चेयरमेन माओ की याद में बनी विशाल मूर्ति
अनिल आज़ाद पांडेय
हूनान दौरे के दूसरे दिन, 15 सितंबर को हमें ऑरेंज आयलैंड(च्वीज़ चोउ) जाने का मौका मिला। जैसा कि नाम से ही जाहिर होता है, ऑरेंज यानी संतरा, यहां पर तरह-तरह के संतरों के वृक्ष के अलावा दूसरे फल भी लगाए गए हैं। श्यांग च्यांग नदी के इर्द-गिर्द फैले इस आयलैंड को चेयरमेन माओ ज्तोंग की विशालकाय मूर्ति की वजह से भी जाना जाता है। गौरतलब है कि माओ ने वर्ष 1912 से 1918 तक छांगशा में पढ़ाई की। बताते हैं कि चेयरमेन माओ 1913 से 1923 तक अक्सर यहां बहने वाली श्यांग च्यांग नदी में तैरते थे, साथ ही इस पार्क में विश्राम किया करते थे। माओ की याद में वर्ष 2009 में यहां पर उनकी 83 मीटर लंबी और 41 मीटर चौड़ी मूर्ति स्थापित की गई। 83 मीटर लंबाई इसलिए कि माओ 83 साल की उम्र तक जिए, साथ ही 41 मीटर चौड़ी, क्योंकि वे 41 साल तक काम करते रहे। इस मूर्ति के निर्माण में 8 हज़ार से अधिक पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है, जो कि फूच्यान प्रांत से यहां लाए गए। मूर्ति में माओ को 32 वर्ष की आयु का दर्शाया गया है। वाकई मूर्ति के सामने फोटो खींचकर लोग स्वंय को उस महान नेता के करीब पाते हैं। इस मूर्ति के सामने ही थांग राजवंश के दौरान स्थापित वांग च्यांग पैवेलियन भी मौजूद है। जो हमें चीन के प्राचीन इतिहास की याद दिलाता है। ऑरेंज आयलैंड को वर्ष 1962 में पार्क का दर्जा दिया गया और 2008 में इसका पुनर्निर्माण किया गया। इस पूरे क्षेत्र की हरियाली और नदी के पानी को देखकर मैंने खुद को प्रकृति के नजदीक महसूस किया। कहा जा सकता है कि ऑरेंज आयलैंड छांगशा की शान है। यहां हजारों की संख्या पर्यटक घूमने पहुंचते हैं।