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    आपका पत्र मिला 2015-08-12
    2015-08-17 09:46:36 cri

    अनिल:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल पांडे का नमस्कार।

    मीनू:सभी श्रोताओं को मीनू का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अनिलः आज के कार्यक्रम में हम श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। इसके बाद एक श्रोता के साथ हुई बातचीत के मुख्य अंश पेश किए जाएंगे।

    अनिल:चलिए श्रोताओं के पत्र पढ़ने का सिलसिला शुरू करते हैं। पहला पत्र लीजिए पेश है, ओड़िशा से हमारे मॉनिटर सुरेश अग्रवाल का। उन्होंने लिखा कि हमने आपका प्रोग्राम शाम साढ़े छह बजे शॉर्टवेव 9450 किलोहर्ट्ज़ की आवृत्ति पर सुना और कार्यक्रम का भरपूर लुत्फ़ उठाने के बाद अब उस पर अपनी त्वरित प्रतिक्रिया के साथ आपके समक्ष उपस्थित हूँ। मुझे पता नहीं है कि रोज़ाना की मेरी यह क़वायद आपके कितने काम की है, परन्तु प्रतिदिन ऐसा कर मुझे बहुत आत्मसंतुष्टि प्राप्त होती है। बहरहाल, देश-दुनिया की अहम ख़बरों का ज़ायज़ा लेने के बाद हमने साप्ताहिक "सण्डे की मस्ती" भी गौर से सुना और उसमें दी गई तमाम जानकारी से स्वयं को अपडेट किया। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को श्रध्दांजलि स्वरुप हमें सुनवाया गया ऑडियो कार्यक्रम को सार्थकता प्रदान कर गया। दिवंगत कलाम साहेब के जीवन के कुछ अनछुए पहलुओं पर इतनी अच्छी जानकारी प्रदान करने हेतु आपका हार्दिक साधुवाद। कार्यक्रम में आईफ़ोन में लगे सर्विलेंस एप्प के ज़रिये अमेरिका में एक चोर को पकड़े जाने की घटना गैजेट्स के सही इस्तेमाल की ओर हमारा ध्यानाकृष्ट करती है। सबसे बड़ा छाता बनाने का रिकॉर्ड, जो कि पहले भारत के पास था, अब उस पर चीन का अधिकार है, यह जानकारी हमारे लिये बिलकुल नई है। जानकारी के साथ यह भी बतलाया जाता कि इतने बड़े छाते का क्या इस्तेमाल है, तो और भी अच्छा होता। महोबा, उत्तरप्रदेश के रोटी बैंक स्थापित करने वालों को हमारा सादर नमन। नमन चीन की वांग नामक महिला और उनके साथियों को भी, जो कि सड़क पर रहने वाले आवारा कुत्तों के लिये रोज़ाना चार सौ किलोग्राम खाना पकाते और उन्हें प्यार से खिलाते हैं। घोड़ी पर ही क्यों बैठता है दूल्हा, इसके पीछे की रोचक कहानी सुनाने का भी शुक्रिया। प्रेरक कहानी -तीन डण्डियां के अलावा धारावाहिक महाभारत में भगवान श्रीकृष्ण की सीख वाला ऑडियो भी काफी प्रेरणादायक लगा। आज पेश जोक्स में -ताऊ रामफल वाले जोक के अलावा सुनाया गया ऑडियो जोक भी काफी उम्दा लगा। धन्यवाद एक अच्छी प्रस्तुति के लिये।

    श्रृंखला "पश्चिम की तीर्थयात्रा" में मानों सुन उखुन ही हीरो है। आज के अंक में पहले तो उसने नन्हें दानव का हूबहू रूप धारण कर उसे चकित कर दिया। फिर वह उसे कनिष्ठ और वरिष्ठ वायुभेदक का अन्तर समझाने में भी कामयाब हो गया और अन्ततोगत्वा सभी गश्ती प्रहरियों से पांच लियांग चांदी के सिक्के वसूलने की योजना भी सफल होती प्रतीत होती है, जिसका पटाक्षेप अगले अंक में होना है। धन्यवाद।

    मीनू:सुरेश अग्रवाल जी, हमें पत्र भेजने पर आपका बहुत बहुत धन्यवाद। चलिए, अगला पत्र मेरे पास है बिहार से शंकर प्रसाद शंभू का। उन्होंने लिखा है....

    मैं टी-टायम प्रोग्राम नियमित रूप से सुनता हूं। आपको पत्र भेजने की कोशिश भी करता हूं। कुछ समय पहले टी-टाइम प्रोग्राम में शुभम जगलान द्वारा जूनियर वर्ल्ड गोल्फ चैंपियनशिप जीतने का समाचार प्रेरक लगा। साथ ही प्रोग्राम में पेश अन्य जानकारी, जोक्स व गीत-संगीत अच्छे लगे।

    वहीं हेल्थ टिप्स में अजवाइन के बारे में तमाम जानकारी दी गई, जो कई बीमारियों से निजात दिलाता है। अनिल जी और वेइतुंग जी को शानदार प्रस्तुतीकरण के लिए धन्यवाद।

    21 जुलाई का प्रोग्राम बहुत रुचिकर लगा, जिसमें वाई-फाई तकनीक से मोबाइल और लैपटॉप चार्ज होने संबंधी जानकारी दी गई। वहीं हेल्थ टिप्स में गंदे पानी से होने वाले विभिन्न रोगों के बारे में चर्चा काफी जागरूक करने वाली थी। एक बार फिर से धन्यवाद।

    जिस जानकारी ने मुझे सबसे प्रभावित किया वह है कि चीन की एक तीन साल की बच्ची हान हान की खोपड़ी 3D प्रिंटिंग के जरिए फिर से बनाई गई। यह कारनामा मेडिकल हिस्ट्री में पहली बार हुआ है। यह चमत्कारिक ऑपरेशन का समाचार काफी सुकून देने वाली खबर है। मैं डाक्टरों को धन्यवाद देता हूं और बच्ची हान हान की लम्बी उम्र की कामना करता हूं।

    अनिल:शंकर प्रसाद शंभू जी, हमारे कार्यक्रम सुनने और सराहना के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। चलिए, आग बढ़ते हैं पश्चिम बंगाल से बिधान चंद्र सान्याल जी का पत्र। वे लिखते हैं

    22 जुलाई को अनिल पांडे जी द्वारा पेश देश-विदेश के ताजा समाचार सुनने के बाद साप्ताहिक कार्यक्रम आपका पत्र मिला सुना। इसके तहत मेरे पत्र के साथ अन्य श्रोताओं के पत्र और रवींद्र जी के साथ बातचीत सुनी, जो अच्छी लगी।

    यह जानते हुए मैं चकित हो गया कि इस साल पहली तिमाही में चीन के मोबाइल फोन नेटीजनों की संख्या 3 करोड़ 67 लाख बढ़कर अब 59 करोड़ 40 लाख हो चुकी है। इसके साथ ही चीन मेँ नेटीजनों की पूरी संख्या भी 66 करोड़ 80 लाख है। यहे कोई मामूली बात नहीँ है। इस बारे मेँ मेरा सवाल है कि मोबाइल फोन नेटीजनों की संख्या के हिसाब से दुनिया के पहले तीन देशों का नाम बताने का कष्ट करें। धन्यवाद ।

    24 जुलाई को पंकज जी द्वारा पेश किए गए दक्षिण एशिया फोकस कार्यक्रम के तहत व्यापमं घोटाले और ललित मोदी के बारे मेँ चर्चा बहुत अच्छी लगी। समसामयिक विषय पर चर्चा करने के लिए सी आर आई हिन्दी सेवा को बहुत बहुत धन्यवाद।

    वहीं 31 जुलाई को देश विदेश के ताजा समाचार सुनने के बाद चीन का तिब्बत कार्यक्रम सुना, जिसमें पक्षी संरक्षण करने वाली कहानी सुनी । इसके बाद दक्षिण एशिया फोकस सुना। इसमें पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के निधन और याकुब मेनन की फांसी पर चर्चा अच्छी लगी। धन्यवाद।

    मीनू:बिधान चंद्र सान्याल जी आगे लिखते हैं.......

    यह बहुत खुशी की बात है कि पेइचिंग को वर्ष 2022 शीतकालीन ओलंपिक की मेज़बानी प्राप्त हो गई है । पेइचिंग ने वर्ष 2008 मेँ सफलता से 29वेँ समर ओलंपिक का आयोजन किया था। पेइचिंग विश्व मेँ एकमात्र ऐसा शहर बन चुका है , जिसने समर ओलंपिक खेलों का आयोजन भी किया था और विंटर ओलंपिक का आयोजन भी करेगा । मुझे आशा है कि पेइचिंग विश्व के लिए एक शानदार और असाधारण शीतकालीन ओलंपिक खेल पेश करेगा जो शीतकालीन खेलों के तेज विकास को नया अवसर भी देगा ।

    जापानी आक्रमण विरोधी युद्ध और वैश्विक फासिस्ट विरोधी युद्ध की जीत की 70वीं बर्षगांठ पर सभी चीनी लोगों को हार्दिक बधाई। भारत हमेशा साम्राज्यवाद के खिलाफ रहा है। जब 1937 मेँ जापानी सैन्य आक्रमणकारियों ने चीन के खिलाफ आक्रमणकारी युद्ध आरंभ किया, तब भारत के महान कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर ने चीनी जनता के पक्ष मेँ खड़े होकर जापानी फासीवाद की कड़ी आलोचना की। उन्होने जापानी कवि योने नोगिछी, जिन्होंने जापानी साम्राज्यवादियों के अपराधों की कड़ी निन्दा की और स्पष्ट शब्दों मेँ भविष्यवाणी की। चीन अजेय है , उसकी जनता अपनी निष्ठा और अभूतपूर्व एकता से अपनी भातृभूमि के नये युग का सृजन कर रही है। रवीन्द्रनाथ को पक्का विश्वास था कि अन्त मेँ चीन की विजय होगी। उनकी दृष्टि, उनकी बात भारत की दृष्टि, भारत की बात है। इससे पता चलता है कि चीन की विजय पर भारतवासियों की खुशी समझी जा सकती है। 70वीँ वर्षगांठ पर फिर एक बार चीनी जनता को शुभकामनाएं।

    अनिल:बिधान चंद्र सान्याल जी, आपकी बधाई हमें मिल चुकी है, इसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद। चलिए, अगला पत्र हमें भेजा है उत्तराखंड से वीरेंद्र मेहता जी ने। उन्होंने लिखा है......

    नमस्ते सीआरआई, मुझे आपके प्रोग्राम बहुत अच्छे लगते हैं, मैं पिछले साल से सीआरआई को सुन रहा हूं। सच में यह रेडियो स्टेशन ज्ञान का पिटारा है। साथ ही मैं सीआरआई की इंग्लिश न्यूज भी सुनता हूं। वे आगे लिखते हैं कि सॉरी अनिल सर, मुझे हिंदी टाइपिंग नहीं आती है, लेकिन जल्दी ही सीख जाऊंगा। उसके बाद लैटर हिंदी में टाइप करके भेजूंगा। मैं एक छात्र हूं, खासकर मैं पश्चिम की तीर्थ यात्रा, संडे की मस्ती, टी-टाइम कभी मिस नहीं करता हूं।

    धन्यवाद.....वीरेंद्र मेहता जी, मुझे बहुत खुशी हो रही है, क्योंकि आपने हमें लैटर लिखा, जल्द ही उम्मीद करते हैं कि आप हिंदी में हमें पत्र भेजने लगेंगे। आपकी अगली टिप्पणी और ई-मेल का इंतजार करेंगे। साथ ही यह भी बताएं कि आप उत्तराखंड के किस शहर और क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं, धन्यवाद।

    मीनू: चलिए, प्रोग्राम को आगे बढ़ाते हुए पढ़ते हैं अगला पत्र। जिसे भेजा है बिहार से डॉ हेमंत कुमार ने। उन्होंने लिखा है.....

    नमस्कार! मैँ 'सीआरआई' का नियमित तथा पुराना श्रोता हूं। आपके द्वारा प्रसारित सभी कार्यक्रम तथा प्रसारण गुणवत्ता उच्च स्तर के होते हैँ। कार्यक्रम सुनकर नियमित समीक्षात्मक पत्र लिखने तथा प्रचार-प्रसार करने का प्रयास करता हूं। आपके वेबसाइट एवं फेसबुक पेज भी अच्छे लगते हैँ। मेरा सुझाव है कि सीआरआई के कार्यक्रम को 'मोबाईल एप्प' पर भी उपलब्ध कराना चाहिए। समस्त शुभकामनाओं के साथ सीआरआई परिवार को हार्दिक धन्यवाद!

    अनिल:हेमंत जी, हमें पत्र भेजने और अपनी बात हम तक पहुंचाने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। चलिए, अब आप सुनते हैं बिहार से एमडी जीशान नैयर जी का पत्र। उन्होंने लिखा है.....संडे की मस्ती में दूरदर्शन के सीरियल की जानकारी दी गई, सच कहूं तो ऐसा कोई प्रोग्राम दूसरी जगह पर सुनने को नहीं मिला। सीआरआई की पूरी टीम को धन्यवाद।

    आपकी फरमाईश में ई-मेल भेजना चाहता हूं, उसका ई-मेल क्या है।

    देखिए .......जीशान जी....

    मीनू: नैयर जी हमें पत्र भेजने के लिए आपका शुक्रिया। अंत में आपको सुनाया जा रहा है पश्चिम बंगाल से हमारा मॉनिटर रविशंकर बसु का पत्र। उन्होंने लिखा है.....

    सादर नमस्कार। मैंने आपकी वेबसाइट पर "आम आदमी के राष्ट्रपति " डॉक्टर ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम (15 अक्टूबर 1931 - 27 जुलाई 2015) के निधन पर चीनी विदेश मंत्री वांग यी का शोक संदेश पढ़ा। रिपोर्ट पढ़कर यह जानने को मिला कि भारत के 11 वें राष्ट्रपति का कार्यकाल पूरा कर लेने के बाद डॉ. कलाम पेइचिंग विश्वविद्यालय के मानद प्रोफेसर बने। उन्होंने चीन-भारत संबंधों के विकास के लिए सक्रिय योगदान दिया ।भारत रत्न कलाम साहब सबसे पहले एक शुद्ध रूप से भारतवासियों के लिए प्रेरणा स्रोत रहे ,एक ऐसा महान वैज्ञानिक जिसने भारत को रक्षा क्षेत्र में दुनिया में सम्मान दिलाया,कलाम साहब का हर शब्द जब भी उनकी पवित्र जुबान से निकला वह समस्त युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत वना। वे देश के ऐसी विभूति हैं जिन्हें राष्ट्रपति बनने से पूर्व देश के सर्वोच्च सम्मा्न 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया। डॉ कलाम ने अपनी विनम्रता से, सार्वजनिक सेवा से घर में और विदेशों में सम्मान कमाया और देश भर के लाखों भारतीयों और प्रशंसकों को एक प्रेरणा प्रदान की।30 जुलाई 2015 को पूर्व राष्ट्रपति को पूरे सम्मान के साथ रामेश्वरम के पी करूम्बु ग्राउंड में दफ़ना दिया गया। कलाम हमारे दिलों में हमेशा जिन्दा रहेंगे।

    अनिल:आगे बसु जी ने लिखा है.....

    7 अगस्त को रात साढ़े नौ से साढ़े दस बजे तक शार्ट वेव 7395 किलोहर्ट्ज (kHz) पर आपका रेडियो प्रोग्राम सुना।अनिल पाण्डेय जी द्वारा पेश किये गए दुनिया भर के ताज़ा समाचार सुनने के बाद श्याओ थांग जी द्वारा पेश साप्ताहिक "चीन का तिब्बत" प्रोग्राम बहुत ध्यान से सुना।

    आज के प्रोग्राम में दक्षिण पश्चिमी चीन के सछ्वान प्रांत के कानची तिब्बती स्वायत्त प्रिफेक्चर की ताओफ़ू कांउटी के ताओफ़ू वृद्ध आश्रम का प्रधान 53 वर्षीय तिब्बती पुरुष श्याओ रेअतंग के बारे में एक रिपोर्ट सुनने को मिली। कार्यक्रम सुनकर यह पता चला कि श्याओ रेअतंग बहुत अच्छे इंसान हैं। वृद्ध आश्रम के प्रधान के रूप में वे आश्रम में रहने वाले सभी बुजुर्गों की अच्छी तरह देखभाल करते है। वे बुजुर्गों के पैर धोते है ,मुंह धोते हैं और नहलाते हैं। वे वृद्ध लोगों के लिए कपड़ों के बिस्तर बनाकर रखते हैं। ताओफ़ू वृद्ध आश्रम में सभी श्याओ रेअतंग के प्रशंसक हैं। इस वृद्ध आश्रम के शांत वातावरण में बुजुर्ग तिब्बती लोग सूर्य की रोशनी में आराम फरमाते और गपशप करते हैं।पिछले 19 सालों से वह एक चीनी हान जातीय बुजुर्ग छन युआनता की देखभाल भी करते थे। दोनों के बीच पिता और पुत्र का संबंध बन गया था। हान जाति के बुजुर्ग छन के प्रति तिब्बती श्याओ रेअतंग की दया भावना वाकई प्रशंसनीय है। वर्ष 2014 के वसंत त्यौहार के समय 99 वर्षीय छन के निधन के बाद श्याओ रेअतंग ने हान जाति की परंपरा के मुताबिक दाह-संस्कार किया,फिर तिब्बती जाति की परंपरा के अनुसार जल-संस्कार भी किया था। वृद्ध आश्रम के प्रधान के रूप में श्याओ रेअतंग ने आज भी वृद्ध आश्रम में करीब 50 बुजुर्ग लोगों की देखभाल अच्छी तरह करते हैं। उनके काम को मैं सलाम करता हूं।

    आज "दक्षिण एशिया फोकस" प्रोग्राम में पंकज श्रीवास्तव जी ने वरिष्ठ पत्रकार उमेश चतुर्वेदी जी के साथ मध्य प्रदेश के हरदा में हुए दो बड़े ट्रेन हादसों को लेकर एक खास चर्चा की,जिसमें उमेश जी ने इस ट्रेन दुर्घटना के पीछे रेल मंत्री सुरेश प्रभु को दोषी करार दिया जो मेरे ख्याल से गलत है क्योंकि कोई भी रेल मंत्री किसी भी ट्रेन चालक को जाकर यह बोलेगा कि आप आज एक ट्रेन हादसा कीजिएगा। एक पत्रकार किसी भी मंत्री से पद छोड़ने का दावा नहीं कर सकता है। यह तो सिर्फ और सिर्फ आम लोगों और नेताओं का काम है ।रिपोर्ट के मुताबिक, उफनाई काली मचक नदी की पुलिया से गुजरते वक्त कामायनी एक्सप्रेस के 11 और जनता एक्सप्रेस के पांच डिब्बे व इंजन ट्रैक के धंसने से नदी में गिर गए। हादसे में करीब 30 यात्रियों की मौत हुई ,जबकि 100 से अधिक लोग घायल हो गए। मध्य प्रदेश में हुआ दोहरा ट्रेन हादसा बेहद दुखद है। मैं लोगों की मौत पर दुख व्यक्त करता हूं। मैं मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं।

    मीनू:अब सुनिए हमारे श्रोता जावेद अनीस के साथ हुई बातचीत।

    अनिल:दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल पांडे और मीनू को आज्ञा दीजिए, नमस्कार

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