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    आपका पत्र मिला 2015-05-27
    2015-06-01 09:06:03 cri

    पंकज:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को पंकज का नमस्कार।

    मीनू:सभी श्रोताओं को मीनू का भी प्यार भरा नमस्कार।

    पंकज:आज के कार्यक्रम में हम श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। इसके बाद एक श्रोता के साथ हुई बातचीत के मुख्य अंश पेश किए जाएंगे।

    पंकज: चलिए श्रोताओं के पत्र पढ़ने का सिलसिला शुरू करते हैं। पहला पत्र हम पढ़ते हैं दिल्ली से अमीर अहमद जी का। उन्होंने लिखा है....

    नमस्ते, आशा है कि आप सभी लोग स्वस्थ होंगे। इन्तजार खत्म हुआ और वो क्षण भी आ गया जिसकी प्रतिक्षा की जा रही थी। चीनी सदर की भारत यात्रा के बाद श्री नरेन्द्र मोदी जी की चीन यात्रा। आज पूरा देश श्री मोदी जी की यात्रा को देख रहा है और देश के लोग अच्छे दिनों की तलाश में व्यस्त प्रधान मंत्री की ओर काफी उम्मीदें लगाए बैठे हैं। श्री नरेन्द्र मोजी की चीन यात्रा से काफी उम्मीदें है। मुझे ऐसा लगता है कि चीन भारत के संबंधों में मिठास बढ़ेगी। श्री मोदी जी की चीन यात्रा के पहले दिन चीनी सदर श्री शी चिनफिंग जी से भेंट के बाद जो संवाद और सहमति दोनों देशों के नेताओं की आई है वो स्वागत योग्य है। चीनी सदर श्री शी चिनफिंग जी के चार बिन्दुओं वाले वाक्य जिसमें अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मामलों में रणनीतिक सहयोग को प्रगाढ़ करने, क्षेत्रीय अर्थतंत्र के एकीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने, आपसी विश्वास को मजबूत करके मतभेदों और समस्याओं का हल करने और आदान प्रदान को मजबूत कर आपसी समझ को बढ़ाने पर जोर देने वाले ये काफी अच्छे मुद्दे हैं जिसपर प्रधान मंत्री श्री मोजी जी कहते हैं कि भारत आपसी विश्वास को प्रगाढ़ करने रणनीतिक संबंधों को घनिष्ट बनाने और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग का विस्तार करने और सांस्कृतिक आवाजाही को गहन करने को तैयार है। यहां हम दोनों देशों के नेताओं को सलाम करत हुए उनके विचारों का स्वागत करते हैं ये सच है कि दोनों महान नेताओं के विचार काफी मिलते जुलते हैं। और इन विचारों के मिलने से दोनों देशों की एक अरब से अधिक जनता के दिल आपस में मिलेंगे और मैत्री और अधिक प्रगाढ़ होगी। और एक बार फिर हिंदी चीनी भाई भाई के नारे की गूंज दुनिया सुनेगी। प्रधानमंत्री जी की सुखद यात्रा के लिए प्रार्थना है।

    मीनू:आगे अमीर जी लिखते हैं.....नई दिल्ली स्थित चीनी राजदूत महोदय के सीआरआई को दिये गये विशेष इन्टरव्यू काफी अच्छे लगे। इस इन्टरव्यू के माध्यम से चीन भारत संबंध और श्री मोदी जी की चीन यात्रा पर उनके विचार बेहद पसंद आये। सीआरआई ने श्री मोदी की चीन यात्रा को जबरदस्त कवरेज दी है और यात्रा से संबंधित पल पल की घटनाओं को रेडियो और वेबसाइट के माध्यम से प्रसारित किया है जब हमें मालूम हुआ कि चीनी प्रधानमंत्री ली खछ्यांग और हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री मोदी जब मिले तो दोनों नेताओं ने 24 सहयोग दस्तावेज पर हस्ताक्षर किये। इस बारे में जानकर अपार प्रसन्नता हुई। मालूम हुआ कि रेल मार्ग, खनन, शिक्षा, फिल्म, क्षेत्रीय आदान-प्रदान, राजनीतिक दल, आदि में दिल से दिल मिले हैं। सबसे बड़ी बात ये है की इस बार भी चीन भारत ने चार चार शहरों को सिस्टर सिटी से जोड़ा है। जैसे स्छ्वान और कर्नाटक, छोंगछिंग और चेन्नई, छिंगताओ और हैदराबाद, तुंगह्वांग और औरंगाबाद। आशा है इससे इन शहरों में सांस्कृतिक आदान-प्रदान होंगे और ये शहर तेजी के साथ विकास करेंगे। सीआरआई के माध्यम से मालूम हुआ कि श्री मोदी जी का स्वागत सत्कार चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा की स्थाई कमेटी के सदर श्री चांग तच्यांग ने भी किया और भेंट में चीन भारत संबंधों पर विचार विमर्श किया। श्री मोदी जी की चीन यात्रा से पहले चीन में भारतीय राजदूत महोदय का साक्षात्कार बहुत अच्छा लगा। उनके सहयोग से उनकी कोशिश से जो चीन भारत मैत्री प्रगाढ़ होने की दिशा में आगे बढ़ी है वो सराहनीय है जिसके लिए श्री अशोक कंठ को धन्यवाद। आकाशवाणी, दूरदर्शन और जी टीवी के पत्रकारों का सीआरआई दौरा भी देखने को मिला। पल पल की जानकारी के लिए सीआरआई की टीम को कोटि कोटि धन्यवाद।

    पंकज:अमीर जी, हमें पत्र भेजने और अपनी प्रतिक्रिया हम तक पहुंचाने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। चलिए, अगला पत्र मेरे पास आया है ओडिसा से हमारे मॉनिटर सुरेश अग्रवाल जी का। उन्होंने लिखा है.....

    दिनांक 18 मई को दिनचर्या का अटूट हिस्सा बन चुके सीआरआई हिन्दी के ताज़ा प्रसारण को प्रतिदिन की तरह मैंने आज भी अपने तमाम मित्रों और परिजनों के साथ मिलकर अपने निवास पर शाम ठीक साढ़े छह बजे शॉर्टवेव 9450 किलोहर्ट्ज़ की आवृत्ति पर स्पष्ट रिसेप्शन के साथ सुना और अब मैं उस पर अपनी त्वरित प्रतिक्रिया के साथ आपके समक्ष उपस्थित हूँ। संचार और बिजली ने साथ दिया तो कुछ ही क्षणों में यह रिपोर्ट आपके हाथों में होगी। बहरहाल, ताज़ा समाचारों के बाद पेश साप्ताहिक "चीन का भ्रमण" के तहत चीन में राष्ट्रीय फूल का दर्ज़ा प्राप्त बयोनी फूलों पर आधारित खूबसूरत रिपोर्ट सुनी, जिसे सुनकर तुरन्त बयोनी फूलों के उदगम स्थल लोयांग शहर का रुख करने की इच्छा हुई। कोई 1500 सौ साल पुराने बयोनी फूलों के इतिहास पर विस्तृत जानकारी प्रदान कर आप हमें चीन के और करीब लाने में क़ामयाब रहे। कार्यक्रम में लोयांग के समीप स्थित कोई 1021 किस्मों के बयोनी वाले मशहूर शनचो बायोनी बागान और शाही शहर पार्क, जहाँ सर्वप्रथम सन 1983 में बयोनी फूल उत्सव आयोजित किया गया था, पर दी गई जानकारी भी काफी सूचनाप्रद लगी। कभी मौक़ा मिला, तो अप्रैल-मई में खिलते बयोनी के फूलों का लुत्फ़ उठाने अवश्य चीन आना चाहूँगा। कार्यक्रम के अगले भाग में भारत में गंगा सी पवित्र समझी जाने वाली चीन की पीली नदी और समय-समय पर उसके रुख बदलने की कहानी भी काफी रुचिकर लगी। सच कहूँ, तो आपकी आँखों ही से सही, हमने पीली नदी के पावन तटों की सैर का भरपूर मज़ा लिया। कार्यक्रम में ताईवान के एक बुज़ुर्ग लाओ लिएन द्वारा स्थापित पारिस्थितिकी उद्यान पर दी गई जानकारी रिसेप्शन में एकाएक आयी गड़बड़ी के कारण कुछ ठीक से समझ में नहीं आयी, जिसका मुझे खेद है। वैसे अगले प्रसारण में मैं उसे ज़रूर सुनने का प्रयास करूँगा। धन्यवाद।

    मीनू:आगे सुरेश जी लिखते हैं.....कार्यक्रम "मैत्री की आवाज़" के तहत प्रधानमन्त्री नरेन्द्र की तीन दिवसीय चीन यात्रा की कवरेज़ हेतु साथ गये ज़ी टीवी के पत्रकार श्री राहुल सिन्हा और भाई पंकज श्रीवास्तव की बातचीत सुन यही निष्कर्ष निकला कि भारतीय प्रधानमंत्री की यह यात्रा काफी सफल रही। वैसे चीन में भारतीय मीडिया की सीमित पहुँच की अनुमति वाली बात से कुछ निराशा अवश्य हुई।

    श्रृंखला "पश्चिम की तीर्थयात्रा" की आज की कड़ी में बूढ़े यान द्वारा अपने पुत्र सहित दस्युओं द्वारा सानचांग और उसके शिष्यों को रात को मार डालने की योजना की जानकारी देकर उन्हें पिछले दरवाज़े से निकलने में मदद के बावज़ूद वानर द्वारा आक्रमणकारी दस्युओं में से कुछ को मार डालने और यान-पुत्र का सर कलम करने से ख़फ़ा सानचांग ने संकरशण मन्त्र का पाठ करना शुरू कर दिया, जिससे वानर के सिर में भयंकर पीड़ा शुरू हो गई। वानर गिड़गिड़ाया, परन्तु सानचांग ने उसे क्षमा नहीं किया और उसे वहां से चले जाने को कह दिया। अब आगे देखना है, क्या होता है। धन्यवाद।

    पंकज:सुरशे अग्रवाल जी, हमें रोजाना पत्र भेजने और इतनी मेहनत से मोनिटर का काम करने के लिए आप का बहुत बहुत धन्यवाद। चलिए, अगला पत्र मेरे हाथ आया है पश्चिम बंगाल से बिधान चंद्र सान्याल जी का, जिसका शीर्षक है भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की चीन यात्रा के परिणाम। उन्होंने लिखा है...

    आदरणीय महोदय, सीआरआई हिन्दी सेवा। महोदय , विश्वास बहाली के कदमों के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घोषणा की कि भारत , चीनी पर्यटकों को ई-वीजा प्रदान करेगा। सिंहुआ विश्वबिद्यालय मेँ छात्रों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, "दुनिया की करीब 33 प्रतिशत आबादी या तो भारतीय या फिर चीनी। इसके बावजूद हमारे लोग एक दूसरे को काफी कम जानते हैं। " मोदी जी ने कहा , "हमें प्राचीन काल की तीर्थयात्रा से प्रेरणा लेनी चाहिए जिन्होंने ज्ञान की तलाश मेँ अनजाने को तलाश की और हम दोनों को समृद्ध किया। इसलिए हमने चीनी नागरिकों को इलेक्ट्रॉनिक पर्यटक वीजा प्रदान करने का निर्णय किया है। हम 2015 में चीन में भारत का साल मना रहे है। " भारत ने इस साल चीन में ' भारत की यात्रा करें ' नीति घोषणा की है ताकि अधिक से अधिक पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके। भारत में दो लाख से भी कम चीनी पर्यटक आते है और अधिक संख्या में चीनी यात्री नेपाल, श्रीलंका और मालदीव जाते हैँ । पिछले वर्ष 1.4 लाख चीनी नागरिक नेपाल गए। थे जबकि चार लाख मालदीव और करीब 1.3 लाख श्रीलंका गए थे। ई वीजा प्रदान करने के भारत के निर्णय को चीन के साथ उसके निवेश संबंधी नियमों में ढील देने के रूप में देखा जा रहा है ताकि बड़े पैमाने पर चीनी निवेशकों को आकर्षित किया जा सके ।

    मीनू:आगे सान्याल जी लिखते हैं....

    सीमा मुद्दे का जल्द से जल्द समाधान निकालने का संकल्प व्यक्त करते हुए भारत और चीन ने इस जटिल विवाद का राजनीतिक समाधान निकालने का निर्णय किया और इसका मकसद बिना कोई नया व्यावधान पैदा किये संबंधों मेँ बदलाव लाना चाहिए। अनिश्चितता की छाया हमेशा सीमा क्षेत्र के संवेदनशील इलाकों पर छाई रही क्योंकि कोई भी पक्ष नहीं जानता कि वास्तविक नियंत्रण रेखा कहां है। दोनों पक्षों ने सैन्य कर्मियों के स्तर पर सीमा बैठकों की संख्या का निर्णय किया जो अभी चार है और इस बात को भी रेखांकित किया कि सीमा पर शांति और स्थिरता बनाये रखना संबंधों को आगे बढ़ाने और विकास के लिए महत्वपूर्ण गारंटी है। दोनों पक्षों के बीच बातचीत के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य मेँ कहा गया है कि, " दोनों पक्षों ने माना कि सीमा के प्रश्न का जल्द समाधान दोनों देशों के मूलभूत हितों में है और हसे दोनों सरकारों द्वारा रणनीतिक उद्देश्य की तरह लेना चाहिए " भारत -चीन संबंधों और दोनों देशों की जनता के दीर्घकालिक हितों को ध्यान मेँ रखते हुए , दोनों पक्ष सक्रियता से सीमा के प्रश्न का राजनीतिक समाधान निकालने के लिए दृढ़ संकल्पित होना मोदी जी की चीन यात्रा के अहम परिणाम बने।

    पंकज:सान्याल जी के पत्र के अंतिम भाग में लिखा गया है..... नरेन्द्र मोदी जी की चीन यात्रा से चीन के भरोसे सबसे बड़ा चावल निर्यातक बनेगा भारत। मोदीजी की इस यात्रा से गैर बासमती चावल के आयात के लिए दोनों देशों के बीच सहमति बनने की संभावना थी जिससे भारत जल्द ही थाईलैंड को पीछे छोड़ते हुए दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक देश बन जाएगा। इस साल के शुरुआली चार महीनों में थाईलैंड ने 26 लाख टन चावल का निर्यात किया है , जबकि भारत ने 25 लाख टन तिर्यात किया है। वर्तमान में दोनों देशों के बीच गुणवत्ता संबंधी नियमों के अभाव के चलते गैर बासमती चावल के आयात पर प्रतिबंध है। मोदीजी की यात्रा से वहां का बाजार खुल सकता है। दोनों देशों के बीच गुणवत्ता को परिभाषित नहीं किया गया है, इसलिए चीन अभी चावल का आयात नहीं कर रहा है। भारत पहले से मौजूद बासमती निर्यात प्रोटोकॉल को गैर बासमती चावल के लिए अपनाने का सुझाव दिया है। चीन ने चार साल पहले भारत से चावल आयात करना शुरु किया था, लेकिन परिभाषित मानदंडों के अभाव के चलते गैर बासमती आयात को मंजूरी नहीं दी है। एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ क्वालिटी सुपरविजन इंस्पेंक्शन एंड क्वारेन्टाइन के गुणबत्ता मानकों को ध्यान मेँ रखकर वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने दस्तावेज भेजा है। चीनी का गुणवत्ता प्रबंधन संस्थान किस तरह के चावल का आयात होगा, इसकी मंजूरी देता है। मोदी जी की चीन यात्रा से अगर चीन अपना बाजार भारत के लिए खोल देता है तो 10 लाख टन चावल की मांग वहां से निकल सकती है। थाईलैंड के मुकावले भारतीय चावल 25-30 डॉलर सस्ता है। मोदी जी की चीन यात्रा से चावल के लेकर दोनों देश लाभ उठा सकते है। धन्यबाद।

    मीनू:सान्याल जी, नियमित रूप से हमें पत्र भेजने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। चलिए, अगला पत्र मेरे हाथ आया है बिहार से अमित कुमार जी का। उन्होंने लिखा है....

    मैंनें अपने पापा शंकर प्रसाद शंभू के आग्रह पर पहली बार सीआरआई का कार्यक्रम सुना और बेहद पसंद आया। इतने अच्छे रेडियो स्टेशन से परिचय कराने के लिये इन्हें बहुत बहुत धन्यवाद। अब मैं अपने दोस्तों के साथ रेडियो सुनना शुरु कर चुका हूं। हम लोग समाचार के अतिरिक्त संडे की मस्ती, टी टाईम, आपका पत्र मिला, आपकी पसंद और आज का लाईफ स्टाइल बड़े चाव से सुनते हैं।

    आज का लाईफ स्टाइल में हिन्दी फिल्मों के प्रोमो, हेल्थ टिप्स और करियर कोना ज्यादा पसंद करते हैं।

    यदी बच्चों के लिये विशेष कार्यक्रम भी प्रसारित करेंगे तो हमें खुशी होगी।

    पंकज:अमित कुमार जी, आप का पत्र पाकर हमें बहुत खुशी हुई। हम आपके सुझाव यानी बच्चों के लिए विशेष कार्यक्रम शुरु करने पर विचार करेंगे। अपनी प्रतिक्रिया हम तक पहुंचाने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। चलिए, अब आप सुनिये पश्चिम बंगाल से हमारे श्रोता देबाशीष गोप जी का पत्र। उन्होंने लिखा है.... नी हाव। दक्षिण एशिया फोकस कार्यक्रम पर भारत के प्रधानमंत्री मोदी जी की चीन यात्रा, उनका वेईबो ब्लॉगिंग पर अकाउंट खुलना बड़ी अच्छी बात है। हम सब आशा करते हैं कि मोदी जी की इसबार की यात्रा सफल होगी, इससे भारत चीन मैत्री बढ़ेगी। इसके अलावा, देवाशीष गोप जी ने हमें एक छोटी सी कविता भी भेजी है। आईए, सुनते हैं KOBITA- SHRESHTH DHON शीर्षक यह कविता। Shresth Dhon Manusyatya, Shresth Dhon manobikota, Shresth Dhon Choritra, Shresth Dhon skhama, Shresth Dhon。

    मीनू:देवाशीष गोप जी, हमें पत्र और कविता भेजने के लिए आपका शुक्रिया। हमें आपकी कविता बहुत पसंद है। आशा है कि भविष्य में आप हमें ज्यादा से ज्यादा इस तरह की कविता भेजेंगे। और साथ ही हम हमें कविता भेजने के लिए सभी श्रोताओं का स्वागत करते हैं। अगर यह कविता आप की रचना नहीं है तो लेखक का नाम बताकर हमें भेजिए। अच्छा, चलिए, अब आप सुनेंगे पश्चिम बंगाल से रविशंकर बसु जी का पत्र लेकिन मेरी आवाज में नहीं, तो किस की आवाज में?चलिए, सुनते हैं.....

    -----ऑडियो 1-----(बसु जी ने श्याओयांग जी को जन्मदिन की बधाई दी)

    अच्छा दोस्तो, यह सुनकर कैसा लगा?यह तीन भाषाओं में गाया गया हैप्पी बर्थडे सांग कम से कम मेरा दिल छू गया है। वास्तव में बसु जी के अलावा और अन्य कुछ श्रोताओं ने हमारे हिंदी विभाग की डायरेक्टर श्याओयांग जी को जन्मदिन की बधाई दी। मैं श्याओयांग जी की ओर से उन श्रोताओं को धन्यवाद देना चाहती हूं। हमारे पास आप जैसे श्रोता हैं, यह बहुत खुशी की बात है। धन्यवाद।

    मीनू:अब सुनिए हमारे श्रोता अम्बरीष कुमार जायसवाल के साथ हुई बातचीत।

    पंकज:दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल पांडे और मीनू को आज्ञा दीजिए, नमस्कार

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