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आप की पसंद 150815
2015-08-16 18:22:53 cri

16 अगस्त 2015, आपकी पसंद

पंकज - नमस्कार मित्रों आपके पसंदीदा कार्यक्रम आपकी पसंद में मैं पंकज श्रीवास्तव आप सभी का स्वागत करता हूं, आज के कार्यक्रम में भी हम आपको देने जा रहे हैं कुछ रोचक आश्चर्यजनक और ज्ञानवर्धक जानकारियां, तो आज के आपकी पसंद कार्यक्रम की शुरुआत करते हैं।

अंजली– श्रोताओं को अंजली का भी प्यार भरा नमस्कार, श्रोताओं हम आपसे हर सप्ताह मिलते हैं आपसे बातें करते हैं आपको ढेर सारी जानकारियां देते हैं साथ ही हम आपको सुनवाते हैं आपके मन पसंद फिल्मी गाने तो आज का कार्यक्रम शुरु करते हैं और सुनवाते हैं आपको ये गाना जिसके लिये हमें फरमाईशी पत्र लिख भेजा है ... व्यापारी कॉलोनी, नेपानगर से सुदर्शन शाह, रुद्रेश शाह, राजेन्द्रजी शाह, सुभद्रा बेन शाह, मंगला बेन शाह, रामगोपाल विश्वकर्मा, मृत्युंजय संतोष, मनोहर, रमेश, शांताराम, लीलाधर और इनके ढेर सारे मित्रों ने आप सभी ने सुनना चाहा है फिल्म फूल और कांटे का गाना जिसे गाया है कुमार शानू और अलका याग्निक ने गीतकार हैं समीर और संगीत दिया है नदीम-श्रवण ने और गीत के बोल हैं -----

सांग नंबर 1. धीरे धीरे प्यार को बढ़ाना है .....

पंकज - 133 सालों से दिख रहे हैं एलियंस

दुनियाभर में यूएफओ दिखाई देने के दावे आम हैं। हाल ही में कानपुर में भी एक युवा ने ऐसा दावा किया। जो लोग कहते हैं कि उन्होंने यूएफओ देखा है वे इसे 'दूसरी दुनिया' की मौजूदगी की निशानी मानते हैं, तो वहीं कुछ लोग इसे वहम और मानसिक रोग तक का नाम देते हैं।

दावों के 133 वर्ष। यूएफओ दिखाई देने के दावे इससे पहले भी होते रहे, लेकिन ज्यादातर को धार्मिक या प्राकृतिक कारणों से जोड़ा गया। 'दूसरी दुनिया' जिसे किसी ने नहीं देखा। और जिसे किसी ने न देखा हो उसके प्रति जिज्ञासा स्वाभाविक है। इसी जिज्ञासा को बनाए रखती है 'यूएफओ' की चर्चा। यूएफओ यानी अनआइडेंटीफाइड फ्लाइंग ऑब्जेक्ट्स, जिसे हम उड़न तश्तरी भी कहते हैं। इन्हें देखने के दावे आए दिन होते रहते हैं। कुछ दावों को नकार देते हैं, तो कुछ का विश्वास है कि एक अलग दुनिया है, जहां एलियन बसते हैं। कहने वाले तो यहां तक कहते हैं कि एलियन्स हमसे लगातार संपर्क में हैं और दुनियाभर की सरकारें इस बात को छुपाने की कोशिश में लगी रहती हैं। यूएफओ का दिखना इसी बात का सबूत है।

अंजली– मित्रों एलियन्स यानी पर ग्रह जीवी जिनके बारे में हम आदि से अनंत तक विभिन्न कथाएं सुनते आ रहे हैं, हर सभ्यता में एलियन्स की कहानियां भी जोड़ी गई हैं, कुछ लोग तो ये भी कहते हैं कि मिस्र में गीज़ा के पिरामिडों को हज़ारों वर्ष पहले धरती के मानवों ने नहीं बनाया था बल्कि पर ग्रह जीवियों ने इंसानों की इस काम में मदद की थी, ऐसी ही तमाम बातें हम अपने बचपन से सुनते आ रहे हैं लेकिन अभी तक ये एक अबूझ पहेली बनी हुई है कि वाकई में एलियन्स हैं या नहीं, खैर इस बारे में हमारी चर्चा जारी रहेगी फिलहाल हम उठाते हैं अपने अगले श्रोता का पत्र, ये पत्र हमारे पास आया है बाबू रेडियो श्रोता संघ, आबगिला गया, बिहार से जिसे हमें लिख भेजा है मोहम्मद जावेद खान, ज़रीना खानम, शाहिना परवीन, खाकशान जाबीन, बाबू टिंकू, जे के खान, बाबू, लड्डू, तौफ़ीक उमर खान इनके साथ हमें पत्र लिखा है के पी रोड गया बिहार से मोहम्मद जमाल खान मिस्त्री, शाबिना खातून, तूफ़ानी साहेब, मोकिमान खातून, मोहम्मद सैफ़ उल खान, ज़रीना खातून ने आप सभी ने सुनना चाहा है फिल्म दिल है बेताब (1993) का गाना जिसे गाया है उदित नारायण ने संगीत दिया है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने और गीत के बोल हैं ------

सांग नंबर 2. पहले प्यार की पहली ......

पंकज - एलियन्स और यूएफओ के प्रति इतनी दीवानगी है कि मंगल ग्रह की रिसर्च करने वाले नासा के यान 'क्यूरोसिटी' द्वारा भेजी गई तस्वीरों में भी आकृतियों के आधार पर एलियन्स तलाशने की कोशिशें व दावे होते रहते हैं। यही दावे और चर्चाएं अफवाहों का बाजार गर्म रखती हैं। आलम यह है कि कुछ वैज्ञानिक स्वघोषित 'यूफोलॉजिस्ट' बन गए हैं और 'यूफोलॉजी' को विज्ञान की ब्रांच मानते हैं। हालांकि इसे कहीं से मान्यता प्राप्त नहीं है। लेकिन फिर भी यह अरबों का बाजार है। अब शायद यूफओ तब तक विवाद का विषय रहेगा जब तक एलियन्स खुद इसकी पुष्टि नहीं कर देते। अगर वो हैं तो!

FACTS:

* 1878 - इस वर्ष एक किसान ने दावा किया कि उसने उड़ती हुई 'तश्तरी' देखी। यूएफओ के लिए 'तश्तरी' शब्द पहली बार इस्तेमाल हुआ।

* 2015 - हाल ही में जुलाई में न्यूयार्क के एक फिल्ममेकर ने उड़न तश्तरी (यूएफओ) को कैमरे में कैद करने का दावा किया।

* 1179 से ज्यादा बार यूएफओ देखने का दावा किया जा गया दुनियाभर में इस वर्ष सिर्फ जून माह में।मौजूदगी के सबूत : तस्वीरें व वीडियो

यूए‌फओ का सबसे बड़ा सबूत तस्वीरें व वीडियो माने जाते हैं। रॉजवेल यूएफओ कांड (1947) जैसे मशहूर किस्से भी हैं, जिनमें सैकड़ों लोगों ने परग्रही यान के धरती से टकराने की गवाही दी। यही नहीं, कई एस्ट्रोनॉट, पायलट्स भी यूएफओ देखने का दावा कर चुके हैं। एक वजह विश्वास करने की यह भी है कि यूएफओ देखने के ज्यादातर दावों में यूएफओ के आकार-प्रकार के विवरण में काफी समानता देखी गई है। कई वैज्ञानिकों का दावा है कि उन्होंने यूएफओ को राडार पर देखा है या एलियन्स से संपर्क करने में भी कामयाबी पाई है।

एलियन किडनैपर

ऐसा दावा करने वालों की कमी नहीं है जो ये मानते हैं कि एलियन्स मानवों का अपहरण करते हैं। कई तो यहां तक कहते हैं कि यूएफओ से आए एलियन्स उन्हें उठाकर ले गए और फिर जांच के बाद धरती पर छोड़ गए। मजेदार बात यह है कि ऐसा दावा करने वालों में बड़े लेखक, डॉक्टर और एक्टर्स तक शामिल हैं।

अंजली – मित्रों हमारे अगले श्रोता हैं धर्मेन्द्र सिंह जी आपने अपने सभी प्रियजनों के साथ हमें पत्र लिखा है मल्थोने, ज़िला सागर, मध्यप्रदेश से आप सभी ने सुनना चाहा है शोला और शबनम फिल्म का गाना जिसे गाया है अमित कुमार और कविता कृष्णमूर्ति ने गीतकार हैं अंजान और संगीत दिया है बप्पी लाहिरी ने, गीत के बोल हैं -----

सांग नंबर 3. जाने दे जाने दे मुझे जाने दे .....

पंकज - यह सब झूठ है?

प्रमाण नाकाफी

जितनी भी तस्वीरें या वीडियो जारी किए गए हैं, उनकी प्रामाणिकता पर हमेशा सवाल उठते रहे हैं। बेशक वीडियो या तस्वीरों में उड़न तश्तरियां नजर आती हों, लेकिन इस बात का कोई ठोस सबूत नहीं है कि वे एलियन्स से ही जुड़ी हुई हों। खुद वैज्ञानिक प्रमाणों को नाकाफी मानते हैं और ज्यादातर रिसर्च थ्योरी आधारित ही हैं। जहां तक यूएफओ देखने वालों, एलियन्स से संपर्क करने वालों या किडनैपिंग का दावा करने वालों का सवाल है, तो उनमें से किसी ने भी ठोस प्रमाण नहीं दिए।

यूएफओ सिर्फ शौक है

जिज्ञासा को अब बाजार में बदला जा रहा है। उदाहरण के लिए हाल ही में रूस के अरबपति यूरी मिलनर ने एलियन्स को खोजने के लिए 10 करोड़ डॉलर निवेश करने की घोषणा की है। यूएफओ पर नजर रखने के लिए जागरूकता बढ़ाने, 'वर्ल्ड यूएफओ डे' तक मनाया जाता है।

यूएफओ को छुपाना सरकार की साजिश?

दुनिया की मशहूर कॉन्सपिरेसी थ्योरीज (षड़यंत्र के सिद्धांतों) में यूएफओ कॉन्सपिरेसी काफी मशहूर है। इसके मुताबिक एलियन्स और यूएफओ मौजूद हैं और कई देश उनके संपर्क में हैं। लेकिन आम जनता से इस बात को छुपाया जा रहा है। उदाहरण के लिए यूएफओ में विश्वास रखने वाले मानते हैं कि अमेरिकी सरकार ने लास वेगास से करीब 150 मील दूर स्थित 'एरिया 51' में एलियन्स और उनके एयरक्राफ्ट्स (यूएफओ) छुपाकर रखे हैं। ऐसा इसलिए भी माना जाता है, क्योंकि इस एयरफोर्स बेस को बनाने का उद्देश्य सार्वजनिक नहीं किया गया।

अंजली मित्रों इस जानकारी के बाद पंकज आपको अगली जानकारी दें उससे पहले मैं आप सभी को आपकी पसंद का एक बेहतरीन गाना सुनवाना चाहता हूं जिसके लिये हमसे फरमाईश की है कहारवाड़ी, राजपुर, मध्यप्रदेश से धीसु दिलवारे, लक्ष्मी दिलवारे, माधुरी दिलवारे, कुनाल दिलवारे, सोनाली दिलवारे और सभी मित्रजनों ने आप सभी ने सुनना चाहा है यस बॉस फिल्म का गाना जिसे गाया है अभिजीत और अलका याग्निक ने गीतकार हैं जावेद अख़्तर और संगीत दिया है जतिन ललित ने गीत के बोल हैं -----

सांग नंबर 4. मैं कोई ऐसा गीत गाऊं .....

पंकज - नेगेटिव थिंकिंग से बचने के लिए ध्यान रखें ये 8 बातें

अक्सर नकारात्मक सोच हमारे दिमाग पर कब्जा करने लगती है, लेकिन कितने वक्त तक नकारात्मकता रहेगी, यह हम पर निर्भर करता है। जानिए नेगेटिव थिंकिंग को दूर करने के लिए कुछ जरूरी बातें..

1. जब भी खुद से बात करते हैं तो पॉजिटिव अंदाज में बात करनी करना चाहिए। ऐसा करने से हम आधी जंग खुद-ब-खुद जीत सकते हैं।

2. अपनी छोटी से छोटी आदत को भी सेलिब्रेट करने का प्रयास करिए। ऐसा करने से सोच सकारात्मक रहेगी। खुशी भी होगी।

3. हर वक्त परेशान रहने से कोई फायदा नहीं होता है। खुद को हंसने, मुस्कुराने की आज़ादी दीजिए। समय-समय पर दिल खोल कर ज़ोर से हंसिए।

4. खुद से ये बातें जैसे "आय कान्ट' या "आय वोन्ट' नहीं कहना चाहिए। ऐसा कहने से हम पहले ही नकारात्मक हो जाते हैं।

5. मुश्किल काम करने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। इससे सोच सकारात्मक रहेगी।

6. जो बीत चुका है, उसे भूल जाना चाहिए, खासतौर पर पुरानी गलतियों को। दिन में कुछ वक्त खुद से बातें करिए।

7. जब भी मौका मिले, दूसरों की मदद करनी चाहिए।

8. जितने दोस्त हैं, खुद को उनके साथ नहीं बांधना चाहिए। नए दोस्त या नए लोगों से भी जुड़ने की कोशिश करते रहना चाहिए।

अंजली – मित्रों हमारे अगले श्रोता हैं शिवाजी चौक, कटनी, मध्यप्रदेश से अनिल ताम्रकार, अमर ताम्रकार, संतोष शर्मा, रज्जन रजक, राजू ताम्रकार, दिलीप वर्मा, रविकांत नामदेव, पवन यादव, सत्तू सोनी, अरुण कनौजिया, संजय सोनी, लालू, सोना, मोना, हनी, यश, सौम्या और इनके मम्मी पापा ने आप सभी ने सुनना चाहा है देवदास फिल्म का गाना जिसे गाया है श्रेया घोषाल ने गीतकार हैं नुसरत बद्र संगीत दिया है इस्माईल दरबार ने और गीत के बोल हैं -----

सांग नंबर 5. सिलसिला ये चाहत का .......

पंकज - आजादी के बाद हुई थी खोज, धरती से 1700 फीट नीचे इंसानी बस्ती

भोपाल। 9 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस मनाया गया। भारत के बीचोंबीच स्थित मध्य प्रदेश आदिवासी बहुल प्रदेश है। पश्चिम मप्र में झाबुआ से लेकर पूर्व में मंडला-डिंडौरी तक बड़ी संख्या में आदिवासी यहां रहते हैं। इन आदिवासियों की जीवनशैली शहरी लोगों को भी आकर्षित करती है। मप्र में एक ऐसी ही आदिवासी बस्ती है, जहां इंसान तो दूर, सूरज की किरणें भी बमुश्किल पहुंच पाती हैं। यह आदिवासी बस्ती धरती के गर्भ में 1700 फीट नीचे है। भारत के आजाद होने के बाद ही इस इंसानी बस्ती का पता चला था।

आज हम आपको बता रहे हैं, मप्र की राजधानी भोपाल से महज 300 किमी दूर एक ऐसी जगह के बारे में, जहां का जीवन आज भी शहरी लोगों के लिए रहस्य बना हुआ है। इस जगह को पातालकोट कहा जाता है। यह छिंदवाड़ा जिले में सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला की तलहटी में बसा हुआ है।

धरती के गर्भ में 1700 फीट नीचे, तीन तरफ से पहाड़ों से घिरी एक ऐसी दुनिया है, जहां पहुंचना बेहद मुश्किल है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, रावण का सबसे बड़ा बेटा मेघनाद शिव की पूजा कर इसी स्थान से पाताल में गया था।

इस पातालकोट के 12 गांवों में भारिया और गोंड आदिवासी रहते हैं। यहां रह रहे लोग महादेव को अपना इष्टदेव मानते हैं।

पंकज - पातालकोट के दो-तीन गांव तो ऐसे हैं, जहां आज भी कोई नहीं जा सकता। जमीन से एक हजार फीट से ज्यादा नीचे होने के कारण कई गांवों में दोपहर के वक्त उजाला होता है, जब सूरज सीधे सर के ऊपर होता है। माना यह भी जाता है कि कुछ गांवों में कभी सवेरा नहीं होता, क्योंकि वहां तक सूरज की रोशनी नहीं पहुंचती है। भारिया और गोंड आदिवासी इस जगह महुआ और बलहर की खेती करते हैं। जंगल में पैदा होने वाले फल और कोदो-कुटकी इनका मुख्य भोजन होता है।

मानसून में यहां सतपुड़ा की पहाड़ियां बादलों से ढंकी होती है, इस दौरान कई लोग यहां पर्यटन के लिए आते हैं। पातालकोट में जाने के लिए सरकार से अनुमति लेनी होती है। बताया जाता है कि इस जगह पर करीब 20 गांव थे, लेकिन प्राकृतिक आपदा के कारण 12 गांव ही बचे हैं।

तीसरी दुनिया तक पहुंचने के हैं पांच रास्ते

पातालकोट जाने के लिए पांच रास्ते हैं। आप किसी भी रास्ते में जाइए आपको गहरी घाटी में पांच किलोमीटर का सफ़र पैदल तय करना होगा। तब जाकर बड़ी मशक्कत के बाद आप जिस जगह पर पहुंचेंगे तो मान जाएंगे कि धरती पर ये भी किसी स्वर्ग से कम नहीं है। चकाचौंध से भरी दुनिया से कटे इन गांवों में पहुंचने पर तीसरी दुनिया का अहसास होता है। जहां हमेशा धुंध छाई रहती है। पातालकोट में रातेड़, कारेआम, नचमटीपुर, दूधी और गायनी नदी का उद्गम स्थल और राजाखोह प्रमुख दर्शनीय स्थल है।

नागपुर के राजा ने अंग्रेजों से बचने के लिए ली थी शरण

पातालकोट में कटोरानुमा विशाल चट्टान के नीचे 100 फुट लंबी और 25 फुट चौड़ी गुफा है, जिसे राजाखोह कहा जाता है। बताया जाता है कि नागपुर के राजा रघुजी ने अंग्रेजों की नीतियों के खिलाफ विद्रोह किया था, लेकिन जब अंग्रेज उनके लिए खतरा बन गए तो उन्होंने इसी गुफा में शरण ली थी। तब से इसका नाम राजाखोह पड़ गया। राजाखोह में बड़े-बड़े पेड़ और जंगली बेलें हैं।

अंजली –मित्रों, हमें अगला पत्र भेजा है मनकारा मंदिर, बीडीए कॉलोनी, करगैना, बरेली से पन्नी लाल सागर, बेनी सिंह मासूम, धर्मवीर मनमौजी, ममता चौधरी, आशीष कुमार सागर, कुमारी रूबी भारती, अमर सिंह, कुमारी एकता भारती, कुमारी दिव्या भारती, श्रीमती ओमवती भारती और बहिन रामकली देवी ने आप सभी ने सुनना चाहा है फिल्म ones up on a time in Mumbaai का गाना जिसे गाया है मोहित चौहान ने गीतकार हैं नीलेश मिश्रा संगीत दिया है प्रीतम ने और गीत के बोल हैं ------

सांग नंबर 6. पी लूं ....

पंकज – तो मित्रों इसी के साथ हमें आज का कार्यक्रम समाप्त करने की आज्ञा दीजिये अगले सप्ताह आज ही के दिन और समय पर हम एक बार फिर आपके सामने लेकर आएंगे कुछ नई और रोचक जानकारियां साथ में आपको सुनवाएँगे आपकी पसंद के फिल्मी गीत तबतक के लिये नमस्कार।

अंजली– नमस्कार।

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