Wednesday   Aug 20th   2025  
Web  hindi.cri.cn
संडे की मस्ती 2015-01-18
2015-01-19 10:50:22 cri

 


हैलो दोस्तों...नमस्कार...नीहाओ...। आपका स्वागत है हमारे इस मजेदार और laughter से भरे कार्यक्रम सण्डे की मस्ती में। मैं हूं आपका होस्ट और दोस्त अखिल पाराशर।

हर बार की तरह आज के इस कार्यक्रम में होंगे दुनिया के कुछ अजब-गजब किस्से और करेंगे बातें हैरतंगेज़ कारनामों की....इसी के साथ ही हम लेकर आये हैं मनोरंजन और मस्ती की सुपर डबल डोज, जिसमें होंगे चटपटे चुटकुले, ढेर सारी मस्ती, कहानी और खूब सारा फन और चलता रहेगा सिलसिला बॉलीवुड गानों का भी।

दोस्तों, आज प्रोग्राम को पेश करने के लिए मेरा साथ देंगी वनिता जी...।

वनिता- दोस्तों, आप सभी को वनिता का प्यार भरा नमस्कार

अखिल- दोस्तों, आज से वनिता जी मीनू जी की जगह प्रोग्राम को पेश करेंगी। हम वनिता जी का संडे की मस्ती प्रोग्राम में बहुत-बहुत स्वागत करते है।

वनिता- बहुत-बहुत धन्यवाद अखिल जी। और मैं सभी श्रोता मित्रों का भी धन्यवाद करना चाहूंगी। उम्मीद करती हूं कि हम सभी मिलकर संडे की मस्ती प्रोग्राम का खुब लुत्फ उठाएंगे।

अखिल- जी हां, वनिता जी। हम भी उम्मीद करते हैं। चलिए, अब हम आरंभ करते हैं हमारी मस्ती की पाठशाला पर उससे पहले पढ़ें जाएंगे आपके प्यारे खत और लेटर्स।

अखिल- दोस्तों, हमें पत्र भेजा है आजमगढ से भाई सादिक आजमी जी का। भाई सादिक जी लिखते हैं... नमस्कार। हर बार की तरह इस बार भी हमने सण्डे की मस्ती का भरपूर आनंद लिया. वर्तमान मे बच्चों पर बुरा प्रभाव डालते सोशल मीडिया के सकारात्मक बिन्दु को नज़र अंदाज़ नही किया जा सकता,जब इस प्रकार की खबरें सामने आती हैं जैसे कि 12 साल बाद जार्ज अपने परिवार से मिला। वाकई इस प्रकार की खबरें इनके लाभकारी होने का बखान करती हैं लेकिन इससे भी दो कदम आगे जापान की उस खबर को कहा जा सकता है जिसमे करियर के लिये जीवन के सबसे सुनहरे पल की आहूतियाँ देने का रिवाज समाज में इस कदर हावी है कि शादी को भी महज़ रश्मी शक्ल देकर संतुष्टि की जा रही है और बिन दुल्हा ही युवतियां सुहागन बन जाती हैं। वाकई यह सोच विचार का बिन्दु है कि क्या हमें सिर्फ कैरियर को ही महत्व देना उचित है?

वनिता- आगे लिखते हैं... आश्चर्यचकित करने वाली खबर के क्रम को आगे बढ़ाते हुए लिली जी ने हैरान कर देने वाली घटना का ज़िक्र किया जिसमे एक व्यक्ति के शरीर से 51 साल बाद 7 ईंच लम्बा लोहा निकाला गया। अब इसे डाक्टर की लापरवाही कहें या कुदरत का करिश्मा पर जो भी हो भगवान का शुक्र है, वह मनुष्य सुरक्षित है। पर अपने फर्ज़ के प्रति कोई इतना भी लापरवाह हो जाए कि इंसानियत को तार-तार कर दे, कम से कम कोरियाई नर्सों के आपरेशन थियेटर मे बर्थडे पार्टी मनाने से तो यही साबित होता है। मैं तो कहता हूं इस अपराध की श्रेणी मे रखकर उनको दंडित करना चाहिए, अखिल जी की 10 महत्वपूर्ण जानकारी देने के क्रम की जितनी प्रशंसा की जाए कम है। हांलाकि इस बार कुछ बातों पर पहले के कार्यक्रम मे जानकारी प्रदान की जा चुकी थी, मगर कुछ रोचक तथ्यों का सुनवाया जाना दिल जीत गया, गौतमबुद्ध जी पर आधारित कहानी वाकई काफी प्रेरणादायी लगी जो हमें सोच समझ कर आगे कदम बढ़ाने की सीख दे गई और सोशल मीडिया मे आवश्यकता से अधिक लीन होने पर हम किस प्रकार अपनों से दूर होते जा रहे हैं इससे बढ़िया ऊदाहरण नही दिया जा सकता। अखिल जी की सोच को सलाम। आज के सभी जोक्स लाजवाब थे और बिना सिर पैर के टीचर की बात ही निराली लगी और ABCD वाला ऑडियो सुनकर तो हंस-हंस के पेट मे बल पड़ गये। इस उम्दा प्रस्तुति पर एक बार फिर आपको बधाई। धन्यवाद

अखिल- आपका बहुत-बहुत धन्यवाद सादिक भाई। वाकई आपकी प्रतिक्रिया जानकर हमारा उत्साहवर्धन हो जाता है। उत्साहवर्धन हेतू आपका तहे दिल से धन्यवाद। दोस्तों, हमें अगला पत्र आया है केसिंगा, ओडिशा से भाई सुरेश अग्रवाल जी का। भाई सुरेश जी लिखत हैं... बहरहाल, ताज़ा अन्तर्राष्ट्रीय समाचारों के बाद पेश साप्ताहिक "सण्डे की मस्ती" का ताज़ा अंक आज एकबार फिर हमारे दिल-ओ-दिमाग़ में ताज़ग़ी से भर गया। बारह साल पहले बिछुड़े लन्दन के जॉर्ज को फेसबुक ने फिर से उसके परिवार से मिला दिया, नये साल का इससे बढ़िया तोहफ़ा भला और क्या हो सकता है। सोशल मीडिया एक लाज़वाब माध्यम है, बशर्ते उसका दुरुपयोग न किया जाये। कॅरियर के लिये अपने वैवाहिक जीवन को तिलांजलि देने वाली जापानी युवतियों की कहानी में कुछ दर्द छुपा है, फिर भले ही सोलो वेडिंग का कितना ही तमाशा क्यों न रचा जाये। शिकागो के पचहत्तर वर्षीय आर्थर के शरीर से 51 साल पहले दुर्घटना के दौरान उनके शरीर में घुसा नुकीला लौहा निकालने की घटना जितनी सुखद है, उतना ही चिकित्सकीय लापरवाही को भी दर्शाती है। सबसे ज़्यादा हतप्रभ करने वाला किस्सा तो दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल का लगा, जिसमें यह बतलाया गया कि ऑपरेशन थियेटर में मरीज़ को उसके हाल पर छोड़ डॉक्टर,नर्स बर्थ-डे पार्टी मनाते रहे ! लगता है कि वहां मानवीय समवेदनायें पूरी तरह मर चुकी हैं। अखिलजी की एक से बढ़ कर एक, दस बातों में हमें यह जान कर हैरत हुई कि फेसबुक का इस्तेमाल करने वालों में पुरुषों का औसत 47 और महिलाओं का 53 प्रतिशत है। इण्टरनेट पर सारी वेबसाइट्स को खंगालने में कोई 31 हज़ार वर्ष लगने का आंकड़ा भी काल्पनिक नहीं है। पुराने समय में भारत के धनी होने की बात पर यह कहूँगा कि भारत आज भी धनी है, पर उसका सारा धन चन्द हाथों में है। आखिर, भारत को सोने की चिड़िया यूँ ही नहीं कहा गया ! प्रेरक कहानी में बुध्द और रस्सी की गांठों वाली कहानी स्वयं में गहरा सन्देश छुपाये हुये थी। रस्सी की गांठों की तरह हमें अपने मन की गांठें भी खोल लेनी चाहिये। कविता "वक़्त" तथा सोशल मीडिया के मकड़जाल वाली बातों ने तो मानो हमें झकझोर कर ही रख दिया। कार्यक्रम में पेश बिना सिर-पैर के बच्चों को पढ़ाने वाले टीचर के ऑडियो के अलावा एप्पल वाला ऑडियो जोक भी शानदार रहा। और हाँ, आज के हंसगुल्ले भी कोई कम नहीं थे। धन्यवाद एक अच्छी प्रस्तुति के लिये।

वनिता- बहुत-बहुत धन्यवाद सुरेश अग्रवाल जी। आपने हमारे इस कार्यक्रम को सराहया, हम आपका दिल से धन्यवाद करते हैं। दोस्तों, हमें अगला पत्र आया है पश्चिम बंगाल से भाई देवाशीष गोप जी का। भाई देवाशीष जी लिखते हैं... संडे की मस्ती कार्यक्रम का नया अंक एक बार फिर मजेदार और रोचकदार लगा। आज के इस अंक में सभी बाते एक से बढ़कर एक लगी। मजेदार और अजब-गजब किस्से उम्दा थे। प्रेरक कहानी, और सभी चुटकुले भी अच्छे लगे।

अखिल- अगला पत्र आया है ग्रेटर नोएडा से विजय शर्मा जी का। विजय शर्मा जी लिखते हैं... मैं आपको बताना चाहूंगा कि मुझे सीआरआई का नं0-1 कार्यक्रम संडे की मस्ती कार्यक्रम बहुत पसंद आता है। इसमें देश-दुनिया की तमाम रोचक जानकारी मिलती है। इसके अलावा आप एक से बढ़कर एक रोचक बातों के बारे में बताते हैं। कुछ मोटिवेशनल किस्से या कहानी सुना कर हमारे उत्साह में पावरबुस्ट की एनर्जी डाल देते हैं। वाकई इस कार्यक्रम की जितनी प्रशंसा की जाए, उतनी कम है। लास्ट में मजेदार चुटकुले सुनाकर पूरे हफ्ते की थकान मिटा देते हैं।

अखिल- भाई देवाशीष गोप जी और विजय शर्मा जी, हमें पत्र लिखने और कमेंट्स भेजने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। हमें खुशी है कि हमारा यह प्रोग्राम आपकी उम्मीदों पर खरा उतरता है। दोस्तों, हमें बहुत खुशी होती हैं कि आप हमारा प्रोग्राम सुनते हैं और अपनी प्रतिक्रिया हम तक पहुंचाते हैं। हमारा धन्यवाद स्वीकार कीजिए। हम आशा करते हैं कि आप आगे भी हमारे कार्यक्रम पर अपनी प्रतिक्रिया और कमेंट भेजते रहेंगे। चलिए... हम आपको ले चलते हैं अजब-गजब और रोमांचक बातों की दुनिया में..... पर उससे पहले सुनते हैं एक बढ़िया हिन्दी गाना।

अखिल- वैल्कम बैक दोस्तों, आप सुन रहे हैं संडे के दिन, मस्ती भरा कार्यक्रम संडे की मस्ती only on China Radio International

दोस्तों, क्या कोई इंसान सिर्फ चाय पीकर जिंदा रह सकता है। वो भी एक-दो साल नहीं बल्कि 30 सालों तक। जी हां सुनकर आपको भले ही यकीन ना हो लेकिन ये हकीकत है। बिहार के हाजीपुर में रहनेवाली एक महिला पिछले 30 सालों से सिर्फ चाय पर जिंदा है। आप इसे कुदरत का करिश्मा कहे या कुछ और लेकिन एक महिला ने अपने पति के मौत के बाद लगातार 30 साल तक अन्न जल त्याग दिया और केवल चाय पर अपने को जिंदा रखा।

केवल चाय पर जिंदा रखने की इस मिसाल पर आसपास के लोग महिला को चाय वाली चाची और दादी के नाम से पुकारते हैं। हाजीपुर से महज 6 किलोमीटर की दूरी पर रामपुर नाम का एक गांव है। आम गांव की तरह दिखने वाला गांव किरण देवी नाम की इस महिला की वजह से अचानक सुर्खियों में आ गया है।

दरअसल करीब 30 साल पहले किरण देवी के पति उपेंद्र सिंह का देहांत हो गया था उसके बाद पति के मौत से किरण देवी इतनी दुखी हुई कि उनके वियोग में उन्होंने अन्न जल त्याग दिया। और चाय पीकर जीवन गुजारने लगी। इसे कुदरत का करिश्मा ही कहा जाएगा कि किरण देवी ने पति के वियोग में लगातार 30 सालों तक केवल चाय पर जिंदा रहने की मिशाल कायम की है।

वनिता- अरे कमाल की बात बताई आपने अखिल जी। वाकई बड़े अचम्भे की बात है। चाय पीकर जीवन गुजारना, सच में कुदरत का करिश्मा ही कहा जा सकता है।

अखिल- जी हां, वनिता जी। वाकई अजीबोगरीब किस्सा है। चलिए, मैं एक और रोचक किस्सा बताने जा रहा हूं। दोस्तों, भारत में खुले में शौच की आदत बदलने में कानून व जनजागृति अभियान भले ही अपेक्षा अनुकूल सफल न हुए हों, मगर मध्य प्रदेश के बैतूल जिले की एक पंचायत की 'अनोखी कमेंट्री' ने इस बुराई पर पाबंदी लगाने में सफलता पाई है। अब इस गांव का लगभग हर व्यक्ति खुले में शौच जाने की बजाय घर के शौचालय का उपयोग करने लगा है।

बैतूल जिले के चौथिया गांव में लगभग 238 मकान हैं और हर घर में शौचालय है, इसके बावजूद बड़ी संख्या में लोग खुले में शौच जाने की अपनी आदत छोड़ नहीं पाए थे। इस पर गांव के जागरूक लोगों ने खुले में शौच न जाने का परामर्श दिया और बताया कि यह बीमारी की जड़ है, मगर किसी ने नहीं सुनी। इतना ही नहीं, कई ने तो इस मुहिम पर विरोध तक दर्ज कराया।

ग्राम प्रस्फुटन समिति के कचरु बांरंगे ने इस बुराई पर रोक लगाने के लिए युवाओं व महिलाओं के साथ मिलकर निगरानी समिति बनाई। इस समिति ने पंचायत में एक नियंत्रण कक्ष बनाया। गांव के युवा सुबह से ही खुले स्थान पर जाने वालों पर नजर रखते हैं। इस दौरान कोई दिखता है, तो उसकी सूचना मोबाइल के जरिए नियंत्रण कक्ष को देते हैं। उसके बाद पंचायत पर लगे लाउड स्पीकर पर लाइव कमेंट्री शुरू कर दी जाती है।

बांरंगे बताते है कि खुले में शौच जाने वाले की कमेंट्री कुछ इस तरह की जाती है कि जो भी व्यक्ति ऐसा करता है, उसकी खबर पूरे गांव को हो जाती है। साथ ही संबंधित व्यक्ति को भी कमेंट्री सुनाई देती है। इतना ही नहीं, खुले में शौच जाने वाले लोगों की तस्वीरें व्हाट्सएप पर डालने की भी चेतावनी दी गई। इसका नतीजा यह हुआ कि लोग खुले में शौच जाने से कतराने लगे।

निगरानी समिति की सदस्य राधा बाई बताती हैं कि महिलाएं छुपकर ऐसे लोगों पर नजर रखती हैं, जो खुले में शौच के लिए जाते हैं। ऐसा देखते ही वे नियंत्रण कक्ष को मिस्डकॉल कर देती हैं। उसके बाद वहां से कमेंट्री शुरू हो जाती है। सामाजिक कार्यकर्ता राजेंद्र भार्गव ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में खुले में शौच जाने की आदत पर रोक लगाना कठिन काम है। इसके लिए जरूरी है कि कठोर फैसले लिए जाएं, इसी के तहत चौथिया गांव में लाइव कमेंट्री जैसा फैसला लिया गया। इसके नतीजे बेहतर आए हैं।

भार्गव का कहना है कि कोई भी नहीं चाहता कि उसकी इस तरह से बदनामी हो, लिहाजा वह इस अनोखी कमेंट्री में अपना नाम नहीं सुनता चाहता। इसी का नतीजा है कि गांव में खुले में शौच की आदत पर काफी हद तक रोक लग गई है, गिनती के कुछ लोग ही हैं, जो अब भी खुले में शौच जाते है। चौथिया गांव के जागरूक लोगों की अनोखी पहल ने वर्षों से चली आ रही इस बुराई पर लगाम लगाने में सफलता हासिल की है, जो विकास के इस दौर में सभी को शर्मिंदा करने वाली है।

अखिल- दोस्तों, हैं ना कमाल की बात। वाकई अगर ऐसे जागरूक लोग होने लगे तो हर बुरी आदतों पर लगाम कसी जा सकती है। और यह तो हम सभी जानते हैं कि खुले में शौच करना बुरी आदत बात है।

वनिता- जी हां अखिल जी। खुल में शौच वाकई गलत बात है। पर उस 'अनोखी कमेंट्री' ने इस बुराई पर पाबंदी लगाने में जो सफलता पाई है, वो वाकई काबिल-ए-तारिफ है।

अखिल- जी हां, वनिता जी। वाकई काबिल-ए-तारिफ बात है। चलिए मैं अब बताने जा रहा हूं कि स्वच्छ भारत अभियान का संदेश अब कुत्ते भी देंगे।

वनिता- क्या... कुत्ते भी स्वच्छ भारत अभियान का संदेश देंगे... यकीन नहीं होता... वो कैसे..??

अखिल- मैं बताता हूं। दोस्तों, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान के आह्वान पर कुत्ते भी स्वच्छ भारत का संदेश देंगे। कैनन क्लब ऑफ इंडिया की ओर से यहां एक फरवरी को आयोजित डॉग शो के दौरान कुत्तों की रैली होगी जिसमें स्वच्छ भारत का संदेश दिया जाएगा। क्लब की प्रदेश इकाई के सचिव वीरेन शर्मा ने बताया कि कुत्तों के हाथ में झाडू तो नहीं होगी, लेकिन वे पूंछ हिलाकर सफाई का संदेश देंगे।

उन्होंने बताया कि इस डॉग शो में करोड़ों रुपये की कीमत के विदेशी नस्ल के डॉग हिस्सा लेंगे। चाइनीज नस्ल की एक कुतिया विशेष रुप से आकर्षण रहेगी जिसे जयपुर के एक कुत्ता प्रेमी ने रुस से 65 लाख रुपये में खरीदा हैं।

वनिता- अरे वाह, बड़े ही कमाल का डॉग शो होगा। खैर.. मैं भी एक बड़ा रोचक बात बताने जा रही हूं कि चीन में भी स्ट्रीटफूड को लेकर दिखती है भारत जैसी दीवानगी।

दोस्तों, चीन के पूर्वी हिस्से के शहर जिनान में रात के समय और शून्य से पांच डिग्री सेल्सियस कम तापमान के बीच लोग स्ट्रीटफूड का लुत्फ उठाते देखे जा सकते हैं। स्ट्रीटफूड के प्रति यह दीवागनी भारत जैसी ही लगती है।

शानदोंग प्रांत की राजधानी जिनान आने वाले पर्यटकों के लिए देर रात कड़कड़ाती ढंग से इस तरह का नजारा देखना काफी चौंकाने वाला हो सकता है। परंतु 40 वर्षीय वेंडर चिया मिये के लिए यह नजारा बड़ी आम बात है।

चिया ने कहा, ''मैं बीते सात वर्षों से खाद्य पदार्थों वाली अपनी मोबाइल वैन खड़ा कर रहा हूं। चाहे कोई भी मौसम हो, मैं यहां हमेशा मौजूद रहा हूं। लोग आते हैं और तरह तरह के पकवानों की मांग करते हैं। मैं भी स्थानीय लोगों और पर्यटकों को भोजन परोसना पसंद करता हूं।''

जिनान में स्ट्रीट फूड की लोकप्रियता का नजारा देखते ही बनता है। जिनान स्थित टूरिस्ट गाइड सु वेन की कहते हैं, ''थांग हू लू चीन में एक लोकप्रिय स्नैक फूड है। जिनान से लेकर बीजिंग तक हर कोई इसे बहुत पसंद करता है।' ऑल चाइना यूथ फैडरेशन के स्वयंसेवी जेम्स का कहना है, ''चीन में स्ट्रीटफूड बहुत लोकप्रिय हैं और इसी तरह भारत में ये काफी लोकप्रिय हैं। दिल्ली के चांदनी चौक में तो खासतौर पर ये लोकप्रिय हैं।'

अखिल- जी हां बिल्कुल सही कहा आपने वनिता जी। भारत में स्ट्रीटफूड बहुत लोकप्रिय है, ख़ासतौर पर दिल्ली में। दिल्ली के चांदनी चौक में स्ट्रीटफूड की बात ही निराली है। खैर... चलिए दोस्तों.. अभी हम आपको सुनवाते हैं एक मस्त-मस्त हिन्दी गाना... उसके बाद आपके ले चलेंगे हमारे मनोरंजन के दूसरे सेगमेंट की तरफ...

अखिल- आपका एक बार फिर स्वागत है हमारे इस मजेदार कार्यक्रम संडे की मस्ती में... मैं हूं आपका दोस्त एन होस्ट अखिल।

चलिए दोस्तों, मैं अब आपको बताने जा रहा हूं एक से बढ़कर एक 10 रोचक तथ्यों के बारे में....

1. Octopus के तीन दिल होते हैं.

2. सिर्फ मादा मच्छर ही आपका ख़ून चूसती हैं. नर मच्छर सिर्फ आवाजे करते हैं.

3. ब्लु वेहल एक साँस में 2000 गुबारो जितनी हवा खिचती है और बाहर निकालती है.

4. मच्छलियों की याद्दाश्त सिर्फ कुछ सेकेंड की होती है.

5. पैराशूट की खोज हवाईजहाज से 1 सदी पहले हुई थी.

6. कंगारु उल्टा नही चल सकते.

7. चीन में आप किसी व्यकित को 100 रूपया प्रति घंटा अपनी जगह लाइन में लगने के लिए कह सकते है.

8. Facebook उपयोग करने वाली सबसे बुजुर्ग मनुष्य 105 साल की एक महिला है जिसका नाम Lillion Lowe है.

9. ग्रीक और बुलगागिया में एक युद्ध सिर्फ इसलिए लड़ा गया था क्योंकि एक कुत्ता उनका border पार कर गया था.

10. 1894 में जो सबसे पहला कैमरा बना था उससे आपको अपनी फोटो खीचने के लिए उसके सामने 8 घंटे तक बैठना पड़ता था.

वनिता- दोस्तों, ये थी एक से बढ़कर एक 10 रोचक बातें और तथ्य.. उम्मीद है कि आपको जरूर पसंद आये होंगे। अब अखिल जी, एक प्रेरक कहानी सुनाने जा रहे हैं।

अखिल- दोस्तों, एक बार कुछ scientists ने एक बड़ा ही interesting experiment किया. उन्होंने 5 बंदरों को एक बड़े से cage में बंद कर दिया और बीचों -बीच एक सीढ़ी लगा दी जिसके ऊपर केले लटक रहे थे. जैसा की expected है जैसे ही एक Scientist Experiment in Hindiबन्दर की नज़र केलों पर पड़ी वो उन्हें खाने के लिए दौड़ा, पर जैसे ही उसने कुछ सीढ़ियां चढ़ीं उसपर ठण्डे पानी की तेज धार डाल दी गयी और उसे उतर कर भागना पड़ा. पर experimenters यहीं नहीं रुके, उन्होंने एक बन्दर के किये गए की सजा बाकी बंदरों को भी दे डाली और सभी को ठन्डे पानी से भिगो दिया. बेचारे बन्दर हक्का-बक्का एक कोने में दुबक कर बैठ गए.

पर वे कब तक बैठे रहते, कुछ समय बाद एक दूसरे बन्दर को केले खाने का मन किया, और वो उछलता कूदता सीढ़ी की तरफ दौड़ा …अभी उसने चढ़ना शुरू ही किया था कि पानी की तेज धार से उसे नीचे गिरा दिया गया … और इस बार भी इस बन्दर के गुस्ताखी की सजा बाकी बंदरों को भी दी गयी.

एक बार फिर बेचारे बन्दर सहमे हुए एक जगह बैठ गए …. थोड़ी देर बाद जब तीसरा बन्दर केलों के लिए लपका तो एक अजीब वाक्य हुआ … बाकी के बन्दर उस पर टूट पड़े और उसे केले खाने से रोक दिया, ताकि एक बार फिर उन्हें ठन्डे पानी की सजा ना भुगतनी पड़े.

अब experimenters ने एक और interesting चीज की, अंदर बंद बंदरों में से एक को बाहर निकाल दिया और एक नया बन्दर अंदर डाल दिया …

नया बन्दर वहां के rules क्या जाने, वो तुरंत ही केलों की तरफ लपका, पर बाकी बंदरों ने झट से उसकी पिटाई कर दी, उसे समझ नहीं आया कि आखिर क्यों ये बन्दर खुद भी केले नहीं खा रहे और उसे भी नहीं खाने दे रहे …. खैर उसे भी समझ आ गया कि केले सिर्फ देखने के लिए हैं खाने के लिए नहीं.

इसके बाद experimenters ने एक और पुराने बन्दर को निकाला और नया अंदर कर दिया, इस बार भी वही हुआ नया बन्दर केलों की तरफ लपका पर बाकी के बंदरों ने उसकी धुनाई कर दी और मजेदार बात ये है कि पिछली बार आया नया बन्दर भी धुनाई करने में शामिल था, जबकि उसके ऊपर एक बार भी ठंडा पानी नहीं डाला गया था !

experiment के अंत में सभी पुराने बन्दर बाहर जा चुके थे और नए बन्दर अंदर थे जिनके ऊपर एक बार भी ठंडा पानी नहीं डाला गया था, पर उनका behavior भी पुराने बंदरों की तरह ही था, वे भी किसी नए बन्दर को केलों को नहीं छूने देते.

दोस्तों, हमारी society में भी ये behavior देखा जा सकता है. जब भी कोई नया काम शुरू करने की कोशिश करता है, चाहे वो पढ़ाई, खेल, एंटरटेनमेंट, business, या किसी और field से related हो उसके आस पास के लोग उसे ऐसा करने से रोकते हैं, उसे failure का डर दिखाया जाता है, और interesting बात ये है कि उसे रोकने वाले maximum log वो होते हैं जिन्होंने खुद उस field में कभी हाथ भी नहीं आजमाया होता।. इसलिए यदि आप भी कुछ नया करने की सोच रहे हैं और आपको भी समाज का opposition face करना पड़ रहा है तो थोड़ा संभल कर रहिये, अपने logic और guts की सुनिए … कुछ बंदरों की जिद्द के आगे आप भी बन्दर मत बन जाइए!

वनिता- वाकई यह किस्सा हमें सीख देता है कि समाज के दवाब में आकर हम

अखिल- दोस्तों, आपने भगवान की आरतियां तो बहुत सुनी होगी, लेकिन उत्तर भारत में सर्दी की मार झेल रहे लोगों ने ठंड की ही आरती बना डाली। आइए.. हम और आप इस आरती का मजा ले।

अखिल- दोस्तों, आपको एक बढ़िया शेयर सुनाता हूं।

मंजिल यूं ही नहीं मिलती राही को

जुनून सा दिल में जगाना पड़ता है

पूछा चिड़िया को की घोंसला कैसे बनता है

वो बोली तिनका तिनका उठाना पड़ता है

वनिता- चलिए दोस्तों... अब हम बढ़ते हमारे हंसगुल्लों की तरफ यानि मजेदार और चटपटे चुटकुले, जहां मिलेंगी हंसी की डबल डोज

अखिल- दोस्तों, एक बार Banaras के भैय्या को पासपोर्ट फार्म भरने के लिये दिया गया। पहला कॉलम था.... Write your Name

उसने लिखा: राधेश्याम तिवारी

अगला कॉलम था : Provide your PAN Details

उसने लिखा : 120/300, बनारसी, हल्का चूना, डबल कत्था, नवरत्न किमाम, कच्ची पक्की सुपारी, लोंग-इलायची और तनिक हरी पत्ति

दोस्तों, मेरी तो आँखों से आंसू निकल गये जब संजय दत्त को 30 दिन की पैरोल मिलने की ख़बर पढ़कर Mummy ने मुझसे कहा "यह देखो आज-कल जेल से भी छुट्टी मिल जाती है, पता नहीं तुम कौन सी कंपनी में काम करते हो... जो तुम्हे छुट्टी नहीं मिलती "

पति : ' दुबई जा रहा हूँ । '

पत्नी : ' मैं भी आती हूं. मुझे ज्वूलरी लेनी है । '

पति : ' सिंगापुर जा रहा हूँ । '

पत्नी : ' मैं भी आती हूं. मुझे कोस्मेटिक्स लेनी है।

पति : ' लंदन जा रहा हूँ । '

पत्नी : ' मैं भी आती हूं. मुझे परफ़्यूम लेना है। '

पति ( चिढ़कर ) : ' नर्क जा रहा हूँ । '

पत्नी : ' भगवान का दिया सब कुछ है, बस अपना ख़्याल रखना ।

दोस्तों, एक बार अंग्रेजो का एक महीने का त्योहार चल रहा था, जिसमे वो NON VEG नही खाते थे. उनके मोहल्ले मे एक संता सरदार रहता था, जो हर रोज चिकन बनाकर खाता था. चिकन की खुशबू से परेशान होकर अंग्रेजो ने अपने पादरी से शिकायत की. पादरी ने संता सरदार जी को कहा तुम भी ईसाई धर्म अपना लो, जिससे किसी को आपसे कोई समस्या ना हो.

संता सरदार जी मान गए. तो पादरी ने सरदार जी पर Holy water छिडकते हुए कहा "You born as a "SIKH" now you are a "Christian"

अगले दिन फिर संता सरदार जी के घर से चिकन की खुशबू आई तो सब अंग्रेजो ने पादरी से उसकी फिर शिकायत की. अब पादरी अंग्रेजो को साथ लेकर सरदार जी के घर मे गए तो देखा, सरदार जी चिकन पर Holy Water छिडक रहे थे और कह रहे थे, "You born as "Chicken" but now you are "Potato"

अखिल- तो दोस्तों, अब हमारा जाने का वक्त हो चला है... अगले हफ्ते हम फिर लौटेंगे, इसी समय, इसी दिन अपनी मस्ती की पाठशाला लेकर। हम हमेशा यही कामना करते हैं कि आप सभी हर दिन हंसते रहें, मुस्कराते रहें, और ढेर सारी खुशियां बांटते रहें। क्योंकि आप तो जानते ही हैं कि Laughing and Happiness are the best medicine यानि हंसना और खुशिया सबसे बढ़िया दवा है। तो आप Always be happy.... हमेशा खुश रहो.....और सुनते रहो हर रविवार, सण्डे की मस्ती। आप हमें लेटर लिखकर या ई-मेल के जरिए अपनी प्रतिक्रिया, चुटकुले, हंसी-मजाक, मजेदार शायरी, अजीबोगरीब किस्से या बातें भेज सकते हैं। हमारा पता है hindi@cri.com.cn। हम अपने कार्यक्रम में आपके लैटर्स और ईमेल्स को जरूर शामिल करेंगे। अभी के लिए मुझे और वनिता जी को दीजिए इजाजत। गुड बॉय, नमस्ते।

© China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040