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    आपका पत्र मिला 2015-01-21
    2015-01-26 09:34:27 cri

    अनिल:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल पांडे का नमस्कार।

    मीनू:सभी श्रोताओं को मीनू का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अनिलः आज के कार्यक्रम में हम श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। इसके बाद एक श्रोता के साथ हुई बातचीत के मुख्य अंश पेश किए जाएंगे।

    चलिए श्रोताओं के पत्र पढ़ने का सिलसिला शुरू करते हैं। पहला खत हमें भेजा है, झारखंड से एसबी शर्मा जी ने। उन्होंने लिखा है...

    चीन के चच्यांग प्रांत के हांगचो शहर के पश्चिम भाग में स्थित पश्चिमी झील के बारे में सोमवार 12 जनवरी को चीन के झलक कार्यक्रम में विस्तार से बताया गया I इस झील को पुराने जमाने में वू लिन श्वेई जल-निधि, छ्यान थांग हू तालाब और शी ज़ हू तालाब आदि नाम से जाना जाता था I पश्चमी झील को धरती का स्वर्ग भी कहा जाता हैं। पश्चिमी झील 24 जून 2011 को विश्व विरासतों की सूची में शामिल की गयी है I पश्चिमी झील कुशान पर्वत, बेई तटबंध, सू तटबंध एवं यांग कुंग तटबंध से विभाजित होती है। पश्चिमी झील चीन का अनुपम ऐतिहासिक व सांस्कृतिक दर्शनीय व पर्यटन स्थल है, जहां झील व पर्वत के मनोहर सुन्दर दृश्य, घने हरे वन व एकांत गहरी वादी का सौंदर्य है, साथ ही प्रचुर ऐतिहासिक अवशेष देखने और मनमोहक मिथक व दंतकथाएं सुनने को मिलती हैं। इसमें प्रकृति, मानवीय संस्कृति, इतिहास व कला सौंदर्य का अद्भुत संगम हुआ है। पश्चिमी झील के चारों ओर प्राचीन अवशेष बिखरे हुए हैं। वहां 60 से ज़्यादा राष्ट्र, प्रांत व शहर स्तरीय अहम सांस्कृतिक अवशेष संरक्षित इकाइयां और 20 से अधिक संग्रहालय(स्मृति हॉल) स्थित हैं।

    आपके द्वारा प्रस्तुत लेख में कई जानकारियां दी गई, इसमें बताया गया कि "विश्व में 36 पश्चिमी झील हैं, उनमें से सर्वश्रेष्ठ हांगचो की पश्चिमी झील है। अक्सर लोग हांगचो की पश्चिमी झील की स्विट्रजरर्लैंड के जिनेवा की लेमन झील के साथ तुलना करते हैं और इन्हें दुनिया के पूरब व पश्चिम के दो चमकदार पर्ल मानते हैं। 13वीं शताब्दी में इटालवी यात्री मार्को पोलो ने हांगचो को "दुनिया में सबसे सुन्दर व वैभव शहर" कहकर सम्मानित किया था। पश्चिमी झील के कारण पर्यटन क्षेत्र में हांगचो को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त हुआ है। पश्चिमी झील के दस दर्शनीय स्थल" सबसे प्रसिद्ध हैं इन स्थलों की अपनी अपनी विशेषता है I धरती का स्वर्ग पश्चमी झील और उसके दर्शनीय स्थलों तथा पर्यटन केन्द्रों के विषय में विस्तार से जानकारी देने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद I

    मीनू:अगला पत्र आया है केसिंगा ओड़िशा से हमारे मॉनीटर सुरेश अग्रवाल जी का। उन्होंने लिखा है.... आदरणीय अनिलजी एवं मीनूजी, नमस्कार।

    सीआरआई हिन्दी का ताज़ा प्रसारण नियमानुसार प्रतिदिन की तरह आज भी शाम साढ़े छह बजे हम सभी मित्र-परिजनों ने एकसाथ मिलकर कार्यक्रम का पूरा लुत्फ़ उठाने के बाद अब मैं उस पर हम सभी की त्वरित टिप्पणी के साथ आपके समक्ष उपस्थित हूँ।अन्तर्राष्ट्रीय समाचारों का ज़ायज़ा लेने के बाद हमने अपने हरदिलअज़ीज़ साप्ताहिक "आपका पत्र मिला" के तहत तमाम श्रोता-मित्रों द्वारा प्रेषित उनकी बेशक़ीमती राय सुनी। नव-वर्ष का प्रवेशांक होने के कारण पत्रों में अधिक आशावाद की झलक दिखलायी पड़ी, जो कि एक अच्छी बात है। परन्तु आपने नव-वर्ष पर अपने पत्ते नहीं खोले, विशेषकर, प्रतियोगिता वाले प्रश्न पर आप चुप्पी साध गये। श्रोताओं से बातचीत क्रम में गोरखपुर, उत्तरप्रदेश के वरिष्ठ श्रोता भाई बद्रीप्रसाद वर्मा अनजान से ली गई भेंटवार्ता सुन उत्तरप्रदेश में अपराध के बढ़ते ग्राफ़ के बारे जान कर चिन्ता हुई। स्कूलों में नैतिक शिक्षा का अभाव और अभिभावकों द्वारा अपने बच्चों की गतिविधियों पर समुचित ध्यान न दिये जाने के कारण उपस्थित विकट सामाजिक स्थिति की चर्चा काफी समीचीन लगी। परस्पर दोषारोपण के बजाय हम सभी को समानरूप से अपनी सामाजिक ज़िम्मेदारियों का निर्वहन करना चाहिये, इसमें दोराय नहीं। अभी तो नये साल की शुरुआत है, सम्भव है कि आने वाले सप्ताहों में सीआरआई द्वारा श्रोताओं के लिये कुछ अच्छी घोषणायें की जायें। इन्हीं आशाओं के साथ।

    अनिल:वहीं पश्चिम बंगाल से रविशंकर बसु ने हमें ई-मेल के जरिए एक लेख भेजा है, आप भी सुनिए, बसु जी क्या लिखते हैं।

    साल 2014बीत चुका है और 2015 में हम प्रवेश कर चुके है। सबसे पहले अंग्रेजी नववर्ष के शुअवसर पर मैं और हमारे न्यू हराइज़न रेडियो लिस्नर्स क्लब के सभी सदस्यों की ओर से सीआरआई हिन्दी परिवार के समस्त कर्मचारियों को साथ ही सभी श्रोता मित्रों को हार्दिक बधाई देता हूं!

    मैं पिछले 29 साल से चाइना रेडियो इंटरनेशनल की हिन्दी विभाग से जुड़ा हुआ हूं और मैंने सीआरआई के हिन्दी कार्यक्रमों में तमाम उतार चढ़ाव देखे हैं। पिछले साल सीआरआई ने अपने हिन्दी कार्यक्रमों के माध्यम से अपने श्रोताओं को बांधे रखा,आकर्षित करके रखा - विशेष रूप से यह सीआरआई की बहुत बड़ी सफलता है। लेकिन साथ ही साथ मैं नए वर्ष 2015 में सी आर आई से अपेक्षा भी रखूंगा,यह अपेक्षा सुझाव के रूप में है।

    1 )हम श्रोता विशेष रूप से सी आर आई हिन्दी कार्यक्रम सुनते हैं चीन की ताज़ा-तरीन खबरें, राजनीति,आर्थिक विकास, सामाजिक परिस्थिति, इतिहास,संस्कृति इत्यादि जानने के लिए। भारत में रहकर सीआरआई हिन्दी सर्विस से हिंदी गाने सुनने के लिए हम लोग रेडियो नहीं सुनते हैं। रविवार को 'सण्डे की मस्ती' कार्यक्रम जैसा है वैसा ही रहने दीजिये l लेकिन शनिवार को "आप की पंसद" कार्यक्रम प्रसारण करने का क्या अर्थ है? जहां भारत में एफ़ एम् रेडियो पर 24 घंटे या दूसरे रेडियो पर हमेशा हिन्दी गाना होते हैं।

    बहुत से श्रोता चीन के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं। उनके मन में जिज्ञासा रहती हैl अतः सवाल जवाब का एक कार्यक्रम आरंभ किया जाये,जिसमें चीन के बारे में श्रोता सवाल पूछ सकें। इसलिए मेरा यह सुझाव है कि शनिवार की "आप की पंसद" कार्यक्रम की जगह सवाल जवाब आरंभ किया जाये,जिसमें चीन के बारे में श्रोता सवाल पूछ सकें। मैं मानता हूं कि इससे श्रोताओं का मनोबल और पत्रों की संख्या भी बढ़ेगी ।

    मीनू:2) आप लोगों से मेरा सुझाव है कि बृहस्पतिवार को प्रसारित "आज का लाइफस्टाइल" प्रोग्राम का नाम परिवर्तित करके चीन की जीवन शैली किया जायेl इस प्रोग्राम में हेल्थकेयर/हेल्थ-टिप्स,कॅरियर कॉर्नर,हिन्दी फ़िल्म का प्रोमो...आदि जिन विषयों की चर्चा करते है, वे दरअसल एफ़ एम् चैनल में प्रसारित जैसे लगते हैं । या फिर इन टॉपिक्स/विषयों को "टी टाइम" प्रोग्राम में प्रसारित किया जाना चाहिए। चीन की जीवन शैली अथवा "आज का लाइफस्टाइल" प्रोग्राम में साधारण चीनी लोगों की जीवन शैली की चर्चा शामिल करें। अगर चाइना रेडियो इंटरनेशनल चीन का प्रतिबिंब है तो "आज का लाइफस्टाइल" प्रोग्राम में चीन के अन्दर की झलक हमें मिलना चाहिएl लेकिन इसमें कोई दो मत नहीं है कि यह कार्यक्रम ज्ञान का भंडार बन चुका है,चीन का खज़ाना नहीं।

    3) सी आर आई से चीनी गीत संगीत का एक स्पेशल कार्यक्रम आरंभ किया जाये जैसा कि पहले इस तरह का कार्यक्रम प्रसारित किया जाता था। लेकिन अब बंद कर दिया गया है। कभी कभी "आपका पत्र मिला" प्रोग्राम में चीनी संगीत सुनने को मिलता था ;वह भी 2013 साल के पहले । इससे सभी सहमत होंगे कि संगीत की कोई भाषा नहीं होती है और गीत संगीत की कोई सीमा नहीं होती है। मेरा सुझाव है कि चीनी गीत संगीत के बारे में एक स्पेशल कार्यक्रम शुरू किया जाए।

    अनिल:4) मेरा यह सुझाव है कि आप लोग रेडियो कार्यक्रमों को यदि MP3 Audio File Format में आपलोड करते हैं तो हम उसे Download करके मोबाइल से हमारे क्लब एवं गाँव के बाकि श्रोताओं को सुना सकते हैं। सीआरआई के ज्यादातर श्रोता गाँव में रहते हैं,उनके पास सीआरआई सुनने का एकमात्र साधन है - शोर्टवेब रेडियो। इसलिए मेरा यह विशेष अनुरोध है कि Reception Quality में सुधार लायें।

    5) जहां तक सी आर आई वेबसाइट की बात है,तो यह वेबसाइट बहुत ही आकर्षक,रोचक और ज्ञानवर्धक है। मैं तो कहूँगा कि एक प्रकार से यह ज्ञान का खज़ाना है ,जो कभी भी समाप्त नहीं होगा। इसका उपयोग चाहे जितना भी करें या जितना भी विजिट करे। लेकिन यहां पर मैं सुझाव देना चाहूंगा कि आपको नियमित रूप से इसे अपडेट करना चाहिए। खासकर के साप्ताहिक कार्यक्रम को ;कभी कभी एक-दो-तीन सप्ताह तक भी अपडेट नहीं होते हैं। रेडियो से जो भी कार्यक्रम प्रसारित किया जायें,उन्हें तुरंत वेबसाइट पर डाल देना चाहिएl जिस प्रकार से आप समाचार को नियमित रूप से अपडेट करते है,उसी तरीके से साप्ताहिक कार्यक्रम को भी अपडेट करते रहे। इस से वेबसाइट और आकर्षक हो जायेगा।

    इस तरह नये वर्ष में छोटे-छोटे सुझावों पर सी आर आई हिन्दी विभाग गौर करेंगे। यह मैं आशा करता हूं।

    मीनू:बसु भाई, हमें पत्र भेजने और अपनी प्रतिक्रिया हम तक पहुंचाने पर आपका बहुत बहुत शुक्रिया। हम आपके सुझावों पर जरूर विचार करेंगे। चलिए, अगला पत्र आया है बिहार से हेमंत कुमार जी का। वे लिखते हैं....

    आपके द्वारा प्रसारित सभी कार्यक्रम तथा प्रसारण गुणवत्ता उच्च स्तर के होते हैं। कार्यक्रम सुनकर नियमित समीक्षात्मक पत्र लिखने का प्रयास करता हूं। आपकी वेबसाइट एवं फेसबुक पेज भी अच्छे लगते हैँ। 07 जनवरी को शाम की सभा मेँ देश-विदेश के ताजा समाचार सुनने के बाद अनिल पाण्डेय द्वारा प्रस्तुत 'आपका पत्र मिला' मेँ विभिन्न श्रोताओँ द्वारा भेजे गए शुभकामना संदेश तथा CRI की विश्वसनीयता पर की गई समीक्षा यह दर्शाता है कि CRI ने अपने श्रोताओँ के दिल पर राज करने मेँ सफलता प्राप्त की है। उम्मीद है कि 2015 मेँ CRI के श्रोताओँ की संख्या मेँ अनगिनत वृद्धि होगी। साथ ही UP के पुराने श्रोता बद्री प्रसाद बर्मा के साथ लिया गया साक्षात्कार पसंद आया। बेहतर प्रस्तुति के लिए CRI परिवार को समस्त शुभकामनाओँ के साथ हार्दिक धन्यवाद!

    अनिल:हेमंत जी, आप का बहुत बहुत धन्यवाद। अगला खत आया है बिहार से राम कुमार नीरज जी का। उन्होंने लिखा है...

    आदरणीय प्रसारक महोदय,

    ताजा तरीन समाचारों में 2014 में चीन की CPI में 2 % की वृद्धि पर रिपोर्ट पढ़ा.चीन के वर्त्तमान आर्थिक परिदृश्य को आलोकित करती इस रिपोर्ट के माध्यम से यह जानना सचमुच बेहद रुचिकर लगा कि वर्ष 2014 में चीन में लोगों की उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) में वर्ष 2013 की तुलना में 2 प्रतिशत की वृद्धि हुई। जो वर्ष 2014 में 3.5 प्रतिशत की मुद्रास्फीति दर की सीमा के भीतर में रही।

    वैसे इस रिपोर्ट के सम्बन्ध में यह जानना भी बेहद रुचिकर है कि पी पी पी आधार पर चीनी अर्थव्यवस्था के इस वर्ष विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने की संभावना है। विश्व में सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था संयुक्त राज्य अमरीका है.मुद्राओं की विनिमय दर तथा क्रय शक्ति समता (Purchasing Power Parity) दोनों ही अधरों पर उसका सकल घरेलु उत्पाद विश्व में सर्वाधिक है। पीपीपी के आधार पर शीघ्र ही पहला स्थान अब चीन को प्राप्त होगा। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की सितम्बर 2014 की वर्ल्ड इकोनोमिक आउटलुक रिपोर्ट के अनुसार चालू वर्ष 2014 के अंत तक पीपीपी (Purchasing Power Parity) के आधार पर चीन की अर्थव्यवस्था विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी.इस मामले में अमरीका को वह दूसरे स्थान पर छोड़ देगी.पीपीपी के आधार पर विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था भारत है,जबकि जापान का इस मामले में चौथा स्थान है.आईएमएफ की इस रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि पीपीपी आधार पर वर्ष 2014 में चीन का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 17.632 ट्रिलियन डॉलर रहने की संभावना है। जो वैश्विक जीडीपी का 16.48 प्रतिशत होगा,जबकि अमरीकी जीडीपी 17.416 ट्रिलियन डॉलर (वैश्विक जीडीपी का 16.28 प्रतिशत) होगा।

    मीनू:आगे लिखते हैं....उल्लेखनीय है कि विभिन्न राष्ट्रों की जीडीपी व प्रति व्यक्ति आय की तुलना के लिए उस देश के राष्ट्रीय आय सम्बन्धी आंकड़ों,जो कि उसकी अपनी मुद्रा में निरुपित होते हैं,को पहले डॉलर मूल्य में परिवर्तित किया जाता है.यह रूपांतरण डॉलर के साथ सम्बंधित मुद्रा की विनिमय दर का आधार पर या फिर उस देश की मुद्रा की क्रयशक्ति के आधार पर किया जा सकता है.दोनों ही पैमानों से जीडीपी का मूल्य अलग अलग आता है. उम्मीद है मनोरंजक और पेररणास्पद रिपोर्टों का सिलसिला यूँ ही जारी रखेंगे.

    सी आर आई हिंदी सेवा की साइट का संपादन अपने उच्च मापदंडों के साथ चल रहा है और यही एक वजह है कि हम जैसे पाठकों के लिए एक वरदान के रूप में है.दुनिया के ताजा तरीन समाचारों को करीब से जानने का एक मात्र माध्यम है.समाचारों के ताजा संकलन में चीन सरकार मलेशिया और श्रीलंका को 2-2 करोड चीनी युआन की सहायता देगी पर विस्तृत रिपोर्ट पढ़ा और एक विस्तृत समीक्षा से अपने आप को रोक नहीं पाया.सी आर आई के प्रस्तुत इस रिपोर्ट के माध्यम से चीनी सरकार का श्रीलंका और मलेशिया के प्रति एक उदार रुख का पता चलता है। हाल ही में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने श्रीलंका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना को बधाई दी है. चिनफिंग ने अपने बधाई संदेश में कहा है कि चीन श्रीलंका को विश्वसनीय दोस्त एवं साझेदार मानता है और वे संबंधों को नए स्तर पर पहुंचाने के लिए सिरिसेना के साथ काम करने को उत्सुक हैं।

    अनिल:आगे लिखते हैं...रिपोर्ट के यदि और गहराई में जाएं तो यह जानना भी बेहद दिलचस्प है कि एशियाई देशों में आधारिक सरंचनाओं के विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत सहित 21 एशियाई देशों के सहयोग से एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (AIIB) की स्थापना चीन द्वारा की जा रही है। इस बैंक की स्थापना से न केवल एशिया में आर्थिक विकास को गति मिलेगी , बल्कि विकास ऋणों के लिए पश्चिम के प्रभाव वाली विश्व बैंक और आईएमएफ़ जैसी संस्थाओं पर भी निर्भरता कम होगी। भारत ने इस बैंक के लिए सहमति पत्र पर अक्टूबर 2014 में हस्ताक्षर किये हैं.एशियाई विकास बैंक (ADB ) के पूर्व उपाध्यक्ष और चीन के उप वित्त मंत्री जिन लिक्युन को ए आई आई बी का महासचिव नियुक्त किया गया है.इस बैंक का मुख्यालय बीजिंग में होगा.प्रारम्भ में 50 अरब अमरीकी डॉलर की शुरुआत पूंजी से यह शुरू होगा,जबकि इसकी अधिकृत पूंजी 100 अरब डॉलर होगी.

    भारत और चीन के अतिरिक्त जो अन्य देश इस बैंक की परियोजना से सम्बन्ध है,उनमे वियतनाम, उज्बेकिस्तान, थाईलैंड, श्रीलंका, सिंगापुर, क़तर, ओमान, फिलीपींस, पाकिस्तान, नेपाल, बंगलादेश, ब्रूनेई, कम्बोडिया, काजिकस्तान, कुवैत, लाओस, मलेशिया, मंगोलिया और मयन्मार शामिल है. बैंक द्वारा वर्ष 2015 में कार्य प्रारम्भ किये जाने की संभावना है.एक ज्ञानवर्धक रिपोर्ट का शुक्रिया। आपका धन्यवाद।

    मीनू:हमें पत्र भेजने के लिए आपका बहुत शुक्रिया राम कुमार नीरज जी। आशा है कि आप लगातार हमारे कार्यक्रम पर ध्यान देंगे और हम तक अपनी प्रतिक्रिया भेजते रहेंगे। अच्छा, चलिए, अंतिम पत्र मेरे हाथ आया है दिल्ली से अमीर अहमद जी का। उन्होंने लिखा है....

    नमस्ते... आशा है कि आप सभी लोग नव वर्ष में स्वस्थ और खुशहाल होंगे।

    वर्ष 2014 का आपका पत्र मिला कार्यक्रम में अनिल जी ने श्रोताओं के समर्थन और सीआरआई से जुड़े रहने पर आभार प्रकट किया सुनकर अच्छा लगा। वनिता जी ने आपका पत्र मिला कार्यक्रम भाई अनिल जी के साथ बहुत अच्छी तरह से चलाया और नये उद्घोषक जी का हम स्वागत करते हुए आशा करते हैं कि उनका प्यार और स्नेह भी हमें उमीद से अधिक मिलेगा।

    चीन का भ्रमण कार्यक्रम के माध्यम से सीआरआई ने हमेशा चीन के सुंदर क्षेत्रों का भ्रमण हम हिंदी वासी श्रोताओं को घर बैठे रेडियो और वेबसाइट के माध्यम से कराया है। और आज एक बार फिर हमें एक सुंदर और ऐतिहासिक स्थल और चीनी लोगों की पसंददीदा जगह का भ्रमण कराया है। आज हमें चीन के छिंगहाई झील क्षेत्र का भ्रमण करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। यह झील हेलुंगच्यांग प्रांत के दक्षिण पूर्वी भाग में चीन और सोवियत संघ की सीमा पर मौजूद है। सच झील बहुत सुंदर है झील के बीच बहुत हरियाली भी नजर आ रही है। छिंगहाई झील प्राचीन काल में इसका नाम पेइछिन समुद्र के नाम से प्रसिद्ध थी। छिंग राजवंश में इसका नाम छिंगहाई था। मानचू जाति की भाषा में छिंगहाई का मतलब है पानी नीचे की ओर बहना होता है। झील के आस पास दलदली जमीन है और चारों ओर रेतीले बांध फैले है। इस झील में 40 किस्म की मछलियां और झींगें पाये जाते हैं। श्वेत और कार्प मछलियों की खास उपज है। इस झील के बीच के रेतीले बांध के साथ सैकड़ों वर्ष पुराने चीड़ के जंगल के बारे में भी जानकारी मिली। रेतीले बांध के पश्चिमी भाग में आदिम मानव का एक अवशेष स्थल भी है। जो पांच हजार वर्ष पुरा मछुआ गांव था। यहां से 2000 से अधिक औजार व मानव द्वारा उपयोग में लाए जाने वाला सामान पुरातत्व अन्वेषण दल को प्राप्त हुआ है। अच्छी जानकारी देने के लिए सीआरआई को धन्यवाद।

    मीनू:अब सुनिए हमारे श्रोता narendra jangir के साथ हुई बातचीत।

    अनिल:दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल पांडे और मीनू को आज्ञा दीजिए, नमस्कार

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