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    आपका पत्र मिला 2015-05-20
    2015-06-01 09:03:44 cri

    अखिल:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अखिल का प्यार भरा नमस्कार।

    मीनू:सभी श्रोताओं को मीनू का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अखिलः आज के कार्यक्रम में हम श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। इसके बाद एक श्रोता के साथ हुई बातचीत के मुख्य अंश पेश किए जाएंगे।

    अखिल:चलिए श्रोताओं के पत्र पढ़ने का सिलसिला शुरू करते हैं। पहला पत्र हम पढ़ते हैं पश्चिम बंगाल से देवशंकर चक्रवर्त्ती जी का। उन्होंने लिखा है.....

    नमस्कार। आशा है कि आप सब सकुशल होंगे। मैं सीआरआई हिन्दी सेवा से प्रसारित कार्यक्रमों का नियमित श्रोता हूं। इन दिनों आपके समाचार एवं अन्य प्रोग्राम एकदम ताजा और मनोरंजक लग रहे हैं। आप तो जानते है मेरी एक कंप्यूटर की दुकान है। मैं अपनी दुकान में हमेशा सीआरआई के हिंदी प्रोग्राम का कोई न कोई साप्ताहिक प्रोग्राम बजाता रहता हूं। मेरी दुकान पर आने वाले खरीदार भी आपके कार्यक्रमों को बड़े ध्यान से सुनते हैं और आनंद लेते हैं। खरीदार सबसे ज्यादा चीन का भ्रमण, टी टाइम प्रोगाम, आज का लाइफस्टाइल और सन्डे की मस्ती प्रोग्राम पसंद करते है। कभी कभी कोई ख़रीदार तो आपका टी टाइम प्रोग्राम सुनकर मुझे बोलते है कि, "अरे देवशंकर जी, हम लोगों को भी एक कप चाइनीज़ चाय पिलाइए"।

    सीआरआई हिंदी सेवा की साइट नियमित रूप से देखना जैसे मेरी जिंदगी का अहम हिस्सा है। आपकी साइट पर प्रकाशित चीन के दर्शनीय स्थलों को देखना और करीब से समझना बेहद अच्छा लगता है। पिछले 4 मई को "चीन का भ्रमण" कार्यक्रम में मैडम रूपा जी ने हमे सानया शहर से रूबरू करवाया। यह शहर दक्षिण चीन के हाईनान प्रांत का एक मशहूर उष्णकटिबंधिय द्वीपीय रमणीक पर्यटन स्थल है । आपकी रिपोर्ट पढ़कर और प्रोग्राम ध्यान से सुनकर मुझे यह ही लगा कि मनोरम उष्णकटिबंधीय द्वीप की सौन्दर्य के कारण पुरे दुनिया में आज सानया शहर एक परिचित नाम है। वेबसाइट पर प्रकाशित सानया शहर के कुछ रंगीन फ़ोटो देखकर मैं सानया शहर के प्रेम जाल में फँस गया।

    मीनू:आगे चक्रवर्त्ती लिखते हैं... 5 मई को अनिल जी एवं ललिता जी द्वारा पेश "टी टाइम" प्रोग्राम में दी गई तमाम जानकारी को मैंने ध्यानपूर्वक सुना। फराह खान की फिल्म 'हैप्पी न्यू ईयर' का सीक्वल के बारे में साथ ही अब हम घर बैठे अपने स्मार्टफोन से रेलवे टिकट बुक कैसे कर पाएंगे-इसके बारे में आपने जो जानकारी दी वह मुझे बहुत ही अच्छा लगा। 7 मई को अखिल पराशर जी द्वारा पेश किये गए "आज का लाइफस्टाइल" प्रोग्राम में करियर बनाने में फोटोग्राफी को लेकर खास चर्चा मुझे अत्यन्त सूचनाप्रद लगी। फोटोग्राफी मेरा शौक है। फोटोग्राफी को लेकर चर्चा करने के लिए आपको हार्दिक धन्यवाद।

    8 मई को "चीन का तिब्बत" प्रोग्राम के ज़रिये दक्षिण-पश्चिमी चीन स्थित सछ्वान प्रांत के पीली नदी के सीमा पर छिंगहाई तिब्बत पठार स्थित घास का मैदान के पास पक्षी द्वीप का सुंदर वर्णन मन को मोह लेता है।

    9 मई को "आपकी पसंद" प्रोग्राम में एक खबर ने मुझे चकित कर दिया। वह है कि इटली के एक डॉक्टर ने दावा किया है कि एक शख्स का सिर दूसरे आदमी के धड़ से जोड़ सकता है। यह जानकारी मुझे सचमुच हैरतंगेज लगी।

    अखिल:देवशंकर चक्रवर्त्ती जी, हमें पत्र भेजने और अपनी प्रतिक्रिया हम तक पहुंचाने के लिए आप का बहुत बहुत धन्यवाद। हमें आपकी फोटो प्राप्त हुई हैं। यह बहुत खुशी की बात है कि आप अपने कंप्यूटर की दुकान पर हमारे कार्यक्रम और वेबसाइट का प्रचार करते हैं। एक बार फिर आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। दोस्तों, अगला पत्र मेरे पास आया है ओड़िशा से हमारे मोनिटर सुरेश अग्रवाल जी का। उन्होंने लिखा है.....

    15 मई को रोज़ाना की तरह मैंने आज भी सीआरआई हिन्दी का ताज़ा प्रसारण अपने तमाम मित्र-परिजनों के साथ मिलकर सुना। आज ताज़ा अन्तर्राष्ट्रीय समाचारों में भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तीन दिवसीय राजकीय चीन यात्रा के दूसरे दिन की गतिविधियों को पर्याप्त स्थान दिया गया और समाचारों के बाद साप्ताहिक "चीन का तिब्बत" के स्थान पर कार्यक्रम "दक्षिण एशिया फ़ोकस" का विशेषांक पेश किया जाना यह साबित करता है कि सीआरआई मोदी की इस यात्रा को कितना महत्व देता है। सच कहा जाये, तो चीन में प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत गत वर्ष सितम्बर में चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग की भारत यात्रा के दौरान हुये उनके स्वागत से भी कहीं भव्य था और हम भारतीय इसके लिये चीन सरकार और चीनी जनता दोनों के प्रति हृदय से अपना आभार प्रकट करते हैं।

    बहरहाल, विशेष "दक्षिण एशिया फ़ोकस" के तहत प्रधानमंत्री मोदी की तीन दिवसीय चीन यात्रा पर वरिष्ठ पत्रकार संजय श्रीवास्तव द्वारा किया गया विश्लेषण बिलकुल सटीक जान पड़ा। हमें यह कहने अथवा मानने में कोई संकोच नहीं कि उत्पादन के मामले में चीन भारत से कहीं आगे है और उत्पादन का दायरा व्यापक होने के कारण ही दोनों देशों के बीच व्यापार संतुलन असामान्य ढ़ंग से चीन के पक्ष में जाता है। व्यापार में संतुलन बिठाने चीन को भी समुचित पहल करनी होगी। चीन भारत की आधारभूत संरचनाओं में भी काफी सहयोग दे सकता है। यह तथ्य हैरान करने वाला है कि उचित तकनीक के अभाव में भारत में फल-सब्जियों के उत्पादन का चालीस प्रतिशत नष्ट हो जाता है। भारत को चाहिये कि इस सिलसिले में वह चीन को हासिल महारत का लाभ उठाये। यह जान कर ख़ुशी हुई कि मोदी के "मेक इन इण्डिया" कार्यक्रम को लेकर चीनी उद्यमी काफी उत्साहित हैं और वे भारत में निवेश करना चाहते हैं। वैसे यहाँ यह समझना भी ज़रूरी है कि चीन-भारत के बीच सम्बन्ध-सामान्य बनाने के बीच सीमा-विवाद भी एक बड़ा मसला है और सन 1962 से खिंचे चले आ रहे इस मामले को यह कह कर अधिक समय टालना उचित नहीं होगा कि यह काफी पेचीदा है। अब समय आ गया है, जब मामले को सुलझाने में दोनों देशों को ईमानदारी और ज़िम्मेदारी पूर्वक तत्परता दिखलानी होगी। धन्यवाद।

    मीनू:आपका बहुत-बहुत धन्यवाद सुरेश अग्रवाल जी। सच में, आपकी प्रतिक्रिया पढ़ने में हमें बहुत खुशी होती है। दोस्तों, अब बढ़ते हैं अगले पत्र की तरफ जिसे भेजा है पश्चिम बंगाल से बिधान चंद्र सान्याल जी ने। उन्होंने लिखा है.....

    नमस्कार, भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आगामी चीन यात्रा के लेकर भारत मेँ काफी सकारात्मक चर्चा हो रही है। वास्तबिक भारत-चीन द्विपक्षीय संबंध एक ऐसे स्तर पर पहुंच गया है, जहां वे वाणिज्य एवं व्यापार मेँ प्रतिस्पर्धा करते हुए वैश्विक स्तर पर सहयोग कर सकते है। मोदी जी का सफर आसान करने के लिए चीन मामलों की विशेषज्ञ विदेशमंत्री सुषमा स्वराज और विदेश सचिव एस. जयशंकर सारी तैयारियों को देख रहे है। दोनों कुछ समय पहले मोदी की यात्रा की तैयारियों के सिलसिले मेँ चीन गए भी थे। भारत की मीडिया से पता चला है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आगामी चीन यात्रा के दौरान चीनी टुरिस्टों के भारत सफर को लेकर कोई बड़ी घोषणा ही सकती है । आशा है कि मोदी जी के चीन यात्रा अनेक क्षेत्रों मेँ सहयोग बढ़ाने की आधारशिला रखेगी और एशिया मेँ स्थिरता, प्रगति तथा समृद्धि को मजबूत करेगी। अरुणाचल प्रदेश समेत सभी सीमा विवाद परस्पर स्वीकार्य हल निकालने हेतु साथ मिलकर अनुकूल वातावरण तैयार करना चाहिए । हम मोदीजी के चीन दौरे के सफल होने की कामना करते हैं। मैं कहना चाहूंगा भारत-चीन मैत्री जिंदाबाद ।

    हर साल की तरह इस बार भी मई के दुसरे हप्ते मेँ शुरु हुआ व्यावसायिक शिक्षा सप्ताह। इस बार का मुद्दा है मेड इन चाइना का समर्थन देना और शानदार जिन्दगी बनाना । पिछले 10 मई की सुबह पेइचिंग मेँ चीनी प्रधानमंत्री ली खछयांग ने महत्वपूर्ण हिदायत दी कि आधुनिक व्यवसायिक शिक्षा का विकास तेज करना चीन मेँ श्रमशक्ति की बड़ी श्रेष्ठता से लाभ उठाने और सृजन को बढ़ावा देने का रणनीतिक कदम ही है । आशा है इससे जनजीवन मेँ लगातार सुधार होगा और मेड इन चाइना सेवा उन्नत होगी ।

    अखिल:आगे सान्याल जी ने लिखा है.....

    अगले 9 मई को हम ऑल इंडिया सीआरआई लिस्नर्स एसोसियेशन की तरफ से गुरुदेब रबीन्द्रनाथ टैगोर की 154वीँ जयंती मनाने जा रहे हैं। हम सभी जानते हैं कि महापंडित रबीन्द्रनाथ टैगोर बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। कलाकार, नाटककार, चित्रकार, कथाकार, उपन्यासकार और संगीतज्ञ के रूप मेँ तो विश्व उनसे परिचित ही है, सांस्कृतिक व्यक्तित्व के अलावा वे एक शिक्षा शास्ती और समाज सुधारक भी थे। अपनी कविता गीतांजलि के लिए 1913 मेँ नोवेल पुरस्कार से सम्मानित रबीन्द्रनाथ टैगोर को एक ऐसा वैश्विक व्यक्तित्व माना जाता है जिसने समस्त मानवता को एक सूत्र मेँ पिरोने के लिए जीवनभर काम किया । सी आर आई से हमने जाना है कि चीन मेँ टैगोर साहित्यों का अनुवाद किया गया है । चीनी भाषा मेँ गीतांजलि का प्रथम अनुवाद 1915 मेँ प्रकाशित हुआ था । बंगला भाषा के जानकर अनेक चीनी भाषाविद आज टैगोर की कृतियों के अनुबाद मेँ लगे हुए है । सचमुच रबीन्द्रनाथ टैगोर भारत–चीन मैत्री का एक असामान्य दूत बन गये थे।

    मीनू:सान्याल जी, आपका बहुत बहुत धन्यवाद हमें रोजाना पत्र भेजने के लिए। कार्यक्रम की समयसीमा की वजह से आपके सभी पत्रों को नहीं पढ़ा जा सकता। आशा है कि आप भविष्य में हमें और ज्यादा पत्र भेंजेगे और अपनी प्रतिक्रिया हम तक पहुंचाएंगे। एक बार फिर धन्यावाद। चलिए, अगला पत्र मेरे हाथ आया है नेपाल से उमेश रेग्मी जी का। उन्होंने लिखा है.....

    आदरणीय मीनू जी, आदरणीय अखिल पाराशर जी। मुझे आपका पत्र मिला कार्यक्रम का ऑडिओ भेजने के लिए आपको विशेष रूप से धन्यबाद। चीन का भ्रमण कार्यक्रम 11 मई को श्याओयांग जी ने पेइचिंग शहर में स्थित प्राचीन शाही भवन संग्रालय के बारें में दी गई जानकारी बहुत ज्ञानवर्धक लगी। ये जानकारी सुनने से मुझे वर्ष 2010 में 9 सितम्बर की याद ताजा हो गई क्योंकि उस दिन मैंने प्राचीन शाही भवन की यात्रा की थी। इस ईमेल के साथ मैं अपनी कुछ फोटो भी भेज रहा हु।

    इन दिनों आपके समाचार में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की चीन यात्रा पर विशेष समाचार और रिपोर्ट सुनने को मिल रहे हैं। आपकी वेब साईट पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की चीन यात्रा पर विशेष समाचार और रिपोर्ट पढ़ने को मिला तथा कुछ फोटो भी देखने को मिले। हम करे धमाल वीडियो देखने को मिला। वो वीडियो अच्छा लगा। शी चिनफिंग और मोदी के बीच मुलाक़ात, ताइची-योग समारोह में हिस्सा लिया ली खछ्यांग और मोदी ने, आकाशवाणी और दूरदर्शन के संवाददाताओं का सीआरआई का दौरा, ताइची-योग समारोह में हिस्सा लिया आदि विषयों पर आपकी रिपोर्ट पढ़ने को मिला।

    अखिल:उमेश रेग्मी जी, हमें पत्र भेजने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। चलिए दोस्तों, अब बढ़ते हैं अगले पत्र की तरफ जिसे भेजा है पश्चिम बंगाल से रविशंकर बसु जी ने। बसु जी ने लिखा है...

    सादर नमस्कार। पिछले 14 मई से 16 मई तक भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन की सफल एवं मैत्रीपूर्ण यात्रा की,जो चीन भारत संबंधों के विकास में और एक मील का पत्थर साबित होगा। सीआरआई-हिंदी विभाग ने हमारे प्रधानमंत्री की तीन दिवसीय चीन की सरकारी यात्रा बहुत ही शानदार और सटीक ढंग से कवर किया। हमने आपके रेडियो पर इस यात्रा को लेकर ताज़ा समाचारों और विशेष चर्चा सुनी और वेबसाइट पर प्रकाशित विशेष आलेखों से प्रधानमंत्री मोदी की महत्वपूर्ण चीन-यात्रा पर पर्याप्त जानकारी हासिल हुई।

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 14 मई गुरुवार की सुबह को चीन दौरे पर प्राचीन शहर शीआन पहुंचने से पहले सीआरआई संवाददाता अखिल पाराशर जी ने चीन स्थित भारतीय राजदूत श्री अशोक कंठ महोदय के साथ एक ख़ास इंटरव्यू किया। उन्होंने चीन-भारत संबंध और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चीन दौरे के महत्व पर अपनी राय पेश की। उनका मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी की तीन दिन के चीन यात्रा के दौरान चीन-भारत संबंध और प्रगाढ होंगे।

    वहीं 15 मई शुक्रवार को पंकज श्रीवास्तव जी ने "दक्षिण एशिया फोकस" प्रोग्राम में भारत के एक वरिष्ठ पत्रकार के साथ विशेष साक्षात्कार किया। चीन-भारत द्विपक्षीय संबंधों पर आधारित ये सभी साक्षात्कार सम-सामयिक और सार्थक लगे। चीन दौरे के आखिरी दिन 16 मई शनिवार में आशा के अनुरूप प्रसारण में इस यात्रा की भरपूर चर्चा भी की गई और ताज़ा समाचार में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शांगहाई में भारतीय समुदाय को भाषण दिए जाने को प्रमुखता दी गई। खासकर अखिल पाराशर जी ने इस बारे में एक विशेष रिपोर्ट पेश की जो बेहद अच्छी लगी ।

    मैं सीआरआई को धन्यवाद देता हूं क्योंकि 14 से 16 मई तक प्रधानमंत्री मोदी की चीन की राजकीय यात्रा को लेकर आपकी वेबसाइट पर एक विशेष पेज तैयार करने के लिए। भारतीय प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग और चीनी प्रधानमंत्री ली खछ्यांग के अलावा चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा की स्थाई कमेटी के अध्यक्ष चांग तच्यांग से मुलाक़ात की और चीन-भारत द्विपक्षीय सम्बन्धों के विभिन्न क्षेत्रों में मौजूद सहयोगों पर विचार विमर्श किया,वह दोनों देशों की जनता की खुशहाली और विश्व शांति के लिए ख़ास मायने रखते हैं। इस बार भारत और चीन ने करीब 10 बिलियन डॉलर यानी 63 हज़ार करोड़ रुपये के 24 समझौतों पर दस्तखत किए, इनमें रेलवे,माइनिंग,पर्यटन,अंतरिक्ष अनुसंधान तथा वोकेशनल एजुकेशन से जुड़े समझौते भी शामिल हैं। इनसे दोनों देशों के सतत विकास को आगे बढ़ाने में बेहतर आधार निर्मित हुए हैं। वास्तव में हाल के वर्षों में चीन और भारत के बीच आर्थिक सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान दिन-व -दिन प्रगाढ़ हो रही है। बहुत ही ख़ुशी की बात है कि प्रधानमंत्री श्री मोदी जी की मौजूदा यात्रा दोनों देशों के बीच एक और महत्वपूर्ण उच्च स्तरीय आवाजाही है। इस यात्रा के दौरान, चीनी नेतायों एवं हमारे प्रधानमंत्री ने भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए एक दूसरे की सराहना की । मेरा मानना है कि चीन और भारत का बेहतरीन संबंध एशिया के पुनरुत्थान के लिए महत्वपूर्ण होगा और विश्व शांति की रक्षा के लिए भी भारी महत्व है।

    मीनू:आगे बसु जी लिखते हैं.....15 मई को पेइचिंग स्थित टेम्पल ऑफ हेवेन में ताइची-योग समारोह में हिस्सा लेते हुए चीनी प्रधानमंत्री ली खछ्यांग और प्रधानमंत्री मोदी ने चीन-भारत संबंधों के विकास और सहयोग पर बातचीत की। मोदी ने कहा कि भारत चीन को महान पड़ोसी देश मानता है और भारत चीन के साथ आर्थिक व व्यापारिक संबंधों को मजबूत करना चाहता है। हमारे देश के प्रधानमंत्री जी ने जो कहा यह बिलकुल सही बात है। हम दोनों देश एक दूसरे की प्रतिद्वंदी नहीं है। दोनों देशों को आवाजाही को मजबूत करके भारत-चीन संबंध को और सुंदर भविष्य के लिए प्रयास करना चाहिए। अब समय आ गया है जब दोनों देशों को दोस्ती विश्वास और आपसी सहयोग की मिसाल कायम करना चाहिए और दोनों देश की आम जनता की भावनाओं को ईमानदारी से आदर करना चाहिए। यह सच है कि हम साधारण भारतवासी चीन भारत रिश्ते को शहद से मीठी देखना चाहते है ताकि दोनों देश की जनता हाथों में हाथ डालकर, कन्धे से कन्धा मिलाकर, अच्छी तरह से अपने पड़ोसी को गले लगा सकें। निश्चित रूप से प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदा चीन यात्रा से भारत और चीन के नागरिकों के बीच आपसी सहयोग और संपर्क को और बढ़ावा मिलेगा। और हमारी दोस्ती पहले से कहीं अधिक मजबूत होगी। अंत में प्रधानमंत्री मोदी की इस तीन दिन के चीन यात्रा के दौरान सीआरआई ने भी अच्छी रिपोर्टिंग की,इसके लिए आप सभी को धन्यवाद।"हिंदी- चीनी भाई-भाई। भारत-चीन मैत्री जिंदाबाद"।

    अखिल:हमें पत्र भेजने के लिए और अपने भावपूर्ण प्रतिक्रिया हम तक पहुंचाने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद रविशंकर बसु जी। दोस्तों, अगला पत्र भेजा है झारखंड से एसबी शर्मा जी ने। शर्मा जी ने लिखा है.....

    भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की प्रधानमंत्री के रूप में पहली चीन यात्रा 14 से 16 मई तक है। इस अवसर पर सी आर आई हिंदी के सवांददाता श्री अखिल परासर जी ने चीन में भारत के राजदूत से भेटवार्ता की जिसमे उन्होंने कहा की प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदा यात्रा से भारत-चीन संबंध के भविष्य के लिए दूरगामी असर पड़ेगा और द्विपक्षीय संबंध के विकास में एक नए मील का पत्थर साबित होगा। मोदी की इस यात्रा से भारत-चीन संबंध और आगे की तरफ बढ़ेगाI भारत और चीन विश्व में दो बड़े विकासशील देश ही नहीं, सबसे तेज़ विकास वाले देश भी हैं। दोनों देशों के पास अपने-अपने सपने हैं। हाल के वर्षों में भारत और चीन अंतरराष्ट्रीय मामलों में अधिक से अधिक अहम भूमिका निभा रहे हैं। दोनों देशों के नेताओं के पास द्विपक्षीय संबंध को आगे बढ़ाने की अभिलाषा है और वे द्विपक्षीय संबंध में सुधार के लिए भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। दोनों देशो की अपनी अपनी व्यपारिक निपुणताये है, जिसमे दोनों देश एक दूसरे के साथ व्यपार करते है I चीन जहाँ विनिर्माण में अग्रगणी है वही भारत सेवा क्षेत्र में आगे है I हाल के दिनों में व्यपार असंतुलन को दूर करने का प्रयास किया गया है I भारतीय प्रधान मंत्री की इस यात्रा के दौरान 20 से ज्यादा समझौतों को किया जाना है जिससे दोनों देशो के आपसी सम्बन्ध में मधुरता और विश्वास बढ़ेगा तथा आर में भी संतुलन आएगा Iदोनों देश इस द्वीपक्षीय वार्ता को सफल बनाने की भरपूर कोशिश कर रहे है दोनो देश की जनता को भारतीय प्रधानमन्त्री की दौरा से काफी उम्मीदें है सीमा विवाद को दूर करने की भी कोशिश की जाएगी उम्मीद है यह दौरा व्यापार, निवेश पर्यटन कृषि तकनिकी शिक्षा द्विपक्षीय आदान प्रधान तथा पीपल टु पीपल कांटैक्ट बढ़ाने में कारगर होगा

    मीनू:आपका बहुत-बहुत धन्यवाद एस.बी. शर्मा दी। चलिए दोस्तों, अब सुनते हैं हमारे श्रोता रामबाबू शर्मा के साथ हुई बातचीत।

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