Web  hindi.cri.cn
    आपका पत्र मिला 2015-04-08
    2015-04-13 10:43:32 cri

    अनिल:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल पांडे का नमस्कार।

    मीनू:सभी श्रोताओं को मीनू का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अनिलः आज के कार्यक्रम में हम श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। इसके बाद एक श्रोता के साथ हुई बातचीत के मुख्य अंश पेश किए जाएंगे।

    अनिल:चलिए श्रोताओं के पत्र पढ़ने का सिलसिला शुरू करते हैं। पहला पत्र आया है ओड़िशा से हमारे मॉनिटर सुरेश अग्रवाल जी का। उन्होंने लिखा है.....

    आदरणीय मीनूजी एवं अनिलजी, नमस्कार।केसिंगा दिनांक 1 अप्रैल। प्रतिदिन की तरह आज भी सीआरआई हिन्दी के ताज़ा प्रसारण का रसास्वादन हम सभी मित्र-परिजनों ने एकसाथ मिलकर शाम साढ़े छह बजे शॉर्टवेव 31 मीटरबैण्ड पर पूरे मनोयोग से किया और अब मैं रोज़ाना की तरह उस पर हम सभी की मिली-जुली राय लेकर आपके सामने हाज़िर हूँ। उम्मीद है कि हमारा यह प्रयास आपको पसन्द आता होगा। बहरहाल,ताज़ा अन्तराष्ट्रीय समाचारों में देश-दुनिया के हालात का ज़ायज़ा लेने के बाद हमने साप्ताहिक "आपका पत्र मिला" में भी शिरकत की। सर्वप्रथम भाई रविशंकर बसु के सीआरआई हिन्दी का मॉनिटर चुने जाने पर उन्हें हार्दिक बधाई। मुझ से जितना बन पड़ेगा, मैं उनका सहयोग करूँगा। अनिलजी, मैं जब भी यह लिखता हूँ कि -मित्र-परिजनों के साथ मिलकर प्रसारण सुना, तो आम तौर पर मेरे साथ मेरी पत्नी सरोज, दो बेटियाँ सुमन और पूजा के अलावा एक या दो करीबी मित्र होते हैं, जो कि हिन्दी बोल और समझ तो सकते हैं, परन्तु ओड़िया माध्यम से पढ़े होने के कारण अक़सर पत्र लिखने के नाम पर कन्नी काट जाते हैं और पत्र लिखने की ज़िम्मेदारी अन्ततः मुझ पर ही आन पड़ती है। मैं फिर भी कोशिश करूँगा कि इनमें से कोई आपको पत्र लिखे। बहरहाल, आज के कार्यक्रम में श्रोताओं की राय के अलावा श्रोता भाई डॉक्टर हेमन्त कुमार द्वारा प्रेषित "संयुक्त परिवार" शीर्षक कविता काफी हृदयस्पर्शी लगी। श्रोताओं से बातचीत क्रम में कोआथ, बिहार के श्रोता भाई बिलाल बम्बइया से की गई बातचीत भी अच्छी लगी। देश में विकलांगों की दयनीय स्थिति पर उनके विचारों से मैं पूरी तरह सहमत हूँ और मुझे ख़ुशी है कि स्वयं विकलांग होते हुये भी वह विकलांग सेवा समूह से जुड़ कर विकलांगों में ऊर्जा भरने का काम करते हैं। उन्हें हृदय से साधुवाद।

    श्रृंखला "पश्चिम की तीर्थयात्रा" में अपनी योजनानुसार मन्दरिन मछली और दैत्य ने स्वर्ग नदी को बर्फ में तब्दील कर दिया। अब देखना है कि सान चांग और शिष्य उसे कैसे पार करते हैं। सान चांग बूढ़े छन से पश्चिम से धर्मग्रन्थ लाने में हो रही विलम्ब पर अपनी चिंता जता चुके हैं। उन्होंने थांग सम्राट से तीन साल में यह कार्य पूरा करने का वादा किया था, परन्तु सात-आठ साल बीत जाने पर भी काम पूर्ण न होने पर वह बेहद दुःखी थे। धन्यवाद।

    मीनू:अगला पत्र लीजिए पेश है, पश्चिम बंगाल से देवशंकर चक्रवर्त्ती जी का। उन्होंने लिखा है..... मैं देवशंकर चक्रवर्त्ती,हमारे न्यू हराइज़न रेडियो लिस्नर्स क्लब का सांस्कृतिक संपादक हूं। आज बड़ी खुशी के साथ आपको यह पत्र भेज रहा हूं। कल यानी 1 अप्रैल,2015 बुधवार को साप्ताहिक "आपका पत्र मिला" प्रोग्राम सुनकर मेरे साथ-साथ हमारे क्लब के सभी सदस्य बहुत खुश हुए, क्योंकि अपने इस प्रोग्राम में हमारे क्लब के संपादक रविशंकर बसु जी को मॉनिटर बनाने का ऐलान हुआ। इसलिए आपको धन्यवाद देने के लिए मेरे पास ज्यादा शब्द नहीं है। मैं सिर्फ यह बोलना चाहूंगा कि उनको यह सम्मान व दायित्व देने के लिए हम सब आभारी है। उनका सीआरआई हिंदी विभाग के प्रति निस्वार्थ प्रेम और निष्ठा को देखते हुए हम सभी सीआरआई के प्रसार प्रचार में जुटे हुए है। मैं आशा करता हूं कि आप सब इस बारे जानते होंगे। अपने रविशंकर जी को जो काम दिया है वह न सिर्फ उनका है बल्कि हम सभी का है और इससे सीआरआई के प्रति हमारा प्यार और भी बढ़ गया। हम वादा करते हैं कि हम सभी आपके साथ जुड़े रहेंगे।

    अनिल:अगला पत्र हमें भेजा है बिहार से राम कुमार नीरज ने। उन्होंने लिखा है.....

    दुनिया के ताजा समाचारों के क्रम में द्वितीय विश्व युद्ध की याद में चित्र प्रदर्शनी पर सचित्र रिपोर्ट देखी और पढ़ी.रिपोर्ट ने ज्ञानार्जन कराने के साथ साथ सत्तर साल पहले की इस विश्वव्यापी घटना के दर्द को समझने पर मजबूर कर दिया.द्वितीय विश्व युद्ध के विजय की 70वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में चीन और यूरोपीय संघ ने 31 मार्च को ब्रसेल्स स्थित यूरोपीय संसद भवन में "कौन हमें शांति देंगे" शीर्षक चित्र प्रदर्शनी वर्तमान विश्व के लिए भी कई सवाल खड़ा करता है.सवाल अभी भी यही है कि क्या हम दुनिया के इस ऐतिहासिक घटना के बाद भी सुधर पाएं है..?

    द्वितीय विश्व युद्ध की कहानी वास्तव में एडोल्फ हिटलर की कहानी ही कहनी चाहिए. एडोल्फ हिटलर की मानसिक अवस्था की जन्मदाता जर्मन जाति की मानसिक अवस्था है.

    इस मानसिक अवस्था के निर्माता जर्मनी के तीन महापुरुष कहे जाते हैं. एक फ्रैडरिक महान् के नाम से विख्यात है. यह जर्मनी के एक स्वतन्त्र प्रान्त प्रशिया का शासक था. वह अपनी योग्यता से सम्पूर्ण जर्मनी का मुकुटधारी राजा बन गया था. इसकी ताजपोशी को 1701 में स्वीकार कर लिया गया. यह उस परिवार का पूर्वज था, जिसमें कैसर राजा पैदा हुए. इन कैसरों के राज्य में सारा जर्मनी संगठित हुआ और यह बहुत ही अल्पकाल में उद्योग-धन्धों में भूमण्डल का नेता बन गया.द्वितीय विश्व युद्ध से सम्बंधित अपनी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी आपसे साझा कर रहा हूँ,उम्मीद है स्वीकार्य होगी. आईए, सुनते हैं।

    मीनू:(1) द्वितीय विश्व युद्ध 6 सालों तक लड़ा गया.

    (2) द्वितीय विश्वयुद्ध की शुरुआत 1 सितंबर 1939 ई. में हुई.

    (3) इस युद्ध का अंत 2 सितंबर 1945 ई. में हुआ.

    (4) द्वितीय विश्वयुद्ध में 61 देशों ने हिस्सा लिया.

    (5) युद्ध का तात्कालिक कारण जर्मनी का पोलैंड पर आक्रमण था.

    (6) द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जर्मन जनरल रोम्मेले का का नाम डेजर्ट फॉक्स रखा गया.

    (7) म्यूनिख पैक्ट सितंबर 1938 ई. में संपन्न हुआ.

    (8) जर्मनी ने वर्साय की संधि का उल्लंघन किया था.

    (9) जर्मनी ने वर्साय की संधि 1935 ई. में तोड़ी.

    (10) स्पेन में गृहयुद्ध 1936 ई. में शुरू हुआ.

    (11) संयुक्त रूप से इटली और जर्मनी का पहला शिकार स्पेरन बना.

    (12) सोवियत संघ पर जर्मनी के आक्रमण करने की योजना को बारबोसा योजना कहा गया.

    (13) जर्मनी की ओर से द्वितीय विश्वयुद्ध में इटली ने 10 जून 1940 ई. को प्रवेश किया.

    (14) अमेरिका द्वितीय विश्वयुद्ध में 8 सितंबर 1941 ई. में शामिल हुआ.

    (15) द्वितीय विश्वयुद्ध के समय अमेरिका का राष्ट्रपति फैंकलिन डी रुजवेल्टई था.

    (16) इस समय इंगलैंड का प्रधानमंत्री विंस्टरन चर्चिल था.

    (17) वर्साय संधि को आरोपित संधि के नाम से जाना जाता है.

    (18) द्वितीय विश्वयुद्ध में जर्मनी की पराजय का श्रेय रूस को जाता है.

    (19) अमेरिका ने जापान पर एटम बम का इस्तेेमाल 6 अगस्तर 1945 ई. में किया.

    (20) जापान के हिरोशिमा और नागासाकी शहरों पर एटम बम गिराया गया.

    (21) द्वितीय विश्व युद्ध में मित्रराष्ट्रों के द्वारा पराजित होने वाला अंतिम देश जापान था.

    (22) अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में द्वितीय विश्व युद्ध का सबसे बड़ा योगदान संयुक्त राष्ट्रसंघ की स्‍थापना है.

    खूबसूरत रिपोर्ट के लिए आपका शुक्रिया।

    अनिल:बिहार से हेमंत कुमार जी ने ई-मेल के जरिए हमें एक और कविता भेजी है। कविता का शीर्षक है भारत और इंडिया में अंतर। आईए, सुनते हैं....

    भारत में गॉंव है, गली है, चौबारा है. इंडिया में सिटी है, मॉल है, पंचतारा है.

    भारत में घर है, चबूतरा है, दालान है. इंडिया में फ्लैट और मकान है.

    भारत में काका है, बाबा है, दादा है, दादी है. इंडिया में अंकल आंटी की आबादी है.

    भारत में खजूर है,जामुन है, आम है. इंडिया में मैगी, पिज्जा, माजा का नकली आम है.

    भारत में मटके है, दोने है, पत्तल है. इंडिया में पोलिथीन, वाटर व वाईन की बोटल है.

    भारत में गाय है, गोबर है, कंडे है. इंडिया में सेहतनाशी चिकन बिरयानी अंडे है.

    भारत में दूध है, दही है, लस्सी है. इंडिया में खतरनाक विस्की, कोक, पेप्सी है.

    भारत में रसोई है, आँगन है, तुलसी है. इंडिया में रूम है, कमोड की कुर्सी है.

    भारत में कथडी है, खटिया है, खर्राटे हैं. इंडिया में बेड है, डनलप है और करवटें है.

    भारत में मंदिर है, मंडप है, पंडाल है. इंडिया में पब है, डिस्को है, हॉल है.

    भारत में गीत है, संगीत है, रिदम है. इंडिया में डान्स है, पॉप है, आईटम है.

    भारत में बुआ है, मौसी है, बहन है. इंडिया में सब के सब कजन है.

    भारत में पीपल है, बरगद है, नीम है. इंडिया में वाल पर पूरे सीन है.

    भारत में आदर है, प्रेम है, सत्कार है. इंडिया में स्वार्थ, नफरत है, दुत्कार है.

    भारत में हजारों भाषा हैं, बोली है. इंडिया में एक अंग्रेजी एक बडबोली है.

    भारत सीधा है, सहज है, सरल है. इंडिया धूर्त है, चालाक है, कुटिल है.

    भारत में संतोष है, सुख है, चैन है. इंडिया बदहवास, दुखी, बेचैन है.

    क्योंकि …

    भारत को देवों ने, वीरों ने रचाया है. इंडिया को लालची, अंग्रेजों ने बसाया है....

    मीनू:अगला पत्र मेरे हाथ आया है बिहार से शंकर प्रसाद शंभू जी का पत्र। उन्होंने लिखा है.....प्रिय उद्घोषक महोदय, सप्रेम नमस्ते।हम लोग अपने साथियों के साथ सीआरआई के हिंदी, अंग्रेजी, बांग्ला और नेपाली कार्यक्रम विगत 20 वर्षों से सुनते आ रहे हैं। आपके रिकॉर्ड में भी जरूर ही दर्ज होगा। हम लोगों का एक क्लब भी है, जो 2007 के भीषण बाढ़ में गांव के क्षत विक्षत हो जाने के कारण निष्क्रिय हो गया था। गांव के पुनर्वास होने में काफी समय लग चुका है। सीआरआई के हिंदी सेवा की 56वीं वर्षगांठ पर क्लब के सभी पुराने सदस्यों की एक बैठक 15 मार्च 2015 को शंकर प्रसाद शंभू की अध्यक्षता में आयोजित की गयी थी, जिसमें सर्वसम्मति से क्लब का पुर्गठन करने का प्रस्ताव पारित किया गया। वहीं पुनः सीआरआई के सभी कार्यक्रम नियमित सुनते हुए नियमित पत्राचार जारी रखने की बात हुई। साथ ही क्लब के अधिकारियों का चयन औपचारिक रूप से अगले माह के प्रथम सप्ताह में कर लिया जाए।

    अनिल:अगला पत्र हम पढ़ते हैं पश्चिम बंगाल से हमारे मॉनिटर रविशंकर बसु जी का। उन्होंने "सेतु संबंध" के बारे में मेरी प्रतिक्रिया शीर्षक एक लेख हमें भेजा है। उन्होंने लिखा है।

    मैं बहुत ख़ुशी के साथ आप को यह सूचित करता हूं कि आपके द्वारा भेजे गए "सेतु संबंध" पत्रिका (फरवरी -अप्रैल ,2015 ) मुझे मिली । अब मैं इस पत्रिका के बारे में मेरा कुछ प्रतिक्रिया आपके पास भेज रहा हूं । पत्रिका को ध्यान से पढ़ने के बाद मुझे यह लगा कि पत्रिका में प्रकाशित कुछ निबंध चीन और भारत के दोस्ती के बारे में हम लोगों को बहुत कुछ जानकारियां दी।पत्रिका की डिज़ाइन भी अच्छा है।

    चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और उनकी पत्नी फङ लीयुआन को लेकर ललिता जी द्वारा लिखे गए लेख "जन नायक की प्रेम कहानी " की जितने भी तारीफ़ की जाय वह कम होगी। इस लेख के ज़रिये हम एक राष्ट्र नायक के किचन/kitchen में पहुंच गए। सच में यह लेख तो अंदर की बात है। पत्रिका का नाम है "सेतु संबंध" और इस नाम को सार्थक लगा जब मैंने अनिल आज़ाद पाण्डेय जी द्वारा लिखे गए "भारत-चीन के साथ आने का समय " शीर्षक आलेख पढ़ा । इस तरह की लेख को ज्यादा से ज्यादा शामिल करना चाहिए । यह सच बात है कि हम दुनिया की दूसरी बड़ी आबादी वाला देश हैं और साथ ही यह भी बोला जा सकता है कि हम चीन से बहुत क्षेत्रों में पीछे रह गए हैं। मुझे लगता है कि अगर भारत सीमा विवाद को भूलकर चीन के आर्थिक विकास को सामने रखकर आगे बढ़ेंगे तो भारत विभिन्न क्षेत्रों में चीन की तकनीक और विशेषज्ञता का सहयोग लेकर देश में सचमुच एक अच्छे दिन लायेंगे । पंकज श्रीवास्तव जी द्वारा प्रस्तुत लेख के माध्यम से"भविष्य का शहर खुनमिंग " हम लोगों को घर में बैठ्कर चीन घूमने का मौका मिला । दक्षिण पश्चिमी चीन के युन्नान प्रांत की राजधानी खुनमिंग शहर का प्राकृतिक दृश्य अत्यधिक अनुपम है और मौसम भी बहुत सुहावना होता है। मुझे उम्मीद है कि इस लेख को को पढ़ने के बाद भारत से ज्यादा से ज्यादा पर्यटक खूबसूरत खुनमिंग शहर को सैर करेंगे और वहां पे मिर्च मसाले वाले खाना खाकर ज़रूर आनंद उठाएंगे । भारत में महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार को लेकर अखिल पाराशर जी ने जो आलेख हमारे सामने पेश किया है, इसके लिए उनको बहुत - बहुत धन्यवाद । भारत में यह समस्या हमारे समाज के लिए हानिकारक है जो दिन व दिन बढ़ती जा रही है । इससे निपटने के लिए भारतवासियों में महिलाओं के प्रति आदर का भाव होना चाहिए। इस पत्रिका में अखिल पाराशर जी द्वारा लिखे गए "चीन में खाने और खिलाने की संस्कृति " को लेकर जो लेख प्रकाशित हुआ वह हमारे जैसा विदेशी लोगों के लिए बहुत ही ज्ञानवर्धक प्रस्तुति है ।

    मीनू:आगे बसु जी लिखते हैं....मेरा एक सुझाव है, अगर आप इस पत्रिका के आगामी अंकों में चीन की कुछ अजब गजब छोटी छोटी बातें Trivia के रूप में प्रकाशित करेंगे तो चीन के बारे में हमारा ज्ञान और भी समृद्ध होगा। मैं आपके समक्ष और एक सुझाव रखना चाहता हूं। वह है कि कृपा करके इस पत्रिका को राजनैतिक दलों का प्लॅटफॉम मत बनाइये । इसलिए मुझे लगता है कि कवर पेज में अगर आप चीन-भारत दोस्ती का पैगाम देने वाले फोटो छापेंगे तो हम लोगों को कोई परेशानी नहीं होगी।

    अनिल:आगे बसु जी ने एक पत्र भी भेजा है। वे लिखते हैं.....सादर नमस्कार। आज अनिल आज़ाद पाण्डेय जी द्वारा पेश किये गए अंतर्राष्ट्रीय समाचार की प्रस्तुति के बाद अनिल जी एवं मीनू जी द्वारा पेश किया गया साप्ताहिक "आपका पत्र मिला" प्रोग्राम बहुत ध्यान से सुना और इस दिन यानी 1 अप्रैल की प्रोग्राम को मैं कभी नहीं भूलूंगा क्योंकि आज आपने मुझे सीआरआई हिंदी विभाग के ऑफिसियल मॉनिटर के रूप में घोषित किया। सीआरआई हिंदी सेवा के साथ मेरा जो संपर्क है उस जगह से मैं बहुत ही विनय के साथ यह बोलना चाहता हूं कि आप मुझे जो दायित्व आज दिया है। उसे मैं हमारे न्यू हराइजन रेडियो लिस्नर्स क्लब के सदस्यों के साथ अच्छी तरह से निभाउंगा। यह खुशखबरी मेरे लिए सपने की तरह है।

    मीनू:अब सुनिए हमारे श्रोता अमल कुमार विश्वास के साथ हुई बातचीत।

    अनिल:दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल पांडे और मीनू को आज्ञा दीजिए, नमस्कार

    © China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
    16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040