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    आपका पत्र मिला 2015-03-18
    2015-03-20 14:34:50 cri

    अनिल:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल पांडे का नमस्कार।

    मीनू:सभी श्रोताओं को मीनू का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अनिलः आज के कार्यक्रम में हम श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। इसके बाद एक श्रोता के साथ हुई बातचीत के मुख्य अंश पेश किए जाएंगे।

    अनिल:चलिए श्रोताओं के पत्र पढ़ने का सिलसिला शुरू करते हैं।पहला पत्र आया है छत्तीसगढ़ से चुन्नीलाल कैवर्त जी का। वे लिखते हैं....

    तिब्बती नव वर्ष के मौके पर सी.आर.आई.,हिन्दी सेवा की वेब साइट में तिब्बतियों की रंग बिरंगी संस्कृति को अभिव्यक्त करते गीत-संगीत के जो वीडियो अपलोड किये गये हैं ,वे एक से बढ़कर एक और बेहतरीन हैं l जिनको देखकर हमारा दिल खुश हो गयाl जन्मभूमि सानच्यांगयुआन, खुशियां , शिनचाई गांव में च्वोवू नृत्य, बर्फीले क्षेत्र में युवा, आची च्वोमू, तीन नदियों से गूंजती है आवाज़ ...आदि सभी 19 गीतों में मातृभूमि व मनमोहक प्रकृति तथा जीवन साथी के प्रति असीम प्रेम की भावना अभिव्यक्त हुई है,जो सुनने वालों को सहज ही अपनी ओर आकर्षित कर लेते हैं l

    कार्यक्रम में चीनी और तिब्बतियों द्वारा शांगरिला में मनायी जा रही नववर्ष की खुशियों के बारे में जानकारी रोचक और सूचनाप्रद लगी l स्थानीय तिब्बती लोग जातीय पोशाक पहनकर 'जाशी देले ' शुभकामना देते हैं l स्थानीय तिब्बती लोग अपना पारंपरिक सामूहिक क्वोच्वांग नृत्य करते हुए हान जातीय लोगों के साथ नए साल की खुशियां मानते हैं। शांगरिला में तिब्बती जाति, नाशी जाति, हान जाति साथ-साथ घी-चाय पीते हुए गपशप करते हैं। भीतरी चीन की हान जाति के लोग भी शांगरिला में तिब्बतियों के साथ नए साल की खुशियां मनाने आते हैं। मेरे ख़याल से नये साल में सदा बहार शांगरिला आकर सबका दिल रंगीन और खुशियों से भर जाता होगा l

    चीन की झलक में शङश्याओ यानी वर्ष सूचक पशुओं एवं उनकी विशेषताओं की जानकारी भी दिलचस्प और ज्ञानवर्धक लगी l शङश्याओ संस्कृति चीन की पारंपरिक रीति रिवाज संस्कृति का एक महत्वपूर्ण भाग है। हरेक व्यक्ति का जन्म वर्ष सूचित करने के लिए एक निश्चित पशु का जीवन भर प्रयोग किया जाता है। शङश्याओ व शुश्यांग एक व्यक्ति के जन्म वर्ष और आयु का प्रतीक चिन्ह है और साथ ही आजीवन उसी व्यक्ति का शुभंकर भी है, जिसे चीनी लोग अनेक शुभकामनाएं या मानसिक आसीस देते हैं। इतनी अच्छी और सुन्दर जानकारी के लिए चाइना रेडियो इंटरनेशनल का हार्दिक धन्यवाद lएक बार फिर आप सभी को नये साल की शुभकामना -'जाशी देले ' !

    मीनू:अगला पत्र मेरे हाथ आया है उत्तर प्रदेश से सादिक आज़मी जी का। उन्होंने लिखा है.....नमस्कार, दिनांक 27 फरवरी का साप्ताहिक कार्यक्रम. चीन का तिब्बत. के अंतर्गत तिब्बती लोगों के जन जीवन मे आए बदलाव और उनके व्यवसाय के नये स्वरूप पर दी गई जानकारी अच्छी लगी, कल कारखाने मे नौकरी कर आय मे सुधार की प्रक्रिया निःसंदेह चीनी. सरकार की तिब्बत के प्रति सकारात्मक सोच और विकास के प्रति गंभीर रहने का प्रणाम है कुछ वर्षो पूर्व आदिवासी जीवन शैली के प्रयाय रहचुके इन ग्राम वासियों के मध्य सुधार की गति इतनी तीव्र होगी किसी ने कल्पना नहीं की होगी, जानवरों पर काफी हद तक निर्भर रहने वाले तिब्बत वासियों को आज हम फैकटरी के मज़दूर और आधुनिक जीवनशैली व्यतीत करते हुए देख रहे हैं आज उनके भविष्य पर वॉगचू जी के विचार भी सुनने को मिले, और अलग अलग विशेषज्ञों के विचार अलग अलग उद्घोषकों के स्वर मे भी सुनने को मिले जिससे स्पष्ट होता है कि आप इस कार्यक्रम को कड़ी मेहनत और लगन से तय्यार करते हैं इस बार की विषय भी अच्छा रहा, बेहतर प्रस्तुति पर श्याओ याँग जी को बधाई, धन्यवाद

    अनिल:अगला पत्र हमें भेजा है बिहार से राम कुमार नीरज जी ने। वे लिखते हैं.....

    आदरणीय प्रसारक महोदय,

    दुनिया के ताजा समाचारों में ईयू का भारत में दूतावास पर एयर प्यूरिफायर लगाने का अनुरोध पर विस्तृत रिपोर्ट बेहद सूचनाप्रद लगी.प्रतिक्रिया आप तक पहुंचा रहा हूँ,उम्मीद है स्वीकार्य होगा.

    वनिता द्वारा सम्पादित इस खास रिपोर्ट के माध्यम से यह जानना सचमुच बेहद दिलचस्प है कि दिल्ली में बढ़ रहे एयर पल्यूशन को देखते हुए जर्मन एंबेसी ने ऑफिस और डिप्लोमैट्स के घरों में एयर प्यूरिफायर इंस्टॉल कराए हैं. ऐसा सिर्फ अधिकारियों और उनकी फैमिली को एयर पल्यूशन से होने वाली बीमारियों से बचाने के लिए किया गया है. हाल ही में अमेरिकन एंबेसी में लगाए गए प्यूरिफायर के बाद अब जर्मन एंबेसी ने भी यह कदम उठाया है.

    आ रही लगातार रिपोर्टों के माध्यम से यह स्पष्ट है कि अमेरिका, जर्मनी, जापान और बाकी कई यूरोपियन देश, दिल्ली के इन्वाइरनमेंट और उससे होने वाले इम्पैक्ट से काफी चिंतित हैं. जर्मन एंबेसी के एक सीनियर डिप्लोमैट ने हाल ही में ईटी को बताया कि एंबेसी लगातार एयर क्वॉलिटी पर नजर बनाए हुए था और अब जब स्थिति कुछ ज्यादा सीरियस हो गई है, तब प्यूरिफायर लगाए गए हैं.

    औद्योगिक क्षेत्र में एक्सपर्ट होने के चलते जर्मनी, पीएम नरेंद्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' कैंपेन में एक अहम रोल निभा रहा है. नरेंद्र मोदी भी अप्रैल में जर्मनी में होने वाले हैनओवर फेयर में हिस्सा लेंगे. इसको देखते हुए खासी तैयारियां भी चल रही हैं. डिप्लोमैट के मुताबिक प्यूरिफायर लगाने का फैसला सिर्फ जर्मनी ने नहीं किया है, बल्कि बाकी के यूरोपियन देश भी जल्द अपने साउथ दिल्ली में बने दूतावास और डिप्लोमैट्स के घर में एयर क्वॉलिटी को मॉनिटर करने के लिए प्यूरिफायर इंस्टॉल कराएंगे. ईयू (यूरोपियन यूनियन) के डिप्लोमैट ने बताया कि वह दिल्ली में करीब 3 साल पहले आए थे और तब से लेकर अब तक उन्होंने दिल्ली की हवा में काफी बदलाव होता देखा है और ऐसा सिर्फ बढ़ रहे पॉल्यूशन की वजह से.

    भारत के साथ महत्वपूर्ण रिश्ते बनाए हुए एशिया पसिफिक रीजन के अन्य देश भी यहां की हवा में फैले छोटे-छोटे कण जो किसी को भी बीमार कर सकते हैं पर काफी सीरियस हैं. ज्यादातर देशों ने दिल्ली में रह रहे अपने डिप्लोमैट्स के लिए गाइडलाइंस तक जारी की हैं कि वह कैसे इससे बच सकते हैं. यहां तक कि यूएस, जर्मनी और जापान ने अपने डिप्लोमैट्स के दिल्ली में कार्यकाल को 3 साल से कम कर दो साल तक कर दिया है.

    मीनू:आगे नीरज जी लिखते हैं.....सी आर आई के साइट पर महिला दिवस के बहाने पुरूष-महिला समानता और महिला सशक्तिकरण की अपील पर एक विस्तृत रिपोर्ट पढ़ा और समझा.आपके प्रस्तुत इस रिपोर्ट के माध्यम से जानना यह सचमुच बेहद दिलचस्प था कि संयुक्त राष्ट्रीय महासचिव बान की मून ने सम्मेलन में कहा कि इस साल विश्व महिला सम्मेलन की स्थापना की बीसवीं वर्षगांठ है। पिछले बीस सालों में कई देशों ने लैंगिक भेदभाव दूर करने के लिए कानून बनाया। लेकिन विभिन्न देशों में पुरूष-महिला समानता और महिला सशक्तिकरण बढ़ाने की गति संतुलित नहीं है.इसी बात को यदि हम थोड़ा और आगे बढ़ाएं तो स्पष्ट है कि हर साल आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. महिलाओं के अधिकार, उनके सम्मान और अर्थव्यवस्था में उनकी भागीदारी की चर्चा होती है. महिलाओं को प्रोत्साहन देने की बात होती है लेकिन वास्तविकता यही है कि उच्च शिक्षित वर्ग और कॉरपोरेट कंपनियों में महिलाएं चाहे जितनी शोहरत बटोर लें, कामगार महिलाओं को आज भी वह महत्व नहीं मिलता, जिसकी वह हकदार हैं. देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान के बाजवूद हर स्तर पर उनके साथ भेदभाव होता है.

    एक बार फिर हम सी आर आई के तमाम प्रयासों की तहे दिल से सराहना करते है.सम्बन्ध साल दर साल यूँ ही चलता रहे,इसकी हम कामना भी करते है.

    अनिल:अगला पत्र आया है दिल्ली से अमीर अहमद जी का। उन्होंने लिखा है.....चीन का तिब्बत विकास के मामले में किसी भी अंगेल से चीन के अन्य स्वायत्त प्रदेश से पीछे नहीं है। चीन के तिब्बत के विकास में जबरदस्त तरक्की की है। यहां का जन जीवन बहुत अच्छा हो गया है चीन सरकार तिब्बत के विकास में किसी भी तरह की कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती, ताकि आम चीनी जनता के विकास की रफ्तार में तिब्बती जनता का विकास उसी रफ्तार से होता रहे, इस लिए चीन सरकार जन जीवन को बेहतर बनाने के लिए हमेशा अग्रशर रहती है। तिब्बती चरवाहों के बच्चों की वर्तमान शिक्षा के बारे में कई बार मन में सवाल उठते थे और ये समय बहुत जल्द आ गया, जब हमें तिब्बती चरवाहों के बच्चों की शिक्षा संबंधित मन के सभी सवालों के जवाब मिल गये। छिंगहाई प्रांत के हाईनान तिब्बत के कुड़हो काउंटी के छापूछा कस्बे के प्राथमिक विद्यालय का चीन का तिब्बत कार्यक्रम के माध्यम से लिसन भ्रमण करने का हम श्रोताओं को शौभाग्य प्राप्त हुआ। आवासीय विद्यालय में कुल 24 कक्षाएं है और तकरिबन एक हजार विद्यार्थी यहां स्टडि करते हैं, यहां खेल का मैदान भी बहुत बड़ा है। आधुनिक भवन है। मालूम हुआ कि यहां पढ़ने वाले अधिक तर बच्चे चरवाहों के हैं। 10 बजे सभी बच्चे खेल के मैदान में व्यायाम करते हैं, साथ ही सांस्कृतिक नृत्य भी करते हैं, भतरी क्षेत्र के विद्यार्थी की तरह नौ वर्ष की अनिवार्य शिक्षा पाने के दौरान तिब्बती विद्यार्थियों को भी चीनी, गणित, अंग्रेजी संगीत व्यायाम कला कक्षाओं में जाना पड़ता है। सी आर आई की संवाददाता ने अंग्रेजी कक्षा में बच्चों को ध्यान से अंग्रेजी उच्चारण करते सुना। वो कहती है बच्चों में सीखने का उतावलापन साफ नजर आता है। विद्यालय के भोजनालय की व्यवस्था के बारे में भी जानकारी मिली। अच्छी जानकरी देने के लिए धन्यवाद।

    मीनू:आगे अमीर जी लिखते हैं.....इन दिनों में पूरे संसार की निगाहें पेइचिंग के जन वृद्ध भवन पर है। हम सबको चीनी प्रधानमंत्री श्री ली खछ्यांग जी की सरकारी कार्य रिपोर्ट जानने की प्रतिक्षा थी आज वो दूर हुई। सीआरआई के माध्यम से चीनी प्रधानमंत्री ली खछ्यांग जी की सरकारी रिपोर्ट के बारे में जानकारी मिली। मालूम हुआ कि इस वर्ष आर्थिक और समाजिक विकास का लक्ष्य के बारे में और चीन की घरेलू उत्पादन की वृद्धि दर 7 प्रतिशत के आसपास रहेगी जानने को मिला। शहरों और कस्बों में लगभग एक करोड़ नय रोजगार बढ़ेंगे। साथ ही आयात निर्यात की वृद्धि 6 प्रतिशत होगी और चीनी जनता की आय में भी वृद्धि होगी। प्रमुख प्रदूषित वस्तुओं की निकासी लगातार कम की जाएगी। चीनी प्रधानमंत्री जी के अनुसार आर्थिक वृद्धि दर 7 प्रतिशत का अनुमान लगाया गया है। इस में आवश्यकताओं और संभावनाओं पर सोच विचार कर खुशहाल समाज के निर्माण वाले उदेश्य को जोड़ा गया जो कुल आर्थिक मात्रा और ढ़ांचागत उन्नति के लिए ही नहीं, विकास के नियम और वास्तविक स्थिति के अनुकूल भी है। चीनी प्रधानमंत्री जी की रिपोर्ट चीनी जनता के हितों में है जिससे उनके जन जीवन बेहतर से बेहतर होंगे। रिपोर्ट ऐसे संकेत दे रही है।

    अनिल:अगला खत हमें भेजा है पश्चिम बंगाल से बिधान चंद्र सान्याल जी ने। वे लिखते हैं.....आदरनीय महोदय, सी आर आई हिन्दी सेवा। महोदय , 12वीँ चीनी राष्ट्रीय जनप्रतिनिधि सभा का तीसरे पूर्णाधिबेशन में भाग लेने आए स्थानीय प्रतिनिधियों की बैठक के बारे में बिस्तृत जानकारी पा कर अच्छा लगा। सीआरआई वेबपेज से पता चला कि शांगहाइ के प्रतिनिधि मंडल के सम्मेलन में उपस्थित होकर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केन्द्रीय समिति के महासचिब, राष्ट्राध्यक्ष और सैन्य आयोग का अध्यक्ष शी चिनफिंग ने बल देते हुए कहा कि स्वतंत्र ब्यापार क्षेत्र संबधी रणनीति के कार्यान्वयन को गति देना देश में नए चरण के खुलेपन महत्वपूर्ण बिषय है। सृजन को बिकास बढ़ाने की मज़बूत और प्रेरित शक्ति बनायई जाए। बित्तीय सुधारॉ में नवाचार तो मज़बूत किया जाए, देश के आर्थिक बिकास बढ़ाने और भूमंडलीय बैकिंग संस्थाऑ के बंटवारे की क्षमता को बढ़ाया जाए। आशा है कि शी चिनफिंग ने जो बिषय पर बल

    दिया है उस पथ पर अगले दिनों में चीन का विकास और भी बढ़ेगा।धन्यबाद।

    मीनू:अगला पत्र हम पढ़ते हैं झारखंड से एसबी शर्मा का। उन्होंने लिखा है......

    बड़ी ख़ुशी की बात है, की चीन में 5 मार्च से १२ वें एनपिसी और 3 मार्च से १२ वे सीपीपीसीसी की शुरुवात पेचिंग के बृहत् जन सभागार में हो गई है I हम इस दोनों सभा के सफलता की कामना करते है I इस बार एनपिसी और सीपीपीसीसी के बारे में आप सी आर हिंदी के लगभग सभी प्रोग्रामों में जानकारी दे रहे है I खास तौर पर टी टाइम, आज का लाइफ स्टाइल, आपका पात्र मिला और समाचारो में इस पर विशेष जानकारियां दी जा रही है I सवाल-जवाब के माध्यम से दी गई जानकारी, सटीक और सरल लग रहा है I जैसे एनपीसी क्या है, इसके कौन कौन लोग मेंबर है सीपीपीसीसी क्या है, सीपीपीसीसी की कौन कौन कमेटियां है, सीपीपीसीसी के प्रमुख अधिकार क्या क्या है, सीपीपीसीसी के प्रमुख कर्तव्य क्या क्या है आदिI समाचरों के साथ आपके विशेष प्रसारणों के माध्यम से एनपीसी और सीपीपीसीसी के प्रतिदिन के गतिबिधियो और क्रिया कलापो पर हमें रूबरू करा रहे है इस से चीन के इस एनपीसी और सीपीपीसीसी के कामो के विषय में हमें विस्तार से पता चल रहा है इस उस्न्द्र प्रस्तुति के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद

    अनिलःआगे शर्मा जी लिखते हैं.....(रिकॉर्डिंग की गयी, ठीक न करें)

    हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी 13 फ़रवरी को दुनिया भर में विश्व रेडियो दिवस मनाया गया। वर्ष 2011 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने पहली बार अपने अधिवेशन में 13 फ़रवरी को रेडियो दिवस मानाने की घोषणा की। तब से दुनिया भर में १३ फ़रवरी रेडियो दिवस के रूप में मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र संघ का मानना है की रेडयो बिना भेद भाव के सभी लिंग, क्षेत्र, जाती संप्रदाय और संस्कृति के लोगों को फ्री सूचना उपलब्ध करने का उचित माध्यम है। इससे जेंडर की समानता को भी प्रमोट किया जा सकता है। रेडियो आज भी शहर और गांव, सबके लिए सूचना का सुलभ माध्यम है। इस वर्ष भी दुनिया की कई संस्थाओं और रेडियो प्रसारकों ने विश्व रेडियो दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किये। भारत में पहली बार आउटरीच नामक स्वयं सेवी संस्था ने भुवनेश्वर में १२-१३ फ़रवरी को रेडियो मेला आयोजित किया था। देश विदेश की मीडिया संस्था, रेडियो निर्माता कंपनी और विश्व की महत्वपूर्ण प्रसारण कंपनियों ने भाग लिया I जमशेदपुर से भी एक दो श्रोता इस सम्मलेन में भाग लेने भुवनेश्वर गए थे। सी आर आई दुनिया की बड़ी मीडिया संस्था है आपसे अपेक्षा रहती है की आप इस संबंध में जरूर कुछ कार्यक्रम आयोजित करेंगे, पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। समाज को सशक्त बनाने के लिए रेडियो का आज भी बहुत महत्व है अतः रेडियो को प्रमोट कर समाज को सूचना से शक्तिशाली बनाया जाना चाहिए। ताकि रेडियो और समाज दोनों मजबूत हो, विश्व रेडियो दिवस पर सी आर आई के सभी मित्रो और श्रोताओ को हार्दिक शुभकामनाये

    मीनू:अंतिम पत्र अब हम पढ़ रहे हैं पश्चिम बंगाल से रविशंकर बसु जी का। उन्होंने ई-मेल भेजकर हमें 56वीं वर्षगांठ की शुभकामनाएं दी। चलिए सुनिये, बसु जी ने क्या कहा।

    सादर नमस्कार।15 मार्च को चाइना रेडियो इंटरनेशनल की हिंदी सेवा की 56 वीं वर्षगांठ के शुभ अवसर पर मैं और हमारे न्यू हराइज़न रेडियो लिस्नर्स क्लब के सभी सदस्यों की ओर से हिंदी विभाग के सभी उद्घोषक-उद्घोषिका, कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों को साथ ही सभी श्रोता मित्रों को ढेर सारी शुभकामनाएं और हार्दिक बधाई देता हूं।

    मैं यहां पर यह उल्लेख करना चाहता हूं कि सीआरआई हिंदी सेवा की 56 सालों के इस सफर में मैंने 29 वर्ष सीआरआई से जुड़ा हुआ हूं। हमारा समस्त परिवार सीआरआई से अपने अत्यधिक प्यार की वजह से जुड़ा हुआ है।इस लम्बे समय में हमें बहुत कुछ बदलाव देखने को मिला है लेकिन जो अबतक नहीं बदला वह है श्रोताओं के साथ सीआरआई का प्यार भरा अटूट रिश्ता। और इस प्यार भरे बंधन के नाते मैंने सीआरआई का एक दीवाना बन गया।यह तो मानना ही पढ़ेगा कि सीआरआई हिंदी सेवा अंतर्राष्ट्रीय रेडियो प्रसारण और वेब मीडिया जगत में ताजा खबरें पेश करने में आज सबसे भी आगे है।राजनीति,व्यापार,अर्थतंत्र,संस्कृति,समाज,तकनीक,शिक्षा,स्वास्थ्य और पर्यटन- सीआरआई सभी विषयों पर नई नई जानकारीयां लेकर हर रोज हमारे पास हाजिर होता है।

    अनिल:यह बात तो सही है कि हमें सीआरआई हिंदी विभाग से चीन,भारत और पूरी दुनिया के बारे में ढेर सारी जानकारीयां मिलता ही रहता है। मैं आपकी वेबसाइट नियमित विज़िट करता हूं। मैं तो कहूंगा कि आपकी वेबसाइट तो खबरों का जखीरा है। आज एक ही क्लिक में चीन समेत दुनिया की खबरें हमारी मुट्ठी में आ जाता है।सब से बड़ी सफलता की बात यह है कि सीआरआई-हिंदी विभाग ने चीन और भारत- इन दोनों देशों के बीच मैत्री दूत बनकर कैसे दोनों देश एक दूसरे के करीब आएंगे,इस बारे में आज भी काम कर रहा है और उम्मीद है कि भविष्य में भी करेंगे।

    आपका एक पुराने श्रोता होने के नाते मैं आपके समक्ष एक सुझाव रखना चाहता हूं। 1959 साल से आजतक सीआरआई-हिंदी विभाग में जितने भारतीय उद्घोषकों पत्रकार तथा विशेषज्ञ के रूप में रेडियो सेवा में अपनी आवाज का जादू से हमें मोहित किया है,इन सभी भारतीय उद्घोषकों को लेकर एक विशेष प्रोफाइल पेज हिंदी विभाग की वेबसाइट पर प्रकाश करके उन लोगों को सम्मानित करें क्योंकि मेरे विचार से इन भारतीय उद्घोषकों ने भी अपना सेवा द्वारा चीन-भारत मैत्री की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और आज भी दे रहे है। आपसे अनुरोध है कि मेरा इस प्रस्ताव पर सीआरआई हिंदी विभाग गौर करेंगे।

    मीनू:अब सुनिए हमारे श्रोता R N Singh के साथ हुई बातचीत।

    अनिल:दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल पांडे और मीनू को आज्ञा दीजिए, नमस्कार

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