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    टी टाइम 150901 (अनिल और वेइतुंग)
    2015-09-01 09:55:49 cri

    अनिल- टी-टाइम के नए अंक के साथ हम फिर आ गए हैं, आपका मनोरंजन करने। जी हां ... आपके साथ चटपटी बातें करेंगे और चाय की चुस्कियों के साथ लेंगे गानों का मजा, 35 मिनट के इस प्रोग्राम में। इसके साथ ही प्रोग्राम में श्रोताओं की प्रतिक्रियाएं भी होंगी शामिल। हां भूलिएगा नहीं, पूछे जाएंगे सवाल भी, तो जल्दी से हो जाइए तैयार।

    अनिलः लीजिए दोस्तो, इसी के साथ प्रोग्राम का आगाज़ करते हैं। दोस्तो, पिछले दिनों हिंदी के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए चीन के वयोवृद्ध प्रो. चिन दिंग हान को भारतीय साहित्य अकादमी ने सर्वोच्च सम्मान प्रदान किया।

    आज के प्रोग्राम में हम आपको प्रो. चिन दिंग हान के बारे में बताएंगे, साथ ही उनके साथ हुई बातचीत के मुख्य अंश भी सुनाए जाएंगे।

    वहीं नेशनल बुक ट्रस्ट के चेयरमेन और पत्रकारिता में तीन दशक से अधिक समय से सक्रिय डा. बलदेव भाई शर्मा के साथ साक्षात्कार भी सुनवाया जाएगा।

    गत गुरुवार को पेइचिंग में हुए समारोह में साहित्य अकादमी के सचिव डा. के.श्रीनिवासराव ने प्रो. चिन दिंग हान को मानद सदस्यता प्रदान की।

    इस अवसर पर चिन दिंग हान ने कहा कि यह सम्मान मिलने से मुझे और अधिक काम करने की प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि यदि चीनी और भारतीय जनता की मित्रता यांत्सी नदी और गंगा नदी हो तो मेरा काम उसमें एक बूंद की तरह है। मैंने जिंदगी भर हिंदी का काम किया है, इसलिए हिंदी मेरे लिए सब कुछ है।

    इस दौरान उन्होंने श्लोक भी सुनाया,

    त्वमेव माता, च पिता त्वमेव,

    त्वमेव बंधुश्च सखा त्वमेव,

    त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव

    त्वमेव सर्व मम देवदेव..

    इसके साथ पूरा हॉल तालियों की गड़गड़हाट से गूंज उठा।

    उन्होंने इस मौके पर पेइचिंग विश्वविद्यालय में हिंदी सीखने वाले छात्रों के लिए छात्रवृत्ति कोष की स्थापना के लिए एक लाख युआन की राशि देने की घोषणा की। इस राशि से हिंदी सीखने वाले उन छात्रों को आर्थिक मदद मिलेगी, जिन्हें पढ़ाई का खर्च उठाने में मुश्किलें आती हैं।

    चिन दिंग हान के साथ.....इंटरव्यू के अंश.....

    चलिए दोस्तो, अब हम आपको प्रो. जिन दिंग हान के जीवन के बारे में जानकारी देते हैं।

    प्रो. चिन दिंग हान का जन्म वर्ष 1930 में हूनान प्रांत की राजधानी छांगशा में एक उच्च शिक्षित परिवार में हुआ। उनके पिता इंजीनियर थे, जबकि माता टीचर थी। प्रो. हान के घर पर अध्ययन का माहौल हुआ करता था, जिसका असर उनके जीवन पर पड़ा।

    उन्होंने युवावस्था में बौद्ध भिक्षु ह्वेन सांग का यात्रा-वृत्तांत जर्नी टु द वेस्ट पढ़ा था। जिसमें ह्वेन सांग ने सातवीं सदी में बौद्ध पांडुलिपियों की खोज में की गई अपनी भारत-यात्रा का विवरण दिया गया। इसमें ह्वेन सांग ने भारत में अपने स्वागत और वहां के धार्मिक विद्वानों से विचार विमर्श का ब्यौरा दिया। जब वे 17 वर्षों की यात्रा के बाद बौद्ध ग्रंथों की पांडुलिपियों के साथ वापस लौटे। जर्नी टु द वेस्ट ने चिन दिंग हान पर गहरा प्रभाव डाला। इसके बाद वे भारतीय साहित्य और संस्कृति का अध्ययन करने लगे।

    वे 1950 में बीजिंग विश्वविद्यालय में अंग्रेजी की पढ़ाई कर रहे थे। लेकिन जब उन्हें हिंदी पढ़ने का मौका मिला तो उन्होंने हिंदी में महारत हासिल करने का मन बना लिया। हिंदी अध्ययन के बाद वे 1955 में पेइचिंग विश्वविद्यालय में हिंदी प्राध्यापक के तौर पर नियुक्त हुए। उन्होंने बाद में भारत-चीन संबंधों को मजबूत करने में भी अहम योगदान दिया। वर्ष 1959 में उन्होंने प्रेमचंद के प्रख्यात हिंदी उपन्यास निर्मला का चीनी भाषा में अनुवाद किया। बाद में उन्होंने 16 वीं सदी के हिंदी कवि गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित महाकाव्य रामचरितमानस का भी चीनी में अनुवाद किया। उन्होंने लेखक यशपाल के हिंदी उपन्यास झूठा सच का अनुवाद भी किया।

    85 साल की उम्र में भी प्रो. चिन दिंग हान हिंदी के लिए समर्पित हैं। हम सीआरआई की ओर से उन्हें सलाम करते हैं।

    दोस्तो, आपको यह जानकारी कैसी लगी, हमें जरूर बताइएगा।

    अब पेश किया जाएगा, नेशनल बुक ट्रस्ट के चेयरमेन डा. बलदेव शर्मा के साथ बातचीत।

    ...बलदेव शर्मा से बातचीत......

    आपको यह बातचीत कैसी लगी, हमें बताइएगा, हमें आपकी टिप्पणी की इंतजार रहेगा। धन्यवाद।

    वेइतुंगः लीजिए अब पेश है प्रोग्राम में हर बार की तरह दी जाने वाली जानकारी।

    सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक ने एक बार फिर से इतिहास रच दिया है। दुनिया भर में हर सात में से एक आदमी फेसबुक यूज कर रहा है।

    यह जानकारी फेसबुक के संस्‍थापक मार्क जकरबर्ग ने खुद अपनी फेसबुक वॉल पर लोगों के साथ शेयर की है। ...

    फेसबुक का कहना है कि बीते सोमवार को फेसबुक को एक दिन में यूज करने वालों की संख्या 1 अरब पार कर गई।

    जकरबर्ग ने कहा कि दुनिया के साथ जुड़ने की यह एक शुरूआत भर है। मुझे इस बात पर प्रसन्नता है कि हमारी कम्युनिटी ने यह मुकाम हासिल कर लिया।

    अनिलः वही

    चीनी टेक कंपनियों ने कर्मचारियों से ज्यादा आउटपुट निकलवाने के लिए नई तरकीब इजाद की है। चीनी कंपनियां ऑफिस में काम के दौरान कर्मचारियों का मन बहलाने के लिए चीयरलीडर्स हायर कर रही है। कंपनियों का मानना हैं कि चीयरलीडर्स कर्मचारियों के मेंटल हेल्थ को तरोजाता बनाएं रखेंगी, जिससे वो ज्‍यादा से ज्‍यादा और अच्छा आउटपुट दे सकेंगे।

    ये चीयरलीडर्स ऑफिस के पुरुष कर्मचारियों के साथ पिंग पॉन्‍ग गेम खेलने, ब्रेकफास्ट देने और चैटिंग के करने के साथ ही उन्‍हें मोटिवेट करने का काम भी कर रही हैं। टेक कंपनियों में चीयरलीडर्स की मौजूदगी की तस्‍वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं।

    वेइतुंगः उधर ऑस्ट्रिया में छह वर्ष की एक बच्ची पर 38 हजार डॉलर के लिए मुकदमा दायर किया गया। आरोप है कि बच्ची के कारण एक स्कीइंग दुर्घटना हुई, जिसमें एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई।

    द इंडिपेंडेंट ने द लोकल ऑस्ट्रिया समाचार पत्र के हवाले से कहा कि महिला ने बच्ची के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की शुरुआत की है।

    फेल्डकिर्च प्रोविजनल कोर्ट इस पर विचार कर रहा है कि दुर्घटना के लिए एक बच्ची को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है या नहीं।

    ऑस्ट्रिया के कानून के मुताबिक, 14 साल से कम उम्र के बच्चों को व्यक्तिगत तौर पर चोट लगने की दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।

    अदालत की प्रवक्ता के मुताबिक, 'सबसे पहले उनकी देखभाल करने वाले लोगों जैसे प्रशिक्षकों और माता-पिता पर निगरानी में लापरवाही के लिए मुकदमा चलाया जाएगा।

    '..

    अनिलः वहीं मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में दस सितंबर से होने वाले विश्व हिंदी सम्मेलन में हिन्दी के साहित्यिक पक्ष की बजाय व्यावहारिक प्रयोग पर अधिक जोर होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दसवें विश्व हिन्दी सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे जिसमें दुनिया के विभिन्न देशों के 700 से अधिक प्रतिनिधि शामिल होंगे।

    विदेश मंत्रालय की ओर से आयोजित यह सम्मेलन 10 से 12 सितम्बर तक भोपाल के लाल परेड मैदान में होगा। इस सम्मेलन का भागीदार राज्य मध्यप्रदेश है। माखन लाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय सम्मेलन का प्रायोजक है।

    इस बार के हिन्दी सम्मेलन में हिन्दी के साहित्यिक पक्ष की बजाय व्यावहारिक प्रयोग पर अधिक जोर होगा। तीन दिन के इस आयोजन में विज्ञान, चिकित्सा,

    इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी के साथ साथ सरकारी कामकाज खासकर विदेश नीति में भी हिन्दी की उपयोगिता पर प्रकाश डाला जाएगा।

    सम्मेलन हिन्दी जगत के विस्तार एवं संभावनाओं पर केंद्रित रहेगा जिसमें हिन्दी के विकास, प्रवासी लेखकों, लोकतंत्र, मीडिया, रोजगार, ज्ञान-विज्ञान, फिल्मी और रंगमंच की दुनिया में हिन्दी भाषा को लेकर चर्चा होगी।

    वेइतुंगः अब वक्त हो गया है हेल्थ टिप्स का

    दोस्तो, आप नारियल का इस्तेमाल तो करते होंगे।

    आसानी से उपलब्ध होने वाला नारियल तेल आपके लिए कई तरह से बेहतरीन नैचुरल ब्यूटी प्रोडक्ट साबित हो सकता है।

    हाथों का रुखापन दूर कर देता है नारियल तेल। इसलिए अगर आप किचन में नारियल तेल से खाना बनाते हैं तो थोड़ा सा तेल लेकर हाथों में लगाकर रब करें। इससे आपके हाथों की त्वचा एकदम कोमल अहसास देगी

    गालों पर नारियल का तेल लगाकर छोड़ दें। कुछ देर बाद तेल को साफ करें और हल्के गुनगुने पानी से चेहरा धोएं। आपका चेहरा खिल जाएगा।

    पैरों की वैक्सिंग करते वक्त अगर आप बाजार के ब्यूटी प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करते हैं तो ये प्रोडक्ट्स आपकी त्वचा को साइड इफैक्ट्स भी पहुंचा सकते हैं। लेकिन नारियल का तेल अगर पैरों में लगाकर शेव की जाए तो इससे कोई नुकसान नहीं होता।

    नारियल तेल को आप डीप कंडीशनर के तौर पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं। बाजार में मौजूद कई कंडीशनर में भी नारियल का तेल इस्तमाल होता है।

    अनिलः

    लीजिए दोस्तो, अब प्रोग्राम में वक्त हो गया है, श्रोताओं के कमेंट शामिल करने का।

    सबसे पहले शामिल है, पश्चिम बंगाल से रवि शंकर बसु का ई-मेल। लिखते हैं कि "टी टाइम" प्रोग्राम का ताज़ा अंक सुना। प्रोग्राम की शुरुआत में चीन-भारत आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत चीन दौरे पर भारतीय युवा प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले नेहरू युवा केंद्र संगठन के महानिदेशक मेजर जनरल दिलावर सिंह के साथ अनिल जी की बातचीत के मुख्य अंश हमें सुनने को मिले। उन्होंने पिछले मई महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन दिवसीय चीन यात्रा और चीन-भारत संबंध पर अपनी राय पेश की। चीन और भारत मैत्रीपूर्ण संबंधों के बारे में इस गतिविधि को मैं दोनों देशों के बीच मजबूत दोस्ती का प्रतीक मानता हूं। आशा है कि भारतीय युवा दल की चीन यात्रा दोनों देशों के बीच आवाजाही और सहयोग को और बढ़ावा देगी।

    वहीं भारतीय मूल के कनाडा निवासी 16 साल के छात्र अनमोल टुकरेल ने गूगल से अच्छा सर्च इंजिन बनाया है जो गूगल से 47 परसेंट ज्यादा एक्यूरेट है। इस कामयाबी पर अनमोल टुकरेल को बधाई। यह जानकर मैं हैरान हो गया कि लगातार बैठे रहना हमारे स्वास्थ्य के लिए स्मोकिंग जितना खतरनाक है। आज रेलवे की भर्ती परीक्षाओं में बड़ा बदलाव को लेकर आप द्वारा दी गई जानकारी काफी सूचनाप्रद लगी। नए सिस्टम के तहत परीक्षार्थियों के नज़दीक भी रेलवे भर्ती का परीक्षा केन्द्र हो सकता है जिससे बेरोजगार परीक्षार्थियों को दिक्कतों से राहत मिलेगी। धन्यवाद।

    वेइतुंगः वहीं पश्चिम बंगाल बालुरघाट से बिधान चंद्र सान्याल ने हमें पत्र भेजा है। लिखते हैं, 25 अगस्त को पेश कार्यक्रम में नेहरू युवा केंद्र के महानिदेशक के साथ बातचीत अच्छी लगी।साथ ही कुर्सी पर बैठने होने वाली समस्याओं पर भी आपने ध्यान दिलाया। तीनों जोक्स भी अच्छे लगे।

    धन्यवाद।

    अगला पत्र हमें भेजा है, दरभंगा बिहार से शंकर प्रसाद शंभू ने। लिखते हैं कि पिछले सप्ताह के टी टाइम प्रोग्राम में भारतीय नेहरू युवा केंद्र संगठन के महानिदेशक मे.जनरल दिलावर सिंह के साथ हुई बातचीत पेश करने और रोजगार संबंधी सूचना से रूबरू करवाने के लिए धन्यवाद।

    चेयर सिटिंग या बैठे रहने को न्यू स्मोकिंग बता रहे हैं। यानी कि लगातार बैठे रहना स्मोकिंग से भी ज्यादा खतरनाक है। घंटों सोफे या चेयर पर बैठे रहने से डायबिटीज, हार्ट डिजीज और अर्ली डेथ का खतरा बढ़ जाता है। अगर हम रोजाना 11 घंटे या उससे अधिक समय तक बैठे रहते हैं, तो अगले तीन वर्षों में हमारी मौत की सम्भावना बढ़ जाती है। वाकई में यह चौकाने वाली बात है।

    अनिलः नेक्स्ट लैटर हमारे पास आया है, भावनगर गुजरात से मकवाना विशाल कुमार का। उन्होंने लिखा है, टी-टाइम प्रोग्राम दिन-प्रतिदिन बेहतर होता जा रहा है। हर बार नई जानकारियां मुहैया कराई जाती है। पिछले अंक में युवाओं के प्रतिनिधिमंडल के चीन दौरे के बारे में जानकर खुशी हुई। साथ ही दिलावर सिंह जी से बातचीत भी सुनी। इस तरह के कार्यक्रमों से चीन और भारत के युवाओं के बीच समझ और दोस्ती बढ़ेगी। वहीं 16 साल के किशोर द्वारा गूगल से बेहतर सर्च इंजन तैयार किए जाना बड़ी उपलब्धि है। प्रोग्राम में दी गई जानकारी के अलावा श्रोताओं के कमेंट भी पसंद आए। शानदार प्रोग्राम पेश करने के लिए आपकी पूरी टीम को बधाई।

    धन्यवाद.

    वेइतुंगः अगला ई-मेल आया है, केसिंगा उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल जी का। लिखते हैं साप्ताहिक "टी टाइम" के तहत नेहरू युवा केन्द्र संगठन के महानिदेशक मेजर जनरल दिलावर सिंह के नेतृत्व में चीन गये दो सौ भारतीय युवाओं के दल की गतिविधियों पर मेजर साहेब से ली गई लम्बी भेंटवार्ता सुनवाने हेतु हार्दिक धन्यवाद। कार्यक्रम सुन अन्य बातों के अलावा नेबरहुड यूथ पार्लियामेन्ट तथा ऑल चाइना यूथ फ़ेडरेशन के साथ NYKS के साथ हो रहे महत्वपूर्ण सहयोग पर अच्छी जानकारी हासिल करने का मौक़ा मिला। इसके अलावा कार्यक्रम में कनाडा में रहने वाले सोलह साल के भारतीय मूल के किशोर अनमोल द्वारा गूगल सर्च इंजिन के सामने खड़ी की गई चुनौती, लगातार लम्बे समय तक कुर्सी पर बैठे रहने से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव एवं रेलवे भर्ती बोर्ड के एक महत्वपूर्ण नीतिगत फैसले पर दी गई जानकारी भी काफी सूचनाप्रद लगी। आज के तीनों जोक्स भी काफी उम्दा थे। धन्यवाद स्वीकार करें।

    अनिलः साथ ही भागलपुर बिहार से डा. हेमंत कुमार ने प्याज पर डॉयलाग लिखकर भेजा है। जैसा कि सभी जानते हैं कि आजकल भारत में प्याज के दाम आसमान छू रहे हैं।....सुनते हैं हेमंत ने क्या भेजा है।

    प्याज कोई खेल नहीं !

    बढ़ती प्याज की कीमतों के हिसाब से जल्दी ही फिल्मों के डायलाग इस प्रकार के होंगे !

    मेरे करण अर्जुन आयेंगे;

    और दो किलो प्याज़ लायेंगे. . .

    ये ढाई किलो के प्याज़ जब आदमी लेता है ना;

    तो आदमी उठता नहीं उठ जाता है. .

    मेरे पास बंगला है गाडी है बैंक बैलेंस है रुपया है पैसा है, तुम्हारे पास क्या है ?

    मेरे पास प्याज़ है !.

    जिनके घर प्याज़ के सलाद होते हैं;

    वो बत्ती बुझा कर खाना खाते हैं. . .

    चिनॉय सेठ, प्याज़ बच्चों के खेलने की चीज़ नहीं होती;

    कट जाए तो खून निकल आता है. . .

    मैं आज भी फेंके हुए पैसे नहीं उठाता;

    प्याज़ हो तो अलग बात है. . .

    लगता है सब्जी मंडी में नए आये हो साहेब;

    सारा शहर मुझे प्याज़ के नाम से जानता है..

    11 राज्यों की सरकार मुझे ढूंढ़ रही है;

    पर प्याज़ को खरीदना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है..

    ये प्याज मुझे दे-दे ठाकुर . . .

    तुम्हे चारों तरफ से पुलिस ने घेर लिया है;

    अपनी सारी प्याज कानून के हवाले कर दो..

    ....

    क्या बात है...वाह...वाकई में प्याज़ तो लोगों को रुला रही है, लेकिन हेमंत ने सबको हंसा दिया। शुक्रिया.

    ...प्रोग्राम में श्रोताओं की प्रतिक्रिया यही तक...आप सभी का शुक्रिया।

    अब बारी है हंसगुल्लों की।

    पहला जोक.

    1. एक लड़का रात को 2 बजे डॉक्टर को फोन लगाता है ट्रिंग-ट्रिंग...... लड़का - डॉक्टर साहब, मुझे नींद न आने की बीमारी है...!! डॉक्टर - तो इसे फैला क्यों रहा है, कम से कम मुझे तो सोने दे...

    2.

    पिता (बेटे के पाठ याद न होने पर गुस्से में)- तुमने गधा देखा है? बेटा- हां। पिता- उल्लू? बेटा- हां। पिता- तुम्हारी शक्ल दोनों की तरह है। बेटा- पर मम्मी तो कहती हैं मैं आपके जैसा दिखता हूं।

    3.

    संता बंता से बोला गर्लफ्रेंड पूछ रही थी कल मुझसे, क्या तुम मुझे याद करते हो? मुस्कुराकर हमने जवाब दिया, 'पागल अगर याद करना इतना आसान होता तो सब याद कर कॉलेज में टॉप कर लेता न।

    आज के प्रोग्राम में हंसगुल्ले आपको कैसे लगे, हमें जरूर बताइएगा। धन्यवाद।

    अब सवाल जवाब की बारी है।

    पिछले हफ्ते हमने दो सवाल पूछे थे।

    पहला सवाल था। गूगल को किसने चुनौती दी है, उसका क्या नाम है।

    सही जवाब है- भारतीय मूल के कनाडा में रहने वाले 16 वर्षीय किशोर अनमोल टुकरेल ने।

    दूसरा सवाल था- चेयर यानी कुर्सी पर देर तक बैठने के घातक परिणाम का खुलासा किस देश के शोधकर्ताओं ने किया है।

    सही जवाब है- आस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं ने।

    इन सवालों का सही जवाब हमें लिखकर भेजा है, भावनगर गुजरात से विशाल कुमार धीरूभाई, दरभंगा बिहार से शंकर प्रसाद शंभू, भागलपुर बिहार से डॉ. हेमंत कुमार, पश्चिम बंगाल से रवि शंकर बसु, विधान चंद्र सान्याल, देवाशीष गोप और केसिंगा उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल आदि ने। आप सभी का शुक्रिया।

    अब आज के सवालों का वक्त हो गया है.।

    पहला सवाल है- विश्व हिंदी दिवस कब मनाया जाता है।

    दूसरा सवाल है— हाल में किस देश के विद्वान को साहित्य अकादमी ने मानद सदस्यता से सम्मानित किया। उनका क्या नाम है।

    सवाल एक बार फिर सुन लीजिए।

    अगर आपको इनका जवाब पता है तो जल्दी हमें ई-मेल कीजिए या खत लिखिए।.....हमारा ईमेल है.. hindi@cri.com.cn, हमारी वेबसाइट का पता है...hindi.cri.cn....... अपने जवाब के साथ, टी-टाइम लिखना न भूलें।

    अनिलः टी-टाइम में आज के लिए इतना ही, अगले हफ्ते फिर मिलेंगे चाय के वक्त, तब तक आप चाय पीते रहिए, नमस्ते, बाय-बाय, शब्बा खैर, चाई च्यान

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