरबैण्ड पर अन्य सभाओं के मुक़ाबले अधिक स्पष्ट सुनाई पड़ते हैं, जब कि प्रातः साढ़े आठ बजे 19 मीटरबैन्ड तथा शाम साढ़े छह बजे 31 मीटरबैण्ड पर रिसैप्शन अपेक्षतया कमज़ोर होता है। आपके सूचनार्थ। बहरहाल, रोज़ाना की तरह सीआरआई हिन्दी का ताज़ा प्रसारण हमने शाम ठीक साढ़े छह बजे शॉर्टवेव 9450 किलोहर्ट्ज़ की आवृत्ति पर सुना और कार्यक्रम का पूरा लुत्फ़ उठाने के बाद अब मैं उस पर हम सभी की मिलीजुली राय लेकर आपके समक्ष उपस्थित हूँ। आशा है कि आपको हमारी यह कोशिश पसन्द आती होगी। धन्यवाद।

    साप्ताहिक "सण्डे की मस्ती" के तहत चीन के राष्ट्रीय पर्व मध्य शरद उत्सव सम्बन्धी जानकारी सुनकर एहसास हुआ कि शरद का मौसम एकबार फिर आ पहुंचा है। कार्यक्रम में पौराणिक मध्य शरदोत्सव पर दी गई विस्तृत जानकारी काफी दिलचस्प लगी। विशेषकर, तीरन्दाज़ हो ई और उनकी पत्नी छांग अ के त्याग की कहानी दिल को छू गई। जानकारियों के क्रम में दक्षिणी चीन के हुन्नान प्रान्त के एक विश्वविद्यालय में अभ्यास और अनुशासनात्मक गतिविधि के नाम पर बीस छात्राओं को स्वयं को कम्बल में लपेट धूप में खड़े होने जैसा दिया गया दण्ड तथा राजस्थान के भीलवाड़ा में एक बकरे की क़ीमत मर्सडीज़ कार से भी अधिक होने का किस्सा काफी अनूठा लगा। बकरे का मालिक गोविन्द चौधरी उसे 48 लाख में देने को तैयार नहीं और उसकी क़ीमत 61 लाख मांग रहा है। चीन में बेवुर समुदाय के दो दिन चलने वाले शादी समारोह की अनूठी बातें भी काफी चकित करने वाली लगीं। प्रेरक कहानी -"पहाड़ का सीना चीर कर रास्ता बनाने वाले दशरथ मांझी" की मिसाल और धारावाहिक महाभारत में भगवान श्रीकृष्ण की एक और शाश्वत सीख, वास्तव में प्रेरक लगी। आज कार्यक्रम में पेश तमाम जोक्स औसत दर्ज़े के रहे। फिर भी प्रस्तुति अच्छी थी, धन्यवाद स्वीकार करें।

    श्रृंखला "पश्चिम की तीर्थयात्रा" की आज की कड़ी में भव्य वानर ने आम नागरिक के वेश में नगर प्रवेश और फिर घोड़े के व्यापारी बन सराय में रात्रि-विश्राम की योजना गुरु सानचांग सहित भिक्षु रेतात्मा और शूकर को भली-भांति समझा दी। योजनानुसार वे चारों एक सराय में पहुँच भी गये। अब कहानी में आगे क्या होता है, देखना है। धन्यवाद। आज इतना ही योग्य कार्यों एवं आवश्यक मार्गदर्शन सहित उत्तरापेक्षा में,

    मीनू:सुरेश अग्रवाल जी, आपकी मध्य शरद उत्सव की शुभकामनाएं हमें मिल चुकी है। आपको भी मध्य शरद उत्सव और चीनी राष्ट्रीय दिवस की शुभकामनाएं। चलिए, अगला पत्र हमें भेजा है दिल्ली से अमीर अहमद ने। उन्होंने लिखा है.....नमस्ते,आशा है कि आप सभी लोग स्वस्थ होंगे। सबसे पहले सीआरआई के माध्यम से असलम जी को बधाई दे रहे हैं जो इन दिनों रेडियो इंडोनेशिया की ओर से एक सप्ताह की इंडोनेशिया यात्रा पर हैं वहीं चुन्नी लाल जी को भी बधाई दे रहे है जो रेडियो जापान के हिंदी सेवा से जापान की यात्रा करने जा रहे हैं। ये दोनों सीआरआई के श्रोता हैं केवल इसलिए हम सीआरआई के माध्यम से उन्हें बधाई देते हैं, सभी चीनी भाइयों को विजय दिवस की बधाई। पत्र और विचार देने में लेट हो गयी, पर लेट होने के बावजूद भी मैं अपने आप को रोक नहीं पा रहा हूं। विजय दिवस ने पूरी दुनिया को अपनी ओर आकर्षित किया। उन्होंने अपने संदेश में विश्व शांति के प्रति जोर दिया है, हम स्मृति दिवस पर चीनी राष्ट्राध्यक्ष के भाषण का तहे दिल से स्वागत करते हैं।

    और उनके विचारों से हम भी सहमत हैं। विश्व जगत ने खुली आंखों से चीन को देखा और अच्छी तरह से चीन को समझा, महसूस किया, पूरी दुनिया में विजय दिवस की गूंज महसूस हुई। चीनी जनता के जापान आक्रमण विरोधी युद्ध और विश्व फासिस्ट विरोधी युद्ध में विजय की सत्तरवीं वर्षगांठ का स्मारक समारोह पेइचिंग के थ्येनआनमन चौक पर आयोजित हुआ। मैंने थ्येनआनमन चौक पर हुआ कार्यक्रम देखा। ऐसा महसूस हुआ, जैसे मैं स्वयं समारोह को अपनी आंखों से देख रहा हूं, जिसमें चीनी राष्ट्रपति ने बहुत अहम भाषण दिया। उन्होंने कहा कि आज का दिन विश्व जनता के लिए एक यादगार दिन है। बिलकुल सही कहा। चीनी राष्ट्राध्यक्ष ने दुनिया को बताया कि सत्तर वर्ष पूर्व चीनी जनता ने चौदह वर्षों के कठोर संघर्ष के बाद जापान आक्रमण विरोधी युद्ध में विजय को कैसे प्राप्त की थी। उस दौरान चीनी जनता ने पांच हजार वर्ष वाली सभ्यता के परिणामों मानव जाति की शांति कार्य की रक्षा की और युद्ध के इतिहास में चमत्कार दिखाया था और बनाया और चीनी राष्ट्र की वीरता को प्रदर्शित किया। चीनी आर्मी ने जो सोचा वो कर दिखाया क्योंकि वो सत्य और शांति के लिए प्रयास कर रहे थे। श्री शी चिनफिंग ने अपने भाषण में बताया कि चीनी जनता के जापानी आक्रमण विरोधी युद्ध की विजय आधुनिक काल में चीनियों द्वारा विदेशी आक्रमणकारियों का मुकाबला करने वाली पहली विजय है, इस महान विजय ने जापानी सैंन्यवादियों द्वारा चीन पर कब्जा करने की कुचेष्टा को पूरी तरह नष्ट किया और चीन के जातीय अपमान की सफाई की।

    अनिल:आगे अमीर लिखते हैं....सच इस महान विजय ने विश्व में चीन के बड़े देश का स्थान निश्चित किया। जिससे चीनी जनता को विश्व के शांतिप्रिय लोगों का सम्मान मिला। इस महान विजय ने चीनी राष्ट्र के महान पुनरूत्थान का भविष्य शुरू किया। जिसके बाद चीन नये विकास के रास्ते पर चलने लगा। इतिहास साक्ष्य है। श्री शी चिनफिंग ने कहा कि उस युद्ध में चीनी जनता ने भारी जातीय न्योछावर से विश्व फासिस्ट विरोधी युद्ध के पूर्वी मोर्चे में बड़ा योगदान किया। शी चिनफिंग ने कहा कि चीनी जनता के जापानी आक्रमण विरोधी युद्ध को विश्व की जनता का व्यापक समर्थन भी मिला। चीनी जनता विभिन्न देशों की जनता द्वारा चीनी जापानी आक्रमण विरोधी युद्ध में विजय के लिए योगदान को हमेशा याद करेगा। सच चीन ने इस दिन को एक यादगार दिन के रूप में मनाया। श्री शी ने कहा कि उस युद्ध से एशिया, यूरोप, अफ्रीका और ओशिनिया आदि क्षेत्रों के करीब दस करोड़ लोग हताहत हुए, जिन में चीनी जनता और सेवियत संघ की भारी जान की क्षति हुई। हमें इतिहास के त्रासदी को फिर से कभी नहीं होने देना है। चीनी सदर की ये बात कि भविष्य में इतिहास के त्रासदी को फिर से कभी नहीं होने देना है अच्छा संकल्प और निर्णय है हम भी चीन के साथ हैं। कहा कि आज स्मृति दिवस समारोह मनुष्य की स्वतंत्र, न्याय शांति की रक्षा के लिए बलिदान देने वाले वीरों और नरसंहार में मारे गये लोगों की सबसे बेहतर याद है। युद्ध को झेलने वाले लोग शांति को मूल्यवान समझेंगे। आज के स्मृति समारोह का उद्देश्य इतिहास से सबक लेना, शहीदों को याद करना, शांति से प्यार करना और भविष्य की रचना करना है, उन्होंने कहा कि युद्ध एक आईना है बिलकुल सत्य बात है इतिहास और युद्ध एक आईना ही है। और लोगों को शांति और विकास आज की दुनिया का मुख्य विषय बन चुका है। लेकिन दुनिया में शांति नहीं है, हमें इतिहास से सबक लेकर शांति की रक्षा करने के संकल्प पर डटे रहना चाहिए, चीन हमेशा ही शांति पूर्ण विकास के रास्ते पर चलता रहेगा। चीन प्रभुत्व के लिए प्रयास नहीं करेगा। चीनी जनता हमेशा ही विश्व के विभिन्न देशों की जनता के साथ मित्रवस सहअस्तित्व बनाए रखेगी, जापानी आक्रमण विरोधी युद्ध और विश्व फासिस्ट विरोधी युद्ध की विजय की उपलब्धियों की रक्षा करेगी। ताकि मानवता के लिए नया योगदान प्रदान करे। शी ने कहा कि चीन की विभिन्न जातियों की जनता को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में मार्क्सवादी, माओ त्से तुंग विचार और तंगश्याओफिंग विचार धारा, तीन प्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण विचारधारा और वैज्ञानिक विकास की विचारधारा पर बने रहकर चीनी विशेषता वाले समाजवाद की राह पर चलते रहना होगा। हमें इस महान तथ्य को याद रखना होगा कि नयाय की हमेशा विजय होंगी और शांति अवश्य ही विजय होगी और जनता अवश्य ही विजय पाएगी। सचमुच चीनी सदर का संदेष का एक क वाक्य बहुत ही मूल्यवांक थे। स्मृति दिवस के भव्य परेड ने चीन की शक्ति को देखा, माओ का चीन और चीन का ड्रेगन विश्व शांति को बनाए रखने को तैयार है।

    मीनू:अमीर अहमद जी, हमें पत्र भेजने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। चलिए अगला पत्र मेरे हाथ आया है पश्चिम बंगाल से देवाशीष गोप जी का। उन्होंने लिखा है......निहाओ, 13 सितंबर को संडे की मस्ती कार्यक्रम के ताजा अंक को बड़े ही मनोयोग से सुना। आपके संडे स्पेशल में आधुनिकता के दौर में तांगे का चलन खत्म हो रहे पर जानकारी बहुत अच्छी लगी। एक समय था, जब हमारे इलाके में तांगे बहुत हुआ करते थे, पर आज के दौर में धीरे-धीरे सब खत्म हो गया। इसके अलावा रोजक जानकारियों में ब्रिटेन के एक युवक ने नेक कार्य के लिए पूरी दुनिया का चक्कर लगाया, सुनकर हैरानी हुई। 104 साल की वृद्ध महिला ने पूरे गांव में शौचालय बनवाने की जनजागृति लेकर आयी। आपके कार्यक्रम में कहानी और जोक्स उम्दा होते हैं, जो इस कार्यक्रम में दिलचस्पी बनाये रखते हैं। शीए-शीए

    अनिल:देवाशीष गोप जी, हमें पत्र भेजने और अपनी बात हम तक पहुंचाने के लिए आपको शुक्रिया। चलिए, आगे पेश है राजस्थान से राजीव शर्मा जी का पत्र। उन्होंने लिखा है....

    सप्रेम नमस्कार,आपसे निवेदन करना चाहूंगा कि पहले की तरह ही चीन का तिब्बत कैटेगिरी में उन लोगों के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी दें जो तिब्बत को खुशहाल बनाने के लिए काम कर रहे हैं। मुझे ऐसे लोगों के बारे में पढ़ना बहुत पसंद है। मैं मेरे मित्रों के साथ भी यह जानकारी शेयर करता हूं। आपकी वेबसाइट बहुत अच्छी है। इसमें सहयोग करने वाले सभी दोस्तों को शुभकामनाएं।

    मीनू:राजीव शर्मा जी, हमें पत्र भेजने के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद। चलिए, अगला पत्र मेरे पास आया है पश्चिम बंगाल से धीरेन बसाक जी का। उन्होंने लिखा है.....सी आर आइ-आपका पत्र मिला। मैं आप सबको हार्दिक अभिन्दन करता हूं। मैं आपका कार्यक्रम नियमित रूप से सुनता हूं और अच्छा लगता है। चीन का भ्रमण, टी टाइम, दक्षिण एशिय़ा फोकस, पश्चिम की तीर्थ यात्रा, आपका फरमाइस आपकी पसंद, चीन का तिब्बत आदि सब कार्यक्रम मैं बहुत पसंद करता हूं। 23 सितंबर को आपका पत्र मिला कार्यक्रम में महम्मद गफुर जी के साथ हुई बातचीत आच्छी लगी।

    अनिल:धीरेन बसाक जी, हमारे कार्यक्रम सुनने और हमें पत्र भेजने के लिए आपका शुक्रिया। चलिए अगला पत्र आपको सुनाया जा रहा है आजमगढ़ से मोहम्मद असलम जी का पत्र। उन्होंने लिखा है....आप के द्वारा पेश की जाने वाली जानकारी बहुत अच्छी लगती है। यही सिलसिला आगे भी जारी रखें।

    मीनू:मोहम्मद असलम जी, हमें पत्र भेजने के लिए हम आपको धन्यवाद देना चाहते हैं। आशा है कि आने वाले दिनों में आपके और ज्यादा पत्र और मैसेज मिलेंगे। चलिए अंत में आप सुनेंगे पश्चिम बंगाल से हमारे मोनिटर रविशंकर बसु जी का पत्र। उन्होंने लिखा है....

    सीआरआई-हिंदी सेवा के सभी कर्मचारियों को मेरा प्यार भरा नमस्कार। आज 27 सितंबर,रविवार को चीन का परंपरागत त्योहार मिड ऑटम फेस्टिवल या चीनी भाषा में च्रोंगछीऊ चीए (Zhōngqiū jié) यानी मध्य शरद त्योहार है। इस मौके पर अभी चीन में खुशियों का माहौल छाया है।इस अवसर पर मैं हिंदी सेवा के सभी कर्मचारियों साथ ही सभी श्रोताओं को मध्य शरद त्योहार की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं-中秋快乐! Zhōngqiū kuàilè!

    मैं सीआरआई के सभी श्रोता-दोस्तों के साथ मध्य शरद त्योहार के बारे में अपने अनुभव शेयर करना चाहता हूं। भारत की तरह चीन में भी कोई उत्सव होते है। वसंत त्योहार,मध्य शरद त्योहार,ड्रेगन बोट उत्सव और छिंगमिंग उत्सव चीन के चार परंपरागत त्योहार है।चीनी केलंडर के अनुसार हर साल 8वें महीने के 15वें दिन मध्य शरद त्योहार मनाया जाता है।इस त्योहार के इस समय मनाने का रिवाज इस कारण भी है क्योंकि इस दौरान पूर्ण चंद्र रहता है और वह बहुत चमकीला लगता है। इस वर्ष यह त्योहार 27 सितंबर को पड़ा और चीन में 26 से 27 सितंबर यह चंद्रमा महोत्सव मनाने के लिए अवकाश है । मध्य शरद त्योहार को पुनःमिलन का त्योहार भी कहते है क्योंकि घर के बाहर काम करने वाले सभी चीनी लोग इस त्योहार पर घर वापस आते है। त्योहार चाहे कोई भी हो या कहीं का भी हो उनके साथ कोई-न-कोई कथा जुड़ी रहती है और साथ में होता है खास किस्म का भोजन जो उस त्योहार के मौके पर ही खाया और पकाया जाता है। इस चंद्र त्योहार पर पारंपरिक मून केक खाया जाता है जिसका आकार गोल होता है और जो पूर्ण चंद्र व पुनर्मिलन का प्रतीक है।

    अनिल:आगे बसु जी ने लिखा है.....इस त्योहार के दौरान खाए जाने वाले मून केक बहुत स्वादिष्ट होते है तथा उनकी कई वैराइटियां भी मिलती है। मूनकेक चावल का बना होता है तथा इसके अंदर विभिन्न प्रकार का मीठा पदार्थ डाला जाता है। इसका स्वाद मीठा होता है तथा आकार बिल्कुल चांद की तरह गोल होता है ;शायद इसी कारण से इसे मूनकेक कहते है। मून केक के ऊपर चीनी भाषा में इस त्योहार के बारे में कुछ लिखा भी होता है।इस अवसर पर सभी चीनी बंधु अपने परिवारजनों के साथ यह त्योहार मनाते है और सब मिलकर एक साथ मून केक खाते हैं। लोग अक्सर अपने सगे-संबंधियों को मूनकेक भेंट करते है।चीन के विकास के साथ-साथ मूनकेक बनाने के तरिके में भी परिवर्तन आया है। बाजार में आजकल तरह-तरह के मूनकेक उपलब्ध हैं,जिनमें फ्रांसिसी पद्धति का बना मूनकेक बहुत प्रसिद्ध है। आजकल आइसक्रीम से बना मूनकेक भी बहुत प्रचलन में है। मध्य शरदोत्सव की रात को लोग बाहर जाकर चंद्रमा की सुन्दरता को देखते हैं, यह चीनी लोगों की एक खास परंपरा है।

    मैं आशा करता हूं कि मध्य शरद् उत्सव के सुअवसर पर आप सब अपने परिवार जन और दोस्तों के साथ अच्छे हसीन पल बिताएंगे ।

    मीनू:अब सुनिए हमारे श्रोता मोहम्मद दानिश के साथ हुई बातचीत।

    अनिल:दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल पांडे और मीनू को आज्ञा दीजिए, नमस्कार

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