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आप की पसंद 150516
2015-05-16 19:26:44 cri

16 मई 2015, आपकी पसंद

पंकज - नमस्कार मित्रों आपके पसंदीदा कार्यक्रम आपकी पसंद में मैं पंकज श्रीवास्तव आप सभी का स्वागत करता हूं, आज के कार्यक्रम में भी हम आपको देने जा रहे हैं कुछ रोचक आश्चर्यजनक और ज्ञानवर्धक जानकारियां, तो आज के आपकी पसंद कार्यक्रम की शुरुआत करते हैं।

अंजली – श्रोताओं को दिनेश का भी प्यार भरा नमस्कार, श्रोताओं हम आपसे हर सप्ताह मिलते हैं आपसे बातें करते हैं आपको ढेर सारी जानकारियां देते हैं साथ ही हम आपको सुनवाते हैं आपके मन पसंद फिल्मी गाने तो आज का कार्यक्रम शुरु करते हैं और सुनवाते हैं आपको ये गाना जिसके लिये हमें फरमाईश पत्र लिख भेजा है ... विश्व रेडियो श्रोता संघ चौक रोड, कोआथ, रोहतास, बिहार से सुनील केशरी और इनके ढेर सारे साथियों ने, आप सभी ने सुनना चाहा है चोरी चोरी फिल्म का गाना जिसे गाया है मोहम्मद रफ़ी ने गीतकार हैं हसरत जयपुरी, संगीत दिया है शंकर जयकिशन ने और गीत के बोल हैं ----

सांग नंबर 1. ऑल लाइन क्लीयर ....

पंकज - जहाँ शहरी आबादी अंडरग्राउंड ही रहती है

बेरनाडेट रॉबर्ट्स के तीन बेडरुम वाला घर किसी दूसरे घर जैसा ही है - लॉउंज, डाइनिंग एरिया और किचन. लेकिन ये एक सामान्य घर नहीं है, क्योंकि रॉबर्ट्स का ये घर ज़मीन के अंदर बना हुआ है।

वो अकेली नहीं हैं. दरअसल, उनके शहर कोबर पेडी की 80 फ़ीसदी आबादी ज़मीन के नीचे पत्थरों को काटकर बनाए घरों में ही रहती है.

कोबर पेडी दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड से 846 किलोमीटर दूर स्थित है, जो दूधिया रंग की पत्थर की खानों और वहां बनी अंडरग्राउंड बस्ती के लिए मशहूर है.

जब शहर के ऊपर ज़मीन पर औसत तापमान 50 डिग्री सेल्सियस होता है तो भूमिगत मकानों के अंदर तापमान 23 से 25 डिग्री सेल्सियस होता है.

एक शताब्दी पहले, यहां खानों में काम करने वालों ने पाया कि ज़मीन के नीचे तापमान तो बढ़िया रहने लायक है और लोग भूमि के नीचे ही रहने लगे.

रॉबर्ट्स के मुताबिक, "यह एक तरह से एयर कंडीशंड मकान में आने जैसा होता है."

भूमिगत शहर की बात क्यों?

दुनिया के कई हिस्सों में अलग वजहों से भूमिगत रहने का चलन बढ़ रहा है. 2050 तक दुनिया की दो तिहाई आबादी शहरों में रहने लगेगी.

ज़्यादातर शहरों में जगह की कमी, संरक्षित इलाके और दूसरी वजहों से एक स्तर से अधिक निर्माण नहीं हो पाएगा. ऐसी स्थिति में भूमिगत रहने का विकल्प मौजूद होगा.

सिंगापुर, बीजिंग, मैक्सिको सिटी, हेलसिंकी....कई जगहों में या तो लोग पहले ही अंडरग्राउंड रह रहे हैं या फिर वहाँ ऐसी सुविधाएँ बनाने का प्लान बन रहा है।

अंजली– इस दिलचस्प जानकारी को आप आगे भी जारी रख सकते हैं लेकिन पहले मैं अपने श्रोताओं को उनकी पसंद का अगला फिल्मी गाना सुनवा दूं जिससे हमारे श्रोताओं का मन भी कार्यक्रम में लगा रहेगा। हमें अगला पत्र भेजा है मालवा रेडियो श्रोता संघ प्रमिलागंज आलोट, जिला रतलाम मध्यप्रदेश से बलवंत कुमार वर्मा और इनके सभी मित्रों ने आप सभी ने सुनना चाहा है जाल फिल्म का गाना जिसे गाया है हेमन्त कुमार ने संगीतकार हैं सचिनदेव बर्मन और गीत के बोल हैं -----

सांग नंबर 2. सुन जा दिल की दासतां ....

पंकज - सिंगापुर का उदाहरण सामने है. दुनिया की सबसे घनी आबादी वाले सिंगापुर में महज़ 710 वर्ग किलोमीटर में 55 लाख लोग रहते हैं.

सिंगापुर स्थित सेंटर फॉर अर्बन अंडरग्राउंड स्पेस के जोहू इंगजिन कहते हैं, "सिंगापुर में ज़मीन की कमी की समस्या भूमिगत निर्माण से खत्म हो सकती है."

सिंगापुर में इन दिनों अंडरग्राउंड साइंस सिटी के निर्माण पर काम चल रहा है. इसके तहत ज़मीन से 30 से 80 मीटर नीचे करीब तीन लाख वर्ग मीटर के दायरे में शहर बसाने की योजना है।

माना जा रहा है कि इस योजना से करीब 4200 कामकाजी लोगों को घर मुहैया कराया जाएगा.

मैक्सिको सिटी- पुरातात्विक धरोहर वजह

मैक्सिको सिटी की समस्या दूसरी है. वहां पुरातात्विक संरक्षण के चलते ज़्यादा भवन नहीं बनाए जा सकते हैं।

यही वजह है आर्किटेक्ट फ़र्म बीएनकेआर आर्किटेक्चरा ने ज़मीन की 300 मीटर की गहराई में पिरामिड जैसी इमारत बनाने का प्रस्ताव रखा है।

इस प्रस्तावित इमारत में करीब 5000 लोग रह सकते हैं. इन मकानों की छतों और टैरेस पर प्राकृतिक रोशनी भी मिलेगी क्योंकि ऊपर विशाल शीशे की छत लगाई जाएगी।

निचले तलों को फ़ाइबर ऑपिटक्स के ज़रिए रोशनी उपलब्ध कराई जाएगी।

अंजली - हमें अगला पत्र लिखा है पावन रेडियो श्रोता संघ डिलियां रोड कोआथ बिहार से प्रमोद कुमार केशरी, सनोज कुमार केशरी, विनय कुमार केशरी और प्रशांत कुमार केशरी ने आप सभी ने सुनना चाहा है फिल्म काली घटा का गाना जिसे गाया है मोहम्मद रफ़ी ने गीतकार हैं आनंद बख्शी और संगीत दिया है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने गीत के बोल हैं ----

सांग नंबर 3. काली घटा छाई प्रेम रुत आई .....

पंकज - बीजिंग- लाखों भूमिगत मकानों में

चीन की राजधानी बीजिंग में मकान के गहराते संकट को देखते हुए लोग भूमिगत निर्माण शुरु कर चुके हैं।

यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न कैलिफोर्निया के स्पाशियल एनालिसिस लैब की निदेशक एन्नेटे किम ने चीन के अंदर भूमिगत निर्माण को जानने समझने के लिए बीजिंग में पूरा एक साल बिताया है।

उनके मुताबिक बीजिंग में 15 लाख से 20 लाख तक लोग भूमिगत रहते हैं। हालांकि वे कहती हैं कि कम से कम भी कर दें तो 10 लाख लोग भूमिगत मकानों में रहते हैं।

बीजिंग से हज़ार किलोमीटर दक्षिण में डेवलपरों ने शिमाओ वंडरलैंड इंटरकांटिनेंटल नाम से अंडरग्राउंड होटल तैयार करने की योजना पर काम कर रहे हैं।

शंघाई से 35 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम स्थित ये होटल 90 मीटर गहराई में होगा।

इसके डिज़ाइन निदेशक मार्टिक जोकमैन के मुताबिक ये मुश्किल योजना है. वे कहते हैं, "ऊपर से नीचे का निर्माण काम है. वाटर और सीवेज को उपर खींचना होगा।"

लांकि ऐसे निर्माण के फ़ायदे भी हैं. खान की खुदाई वाले हिस्से के चलते यहां के पत्थर गर्मियों में गर्मी को सोख लेंगे और जाड़े में गर्माहट रीलीज करेंगे.

अंजली– इसी के साथ मैं उठा रहा हूं कार्यक्रम का अगला पत्र जिसे हमें लिख भेजा है नारनौल हरियाणा से उमेश कुमार शर्मा, प्रेमलता शर्मा, सुजाता, हिमांशु और नवनीत ने आप सभी ने सुनना चाहा है शान फिल्म का गाना जिसे गाया है उषा उत्थुप ने गीतकार हैं आनंद बख्शी और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने गीत के बोल हैं ----

सांग नंबर 4. प्यार करने वाले प्यार करते हैं शान से ....

हेलसिंकी- दुकानें, ट्रैक, स्केटिंग रिंक..

फिनलैंड की राजधानी हेलसिंकी में भी तापमान के चलते भूमिगत निर्माण हो रहे हैं.

अधिकारियों ने 90 लाख क्यूबिक मीटर के क्षेत्र में सुविधाओं का ढांचा तैयार करना शुरू किया है, जिसमें दुकानें, रनिंग ट्रैक, आइस हॉकी स्केट रिंग और स्वीमिंग पूल शामिल हैं.

शहर के अंडरग्राउंड मास्टर प्लान की लीड डिज़ाइनर इज़ा किविलाक्सो कहती हैं कि जाड़े के दिनों में अंडरग्राउंड घर ज़्यादा आरामदेह होते हैं.

उन्होंने कहा, "हेलसिंकी के मौसम को देखते हुए काम करना या फिर कॉफ़ी पीना अंडरग्राउंड ही बेहतर होता है, बरसात और जाड़े में बाहर भी नहीं निकलना पड़ता है."

तकनीकी तौर पर भूमिगत रहना तो संभव है, लेकिन क्या लंबे समय तक रहना संभव होगा?

अंडरग्राउंड रहना संभव?

मैक्सिको की अर्थ स्क्रैपर बिल्डिंग की इमारत की कामयाबी पर काफ़ी कुछ निर्भर होगा.

आम लोगों को ज़मीन के अंदर के अंधेरे और छोटी गुफाओं वाले घर से डर लगता है, उन्हें जिंदा दफ़न होने का डर भी सताता है.

लेकिन मैक्सिको की इमारत में सूर्य की रोशनी के आने का प्रबंध किया गया है, तो इससे लोगों की धारना बदलने में मदद मिलेगी.

स्कैंडेवियन की रिसर्च संस्था के गुनार डि जेनसन के मुताबिक 3 फ़ीसदी लोगों में ज़मीन के नीचे रहने को लेकर काफी डर होता है. लेकिन उनके डर का सामाधान भी संभव है।

अंजली– मित्रों कार्यक्रम में अगला पत्र हमारे पास आया है जुगसलाई टाटानगर से जिसे लिखा है इंद्रपाल सिंह भाटिया, इंद्रजीत कौर भाटिया, साबो भाटिया, सिमरन भाटिया, सोनक भाटिया, मनजीत भाटिया, बंटी भाटिया, जानी भाटिया, लाडो भाटिया ने आप सभी ने सुनना चाहा है कालीचरण फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार और आशा भोंसले ने संगीत दिया है कल्याणजी आनंदजी ने और गीत के बोल हैं -----

सांग नंबर 5. ये पल चंचल खो ना देना ....

पंकज - जेनसन दुनिया की चार सबसे लंबी सुरंग योजनाओं में काम कर चुके हैं. वे बताते हैं कि सुरंग के अंदर पाल्म के पेड़ और रास्ते में आकाश जैसा भ्रम बनाया जा सकता है.

वे कहते हैं, "आप अंधेरी सुरंग से गुज़रते हैं फिर अचानक से रोशनी में आ जाते हैं, जहां पेड़ पौधे भी हैं. आपको ब्रीदिंग स्पेस का एहसास होता है हालांकि तब भी हज़ार मीटर गहरी सुरंग में ही होते हैं जो पर्वतों से गुज़र रही है."

स्वास्थ्य पर असर?

क्या इसका हमारे स्वास्थ्य पर कोई असर नहीं पड़ेगा? सूर्य की रोशनी की कमी का असर नहीं होगा?

यूनिवर्सिटी ऑफ सर्दन कैलिफोर्निया के लॉरेंस पॉलिनक्स बताते हैं कि सूर्य की रोशनी की कमी से नींद, मूड और हार्मोन का संतुलन बिगड़ सकता है और कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं, लेकिन वे ये भी कहती हैं कि अगर सूर्य की रोशनी कुछ समय के लिए और रुटीन में मिल जाए तो अंडरग्राउंड लंबे समय तक रहा जा सकता है.

एन्नेटे किम ने बीजिंग में इस तरह से लोगों को रहते हुए देखा है. वे कहती हैं, "भूमिगत मकानों में रहने वाले ज़्यादातर लोग वहां रात में सोने के लिए जाते हैं. ये उनका स्वीट होम जैसा नहीं होता."

वहीं सिंगापुर के आर्किटेक्ट जोहू जिंग कहते हैं, "लोग अंडरग्राउंड नहीं रह पाएं, इसकी कोई वजह नहीं है. ये जरूर है कि लोगों के अंडरग्राउंड रहने से पहले कई सुविधाओं को अंडरग्राउंड मुहैया कराना होगा."

अंजली - मित्रों हमारे पास कार्यक्रम का अगला पत्र आया है देशप्रेमी रेडियो श्रोता संघ के राम कुमार रावत, गीता रावत, अमित रावत, ललित रावत, दीपक रावत, मनीष रावत का आपने हमें पत्र लिखा है ग्राम आशापुर, पोस्ट ऑफिस दर्शन नगर, फैज़ाबाद, उत्तर प्रदेश से आप सभी ने सुनना चाहा है क्रोधी फिल्म का गाना जिसे गाया है सुरेश वाडेकर और लता मंगेशकर ने गीतकार हैं आनंद बख्शी और संगीत दिया है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने और गीत के बोल हैं ----

सांग नंबर 6. चल चमेली बाग में ....

पंकज – तो मित्रों इसी के साथ हमें आज का कार्यक्रम समाप्त करने की आज्ञा दीजिये अगले सप्ताह आज ही के दिन और समय पर हम एक बार फिर आपके सामने लेकर आएंगे कुछ नई और रोचक जानकारियां साथ में आपको सुनवाएँगे आपकी पसंद के फिल्मी गीत तबतक के लिये नमस्कार।

अंजली – नमस्कार।

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