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    आपका पत्र मिला 2015-04-29
    2015-05-11 09:12:33 cri

    अखिल:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अखिल पाराशर का नमस्कार।

    मीनू:सभी श्रोताओं को मीनू का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अखिल:दोस्तों, कुछ दिनों तक मैं अनिल पांडे जी की जगह आपका पत्र मिला कार्यक्रम होस्ट करूंगा। चलिए, आज के इस कार्यक्रम में हम श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे, और इसके बाद हम एक श्रोता मित्र के साथ हुई बातचीत के मुख्य अंश पेश किए जाएंगे।

    अखिल:चलिए श्रोताओं के पत्र पढ़ने का सिलसिला शुरू करने से पहले हम सभी नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप में मरने वालों के प्रति शोक जताते हैं, और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं। आशा है कि वहां की व्यवस्था जल्द ही सामान्य हो जाएगी। श्रोता दोस्तों, नेपाल में 25 अप्रैल को आए विनाशकारी भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर 2500 से अधिक हो गई है और बाकि 5900 से अधिक घायल हुए। हम आपको बता दें कि यह भूंकप पिछले 80 सालों में दक्षिण एशिया में हुआ सबसे जबरदस्द भूंकप है। चीन का तिब्बत,भारत,बांग्लादेश, भूटान आदि देशों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। और उल्लेखनीय बात यह है कि भूकंप से प्रभावित देशों में मृतकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। भूंकप तमाम मनुष्य का दुश्मन है, विपदा की इस घड़ी में नेपाल की मदद के लिए चीन, भारत समेत बहुत से देशों ने सहायता का हाथ बढ़ाया है। हमें विश्वास है कि तबाही के इस मंजर में नेपाल अपने आप को जल्द ही संभाल लेगा और इस कहर से उभर पाएगा।

    मीनू:दोस्तों, आज का पहला पत्र हम पढ़ते हैं पश्चिम बंगाल से बिधान चंद्र सान्याल जी का। वे लिखते हैं..... आदरनीय महोदय, सी आर आई हिन्दी सेवा। महोदय, यह बहुत दुख की बात है कि हाल ही में नेपाल में हुए भूकंपों में अब तक 2300 लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में 8 भारतीय भी शामिल है। करीब 3 लाख विदेशी पर्यटक वहां पहुंचे हैं। भूकंप के कारण यूनेस्को विश्व विरासत स्थल में शुमार काठमांडू का दरबार चौक पुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। यह जानकर हमें बहुत हुआ। दुख की बात यह भी है कि भारत में भी भूकंप के कारण कुछ लोगों की मौत हुयी है । भारत सरकार ने नेपाल सरकार को हरसंभव सहायता पहुंचा रही है। चीन भी नेपाल की सहायता में लगा हुआ है। आशा है कि सभी देशों ने अपने-अपने सामर्थ के मुताबिक आपात राहत देने की तैयारी करेगी। धन्यबाद।

    अखिल:जी बिल्कुल सही कहा आपने बिधान चंद्र सान्याल जी। भूकंप में नेपाल की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को भी नुकसान पहुंचा है। चीन, भारत समेत अनेक देश नेपाल की मदद करने के लिए आगे आए हैं। दोस्तों, सान्याल जी आगे लिखते हैं..... दिनांक 17 अप्रैल को आजके कार्यक्रम में ताजा समाचार सुनने के बाद चीन का तिब्बत कार्यक्रम सुना। इस कार्यक्रम में तृप्ति गाँव के जीबन की स्थिति में कैसा बदलाव आया, उसके बारे मेँ एक विस्तृत जानकारी मिली। इसके बाद दक्षिण एशिया फोकास कार्यक्रम सुना। इसके तहत भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विदेश यात्रा पर पंकज जी के साथ उमेशजी की चर्चा बहुत अच्छी लगी । दिनांक 18 अप्रैल को आपकी फरमाइस आपकी पसंद कार्यक्रम सुना। पकंज और अंजलीजी द्वारा पेश किये गये इस कार्यक्रम में श्रोताओं की अनुरोध पर गाना और रोचक जानकारियां बहुत अच्छी लगी। । गत 19 अप्रैल को चीन की राजधानी पेइचिंग में "इंडिया बाजार 2015" नामक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में भारत की विभिन्न सांस्कृतिक कला का प्रदर्शन किया गया। इसके अलावा इस कार्यक्रम में भारतीय व्यंजन, गीत-संगीत, मेहंदी लगाना , भारतीय परिधान आदि विशेष आकर्षन रहे। इस कार्यक्रम मेँ भारतीयों के साथ-साथ चीनी व विदेशी मेहमान भी शामिल हुए। आशा है इस तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से चीनी व विदेशी लोग भारतीय संस्कृति से परिचित होंगे और उनको भारतीय संस्कृति से रूबरू करवाना सम्भब होगा।

    मीनू:आगे सान्याल जी ने लिखा है....क्वाडंशी च्वाडं स्वायत्त प्रदेश मेँ समृद्ध प्राकृतिक व सांस्कृतिक संसाधन , आर्थिक व सामाजिक बिकास की स्थिति का परिचय देने के लिए चाइना रेडियो इन्टरनेशनल की हिन्दी विभाग को बहुत बहुत धन्यबाद। चीन साचमुच एक सपनों का देश है। चीन की महत्वपूर्ण भैगोलिक स्थिति है जो सभी विदेशी द्वारा बहुत पसंद किया जाता है । क्वाडंशी च्वाडं स्वायत्त प्रदेश चीन के दक्षिण भाग में स्थित है। इसका क्षेत्रफल 2 लाख 36 हजार 7 सौ वर्ग किलोमीटर है । यहां कुल 14 जातियां रहती है। यहां चीन की विख्यात प्राचीन जल सिचाई परियोजनाओं मेँ से एक छिन राजबंश के काल में निर्मित लिडंछवी नहर आज तक इस क्षेत्र को सीच रही है। साथ ही साथ यहां कि चनऊ मंदिर अपना एक भव्य रूप लिए खड़ा है । इस मंदिर की दुसरी व तीसरी मंजिल की लटकती धरनेँ चीन की प्राचीन वास्तुकला की दुर्लभ वस्तु है । बायू बर्षा पुल और माफाडं गांव की टोल मीनार बास्तुकला की दृष्टि से अत्यंत जटिल व भव्य है । यहां की अल्प संख्यक जातियॉ के गीत-नृत्य, लोक कथाएं व दन्त कथाएं चीन की राष्ट्रीय कलाऑ मेँ अपना महत्वपूर्ण स्थान रखती है । क्वाडंशी च्वाडं स्वायत्त प्रदेश का वर्णन बहुति दिलचस्प लगा। इस वर्णन ने मुझ पर गहरी छाप छोड़ी है। यदि मुझे चीन जाने का मौका मिला, तो मैने क्वाडंशी च्वाडं स्वायत्त प्रदेश जाना चाहुंगा। धन्यबाद। सान्याल जी, इस बात के लिए हम आप को बहुत बहुत धन्यवाद देना चाहते हैं कि आप रोजाना हमें पत्र भेजते हैं और अपनी प्रतिक्रिया हमतक पहुंचाते हैं। उम्मीद है कि भविष्य में आप हमारे कार्यक्रमों पर अपना प्यार सालों साल यूं ही बनाए रखेंगे, और चीन आने का मौका मिलेगा। एक बार फिर आपको शुक्रिया।

    अखिल:चलिए दोस्तों, अब बढ़ते हैं अगले पत्र की तरफ जिसे भेजा है पश्चिम बंगाल से हमारे मोनिटर रविशंकर बसु जी ने। उन्होंने कुछ दिन पहले मेरी युन्नान यात्रा की डायरी पर एक विशेष पत्र भेजा है। आईए, सुनाते हैं, उन्होंने क्या लिखा।

    सादर नमस्कार।चीन को नज़दीक से देखने के लिए मैं हर रोज़ आपकी वेबसाइट खोलकर समाचार पढ़ता हूं और चीन के बारे में अन्य जानकारियां प्राप्त करता हूं। आज आपकी वेबसाइट पर प्रकाशित सीआरआई हिंदी विभाग के भारतीय संवाददाता अखिल पाराशर जी का दक्षिण पश्चिमी चीन के युन्नान प्रांत की राजधानी खुनमिंग दौरा की डायरी को मैंने बहुत ही मनोयोग से पढ़ा साथ ही डायरी के साथ प्रकाशित सभी फोटो देखकर बहुत ही खुशी हुई। 16 और 17 अप्रैल,2015 को अखिल जी ने चीन के युन्नान प्रान्त पर अपनी सैर के अहसास को हमारे साथ साझा किया और उनके आँखों से हमने भी युन्नान प्रांत में स्थित वुतिंग काउंटी और युआनमो काउंटी घूम लिया। लेख के वर्णन के अनुसार वुतिंग काउंटी छुछियोंग यी स्वायत्त प्रान्त के अंतर्गत आता है और यहां अधिकतर यी जाति के लोग रहते हैं। आम तौर पर यी लोग कृषि या गाय,भेड़ और बकरियों के मवेशी-पालन में लगे हुए हैं। यह काउंटी "वुतिंग चिकन" के लिए बहुत मशहूर है। वुतिंग शहर के मुर्गा या मुर्गी 4 से 5 किलोग्राम के होते हैं और मोटे-ताजे होते हैं।

    डायरी से मालूम हुआ कि युन्नान प्रांत में छुछियोंग यी स्वायत्त प्रान्त में स्थित दूसरी काउंटी युआनमो काउंटी "सब्जियों का गढ़" नाम से जाना जाता है क्योंकि यहां की जलवायु और वातावरण सब्जी व फलों को उगाने के लिए सबसे उपयुक्त है। युआनमो काउंटी में टमाटर, शिमला मिर्च, माओतोउ आदि का उत्पादन सबसे ज्यादा होता है। डायरी से पता चला कि इस काउंटी में टमाटर का उत्पादन सबसे अधिक होता है। यहां का टमाटर चीन के अलावा रूस, जापान आदि देशों में बेचा जाता है। युआनमो काउंटी में किसानों ने बड़ी संख्या में उन्नत और आधुनिक तकनीक का उपयोग कर अच्छी खेती-बाड़ी कर रहे हैं।

    अखिल जी के डायरी अलावा वूतिंग कांउटी में सीआरआई के महानिदेशक वांग कङन्यान महोदय की स्थानीय अल्पसंख्यक जातीय लोगों के साथ इन्टरव्यू के कुछ फोटो भी मुझे बहुत ही पसंद आये। हर साल अंग्रेजी नव वर्ष के शुभ अवसर पर रेडियो में उनकी शुभकामनाएं सुनता हूं । लेकिन आज मैंने वांग कङन्यान महोदय को पहली बार माइक लिए किसी का इन्टरव्यू लेते हुए देखा जो वाकई एक विरल तस्वीर है। मैं डायरी की अगली पन्ना को पढ़ने के लिए बेसब्री से इंतज़ार में हूं।

    आपका बहुत-बहुत धन्यवाद भाई रविशंकर बसु जी। मुझे बहुत खुशी हुई आपने मेरी डायरी के पन्नों को पलटा और देखा तथा युन्नान प्रातं की दो काउंटियों के बारे में जाना। मैं बताना चाहूंगा की युन्नान प्रांत वाकई में ताजी हवा से भरा एक खुबसुरत प्रांत है। वहां हरियाली, पहाड़ और पानी खुब देखने को मिलता है। सच में, युन्नान पेइचिंग, शांगहाई से एक दम अलग शांत और मनोरम दृश्यों वाला स्थान है। अगर मौका मिले तो युन्नान का दौरा जरूर करें।

    मीनू:दोस्तों, आगे मेरे हाथ आया है ओड़िशा से हमारे मोनिटर सुरेश अग्रवाल जी का पत्र। उन्होंने लिखा है.....दिनांक 20 अप्रैल को सीआरआई हिन्दी का ताज़ा प्रसारण रोज़ाना की तरह आज भी शाम ठीक साढ़े छह बजे मैंने अपने तमाम मित्रों और परिजनों के साथ मिलकर शॉर्टवेव 31 मीटरबैण्ड पर पूरे मनोयोग से सुना और अब मैं उस पर अपनी त्वरित टिप्पणी आप तक पहुँचाने अपने कम्प्यूटर पर बैठा हूँ। बिजली और संचार ने साथ दिया तो कुछ ही क्षणों में हमारी बात आप तक पहुँच जायेगी। बहरहाल, ताज़ा अन्तर्राष्ट्रीय समाचारों के बाद पेश साप्ताहिक "चीन का भ्रमण" के तहत आज पूर्व के हॉलीवुड कहे जाने वाले उत्तर-पश्चिमी चीन के फ़िल्म व टीवी शहर चम्पेपाओ और उसके आसपास के शहरों पर दी गई जानकारी काफी सूचनाप्रद लगी। छिनछुन के ओपेरा मंच तथा नानचिंग शहर के चाइनीज़ लाल फूल पर्वत के बारे में जान कर तो तुरन्त वहां पहुँच कर हज़ारो-लाखों लाल फूलों का समुद्र सा दिखने वाला वह नज़ारा देखने की इच्छा उत्पन्न हो गई। यह जान कर अच्छा लगा कि चीन में चाइनीज़ लाल फूलों को बहादुर भावना का द्योतक समझा जाता है। और हाँ, चाइनीज़ प्रेमीफूल पेड़ों के जोड़े के तो कहने ही क्या। वैसे उच्चारण सम्बन्धी कठिनाई के चलते बहुत सी बातें ठीक से समझ में नहीं आयीं, जिसका मुझे खेद है। आशा है कि नानचिंग में आयोजित पन्द्रहवें फूल उत्सव की जानकारी अपने कार्यक्रम में देते रहेंगे। धन्यवाद।

    कार्यक्रम "मैत्री की आवाज़" अन्तर्गत आज आपने देवजी द्वारा भारतीय विद्वान दीपंकरजी से ली गई वह भेंटवार्ता सुनवाई, जो कि गत वर्ष चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग की भारत यात्रा से पहले प्रसारित की जा चुकी थी। वर्त्तमान सन्दर्भ में इसके पुनर्प्रसारण का औचित्य हमारे समझ से परे की बात है। हाँ, भाई पंकज श्रीवास्तव द्वारा आँध्रप्रदेश के मुख्यमन्त्री एन.चन्द्रबाबू नायडू से लिया गया साक्षात्कार अत्यन्त महत्वपूर्ण लगा, जिसके लिये धन्यवाद स्वीकार करें।

    श्रृंखला "पश्चिम की तीर्थयात्रा" की कड़ी में आज दैत्य की मुद्रिका-निधि का पता लगाने महामनीषी ने स्वयं को एक मनोहर मक्खी में तब्दील कर गुफा में प्रवेश कर लिया, परन्तु वह उसका पता लगाने में असमर्थ रहा। हाँ, उसे एक जगह अपना लौहदण्ड रखा अवश्य नज़र आया और, जिसे लेकर वह बाहर आ गया। बाद में दैत्य सेना से उसका संघर्ष भी हुआ, और दैत्य को मुंह की खानी पड़ी। धन्यवाद।

    अखिल:अगला पत्र आया है पश्चिम बंगाल से भाई देबाशीष गोप जी का। उन्होंने लिखा है... नमस्कार, मुझे संडे की मस्ती कार्यक्रम बहुत पसंद आता है। इस प्रोग्राम में यूपी बोर्ड में बच्चों द्वारा कॉपियों में न जाने क्या क्या लिखकर धमकी या निवेदन करते हैं, सुनकर दिलचस्प लगा। मैं कहना चाहूंगा कि चेन्नई के आटो ड्राइवर की इमानदारी से मैं बहुत प्रभावित हुआ हूं। इस कार्यक्रम में तमाम बातें और जानकारियां बहुत ही Interesting होती है। जोक्स भी लाजवाब होते हैं। शीए शीए

    दोस्तों, हम आपको एक सूचना भी देना चाहते हैं, जो हमारे वेबसाइट पर भी जारी किया गया है। हम चीनी ब्रांड के बारे में एक प्रश्नावली आयोजित कर रहे हैं, जिसमें चार सवाल पूछे गये हैं......

    1. आप कितने चीनी ब्रांड के बारे में जानते हैं ? वे कौन-कौन से हैं ?

    2. आपको कहां से इन चीनी ब्रांड्स के बारे में जानकारी मिली ?

    3. आप किस चीनी ब्रांड के उत्पाद का इस्तेमाल करते हैं ? फोटो खींचकर हमें भेज सकते हैं।

    4. आपको चीनी उत्पादों की गुणवत्ता कैसी लगती है ?

    आप इन सवालों के जवाब लिखकर ई-मेल के ज़रिए हमें भेज सकते हैं। हमारा ई-मेल है: hindi@cri.com.cn। ई-मेल में आप अपना नाम, उम्र, ई-मेल, पोस्ट पता भी भेजिएगा। ई-मेल भेजने वालों में से हम कुछ श्रोता चुनेंगे और उन्हें इनाम भी दिया जाएगा।

    मीनू:अब सुनिए हमारे श्रोता नेपाल से उमेश रेगमी के साथ हुई बातचीत।

    अखिल:दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अखिल और मीनू को आज्ञा दीजिए, नमस्कार

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