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    आपका पत्र मिला 2015-02-18
    2015-02-26 09:32:18 cri

    अनिल:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल पांडे का नमस्कार।

    मीनू:सभी श्रोताओं को मीनू का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अनिलः आज के कार्यक्रम में हम श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। इसके बाद एक श्रोता के साथ हुई बातचीत के मुख्य अंश पेश किए जाएंगे।

    अनिल:श्रोताओ, आज चीन के वसंत उत्सव की पूर्वसंध्यान है। हमारे सभी श्रोताओं को नय साल की शुभकामनाएं। श्रोताओं के पत्र पढ़ने का सिलसिला शुरू होने से पहले हम चीन के वसंत उत्सव के बारे में श्रोताओं को कुछ जानकारी देते हैं। चलिए, सुनते हैं....

    मीनू:जैसा कि पश्चिमी देशों के लोगों के लिए क्रिसमस त्यौहार सब से महत्वपूर्ण त्यौहार है, उसी तरह, वसंत का त्यौहार चीनी लोगों का सब से महत्वपूर्ण त्यौहार है। हालांकि समय बदलने के साथ साथ वसंत त्यौहार में शामिल विषयों में भी परिवर्तन होता आया है। वसंत त्यौहार मनाने के तरीकों में भी परिवर्तन आये हैं। लेकिन, चीनी लोगों के जीवन और संस्कृति में वसंत त्यौहार का स्थान अनिर्वार्य है।

    चीन के वसंत त्यौहार का 4000 वर्षों का इतिहास है। पहले वसंत त्यौहार को कोई नाम नहीं दिया गया था और कोई इस के मनाने की निश्चित तिथि भी नहीं थी। ईसापूर्व 2100 से ज्यादा वर्षों से पहले, तत्कालीन लोगों ने मू उपग्रह के एक चक्र पूरा करने को चीनी में "स्वेई" कहा था। ईसापूर्व 1000 से ज्यादा वर्षों से पहले, लोगों ने वसंत त्यौहार को "नियन" कहा। उस वक्त, नियन का अर्थ भरपूर फसल वाला साल ही था।

    चीनी रीति रिवाजों के अनुसार, वसंत त्यौहार चीनी पंचांग के अनुसार, 23 दिसम्बर से शुरु होता है और नये साल के 15 जनवरी के व्येन श्याओ त्यौहार तक चलता है। वसंत त्यौहार लगभग तीन हफ्ते लम्बा है। इस दौरान, चीनी पंचांग के अनुसार, 30 दिसम्बर को नये साल की पूर्व संध्या और पहली जनवरी का दिन सब से धूमधान से मनाये जाते हैं।

    वसंत त्यौहार को मनाने के लिए शहरों से गांवों तक, लोग विभिन्न कार्यवाईयां करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में त्यौहार की तैयारी दिसम्बर माह ही शुरु हो जाती है। किसान लोग घरों में मकानों की सफ़ाई करते है और सारे धोते हैं। लोग बाजारों से मिठाईयां, मांस व फल आदि खरीदते हैं और त्यौहार के दिन मेहमानों को खिलाते हैं। बड़े शहरों में चीन के सांस्कृतिक विभाग , कला मंडल और टी वी स्टेशन बहुत से सांस्कृतिक कार्यक्रमों की तैयारी करते हैं। विभिन्न पार्कों में परम्परागत मेलों का आयोजन किया जाता है। मेलों में चीनी लोग न केवल अनेक मजेदार खेलों में भाग लेते हैं, बल्कि देश के विभिन्न प्रांतों से लायी गयी चीजें भी खरीद सकते हैं। एक अनुमान के अनुसार, वसंत त्यौहार के दौरान, चीनी लोगों का खर्च सारे वर्ष के कुल खर्चों का लगभग एक तिहाई होता है।

    अनिल:चीन के विभिन्न प्रांतों में, वसंत त्यौहार मनाने के भिन्न भिन्न परम्परागत रीति रिवाज हैं।लेकिन, नये साल की पूर्व संध्या पर, चीनी लोगों के लिए एक साथ मिलकर घर में खाना खाना जरुरी है। दक्षिण चीन में उस रात तो फ्यू और मछली खाना जरुरी है। चूंकि तो फ्यू और मछली के लिए चीनी शब्द फू य्वू उच्चारण में लगभग समान हैं। उत्तरी चीन में उस रात च्याओ जी खाना आवश्यक है। च्याओ जी वास्त्व में मांस को आटे में फरकर बनाया जाने वाला एक किस्म का चीनी परम्परागत खाना है। एक साथ मिलकर मेज़ के इर्द गिर्द बैठे हुए च्याओ जी खाना उत्तरी चीनी लोगों के लिए नव वर्ष की पूर्व संध्या की एक जरुरी रस्म है।

    नव वर्ष की पूर्व संध्या पर, लोग नव वर्ष का स्वागत करते हैं। पहले, नव वर्ष के आगमन पर लोग पटाखे जलाते हैं। लेकिन आजकल सुरक्षा और प्रदूषण को ध्यान में रखकर पेइचिंग और चीन के कुछ बड़े शहरों में पटाखे चलाने पर पाबंदी लगा दी गयी है। नव वर्ष के पहले दिन, घर के सभी लोग, छोटे व बड़े, नये कपड़े पहनकर या तो घर में मेहमानों का स्वागत करते हैं या बाहर जाकर परिवारजनों को नव वर्ष की बधाई देते हैं। लोग एक दूसरे को "नया साल मुबारक" या "वसंत त्यौहार की शुभकामनाएं" आदि कहते हैं। घर में लोग मिठाई खाते हैं, चाय पीते हैं और आराम से गपशप करते हैं। पिछले एक वर्ष में यदि मित्रों के बीच विवाद हुआ हो, तो भी वसंत त्यौहार के मौके पर एक दूसरे को नव वर्ष की बधाई देने से उन के बीच सुलह हो जाती है।

    मीनू:वसंत त्यौहार की रंग बिरंगी रस्में होती हैं। चीन के कुछ स्थलों में लोग नाटक या फिल्में देखते हैं, कुछ स्थलों में लोग सिंह नृत्य और परम्परागत यांग ग नृत्य करते हैं और मेलों में जाकर आनंद उठाते हैं । चारों ओर हंसी-खुशी का वातावरण दिखाई देता है। नव वर्ष की पूर्व संध्या पर अधिकांश चीनी लोग घरों में बैठे हुए टी वी पर सांस्कृतिक कार्यक्रम देखते हैं। विभिन्न टी वी स्टेशन अनेक रंगारंग कार्यक्रम तैयार करते हैं।

    द्वार या खिड़कियों पर छ्वन ल्येन नामक चित्र चिपकाना और लालटेन जलाना वसंत त्यौहार को मनाने की चीनी लोगों की आम रस्में हैं। त्यौहार के दौरान, बाजारों में चीनी जनता के सुखमय जीवन , खुशी श्रम को दर्शाती विविधतापूर्ण छ्वन ल्येन चित्रों की बिक्री खूब होती है। वसंत त्यौहार के दौरान, "लालटेन उत्सव" भी एक बहुत महत्वपूर्ण रस्म है। लालटेन चीन की परम्परागत कला है। लालटेनों पर विभिन्न किस्मों के जीव जन्तु, सुहावने दृश्य और वीरों के चित्र आदि बनाये जाते हैं। इतना ही नहीं, लालटेन का अपना अपना भिन्न आकार भी होता है।

    लोगों के जीवन स्तर के उन्नत होने के साथ साथ चीनी लोगों द्वारा वसंत त्यौहार को मनाने के तरीकों में भी परिवर्तन आये हैं। बाहर जाकर पर्यटन करना चीनी लोगों के वसंत त्यौहार मनाने का एक नया फैशन बन गया है।

    अनिल:चलिए अब श्रोताओं के पत्र पढ़ने का सिलसिला शुरू करते हैं। पहला पत्र आया है झारखंड से एसबी शर्मा जी का। उन्होंने लिखा है.....इन दिनों भारत के विदेश मंत्री सुषमा स्वराज चीन के राजकीय यात्रा पर हैI २ जनवरी को वे चीन के राष्ट्राध्यक्ष से मिली इसी साल के मई महीने में भारत के प्रधानमंत्री चीन की यात्रा करने वाले, इस को देखते हुए विदेश मंत्री की चीन यात्रा काफी महत्वपूर्ण है I इस संबंध में विशेष जानकारी के समाचारों में दिया गया २०१५ भारत चीन पर्यटन वर्ष के रूप में मनाया जा रहा जिसका उद्घाटन भी पेचिंग में हुआ जिसमे चीन में भारतीय राजदूत अशोक कुमार कंठ पर्यटन अधिकारी चीन के उप प्रधान मंत्री आदि ने भाग लिया I सोमवार के मैत्रि का आवाज कार्यक्रम में २६ जनवरी को चीन में भारतीय राजदूत द्वारा एक भोज आयोजित किया गया था I चंद्रिमा जी ने इस समारोह के गति बिधियो को भी सुनाया I दोनों कार्यक्रम के इस वर्ष आयोजित होने वाले विशेष गतिविधियों की चर्चा की गई यह बिलकुल सच है दोनों देश को और करीब लाने के लिए ज्यादा से ज्यादा गैर सरकारी यात्राओं को बढ़ाना होगाI ज्यादा से ज्यादा गैर सरकारी आवाजाही दोनों देश के आम जन को नजदीक लाएगा जिससे दोनों देश के लोग एक दूसरे को और बेहतर ढंग से समझेंगे और हमारी नजदीकियां बढ़गे सम्बन्ध प्रगाढ़ होंगे I आज के दिन चीन में भारत का आधिकारिक पर्यटन वेव साईट जो की चीनी भाषा में है लांच किया गया जिससे चीन के भारत जाने वाले पर्यटकों को काफी लाभ होगाI इस वेव साईट से चीनी लोग सभी जानकारिया सुबिधा पूर्वक हासिल कर सकेंगेI यह कदम भी सराहनीय है चीन सरकार हिंदी में चाइना डॉट काम नामक वेव साईट पहले ही चालू कर रखा हैI पिछले दिनों दोनों देश बहुत सारे कदम उठाये है जिससे दोनों देशों के जनता को लाभ मिले भारत और चीन दोनों को एक दूसरे की जरुरत है I दोनों देश बखूबी यह जानते भी है पिछले साल चीनी राष्ट्रपति के भारत दौरे के बाद आपसी संबंधो में काफी जोश और उम्मीद जगा यही स्थिति रहा तो अगला दसक भारत और चीन का होगाI सुंदर प्रस्तुति के लिए मैत्रि के आवाज और समाचार के टीम को धन्यवाद I

    मीनू:आगे शर्मा जी लिखते हैं....वर्ष २०१५ के मार्च महीने में चीन वार्षिक एन पि सी और सी पि पि सी सी मीटिंग का आयोजन होने वाला है I जिसमे चीन के नीतिगत मामलो पर चर्चा की जाती है और नए कानून भी बनाये जाते है I इस सन्दर्भ में चीनी मिडिया दुनिया भर में फैले अपने मिडिया नेटवर्क के माध्यम से दुनिया भर के जनमानस से उनके बिचार को संग्रह करता है और उसे चीन सरकार के पास पहुचाता है I दुनिया भर के लोगो के चीन और चीन के नीतियों के विषय में राय, प्राप्त संदेशो और सुझाओ से आगे की रन नीति बनायीं जा सके चीन अपने देश के नीति निर्धारण में दुनिया को भागिदार बनता है I मेरे समझ से यह दुनिया का पहला देश है जो विश्व के लोगो को इतना महत्व देता है मैंने इस सी आर हिंदी और इंग्लिश के ऑनलाइन प्रश्नावली के माध्यम से अपनी राय भेज दी है सी आर आई को यह मौका देने के लिए धन्यवाद

    अनिल:अब हमारे मॉनिटर ओड़िशा से सुरेश अग्रवाल जी का पत्र पढ़ने का समय है। उन्होंने लिखा है....

    दिनांक 4 फ़रवरी को पूरे चौबीस घण्टे लम्बे इन्तज़ार के बाद प्रतिदिन की तरह जब आज भी शाम साढ़े छह बजे सीआरआई हिन्दी का ताज़ा प्रसारण सुना, तो बाछें खिल उठीं और मैंने अपने तमाम मित्र-परिजनों के साथ मिलकर शॉर्टवेव 9450 किलोहर्ट्ज़ की आवृत्ति पर कार्यक्रम का भरपूर लुत्फ़ उठाया। अब मैं आज के प्रसारण पर हम सभी की मिलीजुली प्रतिक्रिया के साथ आपके समक्ष उपस्थित हूँ। बहरहाल, देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों का ज़ायज़ा लेने बाद हमने अपने प्रिय साप्ताहिक "आपका पत्र मिला" को भी पूरे मनोयोग से सुना। हर बार की तरह कार्यक्रम में आज भी श्रोताओं के कुछ पत्र या ई-मेल पढ़े गये, परन्तु स्थिति स्पष्ट है कि पत्रों की संख्या दिनों-दिन कम होती जा रही है, जो कि किसी भी प्रसारण के लिये चिन्ता का विषय हो सकता है। आशा है कि इस ओर गम्भीरता से ध्यान देंगे, क्यों कि कुछ चुनिन्दा श्रोताओं के सहारे कोई भी प्रसारण आगे नहीं बढ़ सकता। पत्रोत्तर के बाद सुनवाये गये चीनी गीत बहुत कर्णप्रिय लगे और श्रोताओं से बातचीत क्रम में जहानाबाद, कलेर, बिहार के श्रोता श्री मोहम्मद आसिफ़ खान से की गई बातचीत सुन कर पता चला कि सीआरआई के श्रोता कितनी बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं।

    मीनू:आगे सुरेश जी लिखते हैं.....6 फ़रवरी को अन्तर्राष्ट्रीय समाचारों का ज़ायज़ा लेने के बाद हमने अपने हरदिलअज़ीज़ साप्ताहिक "चीन का तिब्बत" के तहत उस स्वायत्त प्रदेश के समीप उत्तर-पश्चिम चीन के छिंगहाई प्रान्त स्थित केरमू शहर के एक आप्रवासी गाँव थान्गो लाशान में सरकारी सहायता से लोगों के जीवन में आयी खुशहाली की चर्चा की गई। जहाँ पहले यहाँ के ग़रीब किसान और चरवाहे ग़ुरबत में घुमन्तु जीवन व्यतीत करते थे, वहीं सरकार अब उन्हें रहने के लिये चालीस हज़ार युआन वाले पक्के मकान तथा जीवन बसर हेतु प्रति परिवार सालाना छह हज़ार युआन का भत्ता प्रदान करती है। सरकारी सहायता से अब इस तीन नदियों वाले संगम स्थल में लोगों के दिन फिर गये हैं, यह जान कर हमें भी ख़ुशी हुई। कार्यक्रम में मंगल का प्रतीक माने जाने वाले मानी पत्थर की जानकारी भी सूचनाप्रद लगी।

    कार्यक्रम के अगले भाग में तिब्बती ज्ञान के बारे में पेश आलेख सुन कर छान्तु प्रिफ़ेक्चर की मांग खांग काउन्टी में की जाने वाली नमक की विशेष खेती पर महती जानकारी हासिल हुई। इसे भी कुदरत का करिश्मा ही कहा जायेगा कि समुद्रतल से इतनी ऊंचाई पर स्थित होने के बावजूद काउन्टी के कुओं से नमकीन पानी निकलता है। हमारे ज्ञानवर्धन के लिये आपका आभार।

    कार्यक्रम "दक्षिण एशिया फ़ोकस" के अन्तर्गत भारतीय विदेशमंत्री सुषमा स्वराज की तीन दिवसीय चीन यात्रा पर पेइचिंग स्थित टाइम्स ऑफ़ इण्डिया के पत्रकार सैबल दास गुप्ता का मूल्यांकन बिलकुल सटीक जान पड़ा। स्वराज का यह कहना भी दुरुस्त जान पड़ा कि अब चीन और भारत दोनों के पास मज़बूत नेता हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी आगामी चीन यात्रा के दौरान चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग के गृहनगर प्रान्त श्यानसी भी जायेंगे, यह कदम दोनों देशों को और करीब लाने में मदद करेगा। कार्यक्रम में अन्तर्राष्ट्रीय आतंकवाद के मुद्दे पर चीन,भारत और रूसी विदेशमंत्रियों की वार्ता में बनी सहमति भी एक त्रिदेशीय बड़ी सफलता कही जायेगी। बीजिंग में आयोजित दूसरे भारत-चीन मीडिया सम्मलेन तथा चीन-भारत के बीच मनाये जाने वाले पर्यटन वर्ष भी सम्बन्धों को सुदृढ़ करने में खुराक का काम करेंगे, इसमें भी दोराय नहीं।

    अनिल:अगला पत्र आया है दिल्ली से अमीर अहमद जी का। उन्होंने लिखा है.....

    नमस्ते प्यारी बहन मीनू जी व अनिल जी,

    आशा है कि सीआरआई के सभी लोग कुशलमंगल के साथ साथ स्वस्थ होंगे। हमारे देश की नेता व विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज जी की चीन यात्रा पर सीआरआई की कवरेज बहुत सान्दार रही, जिसके लिए सीआरआई के समस्त कर्मीयों के धन्यवाद। श्रीमती सुषमा स्वराज जी के साथ चीनी सदर श्री शी चिनफिंग जी की भेंट वार्ताओं पर हमारा ध्यान रहा। चीनी सदर जी ने इस भेंट वार्ताओं में जो कहा कि पिछले वर्ष की भारत यात्रा अभी दिल में ताजा है ये सुनकर हम भारतीयों को बड़ी खुशी हुई है। उन्होंने बिलकुल सही बात कही है कि उस यात्रा से भारत चीन संबंध का विकास एक नये युग में प्रवेश कर चुका है। ये सत्य है और हमें भी भारत व चीन के रिश्तों का संबंध इसका भविष्य उज्जवल नजर आ रहा है और इस का भविष्य रौशन भी लग रहा है, इधर के दिनों में चीन और भारत संबंधों के बीच की खाई भरते दिख रही है और वो समय भी जल्द आ जाएगा जब हमारे बीच कोई मतभेद नहीं होगा। सच दोनों देशों के नेताओं के बीच जिस तरह से तेजी के साथ आपसी राजनीतिक समझ और बहुत से महत्वपूर्ण आम सहमतियों ने भारत चीन संबंधों में गति आई है इससे आकलन यही किया जासकता है कि चीन भारत संबंधों के अच्छे दिन जल्द आने के संकेत है। चीनी सदर जी की बो बातें जिसमें उन्होंने कहा कि दोनों देश नयी शताब्दी में मौके का लाभ उठाते हुए विकास की रणनीति में एक दूसरे के साथ जुड़ना चाहिए। साथ ही मतभेदों की उन्होंने बात ही है कि इमांदारी के साथ मौजूदा मतभेदों का अच्छी तरह से समाधान करना चाहिए। हम उनके सहयोग को सलाम करते हैं हमारे देश की नेता व विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज जी ने चीनी सदर से जो बात कही है कि आम सहमतियों को अब सुचारू रूप से लागू की जा रही है और हमारे देश में चीन पूंजी निवेश और बढ़ाएगा और व्यापार में असंतुलन को कम किया जा सके पर जोर दिया है हमें सुनकर बड़ी खुशी हुई। हमारे देश के प्रधानमंत्री जी की आने वाले दिनों में चीन यात्रा का इनतेजार है आशा है कि उस यात्रा से चीन भारत संबंधों के इतिहास का सबसे सुनहरा मौका होगा जो सदैव के लिए इतिहास में दर्ज हो जाएगा ऐसी आशा है। धन्यवाद।

    मीनू:अमीर भाई, हमें पत्र भेजने और अपनी प्रतिक्रिया हम तक पहुंचाने के लिए आप का बहुत बहुत धन्यवाद। चलिए, आज के कार्यक्रम के अंतिम पत्र आया है उत्तर प्रदेश से Mohammad Sadiq Azmi जी का। उन्होंने लिखा है.....

    नमस्कार, आज दिनांक 6 फरवरी की सभा मे ताज़ा समाचारों के बाद कार्यक्रम चीन का तिब्बत पूरे मनोयोग से क्लब भवन मे साथियों के साथ सुना, जिसे पूर्व की भाँति पेश किया श्याओ थांग जी ने सर्वप्रथम इस कार्यक्रम से सम्बंधित कहना चाहूँगा यह एक ऐसा कार्यक्रम है जो हमें चीनी संस्कृति चीनी समाज और चीन के इतिहास और तिब्बत से सीधे स्तर पर जोड़ता है और आज इसमे उत्तर पश्चिमी के छिंग छांत प्रान्त के कर्मो शहर की सैर करवाई गई और वहां के अप्रवासी जो पूर्व में चरवाहे हुआ करते थे उनके जीवन व्यापन की सुंदर तस्वीर पेश की गई और वर्तमान मे पक्के छत वाले भवन और आधुनिक जीवन शैली को दर्शाती सड़कें रोज़मर्रा के उपयोग मे एलक्ट्रानिक उपकरण यह तमाम वस्तुऐं इसके विकास और प्रगति का जीता जागता प्रणाम है और चीन सरकार के तिब्बत के प्रगति के प्रति गम्भीर होने का प्रतीक भी. वहां के निवासियों के धार्मिक कार्यो में रूचि इस बात का प्रतीत है कि उनकी सोच भी बदली है और रिपोर्ट से ञात हुआ कि स्थानी सरकार भी उनकी मंसा के अनुसार सहायता कर रही है, और 1985 मे आए बर्फीले तूफान से प्रभावित वहां के लोगो की दशा का सही अंदाज़ा भी लगा और उनके पुनर्वास की उन तमाम स्थिति से अवगत होने का अवसर भी मिला सरकार उनकी सुरक्षा के प्रति कितनी गम्भीर है इस बात का अंदाज़ा भी इस बात से लगाया जा सकता है कि हर परिवार को प्रति वर्ष 6000 यन की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, रिपोर्ट के दौरान कुछ धार्मिक आस्था के पहलुओं को ऊजागर किया गया जो हमारे ञान मे बृद्धि का कारण रहा मानी पत्थर पर उनकी आस्था और कलाकृतियों के बनाए जाने की बातें रोचक लगी कुल मिला कर कहूं तो पूरा कार्यक्रम बहुत अच्छा लगा श्याओ थांग जी धन्यवाद स्वीकार करें।

    मीनू:अब सुनिए हमारे श्रोता कृषणा सुरारी सिंह के साथ हुई बातचीत।

    अनिल:दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल पांडे और मीनू को आज्ञा दीजिए, नमस्कार

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