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    आपका पत्र मिला 2015-02-11
    2015-02-17 16:07:29 cri

    अनिल:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल पांडे का नमस्कार।

    मीनू:सभी श्रोताओं को मीनू का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अनिलः आज के कार्यक्रम में हम श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। इसके बाद एक श्रोता के साथ हुई बातचीत के मुख्य अंश पेश किए जाएंगे।

    अनिल:चलिए श्रोताओं के पत्र पढ़ने का सिलसिला शुरू करते हैं। पहला पत्र मेरे हाथ आया है बिहार से राम कुमार नीरज जी का। वे लिखते हैं कि दुनिया की हर छोटी बड़ी खबर के लिए हिंदी सेवा साइट को नियमित देखना हमेशा अच्छा लगता है। हाल ही बराक ओबामा के भारत दौरे को लेकर मीडिया में ओबामा के खूब चर्चे रहे.जब देश की तमाम मीडिया कथित प्रधान सेवक की कदमबोशी कर रही हो और कथित सांस्कृतिक संगठन के चालकगण गणतंत्र दिवस के अवसर पर घर-घर जाकर 'अच्छे दिन' आने का मतलब ओबामा की भारत यात्रा बता रहे हैं और मोदी की अलौकिक स्किल डेवेलपमेंट की चासनी में 'मन की बात' हो रही हो। तब मेरे जैसा नासमझ हमेशा ही ठगा महसूस करता है। एक तरफ तमाम संचार माध्यमों में ओबामा और मोदी को सबसे बड़े हीरो के रूप में दिखाया गया वहीँ दूसरी तरफ सी आर आई ने इन खबरों के मायाजाल में पड़ने के बजाय अपनी तटस्थता बरकरार रखी,जिसके लिए तहे दिल आप सब को बधाई देता हूँ। फैशन आईकन बने मोदी के संबंध में आपकी संक्षिप्त रिपोर्ट के माध्यम से मोदी ओबामा कूटनीति प्रयासों की एक संक्षिप्त झलक मिलती है। लेकिन यदि पूरे घटनाक्रम को ध्यान से देखें तो वास्तविकता कुछ और ही नजर आती है।

    एक बार फिर हम आपकी तमाम रिपोर्टों की हार्दिक सराहना करते हैं.उम्मीद है सी आर आई अपनी इस तटस्थता को यूँ ही बनाये रखेगा.

    मीनू:अगला पत्र पढ़ा जा रहा है पश्चिम बंगाल से बिधान चंद्र सान्याल जी का। वे लिखते हैं.... मैं चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के बारे में जानने के लिए बहुत उत्सुक हूं। इसलिए चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का हर समाचार मुझे आकर्षित करता है। हाल में सी आर आई हिन्दी वेब पेज पर " पिछले साल चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यों का सारांश" शीर्षक रिपोर्ट मेरी नजर मेँ आयी और मैने इसे ध्यान से पढ़ा। रिपोर्ट से पता चला की चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 18वीँ कांग्रेस के तीसरे पूर्णाधिवेशन में सुधार कार्य गहराई से चलाने की योजना बनाई गई थी। यह बहुत महत्वपूर्ण बात है । सुधार कार्य बढ़ाने का लक्ष्य चीनी विशेषतावाली समाजवादी व्यवस्था का विकास और सुधार करने के साथ साथ राज्य शासन व्यवस्था और क्षमता के आधुनिकीकरण की दिशा मेँ आगे बढ़ाना है। इसे साकार करने के लिए अर्थव्यवस्था, राजनीति, संस्कृति, समाज पारिस्थिति की सभ्यता और पार्टी निर्माण जैसे क्षेत्रों में सुधार के 336 कदम उठाए गए हैं। आशा है ये सफलता से पूरे होंगे, ताकि चीन के सपने में जीवनशक्ति का संचार किया जा सके। साथ ही हमें उम्मीद है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी कामयाबी हासिल करेगी।

    अनिल:अगला पत्र आया है पश्चिम बंगाल से ही रविशंकर बसु जी का। उन्होंने लिखा है...प्रिय महोदय, सादर नमस्कार। आपकी वेबसाइट पर 30 जनवरी को प्रकाशित चंद्रिमाजी द्वारा सम्पादित "चीन में हाई स्पीड रेल की कुल लंबाई 16 हजार किलोमीटर पहुंची" शीर्षक रिपोर्ट पढ़कर खुशी हुई। रिपोर्ट के अनुसार चीन में हाई स्पीड रेल की कुल लंबाई 16 हजार किलोमीटर तक पहुंच चुकी है। जो विश्व में पहले स्थान पर है। रिपोर्ट और फोटो के लिए भी बहुत बहुत धन्यवाद।

    मीनू:आगे बढ़ते हैं पश्चिम बंगाल प्रदेश से ही देवाशीष गोप का पत्र है। उन्होंने लिखा है.....नि हाउ। चीन का तिब्बत प्रोग्राम सुना। जिसमें तिब्बत चिकित्सा के बारे में बताया गया, जो कि संस्कति से जुड़ी हुई है। उसकी जनकारी और विस्तृत रूप से अंतरराष्ट्रीय मुददे पर बातचीत बहुत अच्छी लगी। दक्षिण-एशिया फोकस में ओबामा की भारत यात्रा पर बिजेन्द्र सिंह के विचार बहुत उचित लगे। धन्यवाद।

    अनिल:देवाशीष गोप जी हमें पत्र भेजने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया। चलिए, दोस्तो, अब समय हो गया है, आज के प्रोग्राम के अंतिम पत्र को शामिल करने का। जो कि आया है केसिंगा (ओड़िशा) से सुरेश अग्रवाल जी का। वे इतनी मेहनत से हमें रोजाना पत्र भेजते रहते हैं। इसके लिए सुरेश जी का बहुत बहुत धन्यवाद। अब सुनिये, उन्होंने क्या लिखा है।

    रोज़ाना की तरह मैंने आज भी सीआरआई हिन्दी का ताज़ा प्रसारण अपने तमाम मित्र-परिजनों के साथ मिलकर अपने निवास पर शाम साढ़े छह बजे शॉर्टवेव 9450 किलोहर्ट्ज़ की आवृत्ति पर सुना और अब मैं उस पर हम सभी की त्वरित टिप्पणी के साथ आपके समक्ष पेश होने साइबर कैफ़े पहुँच गया हूँ। संचार और बिजली ने साथ दिया तो ज़ल्द ही हमारी बात आप तक पहुँच जायेगी। बहरहाल, ताज़ा अन्तर्राष्ट्रीय समाचारों का ज़ायज़ा लेने के बाद हमने अपना सबसे पसन्दीदा साप्ताहिक कार्यक्रम "आपका पत्र मिला" सुना। विगत कुछ अंक सुनने बाद ऐसा लगता है कि पत्रोत्तर या तो अपने मूल उदेश्य प्रसारणों पर केवल श्रोताओं की राय,सुझाव अथवा विचार पढ़ने, से भटक रहा है या फिर उसका दायरा इतना व्यापक किया जा रहा है कि उसमें कुछ भी समाहित किया जा सकता है। मैं ऐसा इसलिए लिख रहा हूँ कि "आपका पत्र मिला" के पिछले कुछ अंको में कार्यक्रमों पर प्रतिक्रिया के बजाय, कार्यक्रमों के लेख पढ़े जा रहे हैं, जिससे पत्र अपेक्षतया कम संख्या में शामिल हो पाते हैं। ऐसा आभास होता है कि कुछ श्रोता रेडियो पर प्रसारण सुनने के बजाय इण्टरनेट के ज़रिये सीआरआई की वेबसाइट पर लगे कार्यक्रमों के आलेख कॉपी-पेस्ट कर अपने नाम के साथ भेज देते हैं। वेबसाइट पर लेख पढ़ना अच्छी बात है, परन्तु लेख पर अपनी प्रतिक्रिया के बजाय उसे ही हूबहू अपनी राय के रूप में भेजना अथवा आप द्वारा उसे कार्यक्रम में स्थान दिया जाना व्यावहारिक जान नहीं पड़ता। ऐसी प्रवृत्ति उन श्रोताओं को प्रभावित करेगी, जो कि प्रतिदिन मेहनत से रेडियो पर प्रसारण सुनते और फिर उन पर अपनी त्वरित प्रतिक्रिया से आपको अवगत कराते हैं। यदि ऐसा करने में आपको कोई आपत्ति नहीं है, तो हम जैसे श्रोताओं का काम आसान हो जायेगा और आप यक़ीन मानिये कि हम भी किसी से पीछे नहीं रहेंगे। बहरहाल, हमने जो महसूस किया, वह बिना लागलपेट के आपके सामने रख दिया। आशा है कि हमारी बात को अन्यथा नहीं लेंगे।

    श्रोताओं से बातचीत क्रम में आज मुज़फ़्फ़रपुर, बिहार के श्रोता भाई जसीम अहमद से की गई बातचीत सुन लगा कि देश की समस्याओं पर उनकी गहरी पैठ है और खेल एवं राजनीतिक क्षेत्र में भी उनकी काफी सक्रियता है। भारत में खेलों की स्थिति और भ्रष्टाचार विषय पर व्यक्त उनके विचार सत्य के काफी करीब लगे।

    मीनू:आगे लिखते हैं....दिनांक 30 जनवरी को बहरहाल, ताज़ा अन्तराष्ट्रीय समाचारों में देश-दुनिया के हालात का ज़ायज़ा लेने के बाद हमने साप्ताहिक "चीन का तिब्बत" के तहत दक्षिण-पश्चिम चीन के सछवान प्रान्त के आपा प्रिफ़ेक्चर स्थित आपा काउन्टी में पारिस्थितिक कृषि के विकास में हुई प्रगति के बारे में जाना। पहले यहाँ किसान केवल जौ उगाते थे, परन्तु 2013 से लागू नई कृषि योजना बाद यहाँ मशरूम सहित तमाम सब्जियों की खेती पारिस्थितिक कृषि उन्नत तकनीक के आधार पर की जाती है, जिससे लोगों के जीवन में काफी समृध्दि आयी है। इस परिप्रेक्ष्य में वहां के कृषि ब्यूरो अधिकारी फान वान हुए से महती जानकारी हासिल हुई।

    कार्यक्रम के अगले भाग में छिंगहाई-तिब्बत पठार में तिब्बती चिकित्सा पध्दति एवं औषधि विकास पर भी अहम जानकारी हासिल करने का मौक़ा मिला। तिब्बती चिकित्सा पध्दति की सबसे बड़ी विशेषता यह लगी कि उसमें सीसे, ताम्बे और पारे सहित तमाम खनिज पदार्थों से औषधि बनायी जाती है। इस सन्दर्भ में लीवर और पित्त विभाग के विशेषज्ञ डॉक्टर लंग ख चा द्वारा प्रदत्त जानकारी काफी महत्वपूर्ण लगी। कार्यक्रम में छिंगहाई चिकित्सा अस्पताल और औषधीय स्नान पर दी गई जानकारी अत्यन्त सूचनाप्रद लगी। यह जान कर भी अच्छा लगा कि तिब्बती चिकित्सा पध्दति का पश्चिमी चिकित्सा प्रणाली से कोई टकराहट नहीं, अपितु उसकी अच्छाइयों को सहर्ष ग्रहण किया जाता है। धन्यवाद इतनी गूढ़ जानकारी प्रदान करने के लिये।

    कार्यक्रम "दक्षिण एशिया फ़ोकस" के अन्तर्गत अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा के दौरान वरिष्ठ पत्रकार बिजेन्दरजी के बीच हुई बातचीत काफी सारगर्भित लगी। हमें यह बात सचमुच सोचने पर विवश करती है कि जहाँ पश्चिमी देश सन 2020 तक स्वयं को परमाणु ऊर्जा से मुक्त करना चाहते हैं, वही भारत बड़े पैमाने पर इसे अपनाने में लगा है। भय है कि भारत का यह कदम कहीं देश लिये आत्मघाती सिध्द न हो ! अमेरिका स्थित न्यूक्लियर लॉबी तो चाहेगी ही कि भारत पर दबाव बढ़ाया जाये। अमेरिकी राष्ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच सम्पन्न द्विपक्षीय संधि पर बनी सहमति पर माननीय वेइतुंगजी की समीक्षा भी प्रशंसनीय लगी।

    अनिल:आगे लिखते हैं.....दिनांक 31 जनवरी को ताज़ा समाचारों के बाद पेश सभी का पसन्दीदा कार्यक्रम "आपकी फ़रमाइश आपकी पसन्द" हर बार की तरह आज भी काफी लज़ीज़ रहा। फ़िल्म "लगान","स्वदेश","फ़रेब","संघर्ष","सीता और गीता" तथा "दीवाने" के दिलकश नग़मों के साथ दी गई जानकारी भी अत्यन्त महत्वपूर्ण लगी। एन्टीबायोटिक्स लेते हुये शराब पीने के अच्छे-बुरे प्रभावों पर दी गई जानकारी यद्यपि, एक गम्भीर विषय होने के कारण पूरी तरह समझना ज़रा मुश्किल जान पड़ा, परन्तु जानकारी रोचक थी। एन्टीबायोटिक्स के साथ शराब मिलकर सेहत या उपचार पर कोई प्रतिकूल प्रभाव डालती हो या नहीं, शराब का इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिये हरगिज़ उचित नहीं है। कार्यक्रम में इस विषय पर जिनेटो यूरिनरी क्लीनिक, लन्दन के शोध के निष्कर्ष तथा एक ख़ास किस्म के एन्टीबायोटिक मैट्रोनिडाज़ोल की चर्चा भी काफी सूचनाप्रद लगी। वैसे आपने बिलकुल सही फ़रमाया कि किसी भी भ्रान्ति को दूर करना दोधारी तलवार जैसा है और शराब पीकर निढ़ाल होना किसी भी तरह उचित नहीं कहा जा सकता।

    मीनू:आगे लिखते हैं......दिनांक 2 फ़रवरी को हमने आपके साथ साप्ताहिक "चीन का भ्रमण" के तहत दक्षिण-पश्चिम चीन के सछवान प्रान्त की राजधानी शहर छन्तु तथा उससे महज़ 93 किलोमीटर दूर स्थित प्राचीन क़स्बे फिनलो की सैर का खूब मज़ा लिया। पवित्र पाइचु नदी के तट पर बसे ईसा पूर्व 150 में स्थापित उक्त कस्बे के जलीय मार्गों की जानकारी वेनिस की याद दिला गई। यह जान कर आश्चर्य हुआ कि फिनलो में 1500 सौ साल पुराना एक ऐसा वृक्ष है, जिसे लोग अपनी जन्मजात संतान की सौतेले बेटी-बेटे की संज्ञा देते हैं।

    कार्यक्रम में मध्य चीन स्थित श्यानसी के एक प्राचीन क़स्बे लूचे की सैर भी बहुत अच्छी लगी। यह जान कर हैरत हुई कि खुदाई के दौरान पता चला है कि यहाँ 5500 साल पहले भी लोग रहते थे। मात्र एक किलोमीटर वर्गक्षेत्र में बसे लूचे क़स्बे के पाउसिन मन्दिर परिसर में सात अति प्राचीन और तीन दुर्लभ पेड़ मौज़ूद हैं और थांग एवं मिंग राजवंशकाल के शिलालेख भी यहाँ सुरक्षित रखे हैं। सचमुच,गर्व होता है चीन की इतनी पुरानी मानव सभ्यता का दर्शन पाकर। अच्छी सैर के लिये हार्दिक आभार।

    कार्यक्रम "मैत्री की आवाज़" के अन्तर्गत गत 26 जनवरी को भारत के छियासठवें गणतन्त्र दिवस के उपलक्ष्य में पेइचिंग स्थित भारतीय दूतावास में आयोजित सत्कार समारोह में कोई छह सौ मेहमानों की उपस्थिति के बीच राजदूत अशोक कण्ठ द्वारा अपने विशेष सम्बोधन में भारत-चीन रिश्तों का उच्च मूल्यांकन पेश किया जाना प्रशंसनीय लगा। कार्यक्रम में सन 2015 में चीन में भारतीय पर्यटन वर्ष तथा सन 2016 में भारत में मनाये जाने वाले चीन पर्यटन वर्ष के परिप्रेक्ष्य में चंद्रिमाजी द्वारा जिन भारतीय महिला से बातचीत सुनवाई गई, उनका नाम नहीं बतलाया गया। बातचीत अच्छी थी, धन्यवाद।

    मीनू:अब सुनिए हमारे श्रोता ravishankar tivari के साथ हुई बातचीत।

    अनिल:दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल पांडे और मीनू को आज्ञा दीजिए, नमस्कार

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