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    आपका पत्र मिला 2015-04-15
    2015-04-17 15:30:00 cri

    अनिल:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल पांडे का नमस्कार।

    मीनू:सभी श्रोताओं को मीनू का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अनिलः आज के कार्यक्रम में हम श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। इसके बाद एक श्रोता के साथ हुई बातचीत के मुख्य अंश पेश किए जाएंगे।

    अनिल:चलिए श्रोताओं के पत्र पढ़ने का सिलसिला शुरू करते हैं। पहला पत्र हम पढ़ते हैं दिल्ली से अमीर अहमद ने। लिखते हैं कि मुसलमान होने के नाते मुझे चीनी मुस्लिम संस्कृति के बारे में जानने की बहुत दिलचस्पी रहती है। चीनी मुसलमानों के बारे में हमेशा जानने का प्रयास करता हूं। क्योंकि बीच बीच में चीनी मुसलमानों से संबंधित मंगढ़त समाचार आते रहते हैं और ज्यादातर चीनी मुसलमानों पर चीन सरकार के जुल्म या अत्याचार जैसे आरोपों वाले होते हैं। जब हम खबर की तह तक पहुंचते हैं तो वास्तविक्ता कुछ और होती है। इन दिनों जब सीआरआई ने चीन के मुस्लिम बहुल क्षेत्रों पर विस्तार से जानकारी दी तो खुशी का ठिकाना न रहा। खुद पढ़ा और दूसरों को इस रिपोर्ट के बारे में जानकारी दी। ताकि भारत के मुसलमानों को चीन के मुस्लिम क्षेत्रों पर जानकारी मिल सके और चीनी संस्कृति के बारे में जान सकें। सीआरआई से मालूम हुआ कि चीन में तीन करोड़ लोग इस्लाम धर्म को मानते हैं जो चीन के कई प्रांतों में रहते हैं। आज हमें सीआरआई ने पेइचिंग शीआन और निंगशा ही क्षेत्र और उसकी संस्कृति से रूबरू कराया। चीन के शिनच्यांग के बारे में पहले बहुत कुछ जानकारी मिल चुकी है और इस प्रांत का सीआरआई के माध्यम से विजिट भी कर चुका हूं। अच्छी तरह से शिनच्यांग की संस्कृति से वाकिफ हो गया हूं। सच पेइचिंग का नाम सुनते ही लंबी दीवार आदि की याद आती है। लेकिन आज पता चला कि पेइचिंग की न्यूचेह नामक सड़क भी कम चर्चित नहीं है जहां मुस्लिम लोग रहते हैं। सड़क पहले ल्यूचेह सड़क के नाम से जानी जाती थी, पहले उत्तर पश्चिम चीन के शिनच्यांग वेवुर स्वायत प्रदेश के ई ली क्षेत्र के मुस्लिम लोग पेइचिंग में बसे और अपने निवास स्थानों में अनार और बेर उगाने लगे। और उनके रहने के क्षेत्र को ल्यू यानी अनार सड़क के नाम से जाना जाने लगा। यहां दस हजार से अधिक मुसलमान रहते हैं। यहां हरी रंग सड़क के हर कोने और हरी छत वाले रिहायशी मकान दिखाई देते है जो इस्लाम धर्म के प्रतीक रंग से सराबोर हैं। सच चीनी मुसल्मान इस्लाम से कितना प्यार करते हैं, इस्लामी कलर को अपनों में कैसा रचा बसा लिया है। इस सड़क पर प्राचीन मस्जिद भी है जो सन् 996 में निर्मित हुई। ये पेइचिंग की सबसे पुरानी और सबसे कड़ी मस्जिद है। चीन के केंद्रीय जातीय विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मा ली शिन न्यू चेह सड़क पर लगभग 30 सालों से रहते हैं। उन्होंने इस सड़क और मस्जिद के बारे में बताया कि न्यूचेह मस्जिद चीन की इस्लामी संस्कृति में से एक है मस्जिद में कई सौ साल पहले अरब से चीन आये इमाम की समाधि भी है। यहां तीन सौ वर्ष पुरानी हाथों से लिखा कुरान शरीफ भी है और छिंग राजवंश के शासक खांग शी का आज्ञा पत्र भी सुरक्षित है।

    मीनू:आगे अमीर जी लिखते हैं....पेइचिंग की न्यूचेह सड़क के बाद शी आन शहर के बारे में पता चला कि पेइचिंग से शी आन रेल के माध्यम से लगभग 12 घंटों में पहुंचा जा सकता है। शीआन शहर के पूर्व में स्थित चीन के प्रथम राजा छिंग शी हुआंग की समाधि की खुदाई में प्राप्त सैनिकों व घोड़ों की मिट्टी से बनी मूर्तियां सभी को अपनी और आकर्षित करती है। यहां अनगिनत प्राचीन सांस्कृतिक अवशेष हैं जिस तरह ये अवशेष प्रसिद्ध है। उसी तरह यहां के मुस्लिम बहुल क्षेत्र पेइ यवान मन भी प्रसिद्ध है। यहां कई सौ वर्ष पुराने खानदानी मकान और तत्कालीन अधिकारियों के शान्दार निवास स्थान सुरक्षित है। यहां के लोगों का मानना है कि इस क्षेत्र शीआन क्षेत्र का ऐसा क्षेत्र है जिसकी ऐतिहासिकता को बड़े ढंग से बरकरार रखा गया है। यहां की सड़कों के दोनों किनारों पर खड़ी बेशुमार छोटी बड़ी दुकानों ने अपनी अलग पहचान बनाई हुई है और सभी दुकानों के सामने पत्थर के बाड़े खड़े हैं और उस पर पत्थर की लालटेन भी लगी है। निंग शा ही स्वायत्त प्रदेश की राजधानी इन छ्वान का दौरे का आनंद उठाया। यह प्रांत चीन का मुस्लिम प्रांत माना जाता है यहां तीन हजार से अधिक मस्जिदें हैं इनमें राजधानी इन छ्वान शहर की नान क्वान मस्जिद सबसे विख्यात मस्जिद है। इस मस्जिद का इतिहास भी पेइचिंग की न्यूचेह जितना पुराना है। यहां चीजों का दाम और क्षेत्रों से काफी सस्ता है। यहां कम पैसे में अच्छा खाना मिलता है। सीआरआ की गाईड शह ली ने बताया कि यहां के लोग ह्वी जाति बहुत मिलनसार है और मेहमान नवाज भी है। ये लोग मेहमानों का भव्य स्वागत करते है। सच चीन के मुस्लिम क्षेत्रों के बारे में इतनी महत्वपूर्ण जानकारी दी इसके लिए धन्यवाद।

    अनिल:अगला पत्र हमें भेजा है हमारे पुराने दोस्त छत्तीसगढ़ से चुन्नीलाल कैवर्त जी ने। उन्होंने लिखा है......

    उम्मीद है कि आप सब सकुशल होंगेl

    'चीन का भ्रमण' कार्यक्रम मुझे विशेष रूप से पसंद है और मैं इसके हर अंक को सुनने का प्रयास करता हूँl चीन के पर्यावरण और प्राकृतिक सुन्दरता मुझे बाबास ही अपनी ओर आकर्षित करती हैl पिछले कार्यक्रम में आपने पूर्वी चीन के चच्यांग प्रांत की राजधानी हांग चओ शहर के पास स्थित पश्चिम झील की सैर करवायीl झील की चारों ओर पर्वतों से घिरी हुई हैं , पर्वतों पर छायादार पेड़े उगे हुए हैं, जबकि पेड़ों के बीच प्राचीन स्तूप और लाल रंग वाले भवन झांकते हुए नजर आते हैं। चीनी वास्तु शैलियों में बने यात्री नाव चुपचाप से झील में तैरते हुए दिखायी देते हैं, झील का स्वच्छ पानी और तटों पर अच्छादित हरिलायी दृश्य सुंदर चीनी स्याही चित्र जान पड़ता है। यहां का प्राकृतिक दृश्य वाकई अति सुंदर है। पश्चिम झील के पास सौ से ज्यादा विशेष मनोहर पर्यटन स्थल भी उपलब्ध हैंl पश्चिम झील के पास बहुत से पुराने ऐतिहासिक व सांस्कृतिक अवशेष पाये जाते हैं। पश्चिम झील के एक ओर आधुनिक बड़ा शहर हांग चओ है, तो दूसरी ओर उस का दर्शनीय प्राकृतिक दृश्यl वास्तव में पश्चिम झील का दर्शनीय दृश्य स्वर्ग जितना मनोहर है। चाइना रेडियो इंटरनेशनल के विदेशी पत्रकारों की नज़र से पश्चिमी झील का नज़ारा और भी अद्भुत एवं खूबसूरत लगाl

    कुछ दिन पहले 'चीन का भ्रमण ' कार्यक्रम में ही चीन के बेहतरीन 10 उद्यानों का परिचय मिला l ये 10 उद्यान हैं- च्वोचङ उद्यान, छेंग ते ग्रीष्मकालीन शाही पैलेस, समर पैलेस, सिंह उपवान, ल्युय्वान गार्डन, प्राचीन कमल पोखरा, छिंगह्वेई उद्यान, ह युआन गार्डन, चिंग स उद्यान और ग युआन गार्डन l इन उद्यानों की प्राकृतिक एवं कलात्मक सुदरता की जितनी भी तारीफ़ की जाये, कम होगीl सी.आर.आई.की वेब साईट में इन उद्यानों की तस्वीरें बेहद ही मनमोहक और दिल को छू लेने वाले हैंl इतनी अच्छी जानकारी देने के लिए सी.आर.आई. का कोटिशः धन्यवाद l

    मीनू:अगला पत्र हमें भेजा है ओड़िशा से हमारे मॉनिटर सुरेश अग्रवाल ने। उन्होंने लिखा है.....

    दिनांक 10 अप्रैल को ताज़ा समाचारों के उपरान्त पेश साप्ताहिक "चीन का तिब्बत" के तहत आज उत्तर-पश्चिमी चीन के छिंगहाई प्रान्त स्थित हाइपे स्वायत्त प्रिफैक्चर में लुप्तप्राय प्रजाति के प्रोकाब्रा प्रोजेवालस्की एंटिलोप को जी-जान से बचाने में लगे स्थानीय चरवाहे चेमोथो की पहल काफी अनुकरणीय लगी। एंटिलोप बचाने की मुहिम में उन्हें ख़तरनाक़ अवैध शिकारियों से भी लोहा लेना पड़ा, परन्तु अपनी धुन के पक्के उक्त चरवाहे ने अपने प्राणों की परवाह किये बिना जीवों की रक्षा की, इसलिये मैं उन्हें नमन करता हूँ।

    कार्यक्रम "दक्षिण एशिया फ़ोकस" के अन्तर्गत बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमन्त्री और वर्त्तमान में नेता प्रतिपक्ष खालिदा ज़िया पर लगे भ्रष्टाचार के संगीन आरोपों पर लाइव इण्डिया के वरिष्ठ पत्रकार उमेश चतुर्वेदी का विश्लेषण काफी सही जान पड़ा। उन्होंने न केवल बांग्लादेश, भारत और पाकिस्तान में भ्रष्टाचार की स्थिति का भी समुचित आंकलन पेश किया। धन्यवाद।

    श्रृंखला "पश्चिम की तीर्थयात्रा" की कड़ी में आज दैत्य कछुए ने अन्ततः सान चांग और उनके शिष्यों को स्वर्ग नदी के पार लगा ही दिया और दोबारा नदी में जाने से पहले उसने सान चांग से आग्रह किया कि वह जब बुध्द से मिलें, तो मेरे लिये यह कवच छोड़, मनुष्य योनि प्रदान करने हेतु प्रार्थना करें। इस पर सान चांग ने हामी भरी और सभी गुरु-शिष्य पश्चिम दिशा में आगे बढ़ चले। आगे जाने पर उन्हें एक विशाल पर्वत रास्ता रोकता नज़र आया और उसके कुछ ऊपर चढ़ने पर उन्हें बड़े-बड़े अट्टालक और भवन नज़र आने लगे। सान चांग कुछ समय वहां विश्राम करना चाहते थे, परन्तु वानर ने अपने गुरु से कहा कि वह जगह अमंगलकारी है और हमें वहां नहीं जाना चाहिये। फिर वह सभी को वहीं रास्ते में ही बने रहने की हिदायत देकर भिक्षा मांगने चला गया। अब आगे क्या होता है, देखना है। धन्यवाद।

    अनिल:आगे हम पढ़ते हैं पश्चिम बंगाल से हमारे मॉनिटर रविशंकर बसु जी का पत्र। उन्होंने लिखा है.....

    सादर नमस्कार। हर दिन की तरह मैंने आपका रेडियो प्रोग्राम सुना। आज अंतर्राष्ट्रीय समाचार सुनने के बाद पंकज जी और दिनेश जी द्वारा प्रस्तुत साप्ताहिक कार्यक्रम "आपकी फरमाईश,आपकी पसंद" प्रोग्राम का ताज़ा अंक सुना। इस प्रोग्राम में आज 5 हिंदी फ़िल्मी गानों के अलावा चार जानकारियां सुनने को मिलीं जो रोचक लगी। पर मुझे आश्चर्य नहीं हुआ। इस प्रोग्राम की पहली रिपोर्ट में आपने झारखंड़ के राजू यादव की सफलता के बारे में जो कहानी सुनायी उसकी जितनी भी तारीफ करें वह कम होगी । राजू यादव चाय बेचने वाले से आज एक वेब डेवलेपर्स बन गया है। जो सफलता की एक बेहतरीन कहानी है। सीखने की प्रबल इच्छा और दृढ मनोवल से राजू ने यह साबित किया है कि कोई भी चीज़ असंभव नहीं है । अगर हम कोशिश करेंगे तो हमारा हर सपना पूरा हो सकता है। मुझे उम्मीद है कि आपकी यह रिपोर्ट मेरे जैसे बेरोजगार आदमी साथ ही आम आदमी को प्रेरणा देगी। । इसके बाद नागिन और इच्छाधारी युवक की शादी के बारे में आपने जो स्टोरी हमें सुनायी वह मुझे चकित कर गई। सुना है कि बनारस के युवक संदीप पटेल ने खुद को इच्छाधारी नाग बताया और नागिन संग विवाह करने के लिए शोरगुल मचा दिया। क्या यह सही है कि हम आज विज्ञान और इंटरनेट की युग में है! यह बड़े दुःख की बात है कि हम आज तक अंधविश्वास में जी रहे हैं।

    जिस संस्कृत भाषा को हम आज उपेक्षा करते हैं उस भाषा को सीखने के लिए विदेशी खुद हमारे देश आते है । भारतीय दर्शन को नजदीक से जानने के लिए विदेशी पर्यटक बनारस में संस्कृत सीख रहे हैं। यह जानकारी हमारे लिए गर्व की बात है। आज आपने हमें बताया की गुड़गांव में एक बिल्डर्स कंपनी ने 100 करोड़ रुपए कीमत वाला अपार्टमेंट पेश किया। जिस में 10 हजार वर्गफुट वाला टॉप फ्लोर अपार्टमेंट है। यह जानकारी हम जैसे ग़रीब आदमियों के लिए आसमान के चांद की तरह है। कुल मिलाकर अच्छे कार्यक्रम के लिए आपको धन्यवाद।

    मीनू:अगला पत्र मेरे पास है, बिहार से राम कुमार नीरज का। वे लिखते हैं.....नमस्कार,

    सी आर आई के बड़े पाठकों की दुनिया से निकलकर आज एक सफल प्रयास छोटे पाठकों तक पहुँचने का भी हुआ. आरा स्थित लोटश पब्लिक स्कूल में भारत चीन संबंधों पर एक परिचर्चा का आयोजन करने के साथ साथ स्कूली छात्रों को भी भारत चीन से सकारात्मक संबंधों से अवगत कराया गया.प्रस्तुत चित्र में एक तरफ झूला खेलते हुए छात्राएं सेतु समबन्ध पत्रिका पढ़ रहीं हैं वहीँ दूसरी तरफ स्कूल में कार्यालय में शिक्षक मित्र इस पत्रिका का अवलोकन कर रहें हैं.आज की इस परिचर्चा में शहर के तमाम पत्रकार और बुद्धिजीवी मित्रों का जमावड़ा रहा और सबने काफी तारीफ की.पत्रिका के इस ताजा अंक को इस स्कूल की लाइब्रेरी में लगाया गया है जो आने वाले लोगों का ध्यान बरबस ही खींच लेती है और पढ़ने को मजबूर कर देती है. ये बात अन्य लोगों तक भी पहुंचे,इसलिए इन तस्वीरों को आप तक भेज रहा हूँ.उम्मीद है स्वीकार्य होगा.

    राम कुमार नीरज जी, हमें पत्र और फोटो भेजने के लिए आपका धन्यावाद। आपका पत्र हमें मिल चुका है। यह गतिविधि बहुत अच्छी है, दूसरे लोगों के बीच पत्रिका सेतु समबन्ध का प्रचार करने के लिए शुक्रिया। लेकिन शायद इंटरनेट या तकनीकी समस्या की वजह से आपके द्वारा भेजे गए फोटो के लिंक को नहीं खोल पा रहे हैं। इसलिए हम इसे अपनी वेबसाइट पर नहीं डाल पाये हैं। कृपया अटैचमेंट के रूप में एक बार फिर फोटो भेजें। अगर फोटो मिलेगी तो हम जरूर अपनी वेबसाइट पर डालेंगे। एक बार फिर आपको धन्यवाद।

    अनिल: नीरज आगे लिखते हैं.....

    ये है भारत की सुन्दरता - जीवन के रंग पर आधारित रमेश द्वारा प्रस्तुत भारत के इंडिया गेट से कोच्चि तक के सफर पर खूबसूरत तस्वीरों का समायोजन समां बांध गया.तस्वीरों को देखकर रमेश जी के असाधारण फोटोग्राफी कौशल की जानकारी मिलती है.प्रस्तुत तस्वीरें भारत के विभिन्न कला संस्कृति की खूबसूरती बयां करती है.एक तरफ जहाँ कोच्चि अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है वहीँ दूसरी तरफ उसका इतिहास भी बेहद दिलचस्प है.

    एक बार फिर रमेश जी को तहे दिल शुक्रिया जिन्होंने वर्तमान भारत को इतने खूबसूरत अंदाज में दिखाया और हमें बहुत कुछ लिखने को विवश किया।

    मीनू:आगे लीजिए पेश है, पश्चिम बंगाल से बिधान चंद्र सान्याल का पत्र। उन्होंने लिखा है.....आदरणीय महोदय

    दिनांक 10 अप्रैल को ताजा समाचार सुनने के बाद चीन का तिब्बत कार्यक्रम सुना। इस कार्यक्रम के तहत सांहाइ झिल के बारे में बिस्तृत तथ्यपूर्ण रोचक जानकारी हासिल हुई। इसके बाद दक्षिण एशिया फोकास कार्यक्रम सुना। बांग्लादेश में विपक्ष की नेता खालिदा जिया पर भ्रष्टाचार की आरोप पर उमेशजी के साथ पंकज जी की बातचीत बहुत अच्छी लगी। धन्यवाद।

    इसके अलावा उन्होंने लिखा है.....हिन्दी विभाग के सभी मित्रों व सभी चीनवासियॉ को बंगला नवबर्ष (Bengali New Year ) की हार्दिक शुभकामनायेँ व बधाईयाँ। बंगला नवबर्ष पश्चिम बंगाल और भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश का एक महत्वपूर्ण उत्सव है। पश्चिम बंगाल में बंगला नवबर्ष को हालखाता भी कहा जाता है। इस मौके पर फिर एक बार बधाई।

    अनिल:अगला पत्र हमारे पास आया है पश्चिम बंगाल से देवशंकर चक्रवर्त्ती जी का। वे लिखते हैं……आप लोगों को सूचित करते हुए बड़ी खुशी हो रही है कि सीआरआई की हिन्दी सेवा के प्रचार-प्रसार के लिए के लिए पिछले 5 अप्रैल,2015 रविवार को हमारे न्यू हराइज़न रेडियो लिस्नर्स क्लब के सदस्यों द्वारा यहां "सीआरआई-हिन्दी विभाग के नाम पर रक्तदान शिविर" का आयोजन किया गया।हमारे इस रक्तदान शिविर का उद्देश्य है कि सीआरआई-हिन्दी विभाग को आम जनता के बीच प्रचारित करना,साथ ही चीन भारत मैत्री को आगे बढ़ाना। हमारे इस रक्तदान शिविर में इस बार 75 लोगों ने स्वैच्छिक रक्तदान किया। इस रक्तदान शिविर में इस बार फ्री हेल्थ चेक उप कैंप का भी आयोजन किया गया था।

    क्लब की ओर से सबसे पहले मैं हिन्दी विभाग के नाम पर रक्त दान किया। लेकिन दुःख की बात है की 5 अप्रैल को रक्तदान शिविर के दौरान क्लब के संपादक रविशंकर बसु जी का ब्लड प्रेशर बहुत ही बढ़ गया और डॉक्टर्स ने उनको बेडरेस्ट की सलाह दी। इसीलिए वे इस साल सीआरआई-हिन्दी विभाग के नाम पर रक्तदान नहीं कर पाए। फिर भी उन्होंने रक्तदान शिविर में बैठकर हमें गाइड किया। पिछले दो महीने से क्लब के सदस्यों ने रविशंकर बसु जी के साथ इस रक्तदान शिविर के लिए काफ़ी मेहनत की। इस कैंप में मनीषा चक्रवर्ती ने हिन्दी में गाना गाकर रक्तदान शिविर का शुभारंभ किया। हमारे क्लब द्वारा आयोजित इस रक्तदान शिबिर के ज़रिये हमने सीआरआई के उद्देश्य और चीन की आवाज़ को जन साधारण के बीच पहुंचाने की कोशिश की । क्लब के सभी सदस्यों ने रक्तदान शिविर में उपस्थित गांववासियों को हिन्दी विभाग की "श्रोता वाटिका" पत्रिका,सेतु संबंध पत्रिका, साथ ही हमारे क्लब द्वारा तैयार हिन्दी विभाग की रेडियो कार्यक्रम सूची, उपहार आदि सामग्री वितरित कीl साथ ही सी आर आई की हिन्दी विभाग की रेडियो कार्यक्रम सुनने के लिए अनुरोध किया ।हम क्लब की ओर से रक्तदाताओं को उपहार के रूप में सी आर आई के नाम पर स्टील की कटोरा (bowl )दिया। "हिन्दी चीनी भाई भाई -चीन भारत मैत्री जिन्दावाद"।

    मीनू:अब सुनिए हमारे श्रोता शक्ति सिंह के साथ हुई बातचीत।

    अनिल:दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल पांडे और मीनू को आज्ञा दीजिए, नमस्कार

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